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गठिया की आयुर्वेदिक दवा कौन सी है?

गठिया की आयुर्वेदिक दवा कौन सी है? गठिया रोग को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें? गठिया का सबसे अच्छा इलाज कौन सा है? गठिया बाद का देसी इलाज क्या है?

मानव जीवन में हमें काफी सारी बीमारियों का सामना करना पड़ता है. बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं. जिनको बचपन से जवानी तक कोई बीमारी नहीं होती लेकिन फिर उनके शरीर में अचानक से कोई ऐसी बीमारी उत्पन्न हो जाती है. जो की उनको काफी परेशानी देती है.

ऐसी ही एक बीमारी गठिया रोग भी है. ऐसा माना जाता है. कि गठिया रोग का कोई उपचार नहीं है. लेकिन यह बात बिल्कुल गलत है. अगर आप नियमित रूप से गठिया रोग का उपचार लेते हैं. तो यह रोग आपका पीछा छोड़ सकता है.

हालांकि इसमें कुछ समय लग सकता है. तो आज इस ब्लॉग में हम आपको गठिया रोग के कारण, लक्षण व इसके आयुर्वेदिक उपचार के बारे में बताने वाले हैं.

गठिया रोग क्या है What is arthritis

पहले के समय में कुछ ऐसी बीमारियां होती थी जो कि सिर्फ बुजुर्ग लोगों में ही देखने को मिलती थी लेकिन आजकल की तेजी से बदलती हुई जीवनशैली और खान-पान के कारण कुछ बीमारियां अब हमें जवान लोगों में भी देखने को मिल रही है. और उन्हीं में से गठिया रोग भी एक ऐसी ही बीमारी है.

घटिया रोग को अंग्रेजी में अर्थराइटिस कहा जाता है. इस स्थिति के उत्पन्न होने पर रोगी के हाथ पैर या शरीर के अन्य जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या उत्पन्न होने लगती है. इस समस्या के शुरू में होने पर रोगी में सिर्फ दर्द ही होता है. लेकिन धीरे-धीरे यह समस्या इतनी ज्यादा बढ़ जाती है.

कि रोगी को उठने बैठने, चलने फिरने यहां तक की सीधा खड़ा होने में भी परेशानी होने लगती है. और लंबा समय बीत जाने के बाद में यह रोगी को बिल्कुल जकड़ लेती है.

यह रोगी को तेज दर्द और शरीर के लगभग सभी जोड़ों में सूजन पैदा करती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक यह रोग महिलाओं के मुकाबले में पुरुषों में ज्यादा देखने को मिलता है. और जिन लोगों के शरीर का वजन ज्यादा होता है. उन लोगों में गठिया रोग की समस्या होने का ज्यादा खतरा रहता है.

अगर आप इस समस्या का शुरुआती समय से ही उपचार शुरू कर देते हैं. तो यह समस्या आपका जल्द ही पीछा छोड़ सकती है. लेकिन लंबा समय निकल जाने के बाद में यह रोग इतना खतरनाक होता है. कि यह आपका पीछा नहीं छोड़ता हालांकि यह रोग दवाइयों और दूसरे उपचार के जरिए बढ़ना कम हो सकता है.

लेकिन इससे आपको पूरी तरह से छुटकारा नहीं मिलेगा और गठिया एक ऐसा खतरनाक रोग है. जो कि 100 से भी ज्यादा अलग अलग तरह का होता है. लेकिन सेप्टिक आर्थराइटिस, रूमेटाॅइड आर्थराइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, गाउट, एंकिलोसिंग स्पाॅन्डिलाइटिस आदि इस रोग के कुछ मुख्य प्रकार हैं.

गठिया रोग के कारण

किसी भी इंसान के शरीर में गठिया रोग की समस्या उत्पन्न होने का वैसे तो कोई भी मुख्य या सटीक कारण नहीं होता लेकिन कुछ रिपोर्ट की मानें तो इस समस्या के उत्पन्न होने के पीछे कुछ कारणों का हाथ जरूर हो सकता है. जैसे

  • ज्यादा लंबे समय तक एक जगह पर बैठे-बैठे या लेटे हुए काम करना
  • अपने शरीर से किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि न करना
  • असो आराम की जिंदगी व्यतीत करना
  • ज्यादा बीड़ी सिगरेट तंबाकू और नशीली वस्तुओं का सेवन करना
  • लंबे समय तक हस्तमैथुन और संभोग की प्रक्रिया में लिप्त रहना
  • ज्यादा उत्तेजक भोजन का सेवन करना
  • ज्यादा तरह बुने हुए भोजन का सेवन करना
  • रोगी के शरीर में मोटापा आ जाना
  • रोगी का ज्यादा लंबे समय तक वजन उठाने या वजन ढोने  का काम करना

इसके अलावा भी गठिया रोग की समस्या उत्पन्न होने के पीछे काफी सारे और दूसरे कारण हो सकते हैं. लेकिन इस समस्या का कोई मुख्य कारण अभी तक नहीं पाया गया है

गठिया रोग के लक्षण symptoms of gout

जब भी गठिया रोग की समस्या उत्पन्न होती है. तो इस समस्या के उत्पन्न होने के साथ-साथ कि हमें इस समस्या के कुछ आम से लक्षण दिखाई देने लगते हैं. जिनको हम आसानी से पहचान सकते हैं. जैसे

  • शुरूआती समय में रोगी के घुटनों में हल्का दर्द होना
  • कुछ समय निकल जाने के बाद में रोगी के शरीर के हाथ पैर और घुटनों के अलावा दूसरे जोड़े में भी दर्द होना
  • रोगी के घुटनों में हल्की सूजन महसूस होना
  • रोगी को उठते बैठते समय तेज दर्द होना
  • रोगी के शरीर के लगभग सभी जोड़ों में सूजन आ जाना जिससे रोगी को चलने फिरने उठने बैठने में परेशानी होना
  • रोगी का अचानक से एक जगह से उठ न पाना
  • रोगी को सीधा चलने लेटने या फिरने में परेशानी होना
  • रोगी को एनीमिया जैसे खतरनाक रोग की समस्या होना

इसके अलावा भी इस रोग के उत्पन्न होने पर रोगी में काफी सारे और लक्षण दिखाई दे सकते हैं.

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गठिया रोग का आयुर्वेदिक उपचार

बहुत सारे लोगों का ऐसा मानना है. कि गठिया रोग का कोई भी उपचार उपलब्ध नहीं है. लेकिन अगर आप इस समस्या का नियमित रूप से उपचार लेते हैं. तो आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं. और आप इस समस्या को आयुर्वेदिक चीजों के जरिए भी ठीक कर सकते हैं

1. मेथी के बीज का सेवन

अगर आपको गठिया रोग की समस्या के कारण हाथ पैरों के जोड़ों में सूजन आ गई है. तब आपको रात के समय एक चम्मच मेथी के बीजों को भिगोकर रखना है. और सुबह उठकर इन भीगे हुए बीजों को चबाकर खाना है.

बचे हुए पानी को पीना है. ऐसा नियमित रूप से करने पर आपके हाथ पैरों के जोड़ों की सूजन कम होती है. और दर्द में में भी राहत मिलती है

2.हल्दी का सेवन करें

गठिया रोग में हल्दी भी काफी कारगर मानी गई है. अगर आपको हाथ पैरों के जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या है. तब आपको मेथी के दाने पीसकर हल्दी और सोंठ के साथ मिलाकर पाउडर बनाना है.

इस पाउडर को आपको हर रोज सुबह-शाम एक-एक चम्मच दूध या गुनगुने पानी के साथ लेना है. ऐसा नियमित रूप से करने पर आपके हाथ पैरों के जोड़ों के सूजन और दर्द में राहत मिलती है

3.अश्वगंधा का सेवन

अश्वगंधा एक ऐसा गुणकारी पौधा होता है. जिसके अनेकों फायदे होते हैं. इसी तरह से अश्वगंधा गठिया रोग में भी काफी फायदेमंद माना गया है. क्योंकि अश्वगंधा हमारे शरीर के ब्लड सरकुलेशन को नियंत्रित करता है.

नियमित रूप से इसका सेवन करने से यह हमारे मांसपेशियों को मजबूत करना और जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मदद करता है

4. त्रिफला का सेवन करें

त्रिफला 3 जड़ी बूटियों से मिलकर बना हुआ एक ऐसा मेल है. जो कि हमारे हाथ पैरों के जोड़ों में होने वाले दर्द और सूजन को काफी हद तक नियंत्रण में करने का काम करता है.

त्रिफला में मुख्य रूप से अमलकी, हरितकी और बिभीतकी जैसी जड़ी बूटियां होती है. जो की सूजन को तुरंत नियंत्रण में करने का काम करती है.

5. अजवाइन का सेवन करें

गठिया रोग में कई बार हमारे शरीर के अंदर यूरिक एसिड जमा होने लगता है. ऐसी स्थिति में आपको आधा चम्मच अजवाइन और एक अदर का टुकड़ा लेकर उसको आधा गिलास पानी में अच्छी तरह उबालना है. और फिर इसको सुबह शाम दिन में दो बार पीना है.

ऐसा नियमित रूप से करने पर यह हमारे शरीर के यूरिक एसिड को पसीने के द्वारा बाहर निकाल देता है. जिससे हमारे दर्द और सूजन में भी राहत मिलती है.

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गठिया रोग की आयुर्वेदिक दवा

ayurvedic medicine for arthritis – इसके अलावा भी काफी सारी ऐसी और घरेलू चीजें हुए जड़ी बूटियां है. जिनके इस्तेमाल से आपको कुछ हद तक नियंत्रण में कर सकते हैं.आयुर्वेद में गठिया रोग को “आमवात” भी कहते हैं, और इसके लिए कई आयुर्वेदिक औषधियाँ हैं जो राहत दे सकते हैं। हालाँकि, यहां कुछ आम आयुर्वेदिक दवाओं के नाम हैं जो गठिया या आमवात के इलाज में उपयोगी हो सकते हैं:

योगराज गुग्गुल

विभिन्न जड़ी-बूटियों का मिश्रण गुग्गुल आधारित औषधि आमवात के लिए उपयोग किया जाता है।

पुनर्नवा मंजिष्ठादि क्वाथ

यह आमवात और क्वाथ भगन्दर में उपयोगी होता है क्योंकि यह शरीर से विषैली पदार्थों को बाहर निकालने में मदद कर सकता है।

आमवातांतक चूर्ण

गठिया और आमवात दोनों को यह आयुर्वेदिक चूर्ण ठीक करता है।

योगराज गुग्गुलु वटी

यह वटी भी गठिया में उपयोग की जाती है क्योंकि यह दर्द और सूजन को कम कर सकती है।

महायोगराज गुग्गुलु

यह गुग्गुलु आधारित दवा भी गठिया के लिए उपयोग की जाती है, जो दर्द और सूजन को कम कर सकती है।

कृपया ध्यान दें कि एक प्रशिक्षित आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना सबसे अच्छा होगा। वे आपकी प्राकृतिक स्थिति और रोग की गंभीरता को देखते हुए उपयुक्त उपचार सुझा सकते हैं।

लेकिन इनमें से किसी भी चीज का इस्तेमाल करने से पहले आपको किसी अच्छे आयुर्वेद डॉक्टर से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए क्योंकि कई बार हमारे शरीर में एक बीमारी के साथ दूसरी बीमारी भी होती है. जो कि हमारी उन चीजों के सेवन से ज्यादा बढ़ सकती है.

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