एयरोप्लेन का अविष्कार किसने किया

एयरोप्लेन का अविष्कार किसने किया

एयरोप्लेन या वायुयान एक यान जो हवा में उड़ता है और अक स्थान से दुसरे स्थान तक जाता है वैसे तो कहा जाता आधुनिक वायुयान को सबसे पहले Wright brothers Orville और Wilbu ने बनाया था और 1903 में 17 दिसम्बर को उन्होंने अपने वायुयान का परीक्षण किया पहली उड़ान ओरविल ने की। उसने अपना वायुयान 36 मीटर की ऊंचाई तक उड़ाया  इसी यान से दूसरी उड़ान Wilbu ने की उसने हवा में लगभग 200 फुट की दूरी तय की। तीसरी उड़ान फिर Orville ने और चौथी और अन्तिम उड़ान फिर विल्वर ने की उसने 850 फुट की दूरी लगभग 1 मिनट में तय की

यह इंजन वाले जहाज की पहली उड़ान थी उसके बाद नये-नये किस्म के वायुयान बनने लगे  पर यह सच नही है क्योकि कहा जाता है आज के समय का दुनिया का पहला विमान शिवकर बापूजी तलपडे 1864–1916 ने बनाया था जो की मुंबई के रहने वाले थे तथा Pathare Prabhu community के सदस्य थे

शिवकर  जी संस्कृत व वेदों के महान  ज्ञाता थे। उन्होंने उस विमान का नाम मारुतसखा  मारुत  अर्थात  हवा, वायु सखा का अर्थ मित्र रखा। मारुतसखा  शब्द का प्रयोग ऋग्वेद 7.92.2 में देवी सरस्वती के लिए प्रयुक्त हुआ है। सन 1895 में उन्होंने इस विमान का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया और 1500 फुट की ऊंचाई तक उड़ाया इनकी रचना का मुख्य आधार महर्षि भारद्वाज रचित ‘विमान शास्त्र‘  था

लेकिन क्या हुआ की अंग्रेजो की एक कंपनी थी उसका नाम था ‘Ralli Brothers’ वो आयी तलपडे जी के पास और तलपडे जी को कहा यह जो विमान आपने बनाया है इसका ड्राइंग हमें दे दीजिये| तलपडे जी ने कहा की उसका कारण बताइए, तो उन्होंने कहा की हम आपकी मदत करना चाहते है, आपने यह जो अविष्कार किया है इसको सारी दुनिया के सामने लाना चाहते है

आपके पास पैसे की बहुत कमी है, हमारी कंपनी काफी पैसा इस काम मे लगा सकती है, लिहाजा हमारे साथ आप समझोता कर लीजिये, और इस विमान की डिजाईन दे दीजिये| तलपडे जी भोले भाले सीधे साधे आदमी थे तो वो मान गए और कंपनी के साथ उन्होंने एक समझोता कर लिया| उस समझोते मे Ralli Brothers जो कंपनी थी उसने विमान का जो मोडेल था

उनसे ले लिया, ड्राइंग ले ली और डिजाईन ले ली; और उसको ले कर यह कंपनी लन्दन चली गयी और लन्दन जाने के बाद उस समझोते को वो कंपनी भूल गयी| और वो ही ड्रइंग और वो डिजाईन फिर अमेरिका पहुँच गयी| फिर अमेरिका मे Write Brothers के हाथ मे आ गयी फिर Write Brothers ने वो विमान बनाके अपने नाम से सारी दुनिया मे रजिस्टर करा लिया

लेकिन आज किताबो में यही की एयरोप्लेन का अविष्कार Write Brothers ने किया था आज दुनिया में बहुत सी कंपनी इनने आधुनिक विमान बना रही है की कुछ समय पहले हम इनके बारे में सोच भी नही सकते थे |

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इस पोस्ट में आपको दुनिया का पहला हवाई जहाज हवाई जहाज आविष्कार हेलीकॉप्टर का आविष्कार किसने किया राइट ब्रदर्स हवाई जहाज जहाज का आविष्कार किसने किया था हवाई जहाज की खोज किसने की थी हवाई जहाज का इंजन के बारे में बताया गया है अगर इसके अलावा आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके जरूर पूछें. और इस पोस्ट को शेयर जरूर करें ताकि दूसरे भी इस जानकारी को जान सकें.

एयरोप्लेन का अविष्कार किसने किया

एयरोप्लेन का अविष्कार किसने किया

एयरोप्लेन या वायुयान एक यान जो हवा में उड़ता है और अक स्थान से दुसरे स्थान तक जाता है वैसे तो कहा जाता आधुनिक वायुयान को सबसे पहले Wright brothers Orville और Wilbu ने बनाया था और 1903 में 17 दिसम्बर को उन्होंने अपने वायुयान का परीक्षण किया पहली उड़ान ओरविल ने की। उसने अपना वायुयान 36 मीटर की ऊंचाई तक उड़ाया  इसी यान से दूसरी उड़ान Wilbu ने की उसने हवा में लगभग 200 फुट की दूरी तय की। तीसरी उड़ान फिर Orville ने और चौथी और अन्तिम उड़ान फिर विल्वर ने की उसने 850 फुट की दूरी लगभग 1 मिनट में तय की

यह इंजन वाले जहाज की पहली उड़ान थी उसके बाद नये-नये किस्म के वायुयान बनने लगे  पर यह सच नही है क्योकि कहा जाता है आज के समय का दुनिया का पहला विमान शिवकर बापूजी तलपडे 1864–1916 ने बनाया था जो की मुंबई के रहने वाले थे तथा Pathare Prabhu community के सदस्य थे

शिवकर  जी संस्कृत व वेदों के महान  ज्ञाता थे। उन्होंने उस विमान का नाम मारुतसखा  मारुत  अर्थात  हवा, वायु सखा का अर्थ मित्र रखा। मारुतसखा  शब्द का प्रयोग ऋग्वेद 7.92.2 में देवी सरस्वती के लिए प्रयुक्त हुआ है। सन 1895 में उन्होंने इस विमान का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया और 1500 फुट की ऊंचाई तक उड़ाया इनकी रचना का मुख्य आधार महर्षि भारद्वाज रचित ‘विमान शास्त्र‘  था

लेकिन क्या हुआ की अंग्रेजो की एक कंपनी थी उसका नाम था ‘Ralli Brothers’ वो आयी तलपडे जी के पास और तलपडे जी को कहा यह जो विमान आपने बनाया है इसका ड्राइंग हमें दे दीजिये| तलपडे जी ने कहा की उसका कारण बताइए, तो उन्होंने कहा की हम आपकी मदत करना चाहते है, आपने यह जो अविष्कार किया है इसको सारी दुनिया के सामने लाना चाहते है

आपके पास पैसे की बहुत कमी है, हमारी कंपनी काफी पैसा इस काम मे लगा सकती है, लिहाजा हमारे साथ आप समझोता कर लीजिये, और इस विमान की डिजाईन दे दीजिये| तलपडे जी भोले भाले सीधे साधे आदमी थे तो वो मान गए और कंपनी के साथ उन्होंने एक समझोता कर लिया| उस समझोते मे Ralli Brothers जो कंपनी थी उसने विमान का जो मोडेल था

उनसे ले लिया, ड्राइंग ले ली और डिजाईन ले ली; और उसको ले कर यह कंपनी लन्दन चली गयी और लन्दन जाने के बाद उस समझोते को वो कंपनी भूल गयी| और वो ही ड्रइंग और वो डिजाईन फिर अमेरिका पहुँच गयी| फिर अमेरिका मे Write Brothers के हाथ मे आ गयी फिर Write Brothers ने वो विमान बनाके अपने नाम से सारी दुनिया मे रजिस्टर करा लिया

लेकिन आज किताबो में यही की एयरोप्लेन का अविष्कार Write Brothers ने किया था आज दुनिया में बहुत सी कंपनी इनने आधुनिक विमान बना रही है की कुछ समय पहले हम इनके बारे में सोच भी नही सकते थे |

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