Stammering क्या होता है तुतलाने की दवा क्या है रुक-रुक के बोलने का इलाज हकलाने की आयुर्वेदिक दवा तुतलाने की होम्योपैथिक दवा हकलाने की अंग्रेजी दवा हकलाने का घरेलू उपाय हकलाने का मनोवैज्ञानिक कारण क्या है साफ बोलने की दवा
सामान्यतः डेढ़ से दो साल की उम्र से बच्चा अपने आसपास की चीजों को देखकर तथा दूसरों की आपस में की गई बातचीत को सुनकर बोलने की कोशिश करता है। जब वह बोलना शुरू करता है, तो उसकी बोली बाल सुलभ मिठास लिए कुछ अटपटी और तोतली-सी होती है, लेकिन उम्र और अभ्यास बढ़ने के साथ-साथ जुबान साफ हो जाती है। जब उम्र 5-6 वर्ष तक होने के बाद भी उच्चारण साफ न होकर, हकलाहट का दोष बना रहे, तो वह रोग की श्रेणी में माना जाता है। उल्लेखनीय है कि बोलने में हमारे शरीर की 100 से भी अधिक पेशियां काम करती हैं। इन सभी के आपसी तालमेल बैठने पर ही स्पष्ट उच्चारण निकलता है। जरा-से मानसिक दबाव से ध्वनि का उच्चारण बिगड़ जाता है। यही कारण है कि हकलाने वाले बच्चे अकसर भयपूर्ण स्थितियों में अधिक हकलाते हैं।