संग्रहणी रोग क्या है इसके लक्षण कारण व उपचार
कई बार बदलते मौसम या हमारे शरीर के संतुलन के बिगड़ जाने के कारण हमारे शरीर में कई ऐसी समस्याएं या ऐसी बीमारियां उत्पन्न हो जाती है जो कि बहुत लंबे समय तक चलती है लेकिन अगर उनका इलाज सही समय पर न करवाया जाए तो ये सभी समस्याएं आगे चलकर दूसरे रोगो को भी जन्म देती है और यह समस्याएं खुद भी ज्यादा परेशानियां खड़ी करने लगती है तो इसी तरह से संग्रहणी रोग भी एक ऐसा रोग है
जो कि रोगी को बहुत परेशानी देता है और इससे रोगी बिल्कुल कमजोर हो जाता है क्योंकि यह रोगे एक ऐसा रोग है जो कि लंबे समय तक चलता है तो आज के इस ब्लॉग में हम इसी रोग के बारे में विस्तार से जानेंगे इस ब्लॉग में हम बताएंगे कि संग्रहणी रोग कैसे होता है इससे कैसे बचा जा सकता है इसके लक्षण कारण और उपचार आदि के बारे में
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संग्रहणी रोग क्या है
वैसे तो आपने इस रोग के नाम के बारे में इतना ज्यादा नहीं सुना होगा लेकिन यह समस्या एक आम समस्या होती है क्योंकि जब कोई इंसान मन्दाग्नि के कारण खाए हुए भोजन का सही प्रकार से पाचन नहीं कर पाता तब रोगी के शरीर से अजीर्ण होकर दस्त आने लगते हैं और जब यह दस्त लंबे समय तक चलते हैं और यह रोग पुराना हो जाता है तब इस समस्या को संग्रहणी रोग के नाम से जाना जाता है और संग्रहणी रोग को साधारण भाषा में श्वेतातिसार कहा जाता है क्योंकि जब रोगी में लंबे समय तक दस्त रहते हैं
‘तब मोनोलिया साइकोसिस नामक एक संक्रामक जीवाणु के जहर से हमारे शरीर की अग्नाशय की विकृति होने लगती है और उसके कारण हमारे भोजन का सही से पाचन नहीं हो पाता और भोजन करते ही बिना बचे हुए बाहर आने लगता है या कभी गाढ़ा और कभी पतला मल दुर्गंध के साथ निकलने लगता है जिससे रोगी को बार-बार पाखाना जाना पड़ता है और उसको इससे बहुत कष्ट भी होता है और जब कोई इंसान इस रोग से ग्रस्त होता है तब वह बिल्कुल कमजोर और दुबला पतला हो जाता है और कई बार तो इस रोग के ज्यादा बढ़ जाने पर रोगी को चलने की भी शक्ति नहीं रहती
संग्रहणी रोग के कारण
अगर इस रोग के कारणों के बारे में बात की जाए तो मुख्य रूप से तो इसके कुछ ही कारण होते हैं जैसे किसी भी इंसान के शरीर में विटामिन-बी कंपलेक्स विटामिन सी और कैल्शियम की कमी हो जाना लेकिन इसके अलावा भी इसके कई और कारण होते हैं जैसे फोलिक एसिड की कमी, वायरल इनफेक्शन, विटामिन B2 की कमी, अमीषिक प्रवाहिका रोग, रोगी के शरीर में वसा और गुलकोज का ठीक से मिलन ना होना और
इस रोग की चपेट में मध्य आयु वर्ग के लोग सबसे ज्यादा आते हैं महिलाओं में यह रोग मुख्य रूप से गर्भावस्था के दौरान देखा जाता है और ज्यादातर समुद्री किनारे रहने वाले रोगों में बरसात के मौसम में यह रोग ज्यादा उत्पन्न होता है या शरीर में कार्बोहाइड्रेट का विलियन कम होना यह कुछ ऐसे कारण होते हैं जिनसे यह रोग उत्पन्न होता है
संग्रहणी रोग के लक्षण
जब किसी इंसान को संग्रहणी रोग हो जाता है तब उस इंसान में कई प्रकार के लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे इस रोग के बारे में सही से जानकारी न होना, जीभ और मुंह में छाले होना, आंतों में गुड गुड की आवाज आना, रोगी के शरीर में आफरा, दुर्लभता व शारीरिक भार में कमी आना, रोगी का मल पतला व मल में दुर्गंध आना, रोगी के शरीर पर झुर्रियां पड़ना, रोगी को कब्ज का रोगी को कब्ज महसूस होना, भूख कम लगना, बार-बार हाजत होना,
मल चिकना व झाग दार आना, पेट में जलन, गैस व हल्का दर्द महसूस होना रोगी की त्वचा व नाखून बिल्कुल शुष्क होना, रोगी के हाथ पैरों में सूजन आना, रोगी के शरीर में खून की कमी होना, बेहोश होना, चक्कर आना, रोगी का स्वभाव चिड़चिड़ा गुस्सैल होना इसके अलावा इस रोग के उत्पन्न होने पर दूसरे कई प्रकार के रूप भी उत्पन्न हो जाते हैं
क्या खाना चाहिए
- रोगी को हर रोज 2 ग्राम भांग को भूनकर लगभग 3 ग्राम शहद में मिलाकर चाटना चाहिए
- रोगी को हर रोज गाय के दूध से बनी हुई दही के साथ 5 – 6 खजूर को खाना चाहिए
- रोगी को हर रोज सुबह दही में इमली छाल के चूर्ण को मिलाकर चाटना चाहिए
- रोगी को सोंठ,भांग और पीपली का चूर्ण हर रोज पुराने गुड़ में मिलाकर दिन में तीन चार बार लेना चाहिए
- रोगी को सोंठ वह इलायची के दानों को भूनकर चूर्ण बनाकर हर रोज एक एक ग्राम खाना चाहिए
क्या नहीं खाना चाहिए
- रोगी को ज्यादा मिर्च मसालेदार में तले हुए भोजन से परहेज करना चाहिए
- रोगी को शादी, पार्टी व होटल के भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को मांस, मछली, अंडा, शराब का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट, पान, खैनी, गुटखा का सेवन करने से बचना चाहिए
- रोगी को ज्यादा गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए
- रोगी को ज्यादा तेल व घी से बनी हुई मिठाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को बे मौसमी वह बासी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
क्या-क्या करना चाहिए
- रोगी को हर रोज सुबह सुबह हल्के-फुल्के व्यायाम करने चाहिए
- रोगी को सुबह-सुबह खुली हवा में घूमना चाहिए
- रोगी को खाली पेट ठंडे पानी का सेवन करना
- रोगी को इस रोग के बारे में जानकारी मिलते ही तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए
- रोगी को खाना खाने के बाद हल्का फुल्का घूम लेना चाहिए
- रोगी को ज्यादा गंदे पानी वाले क्षेत्र में नहीं जाना चाहिए
- रोगी को साफ पानी पीना चाहिए वह हाथ पांव धोकर भोजन करना चाहिए
क्या नहीं करना चाहिए
- रोगी को ज्यादा कठोर कार्य नहीं करने चाहिए
- रोगी को ज्यादा तेज धूप व गर्मी में काम नहीं करना चाहिए
- रोगी को गंदे पानी का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को ज्यादा मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए
- रोगी को खुद से डॉक्टर नहीं बनना चाहिए
- रोगी को बीमारी का पता लगते ही तुरंत इलाज करवाना चाहिए
लेकिन फिर भी अगर आपको संग्रहणी रोग हो जाता है तब आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए या आप कुछ आयुर्वेदिक औषधियों व दवाइयों का भी इस्तेमाल करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं जिनके बारे में हमने आपको नीचे बताया है उन सभी को आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इस्तेमाल करें
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