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लाला लाजपत राय का जीवन परिचय लाला लाजपत राय के नारे

लाला लाजपत राय का जीवन परिचय लाला लाजपत राय के नारे

जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था तब सभी काम ब्रिटिश शासन के अधीन हुआ करता था और ब्रिटिश शासन के द्वारा लगाए गए हर कानून को भारत पर थोपा जाता था ब्रिटिश सरकार भारत के हरेक क्षेत्र में अपना शासन करती थी और ब्रिटिश सरकार अपने फायदे और अपने शासन को मजबूत करने के लिए हर वह काम करती जो उसको फायदा पहुंचाता फिर उसका हमारे देश के लोगों के ऊपर गलत असर क्यों न पड़े ऐसे ही बहुत सारे कानून भारत के ऊपर लागू किए.

जिससे भारतीय लोगों के बीच गुस्सा और आक्रोश पैदा हो गया और इसी कारण धीरे-धीरे भारत में आजादी की मांग उठने लगी और कुछ समय बाद ही भारत में बहुत सारे ऐसे क्रांतिकारी उठ खड़े हुए जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई शुरू की हालांकि भारतीय लोगों को ब्रिटिश सरकार एक मोहरे के रूप में इस्तेमाल करती थी ब्रिटिश सरकार का  मुख्य मकसद आपस में भारतीय लोगों को ही लड़ाना था.ताकि भारतीय लोग आपस में लड़ते रहे.

इसका फायदा ब्रिटिश सरकार उठाती रहे और इसीलिए भारत को आजादी मिलने में बहुत समय लगा एक तो भारत के लोग इतने ज्यादा समझदार नहीं थे दूसरा भारतीय लोगों के पास लड़ाई लड़ने के लिए उपयुक्त हथियार व युद्ध में इस्तेमाल होने वाली दूसरी चीजें नहीं थी लेकिन फिर भी भारत में कुछ ऐसे क्रांतिकारी  हुए जिन्होंने पूरे भारत को एकजुट किया और अंग्रेजो के खिलाफ स्वतंत्रता का संग्राम शुरू किया.

उनमें से बहुत सारे क्रांतिकारियों ने अपने जीवन के बलिदान दिया लेकिन कुछ ऐसे क्रांतिकारी थे जिन्होंने लंबे समय तक अपने जीवन को अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई में लगाया ऐसे ही एक महान क्रांतिकारी लाला लाजपत राय भी थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई शायद आप में से भी बहुत सारे लोग लाला लाजपत राय के बारे में जानते होंगे लेकिन इस ब्लॉग में हम आपको लाला लाजपत राय की पूरी जीवन परिचय के बारे में विस्तार से बताने वाले है.

लाला लाजपत राय कौन थे

लाला लाजपत राय भी उन महान क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में योगदान दिया लाला लाजपत राय एक दृढ़ निश्चय के निडर क्रांतिकारी थे उन्होंने अपने जीवन में बहुत सारे ऐसे काम किए जिन जिन के जरिए वे युवाओं में एक प्रेरणा का स्रोत बने उन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई लाला लाजपत राय को पंजाब के शेर के नाम से भी जाना जाता है.

क्योंकि भी एक बहुत ही दृढ़ निश्चय के व्यक्ति थे जोकि कभी किसी से नहीं डरते थे.लाला लाजपत राय गरम दल के तीन नेताओं में से एक थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया था कांग्रेस के गरम दल के नेताओं में लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चन्द्र पाल शामिल थे जिनको लाल बाल और पाल के नाम से भी जाना जाता है.

लाला लाजपत राय की काम करने का तरीका एक बहुत ही दिलचस्प तरीका था और इसी कारण उनके स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान से बहुत सारे युवा प्रभावित हुए वैसे एक युवाओं में से शहीद भगत सिंह भी एक ऐसे ही व्यक्ति थे जो कि लाला लाजपत राय से बहुत प्रभावित थे उनके उदाहरणों को आदर्श मानते थे

जीवन परिचय

लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब राज्य के फिरोजपुर जिले के दुधिके गांव में हुआ था उनके पिता का नाम मुंशी राधा कृष्ण आजाद था उनकी माता का नाम गुलाब देवी था लाला लाजपत राय ने अपनी शुरुआती शिक्षा अपने पास के ही स्कूल से की थी लाला लाजपत राय के पिता फारसी और उर्दू भाषा की जाने-माने विद्वान थे उनकी माता एक धार्मिक घरेलू महिला थी.

शुरुआती शिक्षा के बाद लाला लाजपत राय वकालत की पढ़ाई के लिए 1880 में लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज में दाखिला लिया.उसी कॉलेज में लाला हंसराज और पंडित गुरुदत्त जैसे क्रांतिकारी और देशभक्त रहते थे और उसी समय लाला लाजपत राय भी उनके संपर्क में आए फिर लाहौर से वकालत की पढ़ाई करने के बाद भी उसके अभ्यास के लिए हरियाणा के हिसार जिले में रहने लगे लेकिन लाला लाजपत राय बचपन से ही अपने देश की सेवा करना चाहते थे.

क्योंकि उनको बचपन से ही ब्रिटिश सरकार के कानून व उनके काम करने का तरीका पसंद नहीं था इसीलिए भी अपने देश को ब्रिटिश सरकार से आजाद करवाना चाहते थे.लाला लाजपत राय एक साधारण परिवार इंशान थे और उन्होंने अपनी आजीविका के लिए बैंक में काम किया हालांकि लाला लाजपत राय एक बहुत जाने-माने वकील बन चुके थे लेकिन उस समय भारत में कोई अपना खुद का अच्छा बैंक भी नहीं था.

लेकिन लाला लाजपत राय ने इस समस्या को एक लड़ाई की तरह लिया लाला लाजपत राय भारत में एक खुद का कोई अच्छा बैंक खोलना चाहते थे ताकी उस बैंक के जरिए भारतीय लोग अपने पैसे का लेन देन आसानी से कर सकें इसीलिए उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक अथवा लक्ष्मी बीमा कंपनी की स्थापना की और इसके साथ ही उन्होंने अंग्रेजों के साथ अपनी क्रांति स्वतंत्रता की लड़ाई भी जारी रखें लाला लाजपत राय अंग्रेजों को हर तरफ से चोट पहुंचाना चाहते थे.

क्योंकि उस समय में अंग्रेजों की न्याय व्यवस्था है.काम करने का तरीका ठीक नहीं था और वे भारतीय लोगों के ऊपर अत्याचार करते थे और यही बात लाला लाजपत राय को पसंद नहीं थी लाला लाजपत राय भारतीय लोगों को इसी अत्याचार से छुटकारा दिलाना वे चाहते थे कि जल्दी से जल्दी ब्रिटिश भारत ब्रिटिश शासन से आजादी पाय इसीलिए लाला लाजपत राय हर क्षेत्र में ब्रिटिश सरकार के सामने खड़े हुए जो कि भारतीय लोगों के लिए जरूरी था.

लाला लाजपत राय एक बहुत ही निडर राष्ट्रवादी नेता थे और धीरे-धीरे अपनी इसी क्रांतिकारी नीति के कारण उन्होंने आसपास के क्षेत्रों में भी लोकप्रियता पाई और धीरे-धीरे वे एक प्रमुख सेनानी के रूप में जाने जाने लगी.फिर धीरे-धीरे उनका लगाव आर्य समाज आंदोलन की तरफ भी बढ़ने लगा इसी बीच उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती के साथ मिलकर आंदोलन को तेजी से बढ़ाने का निर्णय लिया.

क्योंकि आर्य समाज आंदोलन एक ऐसा आंदोलन था जो कि हिंदू समाज में फैल रही कूटनीति और अंधविश्वास को खत्म करना चाहता था और वह हिंदू धर्म को समझने और उसके सिद्धांतों के ऊपर चढ़ने के बारे में बताते थे लेकिन भारत में कई ऐसे दल थे जो कि आर्य समाज के लोगों को धर्म विरोधी समझते थे लेकिन लाला लाजपत राय ने उनकी कभी परवाह नहीं की और पीसी के कारण आर्य समाज पंजाब में भी प्रसिद्ध होने लगा

शिक्षा में बदलाव व आंदोलन

लाला लाजपत राय ने शिक्षा के क्षेत्र में भी अपना बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया क्योंकि उन्होंने बहुत सारी ऐसी शिक्षा व्यवस्था को बदला जो कि भारतीय लोगों के लिए बदलना जरूरी था ताकि भारतीय लोगों को अच्छे से शिक्षा मिल सके और वे तेजी से आगे बढ़ सके इसी बदलती शिक्षा नीति के कारण बहुत सारे युवा शिक्षा की ओर आकर्षित होने लगी और धीरे-धीरे शिक्षा के क्षेत्र में भी भारत में बदलाव आने लगा.

उसके बाद एक घटना के कारण लाला लाजपत राय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ गए इसके अलावा लाला लाजपत राय को बहुत सारी कठिनाई को का भी सामना करना पड़ा क्योंकि लाला लाजपत राय हर समय किसी न किसी आंदोलन के साथ जुड़े रहते थे एक बार 1907 में लाला लाजपत राय ने किसानों के साथ मिलकर अंग्रेजो के खिलाफ आंदोलन किया और बात का फायदा अंग्रेजों ने उठा लिया.

क्योंकि लाला लाजपत राय दिन प्रतिदिन अंग्रेजों के लिए सरदर्द बनते जा रहे थे और वे चाहते थे कि किसी ना किसी तरह लाला लाजपत राय को अंग्रेज जेल में बंद कर दिया जाए किसानों के आंदोलन के मौके पर अंग्रेजों ने लाला लाजपत राय को जेल में बंद कर दिया लेकिन अंग्रेज सरकार के लिए यह गलत साबित हुआ क्योंकि अंग्रेजो के खिलाफ यह किसान आंदोलन और भी तेज हो गया और लोग सड़कों पर उतर गए.

इसीलिए अंग्रेज सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा और लाला लाजपत राय को रिहा करना पड़ा इसके बाद 1928 में साइमन कमीशन लाहौर पहुंचा और लाहौर में भी लाला लाजपत राय के समर्थक साइमन कमीशन गो बैक के नारे लगाने लगे और विरोध बढ़ता देख वहां पर लाठीचार्ज हुआ जिसमें लाला लाजपत राय बुरी तरह से घायल हो गए और इसी चोट के चलते कुछ समय बाद उनकी मृत्यु भी हो गई.

लेकिन उनकी मृत्यु ने ही देश में एक और क्रांति ला दी और इसी क्रांति में भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव जैसे युवा क्रांतिकारी उठ खड़े हुए इन तीनों युवाओं क्रांतिकारियों ने मिलकर सांडर्स की हत्या कर दी और लाला लाजपत राय की लाठीचार्ज का बदला लिया इसके अलावा न जाने और भी कितने क्रांतिकारियों ने भारत के लिए अपनी जान की बाजी लगाई है जिसको हमारे देशवासी हमेशा याद रखेंगे.

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बताए गए लाला लाजपत राय के जीवन परिचय के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है और आप ऐसी ही और जानकारियां पाना चाहती हैं तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें

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