मनुष्य का कान किस प्रकार कार्य करता है ?Manushya Ka Kaan Kis Prakar Karya Karta Hai मानव कान कैसे काम करता है और इसकी संरचना कान के बारे में जानकारी मानव शरीर का कौन सा अंग संतुलन बनाए रखने में मदद करता है कान की संरचना और कार्य कान की जांच कैसे होती है
मनुष्य के कान के तीन भाग होते हैं :
• बाहरी कान पल्लव कहलाता है| यह परिवेश से ध्वनि को एकत्रित करता है तथा एकत्रित ध्वनि श्रवण नलिका से गुजरती है|
• इसके बाद ध्वनि श्रवण नलिका के सिरे पर तक पहुँचती है जहाँ एक पतली झिल्ली होती है जिसे कर्ण पटह या कर्ण पटह झिल्ली कहते हैं| जब माध्यम में संपीडन कर्ण तक पहुँचते हैं तो झिल्ली के बाहर की ओर लगने वाला दाब बढ़ जाता है तथा कर्ण को पटह अंदर की ओर दबाता है| इसी प्रकार विरलन के पहुँचने पर कर्ण पटह बाहर की ओर गति करता है| इस प्रकार कर्ण पटह कंपन करता है| मध्य कर्ण में विद्यमान तीन हड्डियाँ (मुग्दरक निहाई तथा वलयक) इन कंपनों को कई गुना बढ़ा देती हैं|
• आंतरिक कर्ण में कर्णावर्त द्वारा दाब परिवर्तनों को विद्युत् संकेतों में परिवर्तित कर दिया जाता है जिन्हें श्रवण तंत्रिका द्वारा मस्तिष्क तक भेज दिया जाता है और मस्तिष्क इनकी ध्वनि के रूप में व्याख्या करता है|