Health

शीघ्रपतन क्या है शीघ्र स्खलन का आयुर्वेदिक इलाज

शीघ्रपतन क्या है शीघ्र स्खलन का आयुर्वेदिक इलाज

वैसे तो दुनिया भर में फैली अलग-अलग प्रकार की बीमारियों से हर साल लाखों लोग अपनी जान गवा देते हैं इनमें से कई छोटी बीमारियां होती है और कई बड़ी और घातक बीमारियां होती है जिनसे इंसानों की जान चली जाती है लेकिन इनके अलावा कुछ ऐसी समस्याएं भी होती है जिनसे इंसानों की जान तो नहीं जाती लेकिन ये समस्याएं किसी भी इंसान को मानसिक रूप से बीमार जरूर कर देती है .

उस समस्या के कारण इंसान बहुत परेशान भी रहता है और यह कुछ ऐसी समस्याएं होती हैं जिनके बारे में दूसरों के साथ ज्यादा बातचीत भी नहीं कर सकते इसी तरह की एक समस्या शीघ्रपतन है और आज के समय में शीघ्रपतन एक आम समस्या बन चुकी है यह समस्या हर दूसरे इंसान में उत्पन्न होती है तो आज किस ब्लॉग में हम शीघ्रपतन उत्पन्न होने के कारण, इसके बचाव के तरीके और इसके लक्षण आदि के बारे में बात करने जा रहे हैं.

शीघ्रपतन क्या है

सबसे पहले हम बात करते हैं कि शीघ्रपतन क्या होता है शीघ्रपतन एक ऐसी शारीरिक संबंधों से जुड़ी हुई समस्या है जो कि आमतौर पर पुरुषों में देखी जाती है इस समस्या के उत्पन्न होने पर पुरुष अपनी पत्नी को शारीरिक संतुष्टि नहीं दे पाता और शारीरिक संबंध बनाते समय उसका वीर्य तुरंत निकल जाता है जिससे वह अपनी पत्नी को खुश नहीं कर पाता और उससे चरम सुख नहीं दे पाता और ऐसा होने के कारण वह अपनी पत्नी से नजरें भी नहीं मिला पता और यह समस्या जिस भी पुरुष में उत्पन्न होती है.

वह इंसान शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत प्रभावित होता है क्योंकि यह समस्या एक उत्तेजना से जुड़ी हुई समस्या है और जब वह बार-बार शारीरिक संबंध बनाता है और उसको बार-बार इस समस्या से गुजरना पड़ता है तब उसके दिमाग पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है जिससे उसका दिमाग चिड़चिड़ा हो जाता है और उसको मानसिक बीमारियां भी उत्पन्न हो सकती है और इस समस्या के कारण पुरुष में कई प्रकार के शारीरिक रोग भी हो जाते हैं और शीघ्रपतन की समस्या के कारण उस इंसान को समाज में शर्मनाक बातों का भी सामना करना पड़ता है और वह इंसान संभोग करने से बचने के लिए अलग-अलग प्रकार के बहाने बनाता है

शीघ्रपतन के कारण

किसी भी पुरुष के शरीर में शारीरिक शीघ्रपतन समस्या उत्पन्न होने के पीछे बहुत सारे कारण होते हैं लेकिन इनमें से 90% लोगों में यह समस्या उत्पन्न होने का कारण मानसिक परेशानियां होता है पुरुषों के साहस में मानसिक कारणों से उतावलापन आ जाता है जिससे यह समस्या उत्पन्न होती है लेकिन इसके अलावा भी और कई कारण होते हैं जैसे :

  • पति पत्नी के बीच में प्रेम भाव की कमी आना
  • मनचाही स्त्री से संभोग न कर पाना
  • अपने आप पर विश्वास न होना
  • पुरुष का भय व हीन भावना से ग्रस्त होना
  • प्रथम संभोग के समय घबराहट होना
  • चिंता सुख-दुख और मानसिक परेशानियां होना
  • ज्यादा लंबे समय तक संभोग न करना
  • स्त्री का ठंडी हो ना या डरी हुई होना
  • स्त्री का सही से सहयोग ना दे पाना
  • संभोग करते समय पकड़े जाने का डर होना
  • पुरुषों के लिंक पर चोट लगना
  • हस्तमैथुन की आदत होना
  • मल मूत्र को रोककर संभोग करना
  • शारीरिक निर्बलता होना
  • खून की कमी होना
  • हार्मोन में गड़बड़ी आना
  • पुरुषों के हार्मोन टेस्टोस्टेरोन की कमी आना
  • खट्टी और चटपटी चीजों का सेवन करने के बाद संभोग करना
  • भोजन के तुरंत बाद संभोग करना
  • ज्यादा नशा करना
  • पौष्टिक भोजन का सेवन न करना

तो ये कुछ ऐसे कारण होते हैं जो कि किसी भी पुरुष के शीघ्रपतन की समस्या में सहयोग देते हैं

शीघ्रपतन के लक्षण

जिस तरह से हमने आपको ऊपर शीघ्रपतन की समस्या के कई कारण बताए हैं उसी तरह से इस समस्या के उत्पन्न होने पर आपको शरीर के अंदर कई लक्षण भी देखने को मिलते हैं इनमें से कुछ मुख्य लक्षण होते हैं जैसे जब आप संभोग करते हैं तब अपने लिंग को योनि में डालते ही वीर्य का निकल जाना या संभोग करने की क्रिया का मौका मिलने से पहले ही वीर्य निकल जाना स्त्री की योनि पर लिंग रखते ही वीर्य निकल जाना, स्त्री के लिंग पकड़ते ही वीर्य निकल जाना, या स्त्री को बाहों में लेते ही वीर्य निकल जाना, स्त्री के छूने से लिंग में मामूली तनाव आकर वीर्य का निकल जाना, बुक जा गंदी स्टोरी पढ़ते ही वीर्य निकल जाना तो यह कुछ ऐसे लक्षण हैं जो कि आपको इस समस्या के उत्पन्न होने से देखने को मिलते हैं जब आप का वीर्य इन सभी लक्षणों से जल्दी निकल जाता है तब आपके शरीर में चिड़चिड़ापन, उदासी, झनझनाहट और गुस्सा आना जैसी कई समस्याएं भी उत्पन्न होती है

क्या-क्या खाना चाहिए

किसी भी पुरुष के शरीर में शीघ्रपतन की समस्या उत्पन्न होती है तब उसको कई प्रकार की चीजों के ऊपर ध्यान देने की जरूरत होती है इनमें से कुछ खाने पीने की चीजें भी होती है जिनके ऊपर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है

  • जिस पर उसको यह समस्या है उसको हमेशा हल्का-फुल्का और संतुलित आहार खाना चाहिए
  • उस इंसान को ज्यादा उड़द, अरहर की दाल, दूध, मलाई रबड़ी, मावा गेहूं, जौ आदि जैसी चीजों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए
  • फलो में अनार, बेर ,जामुन, नाशपति, सेब आदि का सेवन करना चाहिए
  • ज्यादा पोस्टिक चीजों का सेवन करना चाहिए जैसे पिस्ता, बादाम, मुनक्का, छुहारा, नारियल
  • आपको सफेद प्याज के रस को अदरक, शहद और लहसुन के रस के साथ मिलाकर सुबह-शाम पीना चाहिए
  • आपको ज्यादा मालपुआ, जिमीकंद, लहसुन, भिंडी, लौकी चलोई, गुड, शकरकंद आदि खानी चाहिए

क्या नहीं खाना चाहिए

  • आपको हमेशा तली भुनी हुई चीजों और मिर्च मसालेदार चीजों से परहेज करना चाहिए
  • आपको ज्यादा खट्टी खटाई युक्त चीजें नहीं खानी चाहिए
  • आपको शीघ्रपतन की समस्या ज्यादा है तो आपको उत्तेजक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए जैसे चाय, कॉफी, शराब ,तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट
  • आपको ज्यादा असंतुलित या बे-मौसमी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
  • आपको ज्यादा पुरानी और डिब्बे बंद चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए
  • आपको ज्यादा नींबू आम का अचार इमली अमचूर आदि का सेवन नहीं करना चाहिए

क्या करना चाहिए

अगर आपको शीघ्रपतन की समस्या है तब आपको उस स्थिति में क्या-क्या करना चाहिए और किन-किन चीजों से बचना चाहिए

  • आपको हर रोज सुबह और शाम बाहर खुली हवा में घूमने जाना चाहिए और आपको सुबह सुबह हल्के-फुल्के व्यायाम करने चाहिए
  • हर रोज अपने शरीर पर तेल की मालिश करनी चाहिए
  • संभोग ऐसी जगह पर करना चाहिए जहां पर किसी के आने का डर ना हो
  • संभोग करते समय अपनी पत्नी को बिल्कुल नंगी करना चाहिए और उसके जिस्म को अपने जिस्म के साथ बिल्कुल कसकर जकड़ ना चाहिए
  • आपको अपने लिंग को धीरे-धीरे तनाव में लाना चाहिए और स्त्री की योनि को उंगली से रगड़ना चाहिए
  • संभोग करते समय आप स्त्री को अपने ऊपर लेटा कर संभोग करना चाहिए
  • संभोग करते समय अपने मन में किसी भी तरह की चिंता को नहीं रखना चाहिए
  • शीघ्रपतन का दीर्घपतन में बदलने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रयत्न करते रहना चाहिए और अपने आप पर विश्वास पर रखना चाहिए
  • संभोग करते समय अपनी पत्नी को ज्यादा से ज्यादा प्यार करना चाहिए और किसी भी तरह की लड़ाई नहीं करनी चाहिए

क्या नहीं करना चाहिए

  • आपको ज्यादा हस्तमैथुन नहीं करना चाहिए
  • आपको ज्यादा उत्तेजक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए जैसे अफीम, बीड़ी, सिगरेट ,शराब ,गुटका, पान आदि
  • ज्यादा कठोर कार्य नहीं करने चाहिए और मन में किसी भी तरह का चिंता, शोक और क्रोध पैदा नहीं करनी चाहिए
  • अपने आप को कमजोर न समझे और अपने आप पर विश्वास रखना चाहिए
  • आपको ज्यादा अश्लील फिल्में और बुक शादी नहीं पढ़नी चाहिए
  • पत्नी अपने पति को किसी भी तरह के ऐसे विचार ने बोले जिससे उसको ज्यादा शीघ्रपतन की समस्या का दुख प्रकट हो.

शीघ्र स्खलन का आयुर्वेदिक इलाज

premature ejaculation treatment at home in hindi : लेकिन फिर भी अगर आपको शीघ्रपतन की समस्या होती है तो आपको बहुत सारी ऐसी आयुर्वेदिक चीजें और दवाइयां मिल जाएंगी जिनसे आप इस समस्या को दूर कर सकते हैं जिनके बारे में हमने आपको नीचे बताया है इन सभी चीजों का आप इस्तेमाल कर सकते हैं.

हिमालया टेन्टेक्स फोर्ट टेबलेट :  की  1-2 गोली आवश्यकतानुसार प्रतिदिन 2-3 बार निरन्तर 15-20 दिनों तक दूध, मलाई या रबड़ी के साथ सेवन करायें। यह दवा नामर्दी (नपुन्सकता), लिंग में उत्तेजना उत्पत्र न होना (इरेक्शन न होना), मर्दाना कमजोरी, शुक्रकीटों का कम होना, शीघ्रपतन, पौरुषग्रन्थि की सूजन, वृद्धावस्था की नामर्दी, सम्भोग न कर सकना, सम्भोग से आनन्द प्राप्त न होना, आदि कष्टों में जादू की भांति प्रभावकारी है।

पूर्ववत् हिमकोलीन क्रीम : यह क्रीम दुर्बल पुरुष इन्द्री/लिंग में जोश उत्पन्न करती है। सुस्त, निस्तेज, ढीले-ढीले अथवा गिरे हुए ध्वजभंग युक्त इन्द्री में कामवासना की अवर्णनीय शक्ति प्रदान करके इन्द्री को मैथुन योग्य बना देती है। इसके निरन्तर प्रयोग से शीघ्र वीर्यपात (शीघ्रपतन) नहीं होता है तथा स्तम्भन शक्ति बढ़ जाती है तथा नपुन्सकता भी दूर हो जाती है। इसके प्रयोग से सम्भोग में अत्यन्त आनन्द आता है। सम्भोग से पहले इसे लिंग के शिश्न मुण्ड (सुपारी) को छोड़कर शेष शिश्न पर लगाकर मलें।

शीघ्र स्खलन का घरेलू इलाज

home remedies for premature ejaculation – आम के कच्चे फल (जो चने के आकार के बराबर हों) और कच्चे गूलर (जो सख्त व बहुत छोटे हों) तथा बबूल की कच्ची फलियां (जिनमें बीज न पड़ें हों) इन तीनों औषधियों को समान मात्रा में लेकर छाया में सुखा लें। तदुपरान्त कूट पीसकर कपड़छान चूर्ण बनाकर सुरक्षित रख लें। इस चूर्ण को 3 ग्राम की मात्रा में 12 ग्राम शहद में मिलाकर प्रतिदिन सुबह के समय निरन्तर 21 दिन सेवन करने से शीघ्र पतन का रोग दूर हो जाता है।

कौंच के बीज और तालमखाना समान मात्रा में लेकर कूटपीस कर चूर्ण बनाकर सुरक्षित रख लें। इस चूर्ण को 3 माशा की मात्रा में निरन्तर 1 माह तक दूध के साथ सेवन करने से शीघ्रपतन का रोग दूर हो जाता है।

Note -औषधि प्रयोग काल में सम्भोग न करें।

शीघ्र स्खलन का रामबाण इलाज शीघ्र स्खलन का घरेलू इलाज शीघ्र स्खलन की अंग्रेजी दवा का नाम तस्वीरें शीघ्र स्खलन के आयुर्वेदिक दवा Himalaya शीघ्र स्खलन का आयुर्वेदिक इलाज शिघ्रपतन औषध जल्दी मुक्ति समस्या के लिए आयुर्वेदिक दवा शिघ्रपतन का उपचार आयुर्वेदिक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button