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MRI स्कैन क्या होता है और यह कैसे होता है

MRI स्कैन क्या होता हैं. और यह कैसे होता है

MRI स्कैन क्या हैं. :आज हम आपको एक बहुत ही अलग तरह की और नई जानकारी आपको इस पोस्ट में देंगे हम आपको आज इसमें पोस्ट में MRI स्कैन क्या होता हैं. और यह हमारे शरीर के लिए क्यों जरूरी हैं. और यह हमारे शरीर में क्या काम करता हैं. उसके बारे में कुछ ऐसी जानकारी मैं आपको बताऊंगा जो कि शायद आपको पहले नहीं पता होगी. एम आई आर टेस्ट के बारे में पहले तो लोग बहुत कम जानते थे क्योंकि पहले सीटी स्कैन या एक्स-रे को जाना जाता है.

लेकिन MRI स्कैन सिस्टम के आने के बाद डॉक्टरों को जानकारी बीमारी के बारे में पता लगाना बहुत आसान हो गया हैं. और वह बहुत ही आसान तरीके से पूरी बॉडी का एम आई आर टेस्ट करके आसानी से उतार कर सकते हैं. तो डॉक्टर आसानी से इन बीमारियों का पता लगाकर उपचार कर सकते हैं. तो मैं आपको नीचे एम आर आई स्कैन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी बता रहा हूं तो देखिए.

MRI स्कैन क्या होता हैं. और यह कैसे होता है

What is MRI scan? and how does it happen in Hindi –  जिससे हिंदी में चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग कहा जाता है.शरीर के चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (MRI) एक शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र रेडियो तरंगों और कंप्यूटर से आपके शरीर के अंदर के अंगो का फोटो लेते हैं. यह हमारे शरीर में मौजूद छोटे-छोटे प्रोटॉन को एक साथ मिलाकर उनका फोटो लेता है.

जब किसी भी आदमी का MRI स्कैन किया जाता हैं. और उस स्कैन को करने के लिए डॉक्टर उस आदमी के सभी कपड़े उतरवाकर और उसे अपना एक अलग किस्म का कपड़ा देते हैं. और MRI स्कैन किया जाता हैं. तो उस समय में उसके सभी धातुएं चीज निकलवा दी जाती हैं. जैसे घड़ी, चेन, अंगूठी या किसी तरह के गले के गहने यह सब चीजें उतरवा दी जाती हैं.

उसके बाद उस आदमी को MRI स्कैन मशीन की एक टेबल होती हैं. उसके ऊपर लिटाया जाता हैं. और फिर उसको उस टेबल को उस मशीन के अंदर भेज दिया जाता हैं. जिसके बाद वह मशीन शक्तिशाली मैगनेट रेडियो तरंगों और कंप्यूटर से उस इंसान की बॉडी का भीतर विस्तृत चित्र हैं.

जो कि इंसान की बॉडी में छोटे-छोटे प्रोटॉन होते हैं. उनका चित्र होता हैं. और उस स्कैन के होने के बाद डॉक्टर आसानी से पता लगा सकते हैं. कि इंसान की बॉडी में कौन सी बीमारी हैं. और यह कितनी पुरानी हो सकती है.

अगर हम आपको आसान भाषा में बताएं की MRI स्कैन क्या होता हैं. तो MRI स्कैन का सीधा मतलब यह होता हैं. कि यह एक ऐसी मशीन होती हैं. जो कि हमारे शरीर के भीतरी भागों का फोटो लेती है. यह हमारे शरीर में सूक्ष्म से सूक्ष्म चीजों का पता लगा लेती हैं.

महिलाओं को अपने चिकित्सक या टेक्नोलॉजिस्ट को हमेशा बताना चाहिए. कि मै गर्भावस्था में है. MRI का इस्तेमाल 1980 के दशक के बाद से मरीजों को स्कैन करने के लिए किया गया हैं. ताकि गर्भवती महिलाओं या उनके अजन्मे बच्चे पर कोई बुरा प्रभाव न हो

यदि आप चाहते हैं. कि हम पूरी बॉडी का MRI स्कैन नहीं करवाना चाहते हैं. और हमारी जिस जगह पर चोट लगी हैं. जिस जगह बीमारी हैं. उसका MRI स्कैन कराना चाहते हैं. तो आप अपने शरीर के अलग-अलग भागों का भी MRI स्कैन करा सकते हैं.

इसमें आप अपनी बॉडी के मस्तिष्क छाती पर किसी भी तरह की हड्डी ,कंधे,घुटने आदि शरीर के अलग-अलग भागो का MRI स्कैन करवा सकते हैं. और यदि आप अपनी बॉडी का पूरा स्कैन करवाना चाहते हैं. तो वह भी करवा सकते हैं. इससे यह फायदा होता हैं.

कि अगर आपके शरीर में दूसरी कोई बीमारी हैं. वह भी पता लगाया जाता हैं. और यदि आप किसी एक भाग का MRI स्कैन कराते हैं. तो उससे बॉडी की दूसरी भागों की बीमारी का पता नहीं लगाया जाता. जैसा कि मैंने आपको ऊपर बताया यह अलग-अलग तरह से भी करवाया जा सकता हैं. जैसे

मस्तिष्क और रीढ़ – यह मस्तिष्क के भीतर होने वाली चयापचय संबंधी परिवर्तनों को मापता है। इसका उपयोग मस्तिष्क की शारीरिक रचना की जांच करने के लिए किया जाता हैं. और यह निर्धारित कर सकता हैं.

कि मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में महत्वपूर्ण कार्यों का संचालन किया जा रहा है। सिर की चोट से या अल्जाइमर रोग जैसे विकारों से होने वाली क्षति का अंदाजा करने के लिए MRI का भी उपयोग किया जाता है.

छाती – और पेट के अंग- दिल, यकृत, पित्त पथ, गुर्दे, प्लीहा, आंत्र, अग्न्याशय, और अधिवृक्क ग्रंथियों इन सभी बीमारियों के लिए छाती का MRI स्कैन किया जाता है.

हृदय हृदय का MRI स्कैन तब कराया जाता हैं. हृदय की जन्मजात हृदय रोग रक्त वाहिकाओं और जहाजों की सूजन (vasculitis) की विकृति जैसे समस्याएं होती है.

MRI स्कैन  MRI scan

जब आप MRI स्कैन कराते हैं. तो उस समय आपको डॉक्टर को अपनी पूरी जानकारी दे देनी चाहिए जैसे कि यदि आपने कही पर टैटू बनवाया हैं. क्या आपने अपने दांत या कान में किसी तरह की चीज डलवाई हैं. तो उसके बारे में बता देना चाहिए

यदि या आपकी किसी हड्डी में किसी तरह की लोहे या दूसरी धातु की कोई चीज़ डाली हुई हैं. तो उसके बारे में भी बता देना चाहिए यदि आपको पहले किसी तरह की एलर्जी है.या किसी तरह की सर्जरी करवा रखी हैं. तो उसके बारे में भी अपने डॉक्टर को बता देना चाहिए.

यदि आप पहले किसी दवाई का इस्तेमाल कर रहे हैं. तो उसके बारे में अपने डॉक्टर को जरूर बताएं

MRI कमरे में कोई भी धातु की अनुमति नहीं है, क्योंकि मशीन में चुंबकीय क्षेत्र धातु को आकर्षित कर सकते हैं। अपने चिकित्सक को बताएं कि क्या आपके पास कोई धातु-आधारित उपकरण हैं. जो परीक्षण के दौरान समस्याएं पैदा कर सकते हैं.

आपको स्कैन से पहले चार घंटे तक कुछ भी खाने या पीने के लिए नहीं कहा जा सकता है, और कभी-कभी आपको पहले से बहुत अधिक मात्रा में पानी पीने के लिए कहा जा सकता हैं. यह स्कैन होने वाले क्षेत्र पर निर्भर करता है

जिन रोगियों में धातु के कुछ भागों में उनके ऑब्जेक्ट होते हैं. उनमें MRI से पहले एक्स-रे की आवश्यकता हो सकती है। आप किसी भी छर्रे, गोलियों या धातु के अन्य टुकड़ों के टेक्नोलॉजिस्ट या रेडियोलॉजिस्ट को सूचित कर सकते हैं

वैसे तो इस MRI स्कैन में किसी भी तरह का दर्द नहीं होता हैं. लेकिन यदि Contrast की आवश्यकता होती हैं. तो थोड़ा दर्द जरूर होता हैं. और इसके लिए Contrast IV भी दिया जाता हैं. और इस टेस्ट को करने में वैसे तो बहुत टाइम लगता हैं. क्योंकि यह एक लंबा टेस्ट होता हैं.

वह इसमें आपको 30 मिनट से 90 मिनट तक का समय लग सकता है. MRI स्कैन के दौरान, चुंबक का आंतरिक हिस्सा दोहरावपूर्ण टैपिंग, प्रचंड और अन्य शोर पैदा करता है। शोर को ब्लॉक करने में सहायता के लिए इयरप्लग या संगीत प्रदान किया जा सकता है. अगर किसी आदमी को दमे जैसी दिक्कत हैं. तो उसके लिए ओपन MRI किया जाता है

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उसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां बताइए है. इस जानकारी के बारे में जानना आपके लिए बहुत ही जरूरी था क्योंकि कई बार आपको या आपके किसी दोस्त रिश्तेदार या आपके किसी नजदीकी को कई बार MRI स्कैन करवाने की जरूरत पड़ती है.

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