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रेशम के कीड़े पालने का बिजनेस पूरी जानकारी 

रेशम के कीड़े पालने का बिजनेस पूरी जानकारी

Resham farming business plan -रेशम के धागे का उपयोग तो आपने सुना ही होगा या किया भी होगा फिर कल क्या आप जानते हैं कि रेशम की खेती भी रेशम की फार्मिंग भी की जाती है। और रेशम की कॉपी करके अच्छे खासे पैसे भी कमाए जाते हैं  जी हां सही सुना आपने रेशम की खेती भी की जाती है। रेशम की खेती करने का मतलब रेशम के कीड़े पाले जाते हैं। जिससे  रेशम पैदा होता है और रेशम का उत्पादन करते मार्केट में बेचकर मोटी कमाई की जाती है।

इस बिज़नेस प्लांन बहुत बड़े लेवल पर लोग नहीं करते हैं किंतु जो लोग बिजनेस करते हैं वह कभी घाटे में रहते उनका बिजनेस चलता रहता है। और वह केवल बिज़नेस करते हैं ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है और ना ही ज्यादा खर्च करना पड़ता है बड़ी आसानी से आप तैयार कर सकते हैं.

और मार्केट में मोटी रकम कमा सकते हैं यदि आपको नहीं पता की खेती कैसे की जाती है तो आज हम आपको बताएंगे रेशम खेती रेशम के कीड़े कैसे पार करें कम पैसे में कम बजट में घर बैठे कैसे पैसे कमा सकते हैं। वह भी थोड़ी सी जगह का इस्तेमाल करके यदि आपको जानना है तो आपको एक आर्टिकल पढ़ना चाहिए चलिए शुरू करते हैं.

क्या है रेशम फॉर्मिंग और रेशम के कीड़े पालने का बिजनेस प्लान

Resham farming business plan – रेसम की फॉर्मिंग करने का मतलब यह है कि हम रेशम के कीड़ों को पालकर रेशम का उत्पादन करके मार्केट में रेशम बेचकर पैसे कमाए रेशम बनाने के लिए रेशम के कीड़े पड़ने पड़ते हैं। यह तो आप जानते ही होंगे। रेशम उद्योग को सेरीकल्चर उद्योग भी कहा जाता है। सेरीकल्चर का बिजनेस भी बोला जाता है रेशम के कीड़े पालने के बाद रेशम का उत्पादन किया जाता है और मार्केट में मोटी रकम में से भेज दिया जाता है बहुत से लोग इस बिजनेस को पढ़ते हैं और अच्छी खासी रकम कमाते बड़े लेवल पर इसको किया जाता है।

बड़े-बड़े उद्योग धंधे रेशम की जुबान करते हैं और मार्केट में मोटी रकम देकर रेशम को खरीदते हैं रेशम के धागे कीमती होने के साथ-साथ बहुत ही मजबूत और परिपक्व होते हैं। इसलिए इसे कई तरह के कपड़े बनाने में इसका उपयोग किया जाता है। साड़ियां बनती हैं सलवार सूट बनते हैं। रेशम का उपयोग ऐसे कार्य में किया जाता है जो टिकाऊ है ज्यादातर रेशम का कार्य कपड़ों को बनाने में किया जाता है। जो इंपॉर्टेंट कपड़े होते हैं जो काफी महंगे बिकते हैं। उनमें रेशम के धागों का प्रयोग किया जाता है महंगी महंगी साड़ियां सूट सलवार इन सब को बनाने के लिए जिन रेशम का इस्तेमाल होता है वह रेशम से बने कपड़े मार्केट में अधिक दामों में बिकते हैं।

रेशम की खेती करने के लाभ

benefit from Resham farming business plan – बड़े बड़े व्यापारी बड़े बड़े सेठ कंपनियां रेशम के धागे बनाने का बिजनेस करते हैं और मार्केट में बहुत ही अच्छी है का उपयोग कई जगह किया जाता है बहुत ही उपयोगी माना जाता है जो उत्पादित किया जाता है बात करने के लिए और बजट की जरूरत पड़ती है। जहां पर आपको रेशम के कीड़े पालने होते हैं जिससे आप को तैयार कर पाए यदि कोई भी इस बिजनेस को स्टार्ट कर देता है तो वह कभी घाटे में रहता 12 महीने चलने वाला बिजनेस है।

मार्केट में हमेशा मांग बनी रहती है कभी मंदी में नहीं जाता इसलिए इसमें काफी लोग बड़े-बड़े लोग पैसा लगाते हैं पैसा कमाते हैं। रेशम के धागे का उपयोग विभिन्न प्रकार के वस्त्रों को बनाने में किया जाता है वस्त्र जिनमें रेशम का प्रयोग होता है। उन वस्तुओं की कीमत बढ़ जाती है इसलिए मार्केट में रेशम की मांग अधिक रहती है और मैं बात यह रहती है कि जो भी रेशम के कपड़े खरीदना है। वह एक इंपॉर्टेंट व्यक्ति की तरह अपने को समझता है क्योंकि रेशम के कपड़े मार्केट में बड़े अच्छे लगते हैं। रेशम की मांग बड़ी-बड़ी कंपनियां अच्छी रकम रकम देकर करती हैं। की माने तो 60 लाख रोजगार रेशम के उद्योग से जुड़े लोग कर रहे हैं 1 किलो रेशम का उत्पादन करने में 11 लोगों को रोजगार मिलता है।

रेशम केवल एक ही व्यक्ति को पैसे नहीं कमा कर देता रेशम से कई व्यक्ति रोजगार का साधन प्राप्त कर सकते है। रेसम की खेती अच्छे लेवल पर की जाए तो ग्रामीण में अच्छे खासे रोजगार पैदा किए जा सकते हैं सरकार का ध्यान इस तरफ आकर्षित हो तो बड़े अच्छे उद्योग धंधे तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अच्छे खासे उद्योग धंधे रोजगार शुरू किया जा सकता है। लोगों को घर बैठे अपने एरिया में अच्छे रोजगार मिल सकते हैं केवल रेशम की खेती करने इतना फायदा हो सकता है।

मार्केट में रेशम की क्या स्थिति है

यदि मार्केट में रेशम की स्थिति की बात करें तो मार्केट में रेशम सबसे टॉप पर हमेशा रहा है और हमेशा रेशम की मांग बढ़ती ही रहे हैं भारत में यदि बात करें तो रेशम के उद्योग में बहुत से ऐसे लोग जिन्हें रोजगार मिला ग्रामीण क्षेत्रों में खेती जहां की जाती है वहां बहुत से रोजगार के अवसर प्रदान होते हैं। केवल रेशम की खेती की वजह से मार्केट में रेशम की स्थिति का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते कि जिस वक्त भी कपड़े में रेशम का उपयोग किया रहता है। उस कपड़े की डिमांड ज्यादा बढ़ जाती है।

ताजा रिपोर्ट की मानें तो 2017 में रेशम के उत्पादन का 28 से 30 million ton का उत्पादन भारत में 2017 में किया था जो कि एक कीर्तिमान की तरह देखा जा रहा है। यहां की उत्पादन क्षमता कम है आपूर्ति ज्यादा रेशम की मांग भारत में जाता है। आपूर्ति कम है इस वजह से बाहर से आयात करना पड़ता है रेशम रेशम दूसरी सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाला देश भारत है किंतु यहां बाहर से आयात करना पड़ता है। इतना उत्पादन भारत नहीं कर पाता जितना कि यहां खपत है केंद्र सरकार का वीजा रेशम की खेती पर है इसीलिए उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के स्टार्ट अप इंडिया के माध्यम से रेशम के उद्योग को भी साथ जोड़कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। कि हमारा स्थान का विग्रह विश्व में दूसरे स्थान पर यदि हम रेशम का उत्पादन करने के लिए बने हैं तो आगे भी बना रहे।

कितनी होती है कमाई

विशेषज्ञों की मानें तो पहले से बिजनेस कर रहे हैं उनकी माने तो जो भी इस रेशम के उद्योग को शुरू करता है उसे 1.33 से 1.5  रुपए  के हिसाब से बहुत ही छोटी हुई से यहां आ कर दिया गया है जिससे आपको समझ में आए यही हिसाब से आप समझ सकते हैं कि व्यापार करने वाले को उत्पादन करने वाले को फायदा इसी मार्जन के हिसाब से मिलता है। यदि आप इस बिजनेस में 1 रुपये का निवेश करेंगे तो आपको आपके निवेश का लागत निकालकर जो एक रुपये है। तो आपको 33 पैसे का मुनाफा होगा।

एक रुपये के निवेश में आपको 33 पैसे लागत काट के मिलेंगे रेशम के उद्योग में यदि आपको ₹1 निवेश करने के बाद 35 35 paise मुनाफे के तौर पर मिलने जिसमें किसी भी प्रकार का घाटा नहीं है। आपको अच्छा खासा बिजनेस से फायदा हो जाएगा बड़े लेवल पर यदि आपको यह छोटी सी आपसे आपको समझाया गया है आप इस माध्यम से समझ सकते हैं कि बिजनेस में कितना लाभ होने वाला है।

कैसे शुरू करें रेशम सेरीकल्चर का उद्योग

रेशम उद्योग सेरीकल्चर उद्योग कोई भी देश का नागरिक कर सकता है जिसके पास बिजनेस करने की लालसा है और जो बिजनेस करना चाहता है इसके अंदर जुनून है वह सेरीकल्चर आराम से करता है। जैसा कि आप जानते हैं कि रेशम का उद्योग खेती से ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ा होने के कारण इसके लिए आपको सबसे पहले जगह की जरूरत पड़ेगी। यदि आपके पास पर्याप्त जमीन तो आप आराम से रेशम की खेती रेशम के कीड़े का उद्योग कर सकते हैं।

इसके लिए आपको विशेष तौर पर जगह पर ध्यान देना होता है। यदि आपका उद्योग किसी ऐसे स्थान को शुरू होगा जहां पर्याप्त जगह है तो आपको आसानी होगी खेती करने में और उत्पादन करने में ग्रामीण क्षेत्रों में खेती करने में बहुत ही सुविधा होती है। वहां स्पेस भी ज्यादा मिलता है और खेती करने में कोई परेशानी भी नहीं आती।

रेशम की खेती के लिए जरूरी बातें

रेशम का उद्योग करने के लिए आपको सबसे पहले जगह स्थान की ओर पड़ती है रेशम की खेती करने के लिए रेशम के कीड़े पाए जाते हैं इतना तो आप जान ही गए होंगे रेशम के कीड़े पालने के लिए सरसों की खेती करनी पड़ती है क्योंकि रेशम के कीड़े का भोजन शहतूत की खेती के पत्तों से ही रेशम के कीड़े को पाला जाता है।

रेशम के कीड़े शहतूत की पत्ती का ही आहार करते हैं अपने रेसम के कीड़े से अधिक मात्रा में शहतूत की पत्ती खाकर जिंदा रहते हैं यदि आप हमको जो करना चाहते तो सबसे पहले आपको शहतूत की खेती करनी पड़ेगी क्योंकि रेशम के कीड़े शहतूत की पत्तियां ही खाकर जिंदा रहते हैं। कीड़े बड़ी अधिक मात्रा में सहतूत की पत्तियां खाते हैं यदि कीड़ों को जिंदा रखने की बात की जाए तो उनके लिए आहार जरूरी है आहार नहीं मिलेगा तो कीड़े ना तो पोषित होंगे और ना ही बढ़ेंगे।

आपको  उद्योग में घाटा हो जाएगा इसके लिए आपको शहतूत की खेती करनी पड़ती है।

यदि आप से खेती  नहीं करना चाहते तो आप इसके लिए शहतूत के पत्ते भी खरीद सकते हैं। शहतूत के पत्ते आपको उन लोगों से मिलेंगे जो पहले से शहतूत की खेती कर रहे हैं। आपको उनसे जिस भी दाम में पट्टे मिले खरीद लेने चाहिए पहले से और उनसे संपर्क भी बनाए रखना चाहिए। जब भी आप उनको जरूरत पड़ेगी पत्तों की तो आप उनसे जिस भी दाम में पत्ते मिले खरीद लेने चाहिए। पहले से और उनसे संपर्क भी बनाए रखना चाहिए जब भी आप उनको जरूरत पड़ेगी पत्तों की तो आप उनसे पत्ते खरीद पाए।

इसके अलावा गूलर गूलर के फूल और पत्ते भी रेशम के कीड़े खूब खाते हैं इसके लिए आपको गूलर के पत्तों का भी प्रबंध कर लेना चाहिए यदि शहतूत के पत्ते नहीं मिल रहे तो गूलर के पत्ते व फूल रेशम के कीड़े के लिए बहुत अच्छा माना जाता है आप गूलर के पत्ते व फूल कभी उपयोग कर सकते हैं क्योंकि आहार के लिए गूलर के पत्ते तो 12 महीने मिल जाते हैं आसानी से आप कहीं से भी इसकी व्यवस्था कर सकते हैं।

रेशम के कीड़े की नस्ल

रेशम के कीड़ों को पालने के लिए उनके नस्लों को भी ध्यान देना पड़ता है भारत में कई प्रकार की रेशम के कीड़े की नस्ल पाई जाती हैं जो अलग-अलग प्रकार से रेशम तैयार किए जाते हैं रेशम के कीड़ों की कई किस्में भारत में उपलब्ध सही नस्ल के कीड़े को आप को पालना चाहिए सही नस्ल में मुलबेरी, तस्सर,ओक तस्सर, ऐरी, मुगा यह सारी नस्ले हीरो की अच्छी मानी जाती है जो भारत में अच्छी पैदावार करती हूं आपको इनमें से किसी को खरीदना चाहिए।

फार्मिंग के लिए शेड बनाएं

यदि आप रेशम की खेती करना चाहते हैं तो आपको उत्पादन करने के लिए शेड की व्यवस्था करनी पड़ेगी का मतलब होता है ऐसी जगह जहां वातावरण जहां की जलवायु कंट्रोल में रहे और आप अपने हिसाब से छाया धूप करवाएं मतलब ही जगह चाहिए जहां पर भी हर  तरह की व्यवस्था उपलब्ध हो। रेशम के लिए जलवायु का तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तथा नमी 85% होना चाहिए इतना काम केवल 9 से 10 दिन का  होता है  इसके बाद  प्रक्रिया पूरी हो जाती है इसलिए आराम से रह पाते हैं पोषित हो पाते हैं समय-समय पर खेती में ध्यान भी देना पड़ता है कीड़ों को कोई हानि न पहुंच पाए इसके लिए भी विशेष तौर पर रखरखाव तथा कई प्रकार के आने चीजों को भी जोड़ा जाता है।

सबसे मेन बात यह है कि अभी आप मेरे को समय से उनके आहार देते रहेंगे कीड़े पोषित होते रहेंगे तो आपको धंधे में कभी घाटा नहीं होगा कीड़ों को उनका हर मिलता रहेगा वह पोषित होते रहेंगे तो आपको पैसा मिलता रहेगा का विशेष ध्यान देना होता है उनके आहार के लिए तथा उनके रखरखाव बाकी सब रेशम बेचने के बाद आपको पता चलता है कि आप ने कितनी कमाई की ।

आपको यह आर्टिकल रेशम फार्मिंग बिजनेस प्लान को पढ़कर बिजनेस की जानकारी हो गई होगी यदि आपको या बिजनेस प्लान अच्छा लगा तो आप भी इस बिजनेस को कर सकते हैं। और एक जगह रह के अच्छे खासे पैसे कमा सकते हैं।

बाकी अभी आपको याद कर पसंद आया है तो इसे अपने यार दोस्तों का सोशल मीडिया पर शेयर करें ताकि बिजनेस के प्लान की जानकारी हो सके ।और यदि आपको कोई भी समस्या है इस आर्टिकल से संबंधित तो उसे अपने कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं।

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