सामान्य ज्ञान

महाराणा प्रताप कौन थे उनका जीवन परिचय शासनकाल व लड़ाइयां

महाराणा प्रताप कौन थे उनका जीवन परिचय शासनकाल व लड़ाइयां

भारत एक बहुत ही प्राचीन देश है भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति दुनियाभर में प्रसिद्ध है इसीलिए दुनिया के हर कोने में भारत की संस्कृति इतिहास और भारत की रीति रिवाजों की चर्चा होती है भारत में बहुत बड़े-बड़े सुर वीरों ने भी जन्म लिया है जिनको जिनका जिक्र आज भी होता है हालांकि इन सुर वीरों की कहानियां अब इतिहास के पन्नों में दबी हुई है लेकिन जब भी इतिहास की बात की जाएगी.

तब इन सुर वीरों का नाम सामने जरूर आएगा इन सुर वीरों ने भारत के लिए जो किया वह शायद दुनिया में किसी ने भी नहीं किया होगा आप सभी को पता होगा कि अंग्रेजों से पहले भारत में अलग-अलग राजा शासन करते थे.जिनकी अलग-अलग रियासतें होती थी और हर राजा अपनी रियासत के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहता था और जब मुगलों ने भारत में अपने पैर पसारने शुरू किए तब भी भारत में बहुत बड़े बड़े राजा थे.

लेकिन एक समय ऐसा आया जब भारत के बहुत सारे हिस्सों पर मुगलों का राज हुआ करता था और हर मुगल राजा दूसरी रियासत के ऊपर हमला करके उसको छीनने की कोशिश करता था लेकिन भारत में ऐसे वीर योद्धा हिंदू राजा पैदा हुए जिनके होते हुए किसी भी दूसरे मुगल शासक की आंख उठाकर देखने की भी हिम्मत नहीं होती उन्हीं में से महाराणा प्रताप भी ऐसी ही एक हिंदू शूरवीर थे.

जिन्होंने अपनी रियासत के लिए बहुत सारी कुर्बानियां दी महाराणा प्रताप के बारे में कौन नहीं जानता इस महा योद्धा की कहानियां आज भी इतिहास के पन्नों में बहुत बड़े बड़े अक्षरों में लिखी हुई है जब इस वीर योद्धा की मृत्यु हुई तब मुगल राजा अकबर भी रो पड़ा था आप में से बहुत सारे लोग महाराणा प्रताप के बारे में जानते होंगे.

लेकिन इस ब्लॉग में हम आपको इनके पूरे जीवन काल के बारे में अवगत कराने वाले हैं इस ब्लॉग में हम आपको महाराणा प्रताप के शासनकाल, युद्ध, जीवन परिचय व उनकी लड़ाई के बारे में बताने वाले हैं.

महाराणा प्रताप

दुनिया में ऐसे बहुत सारे निडर लोग होते हैं जो कि किसी के सामने कभी नहीं झुकते हैं और वे हमेशा अपनी बात पर अटल रहते हैं उन्ही में से महाराणा प्रताप भी एक ऐसी ही इंसान थे जो कि हमेशा अपनी प्रजा के लिए खड़े रहते थे महाराणा प्रताप एक ऐसे शूरवीर थे जिन्होंने कभी मुगलों के सामने अपनी गर्दन नहीं छुपाई महाराणा प्रताप ने कभी किसी के आगे झुकना नहीं सीखा था वह अपनी रियासत के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते थे.

उन्होंने अपने जीवन में अपनी रियासत के लिए बहुत बड़ी लड़ाइयां भी लड़ी महाराणा प्रताप एक बहुत ही कूटनीतिक मानसिक राजनीतिक व शारीरिक क्षमता वाले राजा थे महाराणा प्रताप के आगे दुश्मन देख कर डर जाता था क्योंकि ऐसा माना जाता है कि महाराणा प्रताप की लंबाई लगभग 7 फीट थी और उनका वजन 110 किलोग्राम था और भी अपने शरीर के ऊपर 72 किलो की छाती का कवच और 81 किलो के भाले को लेकर चलते थे.

इसके अलावा महाराणा प्रताप के पास लगभग 200 किलो से ऊपर की दो तलवारें भी रहती थी और महाराणा प्रताप के पास अपना एक घोड़ा था जिसका नाम चेतक था और वह घोड़ा भी महाराणा प्रताप की तरह एक शूरवीर घोड़ा था उसने महाराणा प्रताप का हर लड़ाई का युद्ध में साथ दिया.महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में कई बड़े-बड़े युद्ध में लड़ाइयां लड़ी जिनमें उन्हें हमेशा ही विजय प्राप्त हुई.

लेकिन उनकी सबसे प्रमुख लड़ाई हल्दीघाटी की लड़ाई मानी जाती है जोकि उस समय हुई जब दिल्ली के ऊपर अकबर का राज था और अकबर अपने आसपास की रियासतों के सभी हिंदू राजाओं को अपने अधीन करने में लगा हुआ था और सभी हिंदू राजा भी इस बात से सहमत हो गए थे क्योंकि अकबर एक बहुत ही शक्तिशाली शासक था उसके पास बहुत मजबूत सेना थी लेकिन जब यह बात मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप को पता लगी.

तब महाराणा प्रताप इस बात से बिल्कुल भी सहमत नहीं हुए उन्होंने अकबर की अधीनता से इनकार कर दिया और यही बात अकबर को पसंद नहीं आई इसलिए उसने आमेर के राजा मानसिंह और आसफ खां कि सेना के साथ हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप के ऊपर हमला कर दिया.

यह युद्ध लगातार चलता रहा इस युद्ध न ही अकबर को विजय मिली और न हीं महाराणा प्रताप की हार हुई क्योंकि महाराणा प्रताप सुरवीर राजा थे उन्होंने हल्दीघाटी के युद्ध में अपनी सेना के साथ अकबर को मुंहतोड़ जवाब दिया महाराणा प्रताप ने कभी भी अकबर के सामने अपना सिर नहीं झुकाया.

जीवन परिचय

महाराणा प्रताप एक बहुत ही बड़े और शक्तिशाली राजा थे उन्होंने जो अपने राज्य के लिए किया वह आज भी इतिहास के पन्नों में दर्ज करें महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 ईस्वी में राजस्थान के कुंभलगढ़ में हुआ था उनके पिता का नाम महाराणा उदयसिंह था जोकि मेवाड़ के राजा थे उनकी माता का नाम रानी जीवंत कवंर महाराणा प्रताप अपने पिता के 33वी संतान थे.

जब महाराणा प्रताप के पिता की मृत्यु हुई उससे पहले ही उन्होंने अपनी सबसे छोटी पत्नी के पुत्र को अपने राज्य का शासन काल सौंप दिया था इसलिए महाराणा प्रताप अपने राज्य को छोड़कर जाने वाले थे लेकिन मेवाड़ की प्रजा महाराणा प्रताप को जाने नहीं देना चाहती थी और इसीलिए सभी ने मिलकर महाराणा प्रताप को रोका महाराणा प्रताप ने भी अपनी प्रजा के इस प्यार को देखते हुए वहां पर रुकने का फैसला लिया.

उन्होंने 1 मार्च 1573 में अपने राज्य का शासन संभाला.महाराणा प्रताप की 14 पत्नियां थी उनकी पत्नियों का नाम अजब देपंवार, अमोलक दे चौहान, चंपा कंवर झाला, फूल कंवर राठौड़ प्रथम, रत्नकंवर पंवार, फूल कंवर राठौड़ द्वितीय, जसोदा चौहान, रत्नकंवर राठौड़, भगवत कंवर राठौड़, प्यार कंवर सोलंकी, शाहमेता हाड़ी, माधो कंवर राठौड़, आश कंवर खींचण, रणकंवर राठौड़ था इसके अलावा महाराणा प्रताप के 17 बेटे थे.

जिनका नाम अमर सिंह, भगवानदास,सहसमल, गोपाल, काचरा, सांवलदास, दुर्जनसिंह, कल्याणदास, चंदा, शेखा, पूर्णमल, हाथी, रामसिंह, जसवंतसिंह, माना, नाथा, रायभान था और महाराणा प्रताप की कुल 5 बेटियां थी जिनका नाम रखमावती, रामकंवर, कुसुमावती, दुर्गावती, सुक कंवर था.जब हल्दीघाटी का युद्ध हुआ तब उसके बाद महाराणा प्रताप अपने पूरे परिवार के साथ जंगल में चले गए लेकिन वहां पर उनका हृदय डगमगाने लगा था .

वह बिल्कुल कमजोर पड़ने लगे थे लेकिन उसी समय उनके पास बीकानेर के राजा पृथ्वीराज राठौड़ का पत्र आता है जिन्होंने उनकी अंतर्मन को फिर से जगा दिया और यहीं से महाराणा प्रताप एक बार फिर से उठ खड़े हुए महाराणा प्रताप ने ठान लिया था कि वे अपने जीवन में कभी भी अपना सिर नहीं झुकायागे फिर महाराणा प्रताप चावल में धनुष की डोर को खींचने से चोट लग जाती है.

फिर इसी का इलाज करते समय 29 जनवरी 1597 में 57 वर्ष की आयु में इस महान शूरवीर का देहांत हो जाता है और यही चीज मेवाड़ राज्य ने अपना सबसे बड़ा और सबसे ताकतवर शूरवीर राजा को दिया लेकिन जब यह बात मुगल राजा अकबर को पता लगती है कि महाराणा प्रताप का देहांत हो गया है इस बात को सुनकर अकबर भी दुखी होता है और वह रोने लगता है.

वह कहता है कि आज तक उसने अपने राज्य के लिए इतना प्यार आज तक किसी राजा में नहीं देखा महाराणा प्रताप ने अपने राज्य के लिए अपने धन दौलत तो छोड़ दिया लेकिन उसने कभी भी हार नहीं मानी महाराणा प्रताप को झुकाने के लिए बहुत लड़ाई युद्ध किए लेकिन महाराणा प्रताप की कमजोर से ना होने के बावजूद भी महाराणा प्रताप ने कभी हार नहीं मानी और उसने अकबर के सामने कभी भी अपना सिर नहीं झुकाया.

Faq

Q. महाराणा प्रताप का जन्म कब हुआ
Ans. 9 मई 1540 ईसवी

Q. महाराणा प्रताप का देहांत कब हुआ
Ans.19 जनवरी 1597 ईस्वी को

Q. महाराणा प्रताप की माता पिता का क्या नाम था
Ans. पिता का नाम महाराणा उदय सिंह व माता का नाम रानी जीवत कवंर था

Q. महाराणा प्रताप की कुल कितनी पत्नियां और बच्चे थे
Ans. 14 पत्नियां 17 बटे और 5 बेटियां थी

Q. महाराणा प्रताप किस रियासत के राजा थे
Ans. मेवाड़

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बताए गए महाराणा प्रताप की जीवन परिचय, शासन काल व युद्ध के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है और आप ऐसी ही और जानकारी पाना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें.महाराणा प्रताप हिस्ट्री, महाराणा प्रताप रियल फोटो, महाराणा प्रताप डाइट, महाराणा प्रताप जयंती, महाराणा प्रताप वीडियो, महाराणा प्रताप का इतिहास चित्तौड़गढ़, महाराणा प्रताप हल्दीघाटी, महाराणा प्रताप को किसने मारा,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button