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शीघ्रपतन उत्पन्न होने में 90 प्रतिशत कारण मानसिक होते हैं। मानसिक कारणों में सहवास में उतावलापन, स्त्री-पुरुष के बीच प्रेम भाव की कमी, मनचाही स्त्री की जगह घृणा योग्य कुरूप स्त्री से संभोग करना, अपनी पौरुष शक्ति पर विश्वास न होना, भय या हीन भावना से ग्रस्त होना, प्रथम संभोग यानी सुहागरात की घबराहट, अनुभवहीन होना, चिंता, शोक, दुख, मानसिक तनाव की स्थिति, अधिक दिनों के अंतराल पर या लंबे समय तक ब्रह्मचर्य का पालन करने के बाद का भय, स्त्री का ठंडी, डरी हुई होना और सहयोग न देना, पर स्त्री से संभोग करते समय पकड़े जाने का भय आदि कारण होते हैं। शारीरिक कारणों में शिश्न में चोट लगना, हस्तमैथुन की आदत, मल-मूत्र आदि के वेगों को रोककर संभोग करना, शारीरिक निर्बलता, खून की कमी, हार्मोन्स की गड़बड़ी, पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरान की कमी, शिश्न मुंड का अतिसंवेदनशील होना, खट्टी, कसैली, चटपटी चीजें खाने के बाद संभोग करना, भोजन करने के तुरंत बाद संभोग में जुटना, मदिरापान, भांग, अफीम जैसी नशीली चीजें अधिक सेवन करना, अधिक धूम्रपान करना, स्वप्नदोष की अधिकता, शिश्न के रोग, पौष्टिक भोजन न करना आदि कारण होते हैं। व
शीघ्रपतन उत्पन्न होने में 90 प्रतिशत कारण मानसिक होते हैं। मानसिक कारणों में सहवास में उतावलापन, स्त्री-पुरुष के बीच प्रेम भाव की कमी, मनचाही स्त्री की जगह घृणा योग्य कुरूप स्त्री से संभोग करना, अपनी पौरुष शक्ति पर विश्वास न होना, भय या हीन भावना से ग्रस्त होना, प्रथम संभोग यानी सुहागरात की घबराहट, अनुभवहीन होना, चिंता, शोक, दुख, मानसिक तनाव की स्थिति, अधिक दिनों के अंतराल पर या लंबे समय तक ब्रह्मचर्य का पालन करने के बाद का भय, स्त्री का ठंडी, डरी हुई होना और सहयोग न देना, पर स्त्री से संभोग करते समय पकड़े जाने का भय आदि कारण होते हैं। शारीरिक कारणों में शिश्न में चोट लगना, हस्तमैथुन की आदत, मल-मूत्र आदि के वेगों को रोककर संभोग करना, शारीरिक निर्बलता, खून की कमी, हार्मोन्स की गड़बड़ी, पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरान की कमी, शिश्न मुंड का अतिसंवेदनशील होना, खट्टी, कसैली, चटपटी चीजें खाने के बाद संभोग करना, भोजन करने के तुरंत बाद संभोग में जुटना, मदिरापान, भांग, अफीम जैसी नशीली चीजें अधिक सेवन करना, अधिक धूम्रपान करना, स्वप्नदोष की अधिकता, शिश्न के रोग, पौष्टिक भोजन न करना आदि कारण होते हैं।