स्टील का अविष्कार किसने किया और कब किया

स्टील का अविष्कार किसने किया और कब किया

स्टेनलेस स्टील एक इस्पात है आज लोहे जैसे धातु की तुलना में  स्टेनलेस स्टील का ज्यादा उपयोग होने लेगा है और आज आधुनिक दुनिया में तो स्टेनलेस स्टील के बगैर दुनिया की कल्पना भी नहीं करना चाहते आज लोहे जैसे धातु की तुलना में  स्टेनलेस स्टील का ज्यादा उपयोग होने लेगा है ,  क्योकि एक तो स्टेनलेस स्टील की आयु लम्बी  होती है.

दूसरा इसके उपर जंग नही लगता और  यह  वायुमंडल तथा कार्बनिक और अकार्बनिक अम्लों से  खराब नहीं होता है और लोहे की तुलना में स्टील करीब 1000 गुना अधिक मजबूत हो सकता है  और लगभग 88 फीसद स्टील ऐसा है जिसे रिसाइकल किया जा सकता है.

स्टेनलेस स्टील के अंदर 15-20% क्रोमियम, 8-10% निकेल तथा साधारण स्टील होता है इसके अंदर निकल इसलिए मिलाया जाता है ताकि यह निष्क्रिय  बन जाये और कार्बनिक और अकार्बनिक अम्लों से  खराब न हो और इसकी प्रतिरोधी शक्ति की वृद्धि हो जाये और यह लम्बे समय तक चले और स्टेनलेस स्टील को चमकदार रखने के लिए साधारण पालिश या बिजली की कलई की आवश्कता नहीं होती, केवल समय-समय पर साधारण सफाई ही पर्याप्त रहती है

और स्टील को समय-समय पर पानी से साफ  कर लिया जाता है और हवा में सूखने दिया जाता है तो वह अच्छा काम देता  है। यदि स्टीलपर धूल अथवा अन्य पदार्थों की तह जम जाती है जिससे धातु से हवा नहीं लगती और धूल की परत बन जाती है और तो ऐसे स्थानों पर गड्ढे पड़ जाते हैं।

स्टील का अविष्कार

कहा जाता है की सबसे पहले हैरी ब्रियरले (1813-1898) में  बंदूक के बैरल के लिए कुछ ऐसा बनाना चाह रहे थे,  जो पानी से खराब न हो और .उसके ऊपर  किसी रसायन का असर न हो तभी  प्रक्रिया की शुरूआत हुई  और सन् 1872 ई. में वुड्स और क्लार्क ने स्टील का अविष्कार किया  और सन् 1900 ई पेरिस में आयाजित  एक  प्रदशनी में इस्पात के कुछ नमूने थे जो स्टेनलेस स्टील  के समान थे

और सन् 1903 ई. में स्टेनलेस स्टील इंग्लैंड में पेटेंट कराया गया उस समय स्टील में क्रोमियम की मात्रा 24 से 57 प्रतिशत और निकल की मात्रा 5 से 60 प्रतिशत तक थी और लगभग सन् 1912 ई. इंग्लैंड ने बंदूक की नाल बनाने के लिए क्रोमियम और इस्पात की मिश्रधातु का उपयोग किया और सन , सन् 1935 ई. जर्मनी में एक ऐसे प्रकार के स्टेनलेस स्टील का निर्माण हुआ जिसमें निकल के स्थान पर मैंगनीज़ का प्रयोग किया गया क्योकि जर्मनी में निकल का अभाव था

पहले स्टील को लेस स्टील कहा गया लेकिन स्थानीय कटलरी निर्माता RF मॉस्ले के अन्सर्ट स्टुअर्ट ने इसे स्टेनलेस स्टील का नाम दिया. और  स्टेनलेस स्टील को   वहा इस्तेमाल किया   जाता है जहा स्वास्थ्य की दृष्टि से स्वच्छ, सुंदर  रखना होता है। जहाँ मजबूती की आवश्यकता होती है वहाँ भी इसका उपयोग किया जाता है।

शुरुआत में स्टेनलेस स्टील “Allegheny धातु” और “Nirosta स्टील” जैसे विभिन्न ब्रांड नामों के तहत अमेरिका में बेचा गया था और सन ,1929, ग्रेट डिप्रेशन के हिट करने से पहले से अधिक 25000 टन स्टेनलेस स्टील के थे निर्मित और अमेरिका में बेचा था

और आज हम देख रहे की स्टील की कितनी मांग है कही भी देख लो स्टील ही स्टील का इस्तेमाल है आज की आधुनिक दुनिया में स्टील की दुनिया है क्योकि आज स्टील की बहुत मांग है |

यह भी देखें

इस पोस्ट में आपको स्टेनलेस स्टील का आविष्कार किसने किया आविष्कार और आविष्कारक का नाम कार्बन स्टील स्टेनलेस स्टील मिश्र धातु स्टील के प्रकार हाई कार्बन स्टील स्टील कैसे बनता है स्टेनलेस स्टील मिश्र धातु है steel metal ki khoj stainless steel in hindi के बारे में बताया गया है अगर इसके अलावा आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके जरूर पूछें. और इस पोस्ट को शेयर जरूर करें ताकि दूसरे भी इस जानकारी को जान सकें.

2 Comments
  1. Patel kamlesh bhai says

    Stenless steel ralling ka aviskar kisne kiya

  2. Patel kamlesh bhai says

    Stenless steel ralling ka aviskar kisne kiya

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