पीलिया कैसे होता है पीलिया के प्रकार और उसके लक्षण और बचाव
पीलिया एक ऐसी बीमारी है जिसका यदि टाइम से इलाज न किया जाये तो किसी भी इन्सान की जान ले सकता है पीलिया एक तरह का ऐसा रोग होता है जिसमें मरीज की ऑंखें और त्वचा पीली पड़ जाती है इस स्थिति को पीलिया या जॉन्डिस कहते हैं
यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है आज हम यंहा आपको बतायेंगे की पीलिया कैसे होता है और और यह कितने प्रकार का होता है और इस बीमारी से कैसे बचा जा सकते है और इसके क्या क्या लक्षण है क्योकि यदि आप खुद बचाव रखेंगे तो ही अपने आप को सही रख पाएंगे और डॉक्टर के पास जाने की जरुरत नही पड़ेगी |
पीलिया क्या है और यह कैसे होता है
What is jaundice and how does it happen in Hindi – पीलिया एक प्रकार की बीमारी होती है इस बीमारी में इन्सान के शरीर में रक्त के अन्दर बिलीरूबीन के बढ़ जाने से त्वचा, नाखून और आंखों का रंग पीला नजर आने लगता है, इस स्थिति को पीलिया या जॉन्डिस कहते हैं
और यह एक ऐसी बीमारी जिसका यदि टाइम से इलाज न करवाया जाये तो यह बहुत बड़ी गंभीर समस्या बन सकती है यह एक ऐसी बीमारी जो किसी भी उम्र में हो सकती है और यह बीमारी कोई बहार से लगने वाली बीमारी नही है इस बीमारी का प्रमुख कारण हमारे शरीर में स्थित बिलीरुबिन नामक पदार्थ है बिलीरुबिन हमारे शरीर की रक्त कोशिकाओं में होता है
यह तब बनता है जा लाल रक्त कोशिका टूट जाती है तो क्या होता है की इन मृत कोशिका को लीवर फ़िल्टर करता रहता है लेकिन जब लीवर में कुछ दिक्कत आ जाती है तो लीवर इनको फ़िल्टर नही करता है जिस से बिलीरुबिन रक्त में ज्यादा हो जाता है और त्वचा पीली नजर आने लगती है
धीरे धीरे आंखे और उसके बाद पूरा शरीर पिला नजर आने लगता है ऐसे पीलिया होता है इस बीमारी में हमारे लीवर को सबसे ज्यादा नुकसान होता है इसका टाइम से इलाज नही होता तो यह एक जानलेवा बीमारी भी हो सकती है |
पीलिया के प्रकार – Types of Jaundice in Hindi
पीलिया कोई एक प्रकार का नही होता है पीलिया लीवर में दिक्कत आने से होता है तो यह कई प्रकार से हो सकता है मुख्य तीन प्रकार का पीलिया होता है |
1. हेपेटोसेल्यूलर पीलिया – Hepatocellular jaundice
2. हेमोलिटिक पीलिया – Hemolytic jaundice
3. ऑब्सट्रक्टिव पीलिया – Obstructive jaundice
हेपेटोसेल्यूलर पीलिया – Hepatocellular jaundice
हेपेटोसेल्यूलर पीलिया तब होता है जब इन्सान कोई कोई भी चोट लगी हो या कोई भी लीवर की बीमारी हो चोट लगने पर लाल रक्त कोशिकाए बहुत ज्यादा मृत होती है इसलिए यदि आपको किसी प्रकार की चोट लगी है तो टाइम तो टाइम पीलिये का टेस्ट करवाना चाहिए |
हेमोलिटिक पीलिया – Hemolytic jaundice
जब लाल रक्त कोशिकाओं का त्वरित विघटन होता है जब हेमोलिटिक पीलिया होने की संभावना रहती है |
ऑब्सट्रक्टिव पीलिया – Obstructive jaundice
ऑब्सट्रक्टिव पीलिया हमारी शरीर की पित नालिकाओ में रुकावट के कारण होता है क्योकि इस से बिलीरुबिन बहार नही जा पता है और शरीर के अन्दर ज्यादा हो जाता है जिस से पीलिया होता है |
पीलिया के लक्षण – Jaundice Symptoms in Hindi
यह तो सुना है की पीलिया होने से शारीर पिला दिखाई देने लगता है आंखे त्वचा सब पीले होने लगते है लेकिन और भी बहुत से लक्षण और भी होते है जो पीलिया होने पर शरीर में दिखाई देते है जैसे :
- शरीर में खुजली आने लगती है
- पेशाब पीला आने लगता है
- पेट दर्द का होने लगता है
- सिर में दर्द रहने लगता है
- कभी-कभी उल्टि भी आने लगती है
- वजन कम होने लगता है
- शरीर बहुत ज्यादा थक जाता है
- भूख नही लागती है
- बुखार रहने लगता है
- शरीर में जलन होने लगती है
तो यदि आपको ऐसे कुछ लक्ष्ण नजर आये तो एक बार पीलिये का टेस्ट जरूर करवाए और यदि आपको पहले पीलिया हो चुका है, तो उचित परीक्षण से पहले अपने रक्त का दान ना करें।
पीलिया के कारण – Jaundice Causes in Hindi
पीलिया हमारे शरीर में रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा ज्यादा होने से होता है तो लिवर के गंदगी साफ नही करता है जिस से पीलिया हो जाता है लेकिन लीवर में भी ऐसे ही दिक्कत नही आती है ऐसे बहुत से कारण होते है जिनसे लीवर में दिक्कत आती है और पीलिया हो सकता है जैसेः
- काफी दिनों तक मलेरिया होने से हो सकता है
- गिल्बर्ट सिंड्रोम से भी हो सकता है
- एसिडिटी के बढ़ जाने के कारण ।
- दवाई की अधिक मात्रा में सेवन करने से
- लिवर में घाव के कारण भी हो सकता है
- जरुरत से तीखे पदार्थो का सेवन करने से
- थैलेसीमिया से भी हो सकता है
- ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन करना ।
- स्किल सेल के कारण
- एनीमिया बीमारी से भी हो सकता है
- पित्ताशय की पथरी के कारण
पीलिया से बचाव – Prevention of Jaundice in Hindi
अगर आप एक स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो अपने लिवर को स्वस्थ रखें, शराब से दूर रहें, अच्छा और सिंपल खाना खाये और लिवर बीमारी से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार का सहारा लें लेकिन यदि ऐसी बीमारी हो भी जाये तो कुछ बातो का ध्यान रख कर आप ऐसी बीमारी से जल्दी छुटकारा पा सकते है
- पीलिया होने पर अपने शरीर के कोलेस्ट्रॉल घटाएं
- पीलिया होने पर सूरज की धूप सेके ज्यादा अन्दर न रहे
- पीलिया में शराब से जितना दूर रहेंगे उतना जल्दी ठीक होंगे
- पीलिया होने पर टाइम टाइम पर अच्छे खाना खाये
- पीलिया रोग में गर्म पानी से स्नान करे और हवा में ना जाये नहाके के अन्दर बेठे या धुप में बेठे
पीलिया का घरेलू इलाज – Home Remedies for Jaundice in Hindi
पीलिया जैसी बीमारियों के घरेलू इल्ल्ज बहुत ज्यादा होते है और उनसे ठीक भी बहुत जल्दी होते है और दिक्कत भी नही होती है आइये जानते कुछ घरेलू उपाए जिनसे यह बीमारी दूर हो सकती है |
- आंवला खाने से पीलिया जल्दी ठीक हो सकता है
- जौ पाउडर से भी पीलिया ठीक हो सकता है
- जॉन्डिस बेरी से भी पीलिये का इलाज होता है
- करेले से भी पीलिये का इलाज होता है
- टमाटर रस पीने से पीलिया जल्दी ठीक हो सकता है
- नींबू का रस पीने से पीलिया जल्दी ठीक हो सकता है
पीलिया होने पर क्या क्या करे क्या क्या खाये और क्या न खाये
पीलिया मे इन चीजो का सेवन करे
पीलिये के मरीज को ऐसी चीज खानी चाहिए जो शरीर के अन्दर जल्दी से पच जाये और शरीर को ज्यादा जोर भी न आये जैसे हरी सब्जियां और हल्के खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए और पीलिया के रोगियों को ऐसी सब्जियों के रस का सेवन करना चाहिए जो स्वाद में कड़वी होती हैं जैसे करेला।
यह रस पीलिया के मामले में बहुत फायदेमंद होते हैं। साथ ही नींबू का रस, मूली या टमाटर का रस पीना भी बहुत ही उपयोगी है। पीलिया रोगियों के लिए छाछ और नारियल के पानी का सेवन भी बहुत अच्छा है। गेहूं, अंगूर, किशमिश, बादाम, इलायची खाये |
पीलिया मे इन चीजो का सेवन ना करे
पीलिया होने पर ऐसी चीजो का सेवन न करे जो जल्दी से न पचे और उसको पचाने में शरीर को ज्यादा टाइम लागे जैसेः ज्यादा मसाले वाली नमकीन और तला हुआ भोजन से दूर रहना चाहिए। शराब तो बिलकुल ना पीनी चाहिए क्योकि यह सीधा लीवर को नुकसान करती है और ऐसे भोजन का सेवन ना करे जिसके अन्दर कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा है |
योग करे
जब पीलिया हो जाये तो अपने शरीर को ज्यादा आराम न दे यानि सोने से बचे और ज्यादा मेहनत न करें जिस से शरीर थक न जाये और योग करे ये सब पीलिया के रोग से उबरने में मदद करते है।
पीलिया जैसी बीमारी क्यो आ सकती है
पीलिया जैसी बीमारी के जन्म से सबंधित बहुत से कारण होते है जैसेः-
समय से पहले जन्म- यदि किसी बच्चे का जन्म 38 सप्ताह से पहले हो जाता है उसके अन्दर बिलीरूबिन की प्रक्रिया पूरी तरह से नहीं कर सकता है। साथ ही, वह कम खाता और कम मल करता है, जिसके कारण मल के माध्यम से कम बिलीरूबिन का सफाया हो पाता है और शरीर में ज्यादा बिलीरूबिन होने के कारण पीलिया होने के ज्यादा चांस होते है |
अच्छे से स्तनपान ना करना- नवजात शिशु को अच्छी तरह से स्तनपान ना करवाया जाये जिस से नवजात शिशु को सम्पूर्ण पोषण नहीं मिलता है जिसे से पीलिया हो सकता है |
जन्म के दौरान चोट लाग् जाना- यदि नवजात शिशु को जन्म के समय चोट लग जाती है, तो उसमें लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से बिलीरूबिन का स्तर बढ़ सकता है और लीवर बिलीरूबिन की सफाई नही कर पाता जिस से पीलिया हो सकता है|
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