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ATM का आविष्कार किसने किया

ATM का आविष्कार किसने किया

आजकल लगभग सभी काम ऑनलाइन होने लगी है ब्लैक मनी को रोकने के लिए बहुत से ऐसे काम की गई जिसके दवारा की ब्लैकमनी को रोका जा सके ब्लैक मनी या नहीं चोरी धोखाधड़ी से कमाया गया पैसा लोग अपने पैसे को दूसरे देशों में रख देते हैं और फिर उसको वहां से निकलवा लेते हैं

हमारे देश में पिछले साल 500 और 1000 के पुराने नोटों को बंद कर दिया गया था जिसे की ब्लैकमनी को रोकने में बहुत फायदा मिला और नकली नोटों का भी पूरी तरह से काम बंद कर दिया गया और उस समय में हमेशा से ज्यादा एक चीज काम आई थी

उस चीज का नाम है ATM जी हां दोस्तों ATM एक एसी मशीन है जिसके द्वारा हम उसके अंदर ATM कार्ड डालकर पैसे निकलवा और जमा भी करवा सकते हैं ATM हम कहें तो एक किस्म का बैंक ही होता है लेकिन वह भी बैंक के द्वारा ही जारी किया जाता है ATM मशीन का वैसे तो हमें बहुत फायदा है

लेकिन हम जो कागज संबंधित बैंक के काम होते हैं और वह ATM से नहीं कर सकते हैं पैसे पैसे निकलवाने और जमा करवाने के लिए ATM का बहुत ही फायदा है ATM से हम पैसे निकलवा लेते हैं और बैंक में जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती और एटीएम बहुत सी ऐसी जगह पर भी होते हैं जहां पर बैंक ऐसा भी मिले

और हमें बैंक में तो बहुत ही दिक्कत का सामना करना पड़ता है जब पैसे निकल जाते हैं उसके लिए हमें क्या करना पड़ता है फिर से चेक करवाना पड़ता है तब जाकर हमें पैसे मिलते हैं लेकिन अगर आपके पास ATM कार्ड है तो आप ATM से अपना पैसा कभी भी निकलवा सकते हैं और भारत में ATM लगभग 24 घंटे उपलब्ध मिलते हैं

और अगर नहीं भी मिलते तो बैंक से तो ज्यादा समय ही खुले मिलते हैं तो एटीएम का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है आज हम आपको ATM के बारे में कुछ जानकारी देंगे आपके लिए जानकारी जानना ही आवश्यक है तो ATM का आविष्कार किसने किया और एटीएम क्या है यह हम आपको नीचे बता रहे हैं तो आप इस जानकारी जानकारी को ध्यान से पढ़ें

ATM का आविष्कार किसने किया

Who invented ATM? in Hindi – एटीएम (ATM) का पूरा नाम सब लोग जानते है वो है -ऑटोमेटेड टेलर मशीन (Automated teller machine ) और  यह मशीन एक ऐसी स्वचालित व कंप्यूटरीकृत मशीन है जो ग्राहकों को वित्तीय हस्तांतरण से जुड़ी सेवाएं उपलब्ध कराता है जिसमे हम रुपए निकल और जमा कर सकते है

बस अपना एटीएम कार्ड डालो और पिन कोड भरो और रुपए निकाल सकते है जितने चाहे पर इनकी एक लिमिट होती है की एक दिन में उस लिमिट से ज्यादा रुपए नही निकाल सकते है  इस हस्तांतरण प्रक्रिया में ग्राहक को कैशियर, क्लर्क या बैंक टैलर की मदद की आवश्यकता नहीं होती है और शुरु में करीब  1960 के दशक में इसे बैंकोग्राफ के नाम से जाना जाता था

मौटे मौर, लंदन और न्यूयॉर्क में सबसे पहले इससे प्रयोग में लाए जाने के उल्लेख मिलते हैं और शुरु में एटीएम बनाने का विचार समांनातर तौर जापान, स्वीडन, अमेरिका और इंग्लैंड में जन्मा और विकसित हुआ लेकिन मौटे मौर, लंदन और न्यूयॉर्क में सबसे पहले इससे प्रयोग में लाए गये थेइसके आविष्कार का श्रेय ‘लूथर जार्ज सिमियन’ नाम के एक अमेरिकी नागरिक को जाता है

उसने 1939 में ही एटीएम की अवधारणा वाली मशीन तैयार कर ली थी जिसका नाम उसने ‘बैंक मेटिक’ रखा था ‘जून 1960’ में इसके पेटेंट के लिए आवेदन किया । और फरवरी 1960 को उसे इसका पेटेंट मिल भी गया और फिर  1961 में सिटी बैंक ऑफ न्यूयॉर्क ने न्यूयॉर्क शहर में ग्राहकों की सेवा में चालू किया था

लेकिन उस टाइम पे लोगो को इसके बारे में पता नही था तो ग्राहकों ने तब इसे अस्वीकृत कर दिया था इस कारण छह माह के बाद ही इससे हटा लिया गया था लेकिन बाद में टोक्यो जापान में 1966 में इसका उपयोग शुरु किया और लोगो ने इसका बहुत लाभ प्राप्त हुआ तो इन मशीन में कुछ बदलाव करके इनको आधुनिक बनाया गया और  आधुनिक एटीएम की सबसे पहली पीढ़ी का प्रयोग 27 जून, 1967 में लंदन के बार्केले बैंक ने किया था  उस समय आज के एटीएम कार्ड के बजाए क्रेडिट कार्ड के जरिए इसकी सेवाओं का उपयोग किया जाता था। इसके पहले ग्राहक कॉमेडी एक्टर रेग वरने बने थे पहला एटीएम कार्ड लंदन में बार्कलेज द्वारा 1967 में जारी किए गए थे।

ग्राहकों के लिए बैंकों से रुपयों की निकासी सरल बनाने हेतु एटीएम मशीनों को लागू किया गया था लेकिन इन एटीएम मशीनों में भी कई समस्याएं आती रहती हैं  इसका संभावित कुछ हद तक कारण बैंकों में चाइनीज कंप्यूटर तकनीक का प्रयोग माना जा रहा है इनके कारण ग्राहकों को कई बार परेशानी उठानी पड़ जाती है।

मशीन से कभी नकली नोट निकल आते हैं तो कभी बिना नोट निकले ही निकाले गए रुपयों की खाली रसीद बाहर दिखा देती है कई बार किसी एटीएम मशीन से नकली नोट निकल पड़ते हैं और बैंक इनकी कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होता। कई बार जब एटीएम मशीन खाते से रुपये तो निकाले दिखा देती है लेकिन नकदी मशीन से बाहर नहीं आती

या कभी कम ही निकालती है। ऐसी शिकायतों के लिये ग्राहक बैंक में पूछताछ करते हैं तो बैंक अपने काल सेंटर का नंबर थमा देते हैं। टोल फ्री नंबर पर चलाए जा रहे इस काल सेंटर की लाइन मिलना ही पहले तो मुश्किल है और मिल भी जाए तो आधे घंटे की बातचीत के बावजूद ग्राहक को राहत नहीं मिल पाती.

एटीएम का किराया तो बैंक लेते है पर इनका रख रखाव बहुत ज्यादा होता जैसे एटीएम में नकदी भरना, दो बार दिन में एटीएम परिसर की सफाई, एयरकंडीशन का चालू रहना, एटीएम मशीन का जीरो डाउन होना, सुरक्षा की दृष्टि से दृश्य और अदृश्य कैमरों का चालू रहना, एटीएम से हर प्रचालन की पर्ची निकलना, दरवाजे का बंद रहना

ताकि एक समय में एक ग्राहक एटीएम में रहे, रात में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था, सुरक्षा के लिये गार्ड आदि आज एटीएम का उपयोग बढ़ता ही जा रहा है लोगो रुपए के लिए ने तो बैंक पड़ता और न ही ज्यादा समय लगता है बस कार्ड लगाओ और रुपए निकलते है और आज तो सारी खरीददारी भी कार्ड से कर सकते है.

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इस पोस्ट में आपको atm ke avishkarak atm ki khoj kisne kiya atm ka aviskar kab hua tha atm ka aavishkar kisne kiya के बारे में बताया गया है

हमारे द्वारा बताई गई ATM के बारे में जानकारी और एटीएम का आविष्कार के बारे में यह जानकारी आपको यदि पसंद आए तो शेयर करना ना भूले और यदि आपको इसके बारे में कोई सवाल है सुझाव हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं

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