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जानें हार्ट अटैक क्यों आता है हार्ट अटैक के लक्षण और उपाय

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आज के समय में हमारा खान-पान भी खराब हो चुका हैं. और बहुत ज्यादा प्रदूषण भी हो चुका हैं. इसके कारण बहुत ज्यादा बीमारियां आ चुकी हैं. और कई बार हम कुछ ऐसा खा लेते हैं. जिससे हमारे शरीर में और ज्यादा बीमारियों का खतरा बना बन जाता है.आज के समय में हम जिस किसी को भी देखते हैं.

उसको हर एक नई बीमारी मिल जाएगी क्योंकि आज का समय ही ऐसा होता है. कि हमें बहुत ज्यादा बीमारियां होती है. लेकिन हमें अपना ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि हमारे शरीर में कुछ ऐसी चीजें होती हैं. जो हमारे जीवित रहने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है.

जैसे हमारे शरीर में सबसे महत्वपूर्ण चीज हृदय होता है. और हृदय अगर एक सेकेंड भी काम करना बंद कर दे तो हम मर जाते हैं. क्योंकि हमारा हृदय 24 घंटे लगातार चलता रहता हैं. वह 1 सेकंड भी नहीं रुकता और जिस दिन हमारा हृदय रुक जाता है. उस दिन हम मर जाएंगे तो हमें हमारे हृदय का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है.

हृदय क्या हैं इसमें कैसी बीमारी होती है

What is heart and what kind of disease occurs in it in Hindi – जैसा की हमने आपको ऊपर भी होता हैं. और आप सभी भी जानते हैं. मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण भाग हृदय होता हैं. और हृदय में अगर 1 सेकंड भी कुछ दिक्कत आ जाती है.

तो हमारी मृत्यु हो जाती हैं. लेकिन हमारे देश में लगभग 20 lakh से भी ज्यादा लोग हृदय  हृदय रोग ग्रसित है. और हर एक 33 सेकेंड में एक आदमी की मौत हृदय रोग के कारण हो जाती है.

इसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह हैं. कि हृदय रोग से संबंधित मरने वालों की संख्या भारत में सबसे ज्यादा है. और दुनिया में ऐसा कोई भी देश नहीं है. जहां पर इतनी ज्यादा मौत हृदय रोग के कारण होती है. हृदय एक मस्क्युलर ऑर्गन है. यह एक पंप की तरह होता है. और लगातार यह हमारे शरीर में पंपिंग शुरू करता रहता है.

और हमारा हृदय एक पल भी नहीं रुकता है. और हृदय को लगातार पंप करते रहने के लिए ब्लड सरकुलेशन की जरूरत होती है. और अपनी पंपिंग करने के लिए और इसके अलावा उसको ऑक्सीजन और इसके अलावा हृदय की मांसपेशियों को भोजन की जरूरत होती है. यह हृदय की जरूरत की चीजें होती है. जो लगातार उसको पंप करने के लिए आवश्यक होती है.

और जब हमारे हृदय के ब्लड सरकुलेशन में किसी प्रकार की दिक्कत आती है. या उसकी मांसपेशियों को ठीक तरह ऑक्सीजन नहीं पहुंचती है. तो हमें हृदय में कुछ दिक्कत होना शुरू हो जाती है.

या हमारे हृदय की मांसपेशियों किसी भी तरह की दिक्कत आती है. तो उस समय हमारे हृदय की मांसपेशियां जो नस होती है. रुकना शुरू हो जाती है. और धीरे-धीरे ऐसे रुकते रुकते वह एकदम बंद हो जाती है. जिससे हमें हार्ट अटैक आता है. और उसे मनुष्य की मृत्यु हो जाती है.

किसी भी इंसान को हार्ट अटैक आने का कारण उसकी हृदय की नस का एकदम से ब्लॉक हो जाना रुक जाना ही होता है. जिसके कारण हृदय ठीक से पंपिंग नहीं कर पाता है. क्योंकि उसको ब्लड सरकुलेशन चाहिए होता हैं. और फिर हमारी मौत हो जाती है. या हमें हार्ट अटैक आ जाता है.

हृदय की नस ब्लॉक कैसे होते हैं

How do heart vein blocks occur? in Hindi – हमारे शरीर के हृदय के अंदर नस का ब्लॉक होना कई तरह से हो सकता हैं. लेकिन हमारा हृदय फिर भी काम करता रहता है. और जब हमारे हृदय की नस बिल्कुल ब्लॉक हो जाती है. उसके बाद हमारे हृदय का काम रुक जाता हैं. और हमें हार्टअटैक आता हैं. नस ब्लॉक होना. जैसे

1.नस ब्लॉक होने का सबसे मुख्य कारण कभी पता भी नहीं चल पाता हैं. लेकिन कई बार हमारे शरीर में ब्लड सरकुलेशन में दिक्कत आती हैं. तो हमारी नस रुक जाती है.
2.कई बार हमारे हृदय तक ठीक तरह से ऑक्सीजन न पहुंचने के कारण हमारे हृदय के ब्लड सरकुलेशन में दिक्कत आ जाती है.
3.कई बार जब हमारा एक्सीडेंट होता है. तो हमारे हृदय के ऊपर गुम चोट लगती है. जिससे हमारे शरीर के नस का नस के अंदर खून एकदम से जमा हो जाता हैं. वह उसकी गांठ बन जाती है. और उसके कारण हमारे हृदय में दिक्कत आना शुरू हो जाती है.

अगर आपके हृदय में किसी भी तरह की कोई दिक्कत हो रही हैं. तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए और एंजियोग्राफी करवानी चाहिए

एंजियोग्राफी क्या है

what is angiography in Hindi – जब किसी इंसान को हृदय में दिक्कत होती हैं. तो डॉक्टर उसको एंजियोग्राफी करवाने की सलाह देते हैं.उस इंसान की हाथ की नस की एंजियोग्राफी कि जाती है. एंजियोग्राफी करने के बाद मरीज 1 घंटे के अंदर ही अपने घर पर जा सकता है. यदि उसके हृदय की नस बिल्कुल ठीक है.

एंजोग्राफी सिर्फ डायग्नोस्टिक चेकउप होता है. जिसमें डॉक्टर दवाई देकर हृदय की नाड़ी के अंदर जांच करते हैं. कि हृदय की नस में किसी प्रकार की रुकावट तो नहीं है.

यदि डॉक्टर को एक बार पता चल जाता है. कि हृदय की नस के अंदर किसी भी तरह की दिक्कत हैं. तो उसके बाद डॉक्टर यह तय करते हैं. कि उस नस में कितनी प्रतिशत रुकावट है.

एंजियोग्राफी के बाद

After angiography in Hindi – एंजोग्राफी करते हैं. और हमारे हृदय के अंदर किसी तरह की दिक्कत है. तो उसके बाद डॉक्टर यह तय करते हैं. कि हमारे हृदय के अंदर कितने प्रतिशत दिक्कत हैं. यदि हमारे हृदय में 70% से ज्यादा दिक्कत हैं. तो उसके बाद एंजोप्लास्टी या बाईपास की सलाह दी जाती है.

यदि हृदय की नाडी 70% से कम ब्लॉक है. तो डॉक्टर लगभग उस दिक्कत को दवाइयों के साथ ठीक कर सकते हैं. और कभी-कभी 70% से ज्यादा दिक्कत आने पर भी दवाइयों के साथ ठीक की जा सकती है. लेकिन यह मरीज के ऊपर ही निर्भर करता है.

अगर एक बार यह तय हो जाता है. कि मरीज की एंजोप्लास्टी करनी है.तो डॉक्टर उसी हाथ की नाड़ी में एक तार डालकर रुकावट के अवरोध को ठीक करते हैं.

अवरोध खोलने के बाद

After opening the barrier in Hindi – जब डॉक्टर एंजोप्लास्टी के साथ करके अवरोध को खोल देते हैं. तो उसके बाद डॉक्टर छल्ले या रिंग उस अवरोध वाली जगह पर डाल दिया जाता है. और इसके बारे में हमने बहुत बार सुना भी होगा जिस आदमी को हार्ट अटैक आता हैं. उसको कई बार रिंग या छल्ला डाल दिया जाता है.

तो उस रुकावट वाली जगह पर छल्ला डाल दिया जाता है. और उस छल्ले का काम यह होता है. कि यह रुकावट वाली जगह पर नाडी को खुला रखता हैं. ताकि हमारा ब्लड सरकुलेशन लगातार चलता रहे और दोबारा उस जगह पर नस ब्लॉक होने की दिक्कत पैदा ना हो.

लेकिन हम आपको यह जरूर बता देते हैं.. कि यदि आप एक बार छल्ला डाल दिया जाता है. तो 100 प्रतिशत गारंटी कभी नहीं होती कि वहां पर दोबारा रुकावट नहीं होगी पूरी दुनिया में 1 से 2% लोगों में चला डालने के बाद रुकावट आ जाती है.

यह प्रतिशत उन लोगों में जो अच्छी तरह से दवाई लेते हैं. परहेज करते हैं. और अपनी एक्सरसाइज करते हैं. यदि आप परहेज करने में कमी करते हैं. और दवाई लेने में कतराते हैं. तो आपको इससे ज्यादा भी चांस बढ़ सकते हैं.

स्टंट और बाईपास

stunt and bypass in Hindi – स्टंट डालने की विधि एंजोप्लास्टी करने के बाद की होती है. यदि एक मरीज कि एक नस के अंदर रुकावट  जाती है.कई बार मरीज की एक नस के अंदर भी रुकावट आ जाती है  उसके अंदर भी स्टंट डाल सकता है. दो नस के अंदर भी स्टंट डाल सकता है. और कभी-कभी तीनों नाड़ी के अंदर भी स्टंट डाला जा सकता है.

कभी-कभी एक नाड़ी में एक से ज्यादा दो या तीन स्टंट भी डाले जा सकते हैं. लेकिन यह सभी मरीज की नाड़ी के ऊपर निर्भर करता है. कि उसकी नाड़ी कितनी दूर तक ब्लॉक है. उसकी नाड़ी एक जगह से ब्लॉक हैं. दो या तीन जगह से है. जितनी भी जगह से उसकी नाड़ी ब्लाक होगी उतने ही स्टंट डाले जाएंगे.

यह निर्णय डॉक्टर एक बार एंजोप्लास्टी करने के बाद लेता है.लेकिन यह मरीज की हालत को देखकर लिया जाता है. यदि एक ही नाड़ी में ब्लॉक है. तो नॉर्मल डाला जाता है. और यदि उल्टी साइड में नाड़ी के अंदर रुकावट है. तो उसमें बाईपास के तौर पर मुख्य रूप से स्टंट के लिए सलाह दी जाती है.

क्या स्टंट डालने से सफलता  हो सकता है

Can stunting lead to success? in Hindi – जहां तक स्टंट की सफलता की बात हैं. तो एक बार एक नाड़ी में स्टंट डालने के बाद तो डॉक्टर दोबारा से यह जांच करते हैं. कि उस स्टंट के अंदर से ब्लड की स्पीड कितनी है.

क्योंकि उसमें ब्लड की गति तीव्र होनी चाहिए. और यदि एक बार उसके अंदर से ब्लड तीव्र गति से शुरू हो जाता है. तो उसके बाद यह कहा जा सकता है. कि एंजोप्लास्टी स्टंट सफल है.

तो आज हमने आपको इस पोस्ट में हार्ट अटैक सिम्पटम्स हार्ट अटैक होने के कारण हार्ट अटैक से कैसे बचें हार्ट अटैक के लक्षण इन हिंदी हार्ट अटैक का इलाज हार्ट अटैक क्या हैं.

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