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अकाल प्रसव के कारण लक्षण बचाव व उपचार

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जब भी कोई महिला गर्भवती होती हैं. तब उसको बहुत सारी बातों का ध्यान रखना होता हैं. क्योंकि अगर कोई भी महिला गर्भावस्था में किसी प्रकार की गलती कर देती है

तब उस महिला को कई अलग-अलग समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं. और कई बार महिलाओं की गलती के ही कारण उसके बच्चे के ऊपर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है

और महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान कई अलग-अलग बीमारियां व परेशानी उत्पन्न होती हैं. तो इस ब्लॉग में हम आपको ऐसी ही एक समस्या के बारे में बताने वाले हैं. इसमें इस ब्लॉग में हम आपको अकाल प्रसव के कारण लक्षण बचाव व उपचार आदि के बारे में बताने वाले हैं

अकाल प्रसव क्या होता हैं. What is Premature Delivery in hindi

अगर कोई महिला अपने बच्चे को पूर्ण प्रसव के दौरान जन्म देती हैं. तब उस महिला के बच्चे में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होती और वह बच्चा बिल्कुल स्वस्थ होता हैं. और उस बच्चे का वजन लगभग साडे 3 किलो के आसपास होता हैं. पूर्ण प्रसव के दौरान महिला को अपने गर्भाशय में बच्चे को लगभग 9 महीने और 7 दिन रखना होता है

जो कि 280 दिन के करीब होते हैं. लेकिन अगर कोई महिला अपनी गर्भावस्था के सातवें आठवें या नौवें महीने से पहले किसी बच्चे को जन्म दे देती हैं. तब उस स्थिति को अकाल प्रसव कहा जाता है

यानी किसी भी महिला के बच्चे का 9 महीने से पहले जन्म लेना अकाल प्रसव कहलाता हैं. अगर किसी महिला को अकाल प्रसव के दौरान बच्चा होता हैं. तब उस बच्चे का वजन डेढ़ से ढाई किलो के बीच में हो सकता हैं. और कई बार अकाल प्रसव से हुए बच्चे के हाथ पैर या शरीर के किसी अंग में कमी भी पाई जा सकती है

क्योंकि पूरा समय गर्भ में रहने के कारण बच्चा पूर्ण विकसित नहीं हो पाता और उसके शरीर में किसी भी प्रकार की कमी हो सकती हैं. और अगर बच्चा देखने में बिल्कुल स्वस्थ लग रहा हैं. तब भी वह बच्चा दूसरे बच्चों के मुकाबले में कमजोर होता है

अकाल प्रसव के कारण Due to Premature Delivery in hindi

अकाल प्रसव के कारणों के बारे में बात की जाए तो महिलाओं में इस समस्या के उत्पन्न होने के पीछे कई अलग-अलग कारणों का हाथ हो सकता हैं. जैसे महिला का ज्यादा कठोर कार्य करना, महिला का वजन उठाना, महिला का ज्यादा कसे हुए कपड़े पहनना, महिला के गर्भाशय पर चोट लग जाना,

महिला का ज्यादा ऊंची नीची जगह पर चढ़ना या उतरना, महिला के साथ किसी प्रकार की दुर्घटना होना, महिला का ज्यादा दौड़ना व भागना, महिला का गर्भावस्था के दौरान ज्यादा संभोग करना, महिला का किसी वस्तु के ऊपर ज्यादा जोर लगाना, महिला का ज्यादा उत्तेजक खाद्य पदार्थों का सेवन करना, महिला के शरीर में खून की कमी होना

औरत के शरीर में किसी प्रकार की अन्य बीमारी होना, महिला को संतुलित खाद्य पदार्थ न मिलना, महिला का बीड़ी सिगरेट तंबाकू व अन्य नशीली चीजों का सेवन करना, महिला का गंदे पानी व गंदे भोजन का सेवन करना, महिला का क्रोध चिंता शोक भयानक तनाव, महिला को गर्भाशय से संबंधित किसी भी प्रकार का रोग होना

महिला कोई यौन रोग उत्पन्न होना, महिला के शरीर में दूसरी खतरनाक बीमारियां जैसे कैंसर ट्यूमर चेचक पीलिया बुखार आदि होना आदि की स्थिति में रहना, महिला का ज्यादा खट्टे, अधिक गर्म खाद्य पदार्थों का सेवन करना,

औरत को सेक्स सप्लीमेंट का इस्तेमाल करना आदि की समस्या के मुख्य कारण होते हैं. इसके अलावा भी इस समस्या की ओर बहुत सारे कारण हो सकते हैं

अकाल प्रसव के लक्षण Symptoms of Preterm Labor in hindi

अगर इस समस्या के लक्षणों के बारे में बात की जाए तो वैसे तो इस समस्या की इतने ज्यादा लक्षण दिखाई नहीं देते हालांकि कुछ ऐसे लक्षण जरूर होते हैं. जिससे आप यह अंदाजा जरूर लगा सकते हैं. कि आपको इस प्रकार की समस्या उत्पन्न हो सकती है

जैसे महिला के पूरे शरीर में थकान व दर्द की समस्या होना, महिला के पेट में अचानक तेज दर्द होना, महिला को बेचैनी व बेहोशी की समस्या होना,

महिला को बार बार चक्कर आना, महिला के शरीर में हल्का दर्द रहना, महिला के शरीर में बुखार आना, महिला के सिर में भारीपन रहना, महिला को सुस्ती व थकान महसूस होना, महिला के गुप्तांगों में ढीलापन आना

औरत के सतन ढीले होना, महिला के शरीर से रक्त स्त्राव होना, महिला को चक्कर आना, महिला की आंखों में अंधेरा छाने लगना, महिला के शरीर में कपकपी होना, महिला की धड़कन अचानक तेज हो जाना, महिला के हाथ पैरों में दर्द होना,

महिला के हाथ पैरों में ठंड लगना, महिला को अचानक तेज बुखार होना, महिला को बार बार उल्टी आना, महिला को अचानक तेज दर्द के साथ बच्चे को जन्म देना आदि इस समस्या की मुख्य लक्षण होते हैं

अकाल प्रसव के बचाव Prevention of Premature Delivery in hindi

जब कोई महिला गर्भवती होती हैं. और वह अपने गर्भ के छठे महीने में चली जाती हैं. तब महिला को कुछ ऐसी बातों का ध्यान रखना चाहिए जो कि उसको अकाल प्रसव की समस्या से बता सकते हैं. और उसके लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं. जैसे

  • महिला को कम आयु में गर्भवती होने से बचना चाहिए वह महिला को अपने दो बच्चों के बीच कम से कम 3 साल का फासला रखना चाहिए.
  • गर्भावस्था में महिला को नशीली चीजों में उत्तेजक खाद्य पदार्थ खाने से बचना चाहिए.
  • महिला को अपने शरीर में खून की कमी कभी भी नहीं होने देनी चाहिए.
  • महिला को ज्यादा से ज्यादा संतुलित खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए.
  • महिला को ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां व फल फ्रूट आदि का सेवन करना चाहिए.
  • महिला को हर रोज सुबह सुबह हल्की फुल्की सैर करनी चाहिए व खुली हवा में घूमना चाहिए.
  • महिला को गर्भावस्था में दूध दही व जूस आदि का सेवन करना चाहिए.
  • महिला को गर्भावस्था में ज्यादा संभोग नहीं करना चाहिए.
  • महिला को गर्भावस्था में संभोग के दौरान अलग-अलग क्रियाएं नहीं करनी चाहिए.
  • अगर किसी महिला का पहले किसी भी कारण गर्भपात हो गया हैं. तब उस महिला को गर्भधारण करने से पहले डॉक्टर से एक बार जरूर मिलना चाहिए.
  • महिला को गर्भ अवस्था में किसी भी प्रकार के पेट दर्द या अन्य परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
  • महिला को गर्भावस्था में हर महीने डिस्पेंसरी में चेकअप के लिए जरूर जाना चाहिए.

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अकाल प्रसव के उपचार Treatment of Premature Delivery

अगर कोई महिला गर्भावस्था के दौरान सातवें आठवें नौवें महीने में हैं. और उस महिला को किसी भी प्रकार की परेशानी होती हैं. तो उस महिला को सबसे पहले तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

और अपना चेकअप करवाना चाहिए डॉक्टर आपके शरीर के अलग-अलग प्रकार के टेस्ट करते हैं. आपके शरीर के गर्भ में शिशु की जानकारी प्राप्त की जाती है.

अगर डॉक्टर को लगता हैं. कि आपको अकाल प्रसव हो सकता हैं. तब डॉक्टर आपको अलग-अलग प्रकार की दवाइयां व उपचार देते हैं. जिनसे आपके अकाल प्रसव को नियंत्रण में किया जाता हैं. अगर आप समय रहते डॉक्टर के पास चली जाती हैं.

तब आप का उपचार भी संभव हो पाता हैं. ज्यादा समय निकल जाने पर डॉक्टरों की इस समस्या में कुछ नहीं कर पाते.

अगर गर्भावस्था में किसी भी महिला को किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होती हैं. तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और झाड़-फूंक आदि में बिल्कुल भी विश्वास नहीं करना चाहिए क्योंकि समय रहते डॉक्टर के पास जाने से इस समस्या का उपचार हो सकता है.

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