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मस्तिष्क की मौत कैसे होती है What is brain death in Hindi

मस्तिष्क की मौत कैसे होती है What is brain death in Hindi

आपने बहुत सी बीमारियां बहुत सी ऐसी घटनाओं के बारे में सुना होगा जिससे कि आदमी की मौत हो जाती हैं. और आपने यह भी सुना होगा कि कई बार आदमी कॉमा में चला जाता हैं.

लेकिन आदमी कॉमा में कैसे जाता हैं. कॉमा में जाने के बाद क्या करता हैं. उसका शायद आपको नहीं पता होगा क्योंकि कई बार आदमी कॉमा में चला जाने के बाद भी अपनी प्रतिक्रिया दे सकता हैं. और कभी-कभी वह कोमा से वापस भी बाहर आ जाता हैं. और कई बार आदमी का दिमाग मर जाता हैं.

इसके बारे में शायद आपने नहीं सुना होगा शायद आपको यह सुनकर हैं.रानी होगी. की आदमी का दिमाग भी मर जाता हैं.. और उस समय में आदमी कॉमा में नहीं जाता हैं. क्योंकि कोमा में जाना अलग चीज हैं. और किसी आदमी का या महिला का दिमाग मर जाना अलग बात हैं..

यह दोनों अलग-अलग चीजें होती हैं. दिमाग मर जाने के बाद आदमी कभी जीवित नहीं रहता हैं. तो आज मैं इसी तरह की कुछ महत्वपूर्ण और फायदेमंद जानकारी आपको बताऊंगा कि जब आदमी का दिमाग क्यों मर जाता हैं. तो किस तरह से आदमी का दिमाग मरता हैं. दिमाग मरने के क्या कारण होते हैं.

और क्या दिमाग मरने के बाद भी क्या आदमी जीवित रह सकता हैं. यह सभी बातें आज मैं इस पोस्ट में आपको पूरी और अच्छी तरह से बताऊंगा शायद इस तरह की जानकारी आपने पहले कभी नहीं सुनी होगी इसलिए आज मैं आपके लिए दिमाग का मरना क्या होता हैं.. यह जानकारी आपको बताऊंगा तो आप इस जानकारी को अच्छी तरह से और ध्यान से पढ़ें

मस्तिष्क की मौत क्या होती हैं

Brain dead Kya hota hai ? What is brain dead in Hindi ? जब किसी आदमी के मस्तिष्क की मौत हो जाती हैं. तो मैं आपको बताता हूं कि मस्तिष्क की मौत क्या होता हैं.. इसके लिए पहले आपको दिमाग के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करना जरूरी हैं. दिमाग के दो भाग होते हैं. Cortex और Brain Stem. Cortex दिमाग का बड़ा हिस्सा होता हैं.

और Brain Stem दिमाग का छोटा हिस्सा होता हैं. और यह रीड की हड्डी का ऊपरी भाग होता हैं. Cortex के कारण हमारे शरीर की आम गतिविधियां होती हैं. जैसे पढ़ना, लिखना ,बातें करना आदि यदि किसी आदमी के Cortex में चोट लग जाती हैं..तो आदमी कॉमा में पहुंच जाता हैं. और वह अपने होश खो बैठता हैं. और लेकिन जैसा कि मैंने आपको बताया था.

कॉमा होने के बाद भी वह आदमी अपने शरीर में दर्द महसूस कर सकता हैं. क्या किसी भी हलचल के ऊपर अपनी बात बताने के लिए प्रतिक्रिया दे सकता हैं. और कभी-कभी जब कोई आदमी कॉमा में पहुंच जाता हैं. तो कई बार वह कॉमा में जाने के बाद वापस भी ठीक हो जाता हैं. लेकिन जैसा मैंने आपको बताया हैं. मस्तिष्क की मृत्यु कॉमा से अलग होती हैं.

मस्तिष्क की मृत्यु मतलब दिमाग की मौत हो चुकी हैं. Cortex और Brain Stem दोनों हमारे शरीर का केंद्रीय Nervous सिस्टम और चेतना का केंद्र होता हैं..

यदि हमारे शरीर में Brain Stem मर जाए तो हमारी सांस बंद हो जाएगी और जब दिल को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाएगी तो वह भी मर जाएगा और दिल धड़कना बंद कर देगा और ऐसे धीरे-धीरे बाकी सभी अंग ऑक्सीजन की कमी से मर जाएंगे.

मस्तिष्क की मौत कैसे होती हैं

How does brain death occur? in hindi – यदि किसी आदमी के सिर पर बहुत ज्यादा गहरी चोट लग जाती हैं. तो उस समय दिमाग में सूजन शुरू हो जाती हैं. क्योंकि हमारा सिर बहुत सख्त हड्डी का बना होता हैं. इसलिए वह दिमाग को फैलने नहीं देता हैं. डॉक्टर चोट लगने के बाद दवा देकर या ऑपरेशन करके उस सूजन को कम करने की कोशिश करते हैं.

लेकिन यदि वह इस काम को नहीं कर पाते हैं. और यह काम अगर उनसे नहीं हुआ तो धीरे-धीरे दिमाग पर बहुत ज्यादा दिमाग दबाव बढ़ जाएगा जोकि दिल की धड़कन से भी ज्यादा दबाव होता हैं.. और इस स्थिति में दिल ऑक्सीजन से मिला हुआ खून दिमाग तक पहुंचाने में कामयाब नहीं होता हैं..

यदि दिमाग को जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन नहीं मिलेगी तो Brain Stem मर जाएंगे. वैसे तो Brain Stem एक बार में नहीं मरते हैं. इससे धीरे-धीरे एक प्रक्रिया शुरू होती हैं.

जिसके बाद Brain Stem अपने आप गलने शुरू हो जाते हैं. और फिर जब गलने शुरू हो जाते हैं. तो उसके बाद Brain Stem की स्थिति को बदल नहीं जाएगा और यदि एक बार Brain Stem मर जाता हैं.

तो आदमी सांस लेना बंद कर देता हैं. और दिल के बाकी सभी भाग ऑक्सीजन ना मिल पाने के कारण मर जाते हैं.. इस तरह से हमारे मस्तिष्क की मौत हो जाती हैं..

Brain Stem की मौत का पता कैसे लगाया जाता हैं

How is brain stem death detected? in Hindi – आज के समय में वैसे तो किसी भी बीमारी का पता लगाना या किसी भी तरह की चोट का पता लगाना नामुमकिन नहीं हैं. आज के समय में अगर आपको किसी भी तरह की चोट हैं. तो आप बहुत ही जल्दी आराम से पता लगा सकते हैं. कि कितनी गहरी चोट हैं.

और यह चोट कितनी पुरानी हैं. या किस तरह की चोट हैं. आज के समय में Brain Stem की मौत का पता लगाने के लिए बहुत से अलग-अलग तरीके हैं. जैसे उन न्यूरोलॉजिकल गतिविधियों की जांच करना कि जिनको Brain Stem नियंत्रित करता हैं.. यदि कोई आदमी बेहोश हैं. या वह सांस नहीं ले पा रहा हैं.

या वह अपने अंदर किसी चीज को निगल नहीं सकता या वह खांस नहीं सकता या वह रोशनी की और ध्यान नहीं कर रहा हैं.. इन सभी बातों से आप बहुत ही आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं. कि Brain Stem की मौत हो चुकी हैं.

भारत में Transplantation Human Organs ने 1994 में कुछ ऐसे टेस्ट के बारे में बताया हैं. जिनको 4 डॉक्टरों की टीम मिलकर करती हैं. और उसके बाद ही किसी आदमी को Brain Stem की मौत घोषित किया जाता हैं.

और यह टेस्ट 6 घंटों के बाद एक बार फिर से किया जाता हैं. और यह दो टेस्ट होते हैं.. और यदि डॉक्टर दोनों टेस्टों में मरीज का ब्रेन मौत घोषित कर देते हैं. तो फिर उसको कोई नहीं बदल सकता हैं.

कई बार आपके आसपास भी ऐसे किसी आदमी को ब्रेन डेट घोषित किया गया होगा या आपने ऐसे किसी मरीज के बारे में सुना भी होगा लेकिन इसके साथ कभी आपने यह भी जरूर सुना होगा कि किसी आदमी को ब्रेन डेट घोषित करने के बाद उसका दिल दो-तीन दिन धड़कता रहता हैं. और ना ही वह आंखें खोल रहा हैं.

और ना ही वह किसी चीज पर प्रतिक्रिया दे रहा हैं. तो आप यह जरूर सोचते होंगे कि अगर उसकी मौत हो चुकी हैं. तो वह धड़क किस लिए रहा हैं.. मरीज का ब्रेन डेट घोषित करने पहले आदमी को सांस् लेने में अगर दिक्कत होती हैं. तो उसको वेंटिलेटर के साथ सांस जाती हैं. और उसके बाद Brain Stem अगर मर जाता हैं.

और यदि Brain Stem मर चुका होता हैं. और उसके फेफड़े काम ना कर रहे हो . फिर भी दिल धड़कता रहता हैं. क्योंकि उसको वेंटीलेटर से सांसे यानी ऑक्सीजन मिलती रहती हैं. और यदि Brain Stem की मौत हो चुकी हो और बाकी सारा दिमाग मर चुका हूं एक चीज दिल को धड़कने में मदत देती हैं.

वैसे तो दिल दिमाग से अलग होता हैं. क्योंकि यह एक ऑटोमेटिक पंप होता हैं. जब तक दिल को वेंटीलेटर से ऑक्सीजन मिलती रहेगी कुछ समय तक वह दिल धड़कता रहेगा यदि ब्रेन डेथ के बाद मरीज को वेंटीलेटर पर रखा जाता हैं. उसके बाद दिल कुछ घंटों तक धड़कता रहता हैं. कभी-कभी दिल कई हफ्तों तक धड़कता रहता हैं.

और एवरेज के हिसाब से दिल दो या तीन दिन तक ही धड़कता हैं. बाद में मर जाता हैं. जब किसी आदमी का मस्तिष्क पूरी तरह से मर जाता हैं. तो सिर्फ उसका दिल कुछ दिनों तक धड़कता रहता हैं. और फिर उसका दिल भी मर जाता हैं. ऐसे धीरे-धीरे ऑक्सीजन ना मिलकर मिलने के कारण पूरा शरीर मर जाता हैं.

और इस बात की पुष्टि भी हो चुकी होती हैं. जब किसी आदमी का मस्तिष्क मरता हैं. तो ऐसा होना संभव नहीं हैं. कि वह आदमी कभी बच सकता हैं. और मस्तिष्क जैसे ही मर जाता हैं.

तो बाकी शरीर के किसी भी अंगों को मरने से रोका भी नहीं जा सकता हैं. क्योंकि वह किसी भी तरह से मेरे मरने से बच नहीं सकते हैं. और अगर हम बात करें तो जब किसी भी आदमी का मस्तिष्क मरा हैं. तो वह आज तक जीवित नहीं हो पाया हैं.

ब्रेन डेथ के बाद भी मरीज के शरीर में गर्माहट क्यों होती हैं

Why does the patient feel warm even after brain death? in Hindi – जब किसी मरीज का मस्तिष्क मर जाता हैं. लेकिन उसके अंगों दिल को कुछ दिनों तक जीवित रखा जाता हैं. जिससे वह सोता हुआ था नजर आता हैं. और किसी भी शरीर के अंग को बाहर रखकर और उसे ऑक्सीजन देकर जीवित रखा जा सकता हैं.

लेकिन यदि एक बार किसी आदमी के दिमाग की मौत हो जाती हैं. तो उसका सीधा सा यह मतलब होता हैं. कि इंसान मर चुका हैं. ब्रेन डेथ व्यक्ति दिमाग की मौत से पीड़ित नहीं होता उसकी मौत हो चुकी होती हैं. जब इस बात की पुष्टि हो जाती हैं.

कई बार किसी ब्रेन डेथ आदमी के घर वाले उसके शरीर को दान कर देते हैं. ताकि दूसरे लोगों की जिंदगी बचाई जा सके क्योंकि जब किसी आदमी का ब्रेन डेथ होता हैं. तो उसका शरीर किसी बीमारी से ग्रस्त नहीं होता हैं. क्योंकि उसको सिर्फ चोट लगने के कारण ही एकदम से उसका शरीर डैमेज हुआ हैं.

और जिससे उसके शरीर के बाकी सभी अंग बिल्कुल ठीक हैं. और वह सही काम कर रहे हैं. जैसा कि मैंने आपको बताया अगर किसी आदमी के शरीर से किसी भी अंग को निकाल कर बाहर ऑक्सीजन दी जाए तो वह जीवित रह सकता हैं. इसी तरह से अगर किसी आदमी ब्रेन डेथ चुका हैं. और उसके शरीर में से किसी भी अंग को दूसरे आदमी के शरीर में डाला जाए

तो वह दूसरे आदमी के शरीर में बिल्कुल सही काम करेगा और उसे दूसरे आदमी की जान बचाई जा सकती हैं.. तो इस तरह से किसी भी ब्रेन डेथ आदमी के अंगों को दूसरे आदमी के लिए काम में लिया जा सकता हैं. और यह बात ब्रेन डेथ हुए आदमी के घर वालों के ऊपर निर्भर करती हैं. कि वह उस आदमी के अंगों को दान करते हैं. या नहीं करते हैं.

तो अब आपको पता चल गया होगा कि किसी आदमी का ब्रेन डेथ क्या होता हैं. यानी मस्तिष्क की मौत कैसे होती हैं. और इसमें आपको यह भी पता चल गया होगा कि किसी आदमी का कोमा में जाना और किसी आदमी की मस्तिष्क की मौत होना दोनों अलग-अलग चीजें होती हैं.

तो इस तरह से आज हमने आपको एक बहुत ही महत्वपूर्ण और फायदे में जानकारी बताइ यह जानकारी आपके लिए बहुत फायदेमंद होगी क्योंकि शायद इस तरह की जानकारी आप पहले नहीं जानते थे

तो यदि हमारे द्वारा बताई गई मस्तिष्क की मौत के बारे में जानकारी यदि आपको पसंद आए तो शेयर करना ना भूले और यदि इसके बारे में आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके आप हमसे पूछ सकते हैं.

16 Comments

  1. Kya kisi ke fasi lagne par bhi mind dead ho jata hai or uske bad bhi waha 12 dino tak wentiletar mai jinda raha sakta hai ot baki sabhi saririk gatividhiya normal tarha se kar sakta hai jese mal mutra ka karna

  2. मेरे भाई को27-07-3019 को ब्रेन डेथ हुआ था,मुजे आपसे यह बात कहना है कि उसको ब्रेन डेमेज था ओर कोमा में भी चले गए थे लेकिन उसकी धड़कन चल रही थी और बीपी भी सही था और यूरिन भी चालू था फिर भी 4 दिन तक उसे होश नही आया फिर डॉ ने ‘एम आर आई’ किया और बाद में हमे कहा गया के वोह ब्रेन डेथ है,
    फिर 4 डॉ ने कुछ टेस्ट कीये फिर कुछ घंटे बाद उसे ब्रेन डेथ बताया गया,
    मगर मुजे अभी भी ऐसा क्यों लग रहा है कि हम कुछ दिनों तक उसे वेल्टीनेटर पर रखते तो उसका दिमाग चालू हो जाता,,,,,
    Pls आप मुजे हिन्दी मे कुछ सलाह दीजिये में बहोत अपसेट हु मुजे ऐसा लग रहा है कि हम ने जल्दबाजी में गलत फैसला लिया.
    Pls मुजे जवाब दिजीये

  3. मेरे भाई को27-07-3019 को ब्रेन डेथ हुआ था,मुजे आपसे यह बात कहना है कि उसको ब्रेन डेमेज था ओर कोमा में भी चले गए थे लेकिन उसकी धड़कन चल रही थी और बीपी भी सही था और यूरिन भी चालू था फिर भी 4 दिन तक उसे होश नही आया फिर डॉ ने ‘एम आर आई’ किया और बाद में हमे कहा गया के वोह ब्रेन डेथ है,
    फिर 4 डॉ ने कुछ टेस्ट कीये फिर कुछ घंटे बाद उसे ब्रेन डेथ बताया गया,
    मगर मुजे अभी भी ऐसा क्यों लग रहा है कि हम कुछ दिनों तक उसे वेल्टीनेटर पर रखते तो उसका दिमाग चालू हो जाता,,,,,
    Pls आप मुजे हिन्दी मे कुछ सलाह दीजिये में बहोत अपसेट हु मुजे ऐसा लग रहा है कि हम ने जल्दबाजी में गलत फैसला लिया.
    Pls मुजे जवाब दिजीये

  4. Mera bhai 17-8-2021 ko death ho gya ,ak din pahle use baichaini hui
    Morning time me km dikhai dene lgaa fir use icu or ventilator pr rakh diya , doctor bole ki brain hammorage h
    Kyo hua kaise hua hme nhi pta chala ,koi activities nhi thi aankhe khuli rah gyi 3 ghante me hi uski death ho gyi
    Smjh nhi aaya mere bhai k sath kya hua h pls bataiye ,,,,ab tk uski mot ka reason smjh me nhi aaya h

  5. Mere papa ke sath b same yahi hua tha… Papa we miss u plz brain hammrage ka sahi treatment ho and i must add one thing more that hypertensive patients ko iske baare m doctors ko aware krna chahiye bcoj mere papa na toh smoking krte the na kabhi drink even daily routine exercise and walk pe jate the 15days m unka routine check up bhi hota tha that his blood pressure was normal and sugar level was also normal……… Kya hua pata nai kese hua ye b pata nai plz doctors be honest with your patients bcoj iccu k doctors ka kahna tha ki o. P. D wale doctors ne unhe blood thinners ki jyada dose di hui thi jo ki unki regular medicine thi

  6. My father was just 63old was very fit person but 2019m unhe stunt dala gya tha doctors unhe blood thinners de rhe the jisse unka blood bhot patla ho gya or dimag ki bus m bulbula aana se bus burst ho gyi…………… And we lost my father toh plz jo log blood thinners le rhe h…. Doctors se iss bare m jrur baat kr le bcoj dr. Don’t bother their patients mere papa ka treatment mata chanan devi hospital m chal rha tha and after brain hammrage ee admit him in same hospital plz take🙏

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