सामान्य ज्ञान

प्लास्टिक की खोज किसने की और कब की

प्लास्टिक की खोज किसने की और कब की

आज हम अपने चारों ओर देखते हैं तो लगभग बहुत सी चीजें प्लास्टिक से बनी हुई दिखाई देती है और हम जितनी भी चीजें दिन भर में इस्तेमाल करते हैं उन में से लगभग बहुत सी चीजें प्लास्टिक से बनी हुई होती है जैसे ;बर्तन, कंघे, टेलीफोन, टेलीविजन, , बच्चों के खिलौने, मशीनों के पुर्जें इत्यादि अनेक प्रकार की वस्तुएं प्लास्टिक से बनाई जाती हैं

आज प्लास्टिक एक महत्वपूर्ण प्रदार्थ बन चुका है आधुनिक युग में प्लास्टिक की मांग बहुत ज्यादा है जो चीज पहले किसी अन्य पदार्थों से बनाई जाती थी जैसे लोहे या  लकड़ी किसी भी पदार्थों से वह आज प्लास्टिक से बनाई जा रही है क्योंकि प्लास्टिक अन्य पदार्थों की तुलना में कई कारणों से बेहतर है

प्लास्टिक के द्वारा बनाई गई चीजें जल्दी से टूटती नहीं है और दूसरा प्लास्टिक लकड़ी या कागज की तरह सड़ता नहीं है किसी भी वातावरण के अंदर और ना ही प्लास्टिक के ऊपर लोहे की तरह जंग लगता है प्लास्टिक के ऊपर जल्दी से किसी वातावरण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता और प्लास्टिक से विद्युत के उपकरण बनाए जाते हैं

क्योंकि प्लास्टिक विद्युत का कुचालक होता है और प्लास्टिक की आयु  बहुत लंबी होती है क्योंकि प्लास्टिक बहुत लंबे समय तक टिकता है  और प्लास्टिक से बनाई गयी वस्तुएं  और धातु के मुकाबले में सस्ती तथा  और लम्बे समय तक टिकने वाली होती हैं

और प्लास्टिक की एक बहुत खास बात है की इसको आसानी से किसी भी आकार में बदले सकते है और प्लास्टिक के अंदर कोई और पदार्थ मिलके बहुत सी चीज बनाई जा सकती है और प्लास्टिक की दूसरी चीजो में मिला के इसलिए बनाया जाता है ताकि उन्हें लम्बे समय तक चलाया जा सके

प्लास्टिक की खोज Discovery of plastic in Hindi –

सबसे पहले प्लास्टिक प्राकृतिक सामग्री जैसे, प्राकृतिक रबर, nitrocellulose, कोलेजन, Galalite से बनाया गया है 1600 ई.पू. में, Mesoamericans प्राकृतिक रबर का  इस्तेमाल गेंदों, बैंड, और मूर्तियों का इस्तेमाल किया और पहले मानव निर्मित प्लास्टिक सन , 1855 में अलेक्जेंडर पार्क्स द्वारा बनाया  गया था

उसे Parkesine (nitrocellulose) कहा जाता था और  जिसको सन , 1856 में अलेक्जेंडर पार्क्‍स,ने  बर्मिंघम में, ब्रिटेन द्वारा पेटेंट कराया गया था  और यह लंदन में सन , 1862 में महान अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया  गया और उन्होंने सन ,1862 विश्व मेले में एक कांस्य पदक जीता

सन ,1897 के अंतिम दशक में विल्हेलम फ्रिस्क तथा एडोल्फ स्पिट्लर नामक दो जर्मन रसायन शास्त्रियों ने ब्लैक बोर्ड के निर्माण हेतु स्लेट के विकल्प ढूंढ़ने का प्रयास कर रहे थे

सन ,1846 से 1940 तक के प्रयास और और बहुत से प्रयोगों के बाद कि कैसीन पर फार्मेल्डिहाइड की अभिक्रिया से जानवरों के सींग  से प्लास्टिक  जैसा एक पदार्थ  मिला जिसको प्लास्टिक की तरह कई प्रकार से इस्तेमाल कर सकते थे

सन ,1900 में पूरी तरह से सिंथेटिक thermoset, फिनोल और formaldehyde का उपयोग करके प्लास्टिक  बनाना चलू किया और सन ,1900 जर्मनी तथा फ्रांस में कैसीन से निर्मित प्लास्टिक का व्यवसायिक उत्पादन प्रारम्भ हो गया

बेल्जियम के अमेरिकी नागरिक डॉ. लियो बैकलैंड ने प्लास्टिक बनाने में अपनी  महत्वपूर्ण भूमिका निभाई सन् 1909 में फीनॉल तथा फार्मेल्डिहाइड की अभिक्रिया में कुछ परिवर्तन करके बेकलैंड एक ऐसा प्लास्टिक निर्मित करने में सफल हुए जिसका उपयोग कई उद्योगों में किया जा सकता था। बेकलैंड के नाम पर ही इस नए प्लास्टिक का नामकरण बेकेलाइट रखा गया

प्लास्टिक की खोज के  क्षेत्र में कई वैज्ञानिक ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वैज्ञानिकों की इतनी मेहनत से ही आज हमे प्लास्टिक इस्तेमाल करने को मिल रहा और दिन भर इसकी मांग बढती ही जा रही  है। आजकल कई वस्तुओं के निर्माण में प्लास्टिक का उपयोग किया जा रहा है। और हमारे घर  में इस्तेमाल होने वाली बहुत सी चीजे प्लास्टिक की बनाई हुई मिलती है चारो तरफ प्लास्टिक का युग है

प्लास्टिक का पुनर्नवीनीकरण (रीसाइक्लिंग)

Recycling of plastic in Hindi – प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है जिसका निवारण नहीं किया जा सकता यानी कि इसको खत्म नहीं किया जा सकता और इस को जलाने पर वातावरण में बहुत ज्यादा मात्रा में प्रदूषण होता है तो वातावरणीय प्रदूषण को देखते हुए प्लास्टिक का रीसाइक्लिंग पर जोर दिया गया है

यानी कि प्लास्टिक को इस्तेमाल करने के बाद उससे रीसायकल करके किसी और चीज़ के निर्माण में इस्तेमाल किया जा सके  जैसे ; प्लास्टिक की बोतलों को पिघला कर उन्हें प्लास्टिक की कुर्सियों या मेजों के रूप में ढाला जा सकता है।

और प्लास्टिक रीसाइक्लिंग की ओसत  दर  अन्य वस्तुओं जैसे समाचार पत्र लगभग 80% और नालीदार फाइबर बोर्ड लगभग 70% की तुलना में बहुत कम है। 2005 में सभी प्लास्टिक की बोतलों की रीसाइक्लिंग दर 24% थी जो बहुत कम मात्रा में थी

लेकिन पिछले कुछ समय से प्लास्टिक के रीसाइक्लिंग में बहुत ज्यादा मात्रा में पढ़ते हुई है और लोग जागरूक होने के साथ प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं|

यह भी देखें

इस पोस्ट में आपको पेट्रोल की खोज किसने की थी प्लास्टिक क्या है ? प्लास्टिक कैसे बनता है प्लास्टिक के प्रकार प्लास्टिक की परिभाषा प्लास्टिक बनाने की विधि के बारे में बताया गया है अगर इसके अलावा आपका कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके जरूर पूछें. और इस पोस्ट को शेयर जरूर करें ताकि दूसरे भी इस जानकारी को जान सकें.

4 Comments

    1. ji ha bharat bina plastic ke rah sakta hai lekin sabse pahle hum sub ko ek jaisa hona hoga wo aise ke …jaise har admi ghar se nikal te wakt jeb me rumal rakhta hai same waise apne jeb me chota thaila leke chale

  1. This article was helpful as plastic now a days has become a big problem for our environment so we all should minimise the use of plastic as it is harmful……..
    As today everything is made out of plastic

  2. This article was helpful as plastic now a days has become a big problem for our environment so we all should minimise the use of plastic as it is harmful……..
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