जैविक तथा अजैविक कारक किस प्रकार फसल उत्पादन को प्रभावित करते हैं ?जैविक और अजैविक घटकों की परिभाषा ,पर्यावरण के जैविक कारक, जैव मंडल के अजैविक घटक ,जैव और अजैव क्या है
फसलें हमारे जीवन की आधार हैं। वे जैविक और अजैविक कारकों से प्रभावित होती हैं। इनसे उनका उत्पादन और गुणवत्ता पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
(I) जैविक कारकों का प्रभाव-तरह-तरह के रोग, कीट तथा निमेटोड फसलों को प्रभावित करते हैं। सूक्ष्म जीव खाद्यान्नों को बहुत अधिक खराब करते हैं। इनके कारण अनाज के भार में कमी, अंकुरण न होना, बदरंग हो जाना, तापन तथा विषाक्त पदार्थों का उत्पन्न होना हो सकता है। फफूद, खमीर तथा जीवाणु का इन्हें पर्याप्त हानि पहुंचाते हैं। चूहे तथा पक्षी भी खाद्य पदार्थों को बहुत हानि पहुंचाने का कार्य करते हैं।
(Ii) अजैविक कारकों का प्रभाव-सूखा, क्षारता, जलाक्रांति, गर्मी, ठंड और पाला के कारण फसल उत्पादन कम हो जाता है। इनसे अनाज में संक्रमण बढ़ जाता है। एंजाइम, कीट और अन्य सूक्ष्म जीव भी इन कारकों से प्रभावित होकर अनाज को अधिक क्षति पहुंचाते हैं। सूखा पड़ने से फसलें नष्ट हो जाती हैं तो जलाक्रांति से भी उनकी जड़ें गल जाती हैं। अत्यधिक गर्मी, ठंड और पाला भी उपज को प्रभावित करते हैं