Tips

बवासीर के कारण लक्षण व आयुर्वेदिक उपचार

बवासीर के कारण लक्षण व आयुर्वेदिक उपचार

वैसे तो कोई भी बीमारी हो वह रोगी को कुछ ना कुछ परेशानी जरूर देती है लेकिन कुछ ऐसी खतरनाक बीमारियां होती है जो कि दूसरी बीमारियों के मुकाबले में रोगी को ज्यादा परेशानी देती है इसी तरह की एक खतरनाक बीमारी का नाम बवासीर है जो कि एक बहुत ही असहनीय दर्द देने वाली बीमारी है और इस बीमारी से रोगी को बहुत परेशानियां होती है.

आज के समय में यह रोग बहुत ज्यादा बढ़ गया है. आज कल इस समस्या को हर दूसरे इंसान में देखा जा सकता है तो आज के इस ब्लॉग में हम इसी समस्या के बारे में विस्तार से जानेंगे इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि बवासीर किन किन कारणों से उत्पन्न होता है और इसके लक्षण और उपचार

बवासीर क्या है

what is piles in Hindi – सबसे पहले हमें इस समस्या के बारे में विस्तार से जानने की जरूरत होगी कि आखिरकार बवासीर क्या होती है बवासीर एक ऐसी समस्या है जो कि रोगी के शरीर में लंबे समय तक कब्ज की समस्या रहने से उत्पन्न होती है जब-जब रोगी को लंबे समय तक कब्ज की समस्या रहती है

तब उसके मल के साथ खून या मास आने लगता है और इस दौरान रोगी को बहुत तेज पीड़ा होती है इस समस्या में असहनीय दर्द होता है और वैसे तो यह रोग ज्यादातर 30 साल से ऊपर के लोगों में देखा जाता है लेकिन आजकल के बदलते खान-पान के कारण यह समस्या कम उम्र के बच्चों या पुरुषों में भी पाई जाती है.

अगर किसी इंसान के शरीर में लंबे समय तक कब्ज या बाद लगाने से शौच बाहर निकलता है तब उस रोगी को सबसे ज्यादा बवासीर का खतरा होता है कई रोगियों में बवासीर होने पर खून नहीं निकलता लेकिन उनको बहुत तेज जलन या दर्द महसूस होता है जिससे रोगी के मलद्वार पर सूजन आ जाती है और नसे फूलने लगती है बवासीर दो प्रकार का होता है

अंदरूनी बवासीर और बाहरी बवासीर और अंदरूनी बवासीर को हम महसूस कर सकते हैं लेकिन इसको स्पर्श नहीं कर सकते हैं जबकि बाहरी बवासीर को हम सस्पर्श कर सकते हैं और महसूस भी कर सकते हैं.

बवासीर के कारण

Causes of piles in Hindi – अगर बवासीर के उत्पन्न होने के कारणों के बारे में बात की जाए तो मुख्य रूप से इस समस्या के उत्पन्न होने का सबसे बड़ा कारण रोगी के शरीर में कब्ज की समस्या उत्पन्न होना है

लेकिन रोगी को ऐसी बातों के ऊपर ध्यान रखने की जरूरत होती है जो कि उसके शरीर में कब्ज की समस्या उत्पन्न करती है जैसे ज्यादा कठोर भोजन का सेवन करना, लगातार सूखे भोजन का सेवन करना, लगातार एक जगह पर बैठे बैठे काम करना

ज्यादा देर तक ड्राइविंग करना, ज्यादा शराब, मांस, अंडा प्याज, लहसुन, मिर्च आदि का सेवन करना, ज्यादा गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना, कम पानी पीना, शरीर में पानी की कमी होना, ज्यादा तले हुए भोजन का सेवन करना, इसके अलावा भी इस समस्या के पीछे बहुत सारे कारण हो सकते हैं

बवासीर के लक्षण

Symptoms of piles in Hindi – अगर बवासीर के लक्षणों के बारे में बात की जाए तो इस समस्या के उत्पन्न होने पर रोगी के अंदर कई प्रकार के बदलाव देखने को मिलते हैं जैसे रोगी के मलद्वार पर सूजन या जलन होना, मलद्वार के ऊपर खुजली व सुरसुराहट होना,

शुरू शुरू में हल्का दर्द होना, चलने फिरने में कष्ट होना, रोगी को मल त्याग करते समय दर्द व जलन होना, रोगी के मल के साथ खून आना, मल त्याग करते समय मास निकलना

समस्या बढ़ जाने पर असहनीय दर्द होना, शरीर में कमजोरी उत्पन्न होना, रोगी का स्वभाव चिड़चिड़ा वह गुस्सैल होना, मल त्याग करते समय खून की बूंदे गिरना, बैठने और उठने पर दिक्कत होना, रोगी को कम भूख लगना, कम प्यास लगना, मल त्याग के बाद भी संतुष्टि न होना, ऐसे बहुत सारे लक्षण होते हैं कि जो कि इस समस्या के उत्पन्न होने पर दिखाई देते हैं

क्या खाना चाहिए

  • रोगी को ज्यादा से ज्यादा नर्म भोजन का सेवन करना चाहिए जैसे दलिया और चोकर युक्त आटे की रोटी
  • रोगी को दही व लस्सी का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को केला पपीता और अमरूद जैसे फलों का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए जैसे गाजर मूली ककड़ी तोरी
  • रोगी को ज्यादा से ज्यादा पानी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जैसे खरबूजा अंगूर अनार आदि
  • रोगी को मूली के रस का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को एक गिलास लस्सी में एक चुटकी नमक और एक चौथाई अजवाइन मिलाकर पीना चाहिए

क्या नहीं खाना चाहिए

  • रोगी को ज्यादा तले हुए भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा बिस्किट ब्रेड फैन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को चावल व दालों आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को बाजार में बिकने वाले डेयरी उत्पादों का सेवन नहीं करना चाहिए जैसे दूध पनीर मावा आदि

क्या करना चाहिए

  • रोगी को सुबह-सुबह हल्के-फुल्के व्यायाम करने चाहिए
  • रोगी को हर रोज सुबह सुबह घूमने जाना चाहिए
  • रोगी को लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए
  • रोगी को अपने शरीर में कब्ज की समस्या उत्पन्न नहीं होने देनी चाहिए इसके लिए एनिमा लगाना चाहिए
  • रोगी को हर रोज सुबह हल्के गर्म पानी का सेवन करना चाहिए जिससे आपका पेट तुरंत साफ हो जाएगा
  • रोगी को ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए

क्या नहीं करना चाहिए

  • रोगी को लंबे समय तक एक जगह पर बैठे-बैठे कार्य नहीं करना चाहिए
  • रोगी को खाना खाने के तुरंत बाद सोना नहीं चाहिए
  • रोगी को ज्यादा बीड़ी सिगरेट तंबाकू आदि के सेवन से बचना चाहिए
  • रोगी को विवाह वह होटल आदि के खाने से बचना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा उत्तेजक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए जैसे चाय कॉफी और गर्म दूध आदि
  • रोगी को ज्यादा एलोपैथिक दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए

लेकिन फिर भी अगर किसी को इस समस्या के कुछ भी लक्षण दिखाई देते हैं तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि यह एक बहुत ही खतरनाक और असहनीय दर्द देने वाली समस्या है अगर इस समस्या का समय पर इलाज न करवाया जाए

तो यह समस्या आगे जाकर आपको बहुत ज्यादा कठिनाई दे सकती है या आप कुछ आयुर्वेदिक औषधियों व् दवाइयों का भी इस्तेमाल करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं जिनके बारे में हमने आपको नीचे बताया है इन सभी को आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इस्तेमाल करें.

बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज खूनी बवासीर की दवा घरेलू उपचार मिट्टी के तेल से बवासीर का इलाज बवासीर का अंग्रेजी दवा खूनी बवासीर की दवा पतंजलि बवासीर के मस्से की दवा Patanjali कपूर से बवासीर का इलाज खूनी बवासीर का इलाज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button