पैसे कमायें

लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय

लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय

वैसे तो हमारे देश में बहुत बड़े-बड़े राजनेता व नेता पैदा हुए हैं जिन्होंने भारत के निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है लेकिन भारत में कुछ राजनेता व नेता ऐसे पैदा हुए जिनको हम हमेशा याद रखेंगे क्योंकि उन्होंने भारत के निर्माण के लिए अपना सब कुछ झोंक दिया और वे अपने देश को ही अपना सब कुछ समझते थे वे अपने देश के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार रहते थे.

इसीलिए आज तक लोगों को ज्यादा रखते हैं और हर साल उनके जन्म दिवस के मौके पर उनके द्वारा दिए गए भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान को याद करते हैं उनकी जयंती को मनाते हैं आप में से लगभग सभी लोग ऐसे होंगे जिनको भारत के पहले प्रधानमंत्री के बारे में जरूर पता होगा लेकिन आप में से शायद बहुत सारे ऐसे लोग जरूर होंगे.जिनको भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के बारे में इतना ज्यादा जानकारी नहीं है.

लेकिन मैं आपको बता देता हूं कि भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री थे लाल बहादुर शास्त्री भारत के एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपने छोटे कार्यकाल में ही बड़ी उपलब्धियां हासिल की उन्होंने भारत के लिए कम समय में ही बहुत बड़े-बड़े कार्य किए इसीलिए आज भी लाल बहादुर शास्त्री हमारे देश के लोगों के दिलों में बसते हैं भले ही उनका कार्यकाल छोटा रहा हो.

लेकिन उन्होंने जो अपने कार्यकाल में कर दिखाया व शायद दुनिया का कोई इंसान नहीं कर पाता लाल बहादुर शास्त्री एक बहुत शांत स्वभाव के व्यक्ति थे आप सभी को लाल बहादुर शास्त्री के जीवन और उनके कार्यों के बारे में जानना बहुत जरूरी है तो इस ग्रुप में हम आपको लाल बहादुर शास्त्री के पूरे जीवन परिचय और उनके कार्यकाल आदि के बारे में विस्तार से बताने वाले है

लाल बहादुर शास्त्री कौन थे

भारत में कई ऐसे वीर सपूतों ने जन्म लिया है जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और उन्होंने स्वतंत्रता के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया उन्हीं में से लाल बहादुर शास्त्री भी ऐसे ही स्वतंत्रता सेनानी या स्वतंत्रता संग्रामी इंसान थे उन्होंने भारत की लड़ाई में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया और उनके काम करने का तरीका भी एक बहुत ही शांत तरीका था वे किसी भी तरह से किसी दूसरे इंसान को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे.

वह हमेशा अपने दिमाग से काम लेते थे और उनके इसी काम करने का तरीका भी देशवासियों को बहुत पसंद आया और उनके काम करने के तरीके को लेकर ही उनकी विदेशों में भी चर्चा होती थे.लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे क्योंकि अपने कार्यकाल के दौरान हुई पंडित जवाहरलाल नेहरु की बीच में मौत हो गई थी.

इसी के चलते 9 जून 1964 को पंडित जवाहरलाल नेहरू को भारत का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया हालांकि वे भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे लेकिन उनका कार्यकाल पहले प्रधानमंत्री के रूप में ही होता था लाल बहादुर शास्त्री हमेशा सच्चाई और अहिंसा के रास्ते पर चलते थे और वे महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू से बहुत प्रभावित थे इसलिए हमेशा उनके बताए कदमों पर चलते थे

जीवन परिचय

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में उत्तर प्रदेश के मुगलसराय नामक स्थान पर हुआ था लाल बहादुर शास्त्री बचपन से ही एक शांत स्वभाव के बच्चे थे उनके पिता का नाम मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव था जो कि पेशे से एक शिक्षक थे उनकी माता का नाम राम दुलारी था जो कि एक साधारण घरेलू महिला थी उनके पिता को प्यार से मुंशी जी कहकर बुलाया जाता था लेकिन जो लाल बहादुर शास्त्री 18 महीने के थे तब उनके पिता का देहांत हो गया.

इसके चलते उनकी माता को अपना सब कुछ छोड़ कर अपने पिता के घर आना पड़ा हालांकि उनका परिवार एक बहुत ही साधारण और गरीब परिवार था लेकिन लाल बहादुर शास्त्री को बचपन में सब कुछ मिला और गरीबी में रहते हुए भी उनका बचपन खुशहाली से बीता उनकी शुरुआती शिक्षा उनके पास के ही स्कूल में हुई.लेकिन उनकी शुरुआती शिक्षा ज्यादा अच्छी नहीं रही लाल बहादुर शास्त्री के अलावा उनकी दो बहने भी की जिनका पालन पोषण उनकी माता ने हीं किया.

पास के स्कूल से शुरुआती शिक्षा पूर्ण करने के बाद भी आगे की पढ़ाई के लिए हरीश चंद्र हाई स्कूल काशी विद्यापीठ में चले गए उनके जीवन की चड़ाई शुरू हुईजहां से उन्होंने संस्कृत में स्नातक की शिक्षा ग्रहण की उसके बाद उन्होंने शास्त्री की उपाधि भी प्राप्त करें और उनके नाम के पीछे शास्त्री लगाया जाता है क्योंकि उन्होंने शास्त्री की शिक्षा ग्रहण की थी इसके बाद में उनका विवाह कर दिया गया लाल बहादुर शास्त्री की पत्नी का नाम ललिता देवी था.

लाल बहादुर शास्त्री के 4 लड़के और 2 लड़कियां थी उसके बाद में लाल बहादुर शास्त्री ने अपना राजनीतिक जीवन भी शुरू किया और वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ जुड़े हैं क्योंकि वे महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू से बहुत प्रभावित हैं

राजनीतिक जीवन

लेकिन जब लाल बहादुर शास्त्री अपने कॉलेज की शिक्षा ग्रहण कर रहे थे उनको शिक्षा ग्रहण करने के लिए किलोमीटर तक पैदल चलकर जाना पड़ता था उनके पास दूसरा कोई साधन नहीं था आप फिर वे भारत के आजादी के संघर्ष में भी दिलचस्पी लेने लगे लाल बहादुर शास्त्री हर उस आंदोलन या चर्चा में दिलचस्पी लेने लगे थे जो कि ब्रिटिश सरकार को भारत से भगाने और उनके अत्याचारों के सामने डटकर खड़ा होने का साहस करते थे.

इसी के चलते हुए महात्मा गांधी को भी अपना गुरु समझने लगे क्योंकि उस समय महात्मा गांधी ब्रिटिश सरकार का साथ दे रहे भारतीय नेताओं के खिलाफ खुलकर आवाज उठा रहे थे और आगे चलकर वे महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में भी शामिल हुए और देश के लोगो को इस आंदोलन में शामिल होने के लिए लोगों को जागरूक किया.लाल बहादुर शास्त्री एक दृढ़ निश्चय के व्यक्ति थे और उस समय अंग्रेजों ने नमक के ऊपर एक कानून बनाया था.

उस कानून को तोड़ने के लिए महात्मा गांधी ने दांडी यात्रा निकाली ताकि वे अपने देशवासियों को इस कानून के खिलाफ खड़ा कर सके और पूरे देश को एकजुट कर सके और महात्मा गांधी की यह यात्रा सफल भी रही है उन्होंने अपनी इस यात्रा के जरिए पूरे देश में एक क्रांति ला दी इस यात्रा में लाल बहादुर शास्त्री ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.

इसके अलावा भी महात्मा गांधी के साथ उन्होंने दूसरे कई आंदोलन व सभा में हिस्सा लिया और इसके लिए लाल बहादुर शास्त्री को कई बार जेल भी जाना पड़ा और उनको अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन लाल बहादुर शास्त्री अपने लक्ष्य से कभी नहीं भटके और इसके अलावा भी लाल बहादुर शास्त्री ने ब्रिटिश सरकार के साथ आजादी की लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया

फिर आजादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की कार्यकाल के दौरान अचानक से मौत हो जाने पर उनको भारत का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया लेकिन जैसे ही लाल बहादुर शास्त्री भारत के प्रधानमंत्री बने उसके कुछ समय बाद ही पाकिस्तान के साथ 1965 की लड़ाई शुरू हो गई लेकिन लाल बहादुर शास्त्री इस लड़ाई से बिल्कुल भी नहीं घबराए और उन्होंने अपनी सेना के साथ मिलकर इस लड़ाई को अच्छे से संभाला और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया.

उसके बाद में 1965 में हुए युद्ध के बाद भारत में कई चीजों की कमी आने लगी और इसी समय भारत में अकाल भी पडा भारत के पास खाने के लिए गेहूं बहुत कम था इसीलिए लाल बहादुर शास्त्री ने इस युद्ध के बाद जय जवान जय किसान का नारा दिया.ताकि जवान देश की रक्षा कर सके और किसान भरपूर अनाज पैदा करके अपने देश की भूख मिटा सके और अपने देश के लिए अनाज इकट्ठा कर सके ताकि भविष्य में ऐसी परेशानी कभी ना आए.

इसी बात को किसान और जवानों ने बहुत अच्छे से समझा और उसके बाद में भारत के एक बहुत बड़ा कृषि प्रधान देश बन कर भी उभरा और इसके साथ ही भारत की सेना की ताकत भी दिन प्रतिदिन बढ़ती गई ताकि और इसी वजह से आज कोई दुश्मन देश भारत पर उड़ा कर देखने की कोशिश नहीं करता

उसके बाद में ताशकंद में 11 जनवरी 1966 में लाल बहादुर शास्त्री की एक रहस्यमय तरीके से मृत्यु हो गई उनकी मृत्यु का राज आज तक किसी को नहीं पता चला कुछ लोगों का मानना है कि उनको दिल का दौरा पड़ा था लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि उनको जहर दिया गया था और उनका पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ लेकिन लाल बहादुर शास्त्री भले ही इस दुनिया से चले गई होगी लेकिन उनकी यादें और उनके काम करने का तरीका आज भी हमारे देशवासियों के दिलों में जीवित है और हमेशा रहेगा.

FAQ

Q : लाल बहादुर शास्त्री का जन्म कब और कहां हुआ ?
Ans : 2 अक्टूबर 1904 में उत्तरप्रदेश के मुगलसराय में हुआ.

Q : लाल बहादुर शास्त्री जी ने देश के लिए क्या किया ?
Ans : आजादी में लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया

Q : लाल बहादुर शास्त्री किस राजनैतिक पार्टी से संबंध रखते थे ?
Ans : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी

Q : लाल बहादुर शास्त्री जी का उपनाम क्या था ?
Ans : उन्हें शास्त्री नाम मिला

Q : लाल बहादुर शास्त्री जी की क्या हत्या हुई थी ?
Ans : लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु का कारण अभी तक राज बना हुआ है.

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बताई गई लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन परिचय के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है और आप ऐसी हो और जानकारी आप आना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें.

lal bahadur shastri essay lal bahadur shastri slogan lal bahadur shastri – wikipedia lal bahadur shastri birthday lal bahadur shastri death in which country lal bahadur shastri achievements lal bahadur shastri jayanti lal bahadur shastri party

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button