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बच्चों की बीमारियाँ और उनका उपाय

बच्चों की बीमारियाँ और उनका उपाय

बच्चो बड़ो के मुकाबले बहुत कोमल, नाजुक और अबोध होते है. बच्चो की सहनशक्ति और प्रतिरक्षा शक्ति बहुत कम होती है इसी वजह से बच्चो को छोटी छोटी बीमारियाँ जल्दी लग जाती है. अगर हम अपने बच्चो के खान-पान पर ध्यान रखते है तो उनको कई रोगों से बचने में में मदद मिलती है और उनकी रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है.

आज इस आर्टिकल में मैं आपको अलग अलग बच्चों बीमारियाँ के बारे में बतायुंगी और उनको ठीक करने के घेरलू उपाय भी आपको उनके साथ बतायुंगी जिससे आप अपने बच्चे को होने वाले रोगों को दूर करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते है.

बच्चो में रोग का पता करने के लिए कुछ टिप्स

Some tips to detect diseases in children in Hindi – बच्चे मुह से बोलकर नही बता सकते की उनको क्या रोग है लेकिन छोटी छोटी चीजों का आप ध्यान में रख कर ये पता कर सकते है की उनको क्या समस्या है. जब तक हमें या डॉक्टर को रोग का पता ना लगे तब तक उसका इलाज़ नही किया जा सकता.

  • यदि बच्चा कम या ज्यादा रोये तो उसको ज्यादा तकलीफ होती है.
  • यदि बच्चा होंठ चबाये और मुठी कसे तो उसको छाती में दर्द और कम सांस लेने की समस्या हो सकती है.
  • अगर बच्चा मल मूत्र करना बंद कर दे तो उसको पेडू और गुदा में दर्द हो सकता है.
  • जब बच्चे को कहीं दर्द होता है तो वह उसको बार बार स्पर्श करता है और जब कोई दूसरा स्पर्श करता है तो वो रोने लगता है.
  • सिर दर्द होने पर बच्चा आँख बंद करके सिर को बार बार पटकता है.
  • अगर बच्चे को पेशाब ना आये और पानी ज्यादा पिए और बेहोशी जैसा हो तो बच्चे को पेडू में दर्द हो सकता है.
  • अगर बच्चे का मल मूत्र दोनों बंद हो जाए और पेट में अफारा के साथ उलटी भी आये और पेट में गुडगुड की आवाज आये तो पेट की समस्या है.
  • अगर बच्चा रोते हुए चुप न हो तो सारे शरीर में पीड़ा या आने वाली बुखार के लक्षण हो सकते है.

बच्चो में दांत निकलना

जब बच्चों के दांत निकलने शुरू होते है तो उनको इससे काफी दिक्कत होती है. ज्यादातर बच्चो को 6 महीने के बाद में दांत निकलने शुरू हो जाते है. लेकिन कुछ बच्चों को 3 महीने में ही दांत निलकने लगते है. जब बच्चो के दांत निकलने शुरू होते है तो बच्चो को लार गिरने लगती है. जब बच्चो को दांत आने लगते है तो वो चीजो की अपने मसुडो से काटने की कोशिश करते है

जिससे उनको दांतों में होनी वाली खुजली से आराम मिलता है. जब बच्चो को दांत आने शुरू होते है तो मसूड़ों में थोड़ी सुजन भी आ सकती है. कई बार बच्चे अपने कान भी खींचने लगते है क्योकि उनको जबड़े के जरिये कान में दर्द होने लगता है. अगर आपके बच्चे को भी कान में दर्द हो रहा है तो आप डॉक्टर को एक बार जरुर दिखाए.

दांत निलकने पर घरेलू उपाय

यहाँ हम आपको 4 घेरलू उपाय बता रहे है. जो आपके पास हो उससे इस्तेमाल करे है.

  • चुने में शहद मिला कर दांत निकलने वाली जगह पर आराम से लगाये.
  • संतरे का रस गरम करके 2 चमच्च बच्चे को पिलाये.
  • मक्खन और शहद मिलाकर मसूड़ों पर लगाये.
  • तुलसी के पत्तों के रस से बच्चे के मसुडो की मालिश करे.

पसली चलना

आजकल ये समस्या बहुत ज्यादा है लेकिन माँ बाप को इस समस्या का पता नही होता है की यह क्या चीज है. यह ज्यादातर सर्दियों में बच्चो को हो जाती है. जब बच्चो की सर्दी लग जाती है तो पसली चलने लग जाती है. इस रोग में बच्चो को लगातार छींकें आती है, नाक बहने लगती है और सांस भी तेज़ चलती है. साँस सही ढंग से ना आने पर बच्चा रोता रहता है.

पसली चलना पर घेरलू उपाय

  • भुनी पिप्पली का जरा-सा चूर्ण शहद में मिलाकर बच्चे को चटाएं.
  • रबड़ की थैली में गरम पानी भरकर पसली पर जगह पर सेंकाई करे.
  • सरसों का तेल गरम करके उसमें थोडा-सा नमक दाल लें और फिर उस तेल की मालिश करे.
  • 1 चुटकी गोरोचन को माँ के दूध मिलाकर 2-2 घंटे में बच्चे को चटाएं.
  • अमलतास की फली जलाकर उसका बारीक चूर्ण बना लें. बच्चे की पसली चलने पर उसे चुटकी चूर्ण चटाकर थोडा-सा पानी पिला दें.
  • नागरमोथा, क्षार, अतिस, सुहागा, और बड़ी हरड इन सबको 1-1 टोला लेकर थोड़े से पानी में घोटकर बच्चे को दिन में 2-3 बार चटाएं.

साधारण खांसी

बच्चो को मौसम बदलने पर खांसी हो जाना आम सी बात है. जब बच्चो को खांसी हो जाए तो वो खाने पीने से मुह मोड़ने लगता है जिससे उनकी तबियत और ज्यादा खराब हो जाती है.

साधारण खांसी होने पर घेरलू उपाय

  • हल्दी, दारू हल्दी, मुलहठी, कटेरी और इंद्रजो इन सबका काढा बनाकर दिन में 3 बार 1-1 चम्मच बच्चे को पिलाये.
  • धनिया और मिस्री को पीसकर चावल के पानी के साथ पिलाए.
  • दाख, पीपल और सौंठ का चूर्ण शहद या घी में मिलाकर चटाए.
  • लहसुन की कली को पानी में घिसकर बच्चे को पिलाये.
  • कपूर को सरसों के तेल में डालकर गरम करके बच्चे की छाती पर मालिश करे.
  • 1 रत्ती बंसलोचन पीसकर उसे शहद के साथ बच्चे को चटाए.

काली खांसी Hooping cough

काली खांसी एक संक्रामक रोग है. यह बच्चो के लिए बहुत घातक रोग है अगर इसका समय पर इलाज़ ना किया जाए तो इससे बहुत ज्यादा समस्या हो सकती है इसीलिए इसका इलाज़ जितना जल्दी हो सके कर लेना चाहिए. हम आपको यहाँ पर शुरवाती काली खांसी होने पर दिए जाने वाले नुश्खो के बारे में बता रहे है अगर दिक्कत ज्यादा हो तो आप डॉक्टर से बात करे.

काली खांसी ठीक के लिए घेरलू उपाय

  • लहसुन का ताज़ा रस 10 बूंद, शहद, 3 ग्राम और 3 ग्राम पानी इन सबको मिलाकर बच्चे को दिन में 3-4 बार चटाएं.
  • 10 ग्राम अजवायन और 3 ग्राम नमक को बारीक पिस कर इसको 40 ग्राम शहद में मिलाकर रखे और इसे दिन में 3-4 बार थोडा थोडा चटाए.
  • पुराने देशी घी में थोडा सा कपूर मिलाकर बच्चे की छाती पर लगाये.
  • 1-1 रत्ती नौसादर और छोटी पीपल को बारीक पीसकर शहद के साथ दें.
  • भुनी हुई फिटकरी 1 रत्ती औ चीनी 1 रत्ती इन दोनों को मिलाकर दिन में 3 बार बच्चे को चटाए. इस उपाय को लगातार 5 दिन तक करे.
  • मकई के तवे पर जलाकर 2 रत्ती की मात्रा में शहद के साथ दिन में 2-3 बार चटाए.
  • सितोपलादी चूर्ण को शहद में मिलाकर रोजाना 2-3 बार बच्चे को चटाए

अतिसार (Diarrhea)

अतिसार यानी के डायरिया होने के कई कारण हो सकते है जैसे वायरस,बैक्टीरिया, परजीवी और कुछ आहारों ना पच पाना. यह एक बच्चे से दुसरे बच्चे को भी हो सकता है.

इसका इलाज जितना जल्दी हो सके उतना ही अच्छा है. इसमें बच्चे के पेट में दर्द या ऐंठन, पतले या ढीले दस्त, उल्टी, मल में रक्त, आँव, बिना पचा भोजन आना, बुखार, सिरदर्द, मुँह सूखना और प्यास लगना, भूख में कमी जैसी समस्या हो सकती है. अगर समस्या ज्यादा हो तो आप डॉक्टर से बात करे.

अतिसार (Diarrhea) के लिए घेरलू उपाय

  • आम की गुठली पानी में घिसकर नाभि पर लगाये.
  • 1 रत्ती हिंग में माशा कपूर मिलाकर पानी के साथ दें.
  • जामुन का ताजा रस बकरी के दूध में मिलाकर पिलाए.
  • नारंगी का रस दूध में मिलाकर बच्चे को चटाए.
  • बेलगिरी, कत्था और अनार के छिलके को बराबर मात्रा में मिलाकर कर चूर्ण बना ले और इसको कपडछन कर ले. इसको बच्चे को दस्त लगने पर दे. जब बच्चे को दांत निकल रहे हो तो भी इसको दे सकते है.
  • 1 ग्राम सौंफ, 1/2 ग्राम जायफल और 1 ग्राम अजवायन को मिलाकर अच्छे से पीसकर रखे. इस पाउडर को 2-4 ग्राम सौंफ के अर्क के साथ देने पर बच्चो को बदहजमी की वजह से होने वाले दस्त में आराम मिलता है.
  • जामुन की गुठली की मींग मट्ठे में पीसकर सुबह शाम बच्चे को दे.

पेट दर्द Stomach pain

बच्चे जब उल्टा सीधा खा लेते है तो उनको कभी कभार पेट दर्द होने लगता है. अगर लम्बे टाइम तक पेट दर्द रहे तो उनको बुखार भी हो सकती है इसलिए इसका इलाज़ जल्दी करवा लेना चाहिए. अब हम आपको बच्चे को पेट दर्द होने पर तुरंत देने वाले घेरलू नुस्खे के बारे में बता रहे है.

पेट दर्द को ठीक करने के लिए घेरलू उपाय

  • 1 चुटकी हरद का चूर्ण गरम पानी के साथ बच्चे को रोजाना 2-3 बार दें.
  • 2 लौंग का चूर्ण पानी में मिल्लकर बच्चे को पिलाये.
  • जायफल, बच, और आम की गुठली को मिलाकर पानी में घीस लें और इसको बच्चे को पिलाये.
  • अमलतास का गुदा नाभि के चारों और लगाने पर अफारा और पेट दर्द कम हो जाता है.
  • प्याज को आग पर भुनकर और उसका अर्क निकालकर बच्चे को पिलाये.
  • सौंग का फांट पिलाने से बच्चे का अजीर्ण और पेट दर्द दूर हो जाता है.

गुदाभ्रंश Anal fissure

यह नार्मल समस्या नही है और यह हर बच्चे में नही होती है कुछ माँ बाप को यह क्या होती है इसका पता नही होता है. जब बच्चा मल त्याग के लिए जाता है तो उसका गुदा बाहर निकल जाए तो उसको गुदाभ्रंश कहते है. जिसको हम अपनी भाषा में कांच निलकना भी कहते है. बच्चो का गुदा इतना मजबूत नही होता है इसीलिए बच्चो में यह समस्या ज्यादा होती है.

इसको ठीक करने के लिए आपको गुदाद्वार पर अमरूद के पत्तो को पीसकर लुगदी बना कर बांधना है. आप जितना जल्दी इस उपाय को करेंगे यह रोग उतना ही जल्दी ठीक हो जायेगा

बिस्तर में पेशाब करना

Peeing the bed in Hindi – पाचन क्रिया खराब होने से  बच्चे बिस्तर में पेशाब करना शुर कर देते है. कई बार जब बच्चे ज्यादा खाना खा लेते है तो भी यह समस्या हो सकती है.

या जब बच्चो के पेट में कीड़े हो जाए तब भी ऐसा हो सकता है. या पेशाब की नाली में इन्फेक्शन होने की वजह से भी बार बार पेशाब और बिस्तर में पेशाब करने की प्रोब्ल्मम हो सकती है.

बिस्तर में पेशाब होने से रोकने के लिए उपाय

  • नित्य 2 छुहारे खिलाने से बच्चा बिस्तर में पेशाब करना बंद कर देगा.
  • जामुन की गुठली का चूर्ण पानी के साथ बच्चे को खिलाये.
  • रोजाना रात्रिकाल सोते समय बच्चे को 2 हफ्ते तक 2 अखरोट और 5-7 किशमिश खिलाये.
  • आंवला, काला जीरा, और मिस्री का संभाग चूर्ण रात को खिलाए.
  • 50 ग्राम काले तिल और 50 ग्राम गुड- दोनों को मिलाकर 10-10 ग्राम सुबह शाम दे.

मिट्टी खाने की आदत

Habit of eating soil in Hindi – मिट्टी खाने की आदत बच्चो में 2 साल बाद तक देखने की मिल सकती है यह समस्या बच्चो में कैल्शियम की कमी की वजह से भी हो सकती है. इस समस्या को दूर करने के लिए आप बच्चे का test भी करवा सकते है

की कहीं बच्चे में कैल्शियम की कमी तो नही है. कई बार ये आदत बन जाती है. हम आपको निच्चे बच्चो की मिट्टी खाने के आदत छुटवाने के लिए कुछ घेरलू उपाय बता रहे.

मिट्टी खाने की छुटवाने के लिए आदत उपाय

  • बच्चे को 5 ग्राम शहद के साथ 1 केला रोजाना खिलाये.
  • देशी ghee में गेरू तलकर बच्चे को खिलाए.
  • बच्चे को रोजाना कैल्शियम की गोली भी खिला सकते है.

सुखा रोग Rickets

यह रोग बच्चो में होता है जब बच्चो की हड्डियाँ कमजोर और पतली रह जाती है तो इसे सुखा रोग कहते है. इसकी वजह से पैरो में टेढ़ापन knock knee और bow leg जैसी समस्या हो सकती है. इसके अलावा इसमें हड्डियों में दर्द भी रहने लगता है.

सुखा रोग के उपाय

  • बच्चे को सुबह शाम 2-2 चम्मच पपीते का रस पिलाए.
  • 1 चमच्च मकोय के पत्तों का रस निकाल कर फिर उस रस में 2 रत्ती कपूर मिला कर सुबह शाम चटाए.
  • सौंफ के अर्क में छोटी पीपल घिसकर दे.
  • हरी गिलोय के रंग में बालक का कुरता रंगकर सुखा दे. सूखने के बाद में बच्चे को पहनाये.
  • मीठी जदवार और सर्पगंधा को बराबर मात्रा में मिलाकर बारीक पीसकर छान ले. 1/4-1/2 ग्राम दवा को माँ के दूध में या गुलाब जल में लगातार 40 दिनों तक खिलाये.
  • 1 चम्मच जामुन का रस लेकर उसमे 1/2 चम्मच सिरका मिलाकर 4 खुराक करके 4 बारे में दे.
  • रात को मुली की फांको में नौसादर मिलाकर रख दे और इसे सुबह बच्चे को खिलाये.

पेट के कीड़े Stomach bug

पेट के कीड़ो की समस्या ज्यादातर बच्चो में ही होती है. पेट की कीड़ो की वजह से बार बार पेट में दर्द होने लगता है या बच्चा बार बार टॉयलेट जाने के लिए कहता है. पेट में कीड़े होने के वजह से भूख कम लगने लगती है

और पाचन तंत्र भी गड़बड़ा जाता है. इसकी वजह से कुछ खाया पिया भी नही लगता जिसकी वजह से शरीर पतला होने लगता है. चलिए अब बाते करते है पेट के कीड़े के इलाज के बारे में.

पेट के कीड़े के इलाज के उपाय

  • 1 औन्स ताजा आंवले का हर रोज सुअभ 5 दिनों तक पिलाए.
  • अन्नानास और अनार का रस भी कीड़ो को बाहर निकालने के लिए अच्छा है.
  • 1-1 चम्मच प्याज का रस 2-2 घंटे के अन्तर में पिलाए.
  • 1 हफ्ते तक बच्चे को अखरोट खिलाकर उपर से दूध पिला दे.
  • दिन में 2-3 बार अल्प मात्रा में शहतूत का शरबत पिलाए.
  • 1/2 ग्राम अजवायन का चूर्ण और 1/2 ग्राम गुड को मिलाकर छोटी छोटी गोलियां बना ले. इस गोली को दिन में 3 बार 1-1 गोली करके 3 साल से 5 साल के बच्चे को दे.
  • गर्म पानी में 1/2 चम्मच हल्दी डालकर 1 हफ्ते तक बच्चे को पिलाये.
  • टमाटर के टुकड़े पर पीसी काली मिर्च और काला नमक लगाकर बच्चे को खिलाये.

हकलाना Stammer

हकलाना बच्चो में ही ज्यादातर होता है जिसकी वजह से बच्चो में आत्मविश्वास की कमी हो जाती है और बच्चे बोलने से कतराने लगते है. हकलाना के आम भाषण विकार है. आयुर्वेद में इसका इलाज़ संभव है जिसके बारे में आज हम आपको निचे बता रहे है.

हकलाना दूर करने के उपाय

  • सत्यानाशी का दूध बच्चे की जुबान पर लगाये.
  • बच्चे को हर रोज सुबह मक्खन में काली मिर्च का चूर्ण डालकर खिलाये.
  • दालचीनी का टुकड़ा बच्चे के मुह में डालकर बच्चे को चूसने के लिए कहे.
  • शहद में फुला सुहागा मिलकर बच्चे की जुबान पर धीरे धीरे रगड़े.
  • हरा धनिया और अमलतास का गुदा पीसकर उसके पानी से 21 दिनों तक कुल्ले कराए.

तुतलाना Stammer

तुतलाना और हकलाना दोनों ही भाषण विकार है लेकिन यह दोनों एक दुसरे से अलग है. तुतलाने में बच्चे के शब्द का पता नही लग पाता है. इन दोनों के लिए डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नही है इनका इलाज़ सिर्फ आयुर्वेद से ही संभव है.

अगर इनका उपचार सही ढंग से ना किया जाए तो यह समय के साथ बढ़ने लगता है. तो अब हम आपको तुतलाना दूर करने के लिए कुछ देशी नुस्खे बता रहे है.

तुतलाना कैसे दूर करे?

  • 7 बादाम की गिरी और 7 काली मिर्च को कुछ बूंद पानी डालकर घिस ले और इसमें मिस्री मिलाकर हर रोज सुबह बच्चे को खाली पेट खिलाये.
  • हरा आंवला हर रोज कुछ दिनों तक चबाने से बच्चे का तुतलाना बंद हो जाता है.
  • तेजपात को जुबान के निचे रखने से भी तोतलापन दूर हो जाता है.

जल की कमी water shortage

बच्चो और बड़ो में पानी की कमी होना आम बात है. इसका इ;आज तुरंत किया जाना चाहिए नही तो यह गंभीर समस्या बन सकती है. बच्चो में होट सूखे होना, गहरा पीला पेशाब और बिना आँसू के रोने जैसे लक्षण देखने को मिलते है. यह तेज़ बुखार, दस्त और उलटी की वजह से हो सकता है. अगर बच्चे को तेज़ बुखार और दस्त की शिकायत है तो जल की पूर्ति पूरी रखे.

जल की कमी को पूरा करने के उपाय

  • दूध में ग्लूकोज मिला कर देने से बच्चे में पानी की कमी पूरी हो जाती है.
  • नारियल का पानी पिलाने से भी बहुत लाभ मिलता है.
  • निम्बू की श्क्न्जी भी जल की कमी को पूरा करती है.

निष्कर्ष

यहाँ हमने आपको कुछ घेरलू उपाय बताये जिसकी मदद से आप बच्चो में होने वाले रोगों को रोकथाम कर सकते है. अगर आपको दिक्कत ज्यादा लगती है तो आप डॉक्टर से बात करे. यहाँ बताये गए उप्पे शुरुवाती रोगों के लिए है.

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