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सूखा रोग क्या होता है इसके कारण लक्षण बचाव व उपचार

सूखा रोग क्या होता है इसके कारण लक्षण बचाव व उपचार

हमारे शरीर में सभी पोषक तत्वों का उचित मात्रा में होना बहुत जरूरी होता है हमारे शरीर के लिए विटामिन, प्रोटीन, मैग्नीशियम, कैल्शियम जैसे सभी पोषक तत्व होना बहुत जरूरी होता है क्योंकि ये सभी पोषक तत्व हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं.

लेकिन कई बार हमारे शरीर में इनमें से कई पोषक तत्वों की कमी हो जाती है जिससे हमारे शरीर में कई अलग-अलग समस्याएं उत्पन्न होती है तो इसी तरह से विटामिन डी की कमी होने पर हमारे शरीर में सूखा रोग यानी रिकेट्स उत्पन्न हो जाता है

जो कि एक बड़ी और खतरनाक समस्या है तो इस ब्लॉग में हम इसी समस्या के बारे में विस्तार से बातें करेंगे इस ब्लॉग में हम इस समस्या के उत्पन्न होने के कारण लक्षण बचाव और उपचार के बारे में जानेंगे

सूखा रोग Rickets

इस रोग अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे रिकेट्स, मरासमस, सूखंडी आदि यह एक प्रकार का कुपोषण होता है जिसकी वजह से रोगी की हड्डियां बिल्कुल कमजोर है लचकदार बन जाती है जिनसे रोगी को उठते बैठते समय परेशानी होती है और इन हड्डियों का टूटने का डर रहता है यह रोग विटामिन डी की कमी आने से उत्पन्न होता है.

इसलिए रोगी को इस रोग से बचाव करने के लिए ज्यादा से ज्यादा धूप के संपर्क में आना चाहिए क्योंकि विटामिन डी हमें सूर्य की रोशनी से प्राप्त होती है और इसके साथ ही ज्यादा ही ज्यादा कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए क्योंकि कैल्शियम हमारी हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है लंबे समय तक इस रोग के लाइलाज रहने से रोगी की मौत भी हो सकती है

कारण

जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया यह रोग मुख्य रूप से तो विटामिन डी की कमी के कारण ही उत्पन्न होता है क्योंकि विटामिन डी की कमी हो जाने से हमारी त्वचा के नीचे से वसा बिल्कुल खत्म हो जाती है जिससे हमारे शरीर यह रोग उत्पन्न होता है.

लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसे और कारण होते हैं जिनकी वजह से यह रोग उत्पन्न हो जाता है जैसे कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए व जिंक की कमी होना इसके अलावा दूषित पानी का सेवन करना, बच्चे को सही से स्तनपान न कराना और भुखमरी गरीबी बेरोजगारी कुपोषण आदि के कारण यह रोग उत्पन्न होता है

लक्षण

जब किसी इंसान में सूखा रोग उत्पन्न होता है तब रोगी में इसके बहुत सारे लक्षण भी दिखाई देते हैं जैसे रोगी के हाथ पांव व शरीर के जोड़ों में दर्द होना, रोगी की टांगे बाजू रीड की हड्डी आदि में उठते बैठते समय तेज दर्द होना, रोगी की कलाई, कोहनी व घुटनो आदि में सूजन आना, रोगी की चाल बदल जाना, रोगी की हाइट कम रहना या उसमें बौनापन आना,

रोगी की हड्डियों में आवाज आना, रोगी की हड्डियां तिरछी दिखाई देना, रोगी का शरीर लचक जाना, रोगी की हड्डियों में बार-बार फैक्चर आना, रोगी की मांसपेशियों में ऐंठन उत्पन्न होना, रोगी के हाथ पांव मुड़ जाना, रोगी के पाव तिरछी होना,रोगी के शरीर का कोई एक भाग बाहर निकल जाना जैसे रीड की हड्डी बाहर आना, रोगी में साहस की कमी होना,

रोगी की उम्र ज्यादा दिखाई देना, रोगी की शरीर की त्वचा बिल्कुल हड्डियों से चिपक जाना, रोगी का वजन कम होना, रोगी के स्वभाव में बदलाव आना, रोगी की मांसपेशियां सूख जाना, रोगी के बाल भंगूर जैसे होना रोगी की त्वचा बिल्कुल रूखी रूखी रहना

रोगी में खसरा रोग होना, रोगी की त्वचा पर एलर्जी होना, रोगी को बार-बार संक्रमण होना रोगी के शरीर में बिल्कुल कमजोरी आना, जिससे बार-बार चक्कर आना वह बेहोश होने की समस्या उत्पन्न होना आदि इस समस्या के मुख्य लक्षण होते हैं

क्या करें

  • आपको हमेशा संतुलित व स्वस्थ भोजन का सेवन करना चाहिए
  • आपको भोजन के साथ सभी तरह की हरी सब्जियां सलाद व दूध आदि का उचित मात्रा में सेवन करना चाहिए
  • आपको हर रोज लस्सी दही मक्खन भी पनीर आदि का सेवन करना चाहिए
  • आपको हर रोज कुछ समय के लिए धूप में बैठना चाहिए या धूप में इधर-उधर घूम लेना चाहिए
  • आपको लंबे समय तक किसी एक ही भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए
  • आपको सभी तरह के फल फ्रूट खाते रहना चाहिए
  • आपको समय-समय पर अपने शरीर के टेस्ट करवाने चाहिए
  • आपको हर रोज व्यायाम व प्राणायाम आदि करने चाहिए
  • आपको हर रोज अंकुरित चने वह दाल आदि का सेवन करना चाहिए
  • आपको अपने बच्चे को लगभग 1 साल तक सही स्तनपान कराना चाहिए
  • आपको ज्यादा से ज्यादा मछली मसरूम अंडे दूध आदि का सेवन करना चाहिए
  • आपको दूध व दूध से बने हुए पदार्थ संतरे का जूस आदि का सेवन करना चाहिए

क्या न करें

  • आपको अपने बच्चे को लंबे समय तक एक ही कमरे में नहीं रखना चाहिए
  • आपको किसी ऐसी जगह पर काम नहीं करना चाहिए जहां पर धूप में आती हो
  • आपको लंबे समय तक ठंड की मौसम में रहने से बचना चाहिए
  • आप को दूषित पानी में दूषित भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
  • आपको शराब बीड़ी सिगरेट आदि तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए
  • आपको जितना हो सके बेरोजगारी गरीबी व भुखमरी को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए
  • आपको लंबे समय तक भूखा नहीं रहना चाहिए
  • आपको ज्यादा तले हुए वह मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए

उपचार

जब किसी रोगी को यह रोग उत्पन्न हो जाता है तब इसको हल्के में लेना आपके लिए भारी पड़ सकता है क्योंकि यह एक बहुत ही खतरनाक समस्या है और लंबे समय तक लाइलाज रहने पर इससे रोगी की मौत भी हो सकती है इसके लिए आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए

और अपने शरीर के हीमोग्लोबिन ब्लड प्रेशर और शर्करा आदि का टेस्ट करवाना चाहिए जिससे डॉक्टर को आपके इस रोग को नियंत्रण करने में मदद मिलती है इसके अलावा आपको डॉक्टर के द्वारा दी गई दवाइयों कवि सेवन करना चाहिए

लेकिन फिर भी अगर किसी इंसान को यह समस्या उत्पन्न हो जाती है तब उसके शुरुआती लक्षण दिखाई देते ही तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और आपको ऊपर बताई गई सभी बातों का ध्यान रखना चाहिए

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