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सूर्यावर्त्त आधासीसी माइग्रेन के लक्षण और उपाय

सूर्यावर्त्त आधासीसी माइग्रेन के लक्षण और उपाय

अविभेदक/आधासीसी/आधे सिर का दर्द –  दुनिया की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम कुछ ऐसी छोटी बड़ी गलतियां कर देते हैं जिनकी बाद में हमें ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है और इनसे हमें कुछ ऐसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है जिनसे हमें आगे चलकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है कई बार इन छोटी-छोटी गलतियों के कारण से कई रोग भी उत्पन्न हो जाते हैं तो आज के इस ब्लॉग में हम इसी तरह की एक बीमारी के बारे में बात करने जा रहे हैं आज किस ब्लॉग में हम बात करेंगे कि माइग्रेन क्या होता है यह कैसे होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है

पहले हम बात करते हैं कि माइग्रेन क्या होता है माइग्रेन को हिंदी में सूर्यावर्त्त आधासीसी भी कहा जाता है जिसको ज्यादातर लोग आधासीसी के नाम से ही जानते हैं और यह रोग ज्यादातर महिलाओं में देखा जाता है जब यह रोग किसी महिला या पुरुष को होता है तब उस इंसान के सिर के एक भाग में बहुत तेज दर्द होता है इसलिए इसको आधासीसी का नाम दिया गया है .

इस रोग को सूर्यावर्त्त आधासीसी इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह एक ऐसा रोग है जैसे ही सूरज बढ़ने लगता है तब आपके सिर का दर्द धीरे-धीरे बढ़ने लगता है और जब सूरज अपने पूरे चरम पर होता है तब दोपहर के समय में आपके सर्द में बेचैन करने वाला दर्द होने लगता है इसके बाद जब सूरज धीरे धीरे ढलना शुरू होता है तब सूरज के साथ साथ ही आपके सिर का दर्द धीरे-धीरे कम हो कम होने लगता है और यह दर्द कभी सिर के दाएं और कभी बाएं और होता है

सूर्यावर्त्त आधासीसी माइग्रेन (Hemicrania) के कारण

जब किसी महिला एवं पुरुष में सूर्यावर्त्त आधासीसी माइग्रेन (Hemicrania) के रोग की समस्या उत्पन्न होती है तब इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे मस्तिष्क आवरण शोथ, एड्रीनल हार्मोन का स्राव कम होना, रक्त में सेरोटिनिन नामक रसायन के स्तर में असामान्यता, महिलाओं में मासिक धर्म के पहले व बाद में होने वाले हारमोंस में परिवर्तन होना, अत्यंत भावुक होना, ज्यादा मानसिक व शारीरिक थकावट होना, मानसिक तनाव रहना

तेज धूप में लगातार काम करना, संवेदनशील प्रवृत्ति होना, मस्तिष्क का शोथ होना, मस्तिष्क की रक्तवाहिनियों में खिंचाव फुलावाना, ज्यादा उत्तेजक पदार्थों का सेवन करना जैसे चाय, कॉफी, शराब, गर्म चटपटी मिर्चमसालेदार वाला भोजन, हीन भावना से पीड़ित होना, ज्यादा गुस्सा करना, अधिक चिंता करना, नींद पूरा नहीं करना, मौसम में बदलाव आना, ज्यादा धूम्रपान करना, अपच की शिकायत रहना, ज्यादा हस्तमैथुन करना, तो यह कुछ ऐसे लक्षण है जो कि आपको जो कि सूर्यावर्त्त आधासीसी माइग्रेन (Hemicrania) रोग का कारण बनते हैं

सूर्यावर्त्त आधासीसी माइग्रेन (Hemicrania) के लक्षण

जब किसी महिलाएं पुरुष में सूर्यावर्त्त आधासीसी माइग्रेन (Hemicrania) के लक्षण रोग उत्पन्न होता है तब उसके अंदर आपको बहुत सारे लक्षण भी देखने को मिलते हैं जैसे आंखों में अंधेरा छाना, कनपटी में बहुत तेज दर्द होना, चक्कर आना, भोजन करने का मन ना करना, ज्यादा शोर से दूर रहने का मन करना, सिर के एक भाग में लगातार दर्द रहना, सिर में तेज़ दर्द होना और बाद में धीरे-धीरे बढ़ जाना सिर को हिलाते डुलाते रहने का मन करना, जी मिचलाहट होना ,उल्टी आना, नींद आने पर दर्द में राहत मिलना, तो यह कुछ ऐसे लक्षण है जो कि सूर्यावर्त्त आधासीसी माइग्रेन (Hemicrania) होने पर देखने को मिलते हैं

क्या-क्या खाना चाहिए

जब किसी महिलाएं पुरुष में सूर्यावर्त्त आधासीसी माइग्रेन (Hemicrania) रोग की समस्या उत्पन्न हो जाती है तब उसको अपने खान-पान के ऊपर भी ध्यान देने की जरूरत होती है तो नीचे आपको बताया गया है कि आप को इस रोग के उत्पन्न होने पर क्या क्या खाना चाहिए और क्या क्या नहीं खाना चाहिए

  • आपको सुबह-सुबह दही के साथ चावल और मिश्री को मिलाकर खाना चाहिए
  • आपको सूर्योदय होने से पहले दूध के साथ शुद्ध घी की जलेबी या रबड़ी आदि का सेवन करना चाहिए
  • आपको अपने भोजन में गुलाब जामुन व मिठाई आदि का सेवन करना चाहिए
  • आपको हमेशा हल्का पौष्टिक आहार खाना चाहिए
  • आपको चीनी और शहद को मिलाकर नींबू के रस से शिकंजी बनाकर पीना चाहिए
  • सुबह-सुबह भोजन से पहले एक कप अंगूर के रस को भी पीना चाहिए

क्या क्या नहीं खाना चाहिए

  • आपको ज्यादा तेल या घी से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए
  • आपको कम से कम नमकीन और खटाई युक्त चीजों को खाना चाहिए
  • आपको मांस का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए
  • आपको कम से कम भारी व मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन करना चाहिए
  • आपको ज्यादा उत्तेजक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए जैसे शराब, कड़क चाय और कॉफी आदि

सूर्यावर्त्त आधासीसी माइग्रेन (Hemicrania) हो जाने पर क्या करें

अगर किसी महिला या पुरुष को सूर्यावर्त्त आधासीसी माइग्रेन (Hemicrania) रोग हो जाता है तब उसको कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है

  • आपक सुबह हल्का व्यायाम और शरीर की मालिश करनी चाहिए
  • अगर आपका सिर तेजी से दर्द कर रहा है तब आपको अँधेरे कमरे में सिर पर कपड़ा बांधकर आराम करना चाहिए
  • आपको अपनी इच्छा के अनुसार चाय कॉफी आदि का सेवन करना चाहिए
  • आपको अपने सिर की मालिश करना चाहिए
  • आपको सुबह उठकर पानी पीना चाहिए और शौच जाना चाहिए
  • आपको हींग को पानी में घोलकर या शुद्ध घी को सूंघना चाहिए
  • आपको मानसिक तनाव, क्रोध नहीं करना चाहिए
  • आपको कपूर के साथ घी को मिलाकर अपनी नाक में दो दो मुंह में डालना चाहिए
  • आपको निश्चिंत होकर अपनी नींद को पूरा करना चाहिए

क्या नहीं करना चाहिए

  • आपको ज्यादा हस्तमैथुन नहीं करना चाहिए
  • आपको अपने शरीर में कब्ज की समस्या उत्पन्न नहीं होने देना चाहिए
  • आपको ज्यादा तेज धूप में शारीरिक व मानसिक कार्य नहीं करना चाहिए
  • आपको अपनी आंखों के ऊपर ज्यादा जोर नहीं पड़ने देना चाहिए
  • आपको ज्यादा शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए
  • आपको अपने मल, मूत्र, आंसू को भी नहीं रुकना चाहिए
  • आपको दिन में कम से कम सोने की कोशिश करनी चाहिए
  • आपको रात में ज्यादा देर तक जागते नहीं रहना चाहिए
  • आपको अपने सिर के ऊपर ज्यादा वजन नहीं उठाना चाहिए

माइग्रेन का आयुर्वेदिक इलाज

लेकिन अगर फिर भी आपको इस रोग की समस्या उत्पन्न हो जाती है तब आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए या आप कुछ आयुर्वेदिक चीजों का इस्तेमाल करके भी इससे छुटकारा पा सकते हैं जिनके बारे में हमने आपको नीचे बताया है इन सभी को आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार ले सकते हैं.

  • वैद्यनाथ दर्दोना टेबलेट – 1-2 गोली दिन में 3 बार सेवन कराये।
  • डाबर सरबाइना टेबलेट – 1-2 गोली दिन में 3 बार दें।
  • चरक सेफाग्रान टेबलेट – 1-2 गोली दिन में 3 बार दें।
  • वैद्यनाथ दर्दनाशक टेबलेट – 1-2 गोली दिन में 3 बार दें।

माइग्रेन के घरेलू उपाय

  •  हरड़, बहेड़ा, आँवला, हल्दी, गिलोय, चिरायता, नीम की छाल और पुराना गुड़ (प्रत्येक समान मात्रा का) विधिवत क्वाथ (काढ़ा) बनाकर सेवन करने से समस्त प्रकार के सिरदर्द नष्ट हो जाते है।
  •  केशर को गाय के घी में भूनकर तथा मिश्री मिलाकर संघने से प्रत्येक प्रकार का ङ्केसिरदर्द मिट जा है
  •  सफेद चन्दन और तज समान मात्रा में लेकर जल में घिसकर कुछ गरम करक लगाने से गर्मी-सर्दी (दोनों प्रकार का) सिरदर्द दूर हो जाता है।
  •  कपूर और चन्दन गुलाब जल में पीस कर नाक के छिद्रों में टपकाने से पित्त का सरशाम व सिरदर्द ठीक हो जाता है।
  •  कपूर अथवा चन्दन सूंघने से अथवा दोनों मिलाकर संघने से या ककड़ी-खीरा सुंघने से गर्मी का सिरदर्द ठीक हो जाता है।

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