जल-स्थलचर और सरीसृप में क्या अंतर है?
जल-स्थलचर और सरीसृप में क्या अंतर है?Jal Sthalachar Aur Sarisrip Mein Kya Antar Hai
जल, स्थलचर | सरीसृप |
1. इनकी त्वचा पर श्लेष्म ग्रंथियां होती हैं तथा शल्कों का अभाव होता है।2. इनमें बाह्य कंकाल नहीं होता।
3. इनमें श्वसन गलफड़ों, त्वचा या फेफड़ों से होता है। 4. इनके हृदय में दो अलिंद और एक निलय होता 5. ये सदा जल में अंडे देते हैं जो कवच रहित होते हैं। 6. ये जल और स्थल दोनों जगह रह सकते हैं। |
1. इनका शरीर श्लकों से ढका होता है।2. इनमें हड्डियों से बना अंतः कंकाल होता है।
3. इनमें श्वसन फेफड़ों से होता है। 4. इसके हृदय में दो अलिंद और अपूर्ण रूप से बंटा हुआ निलय होता है। 5. ये स्थल पर कवच युक्त अंडे देते हैं। 6. ये प्रायः स्थल पर रहते हैं और रेंग कर चलते हैं |