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नपुंसकता के लक्षण व आयुर्वेदिक उपचार

नपुंसकता के लक्षण व आयुर्वेदिक उपचार

कई बार महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग कई प्रकार की ऐसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं जो कि भी किसी को बता भी नहीं सकते और उनका अच्छे से इलाज भी करवा पाते और ज्यादातर लोगों में ऐसी शारीरिक संबंधों से जुड़ी हुई ही समस्या होती है ऐसी ही एक समस्या का नाम नपुसंकता भी है जो कि एक पुरुषों की बहुत बड़ी समस्या है.

इसके बारे में पुरुष खुलकर किसी को ज्यादा बताते भी नहीं है जिससे इस समस्या का अच्छे से इलाज नहीं हो पाता क्योंकि ज्यादातर लोग ऐसा सोचते हैं अगर उसने अपनी इस समस्या बारे में बताया तो उसका मजाक बनायेगे लेकिन अगर आप इस समस्या इलाज समय पर नहीं करवाते तब यह समस्या आगे और बढ़ सकती है.

नपुंसकता क्या है

वैसे तुम नपुसंकता के बारे में ज्यादा बताने की जरूरत नहीं है कि यह एक आम समस्या बन चुकी है और हर दूसरे पुरुष में इस समस्या को देखा जा सकता है लेकिन कोई पुरुष अपनी इस समस्या के बारे में किसी को बताएगा नहीं यह बात अलग है अगर नपुंसकता के बारे में बात की जाए तो यह एक ऐसी समस्या है जो कि मनुष्य को शारीरिक संबंध बनाने में रुकावट पैदा करती है या उसको संभोग करने में असमर्थ बनाती है क्योंकि जब यह समस्या उत्पन्न होती है तब पुरुष के लिंग की उत्तेजना बिल्कुल कम हो जाती है और वह संभोग करने के लायक नहीं होता क्योंकि पुरुष के लिंग की शक्ति खत्म हो जाती है जिससे वह खड़ा नहीं हो पाता या कई बार वह बिल्कुल ढीला रहने लगता है जब किसी इंसान को यह समस्या होती है तब उसे नपुंसकता कहा जाता है

नपुंसकता के कारण

किसी पुरुष में नपुंसकता के पीछे बहुत सारे कारणों का हाथ होता है लेकिन मुख्य रूप से इसके दोनों के कारण होते हैं मानसिक और शारीरिक, मानसिक कारणों के बारे में बात की जाए तो यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब किसी पुरुष में चिंता, व्यथा, क्रोध, भय, शोक का भाव होता है क्योंकि जब ये सभी समस्याएं किसी इंसान के दिमाग में उत्पन्न होती है.

तब मानसिक तनाव के कारण शरीर संभोग करने की इच्छा प्रकट नहीं करता इसलिए उस इंसान का लिंग कड़क नहीं हो पाता और इससे नपुंसकता पैदा भी होती है जो कि मनोवैज्ञानिक तरीकों से दूर भी की जा सकती है अब बात आती है शारीरिक नपुंसकता के बारे में शारीरिक नपुंसकता के पीछे कई कारण होते हैं जैसे ज्यादा हस्तमैथुन करना, अप्राकृतिक मैथुन करना, लिंक पर चोट लगना, वीर्य को रोकना, उच्च रक्तचाप, ज्यादा धूम्रपान व शराब का सेवन करना, शरीर में हार्मोन की कमी होना, मोटापा होना, मधुमेह और सिफलिस होना या ज्यादा उत्तेजक पदार्थों का सेवन करना और ज्यादा रोमांटिक मूवी देखना या बुक पढ़ना

नपुसंकता के लक्षण

जब किसी को नपुंसकता की समस्या उत्पन्न होती है तब उसको इसके बारे में पता चल ही जाता है लेकिन कई बार इस समस्या की शुरुआत में इसके बारे में ज्यादा पता नहीं चलता लेकिन इसके कई लक्षण होते हैं जैसे जब कोई पुरुष संभोग करना चाहता है तब उसका लिंग कड़क नहीं होगा या महिला के पास जाने पर उसको छूने का मन नहीं करेगा या संभोग करने की इच्छा नहीं होगी कई बार डर और चिंता का भाव उत्पन्न होने लगता है कलेजा बिल्कुल तेज धड़कने लगेगा, सिर में दर्द होगा और चक्कर आने की समस्या भी उत्पन्न हो सकती इसके अलावा कब्ज की शिकायत और रात में नींद ना आना जैसी परेशानियां होती शरीर बिल्कुल कमजोर हो जाएगा और मानसिक तनाव बढ़ जायेगे।

क्या खाना चाहिए

  • आपको दही, घी,लस्सी, पनीर, मक्खन और शहद का सेवन करना चाहिए
  • आपको भोजन में अंकुरित अनाज गेहूं के आटे की रोटी और दलो का सेवन करना चाहिए
  • आपको किसमिस बादाम, छुहारा, किशमिस, पनीर, नारियल, तेल और अखरोट का सेवन करना चाहिए
  • आपको सब्जियों में मूली प्याज, लौकी, आलू, शलगम, भिंडी, अदरक और लहसुन का सेवन करना चाहिए
  • फलों में ज्यादा केले, अनार, आम, सेब और अंगूर का सेवन करना चाहिए
  • समस्या बढ़ जाने पर आपको प्याज और अदरक के रस को शहद के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम पीना चाहिए

क्या नहीं खाना चाहिए

  • आपको ज्यादा मिर्च मसालेदार व तले हुए भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
  • आपको बार-बार भोजन नहीं करना चाहिए
  • गुड और गुड़ से बनी हुई चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए
  • आपको ज्यादा तंबाकू, शराब, बीड़ी, सिगरेट और मांस आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
  • आपको ठंडी चीजें जैसे आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक का सेवन नहीं करना चाहिए
  • आपको ज्यादा वनस्पति घी मिठाईयां व मूंग मसूर की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए

क्या-क्या करना चाहिए

अगर किसी पुरुष को नपुंसकता की समस्या उत्पन्न हो जाती है तब उसको किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में जानना भी बहुत ही जरूरी है

  • संभोग क्रिया के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद संभोग करें और अपने ऊपर विश्वास रखे
  • संभोग करते समय मानसिक तनाव दूर रखने चाहिए व खुश होकर संभोग करना चाहिए
  • संभोग के लिए आपको एकांत व सुरक्षित जगह पर जाना चाहिए
  • संभोग करते समय महिला का पूर्ण योगदान देना चाहिए
  • जिस क्रिया में आपको ज्यादा मजा आता हो उसको बार-बार करना चाहिए
  • आपको अपने पाचन क्रिया को मजबूत बनाना चाहिए

क्या नहीं करना चाहिए

  • आपको सेक्स संबंधित गलत बातों के ऊपर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए
  • आपको पहली बार संभोग करते समय घबराना नहीं चाहिए और बार-बार संभोग करना चाहिए
  • आपको हस्तमैथुन की आदत छोड़ देनी चाहिए
  • आपको ज्यादा रोमांटिक मूवी और सांग नहीं देखना चाहिए और रोमांटिक बुक और स्टोरी नहीं पढ़नी चाहिए
  • आपको गलत संभोग क्रिया का चैन नहीं करना चाहिए
  • आपको अपने शरीर में कब्ज में गैस की शिकायत उत्पन्न नहीं होने देनी चाहिए
  • आपको नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए जैसे शराब, चरस, गांजा, अफीम आदि
  • आपको ज्यादा शराब, बीड़ी, गुटखा, तमाकू का सेवन नहीं करना चाहिए
  • आपको शक्ति बढ़ाने वाले कैप्सूल व दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए
  • आपको पत्नी को बिल्कुल गर्म करके संभोग करना चाहिए

नामर्दी की आयुर्वेदिक दवा

लेकिन फिर भी अगर किसी पुरुष में नपुंसकता की समस्या उत्पन्न हो जाती है तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और खुलकर पूरी समस्या बताना चाहिए वह डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए या आप कुछ आयुर्वेदिक चीजों का इस्तेमाल करके भी अपनी नपुंसकता को दूर कर सकते हैं जिनके बारे में हमने आपको नीचे बताया है इन सभी को आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इस्तेमाल करें.

  • हिमालया टेन्टेक्स फोर्ट टेबलेट 1-1 गोली सुबह-शाम दूध के साथ निरन्तर 6 सप्ताह तक दें।
  • पूर्ववत्क न्फोड़ों टेबलेट  1-1 गोली दिन में 2 बार दें।
  • AVS एनर्जिक 31 कैपसूल 1 कैपसूल दिन में 2 बार दूध के साथ दें।
  • चरक एडिडजोआ टेबलेट  2 गोली दिन में 3 बार दें। यह फंक्षनल इम्पोटेन्सी में विशेष उपयोगी है।
  • ट्रियो मोटिव कैपसूल  1-2 कैपसूल दिन में 2-3 बार दें। यह (Psychogenic Impotency) में लाभकर है।

95% रोगियों में नपुसकता ‘मनोवैज्ञानिक कारणों से होती है। अतः चिकित्सक को रोगी से खुले दिल से उससे बात कर उसका विश्वास जीतना चिकित्स हेतु अत्यावश्यक है। रोगी की बातों/समस्याओं को अच्छी तरह से संयमपूर्वक सुनना चाहिए। रोगी के प्रति चिकित्सक का व्यवहार मित्रवत होना चाहिए ताकि रोगी अपने मन की समस्त बातें कर सके।

  • रोगी को पक्का आश्वासन दें कि आपको कोई रोग नहीं है अच्छे-खासे मर्द हो, मामूली सी कमी या विकार है जो शर्तिया ठीक हो जायेगी।
  • रोगी को चिकित्सा में समय लग सकता है। अतः रोगी का मनोबल बनाये रखना अत्यावश्यक है।
  •  मनोबल कहानियाँ, माया, रोमान्टिक फिल्में, प्रेमालाप सम्बन्धी साहित्य पढ़ने का परामर्श दें। इससे काम-वासना में वृद्धि होती है और नसों में जागृति आती है।
  •  रोगी को मृदु विरेचक (Laxatives) देकर अन्तड़ियों को साफ करें। शरीर शुद्धि आवश्यक है। एनिमा सर्वोत्तम है।
  • पहले रोगी को प्रमेह, स्वप्न दोष आदि हो तो उनकी चिकित्सा करें। तदुपरान्त नपुसकता की चिकित्सा करें।

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