Health

मधुमेह या डायबिटीज के लक्षण कारण व उपचार

मधुमेह या डायबिटीज के लक्षण, कारण व उपचार

वैसे तो दुनिया भर में बहुत सारी खतरनाक और घातक बीमारियां फैली हुई है जिससे इंसानों की तुरंत मौत हो जाती है लेकिन कई बीमारियां ऐसी होती है जो कि बार होने पर पूरे जीवन पीछा नहीं छोड़ती और कई बार यह बीमारियां दूसरी बीमारियों को भी उत्पन्न करने लगती हैं इसी तरह से मधुमेह या डायबिटीज भी एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जो कि आजकल के लगभग हर दूसरी इंसान में उत्पन्न हो रही है क्योंकि आजकल के बदलते खान-पान के कारण हमारे शरीर को सही पोषक तत्व नहीं मिल पाते जिनसे इस तरह की कई बीमारियां उत्पन्न होती है तो आज के इस ब्लॉग में हम इसी बीमारी के बारे में विस्तार से जानेंगे इस ब्लॉग में हम बताएंगे कि मधुमेह कैसे उत्पन्न होता है इससे कैसे बच सकते हैं और उसके उपचार आदि के बारे में

मधुमेह या डायबिटीज क्या है

पहले हम बात करेंगे सबसे पहले की बात करते हैं कि मधुमेह रोग क्या होता है मधुमेह एक ऐसी समस्या है जो कि शरीर के अंत स्त्रावी पेनक्रियाज ग्रंथि से उत्पन्न हो उत्पन्न इंसुलिन नामक हार्मोन बनने के कारण उत्पन्न होता है और यह हार्मोन हमारे शरीर में खाए गए भोजन से चीनी का पाचन करके उसे ऊर्जा में परिवर्तित करता है और खून में ग्लूकोज की मात्रा एक निश्चित स्तर से बढ़ने नहीं देता इसके अलावा शर्करा की मात्रा इंसुलिन द्वारा ग्लाइकोजन में परिवर्तित करके यकृत और मांसपेशियों में इकट्ठा कर दी जाती है और ज्यादातर खाली पेट में रक्त की शर्करा का स्तर 80 से 120 मिलीग्राम प्रति 100 सी.सी. के बिच में होता है और जब रोगी भोजन करता है तब यह 170 से 140 मिलीग्राम हो जाता है अक्सर यह समस्या महिलाओं के अपेक्षा पुरुषों में ज्यादा होती है और यह समस्या ज्यादातर गरीब लोगों की बजाय अमीरों में 30 से 60 वर्ष की आयु वाले पुरुषों में होती है और कई बार इस समस्या के पीछे वंशानुगत कारण भी हो सकते हैं और वैसे यह समस्या किसी भी उम्र में उत्पन्न हो सकती है

मधुमेह के कारण

अगर मधुमेह रोग होने की कारण के बारे में बात की जाए तो जब यह रोग होता है तब इसके पीछे कई कारणों के हाथ हो सकते हैं जैसे बैठे-बैठे कार्य करना, बिल्कुल आराम की जिंदगी बिताना, परिश्रम व व्यायाम न करना, ज्यादा मात्रा में भोजन करना, ज्यादा शराब तंबाकू गुटके आदि का सेवन करना, पेनक्रियाज द्वारा इंसुलिन नामक हार्मोन न बनाना, वंशानुगत कारण, ज्यादा मीठी चीजों का सेवन करना, अधिक मानसिक कार्य करना, मानसिक तनाव रखना, उम्र का बढ़ना, यकृत के कार्य में कमी आना, ज्यादा चर्बी व मोटापा होना यह कुछ ऐसे कारण हैं जिनसे किसी भी इंसान में मधुमेह की समस्या उत्पन्न हो सकती है

मधुमेह के लक्षण

जब कोई इंसान मधुमेह रोग से ग्रस्त हो जाता है तो उसमें कई प्रकार के लक्षण भी देखने को मिलते हैं जैसे बार-बार प्रयास व भूख लगन, ज्यादा मल मुत्तर की हाजत होना है शरीर का वजन घटने लगता है शारीरिक कमजोरी थकान व आलस्य होने लगता है शरीर पर बार बार फोड़े फुंसी होने लगते हैं शरीर में खाज खुजली दाद की शिकायत बढ़ जाती है रोगी की त्वचा रूखी सूखी होने लगती है रोगी के सिर में दर्द व घबराहट होने लगती है रोगी में उत्तेजना व नपुंसकता देखने को मिलती है रोगी के खून और मूत्र में शर्करा की उपस्थिति और घबराहट व चिड़चिड़ापन होने लगता है ये कुछ ऐसे लक्षण है जो कि मधुमेह के रोगी में देखने को मिलते हैं

क्या खाना चाहिए

जब कोई रोगी मधुमेह से ग्रस्त हो जाता है तो उस स्थिति में रोगी को खाने पीने की चीजों के ऊपर सबसे ज्यादा कंट्रोल करने की जरूरत होती है क्योंकि अगर वह खाने पीने की चीजों पर कंट्रोल नहीं करेगा तो मधुमेह की समस्या तेजी से बढ़ने लगेगा और बाद में उसको और भी कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं

  • रोगी को चाय कॉफी दूध का सेवन करने देना चाहिए लेकिन मिठास के लिए सैकरीन, एसपरेटम की गोलियां इस्तेमाल जरूर करें
  • रोगी को कच्चे नारियल का पानी, अखरोट, मूंगफली के दाने, काजू, सोयाबीन और दही, लस्सी का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को फूलगोभी, मशरूम, चोकर सहित खंडे अनाज, सूखे मेवे, खमीर आदि का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को एक बार में ज्यादा भोजन नहीं करना चाहिए थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दिन में चार पांच बार भोजन करना चाहिए
  • रोगी को नीम की निंबोली, पत्तियां, अदरक, हल्दी, लहसुन, दालचीनी का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को आंवला, टमाटर, संतरा, मौसमी, जामुन और ककड़ी का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को 2 किलो गेहूं 2 किलो जो और 1 किलो चने के मिले हुए आटे के साथ बनी रोटियों का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को करेला, मेथी, पालक और मूली का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को हर रोज मेथी के दाने 25 से 100 ग्राम हर रोज खाली पेट खाने चाहिए या सब्जी बनाकर खानी चाहिए

क्या नहीं खाना चाहिए

  • रोगी को ज्यादा घी, मक्खन, सिंघोड़े, दूध का पाउडर, मछली, तली हुई चीजें, चावल मांस का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को मैदे से बनी हुई चीजें व मिठाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा मीठे खाद्य व पेय पदार्थ जैसे चीनी, मिठाईयां, जेम जेली, टॉफी, चॉकलेट,गुड, शहद, आइसक्रीम, खीर, हलवा, गन्ना ,शकरकंद ,आम, केला, चीकू ,पपीता, शरबत, कोल्ड, ड्रिंक, अंगूर, चाय ,कॉफी और रबड़ी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को आलू, आलू की चिप्स,उड़द की दाल, पूरी, पराठे, समोसे, कचोरी, चाट, तिल आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ठंडा पानी, बर्फ, शराब का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा भोजन नहीं करना चाहिए

क्या करना चाहिए

  • रोगी को तैरना, दौड़ना व व्यायाम आदि करने चाहिए
  • रोगी को हर रोज सुबह शाम टहलने जाना चाहिए
  • रोगी को ठंड से बचना चाहिए वह इसके लिए गर्म कपड़ों को पहनना चाहिए
  • रोगी को भोजन के बाद दवा का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को हमेशा अपने पास चॉकलेट मिश्री रखनी चाहिए ताकि रक्त में शर्करा की कमी की वजह से बेहोशी होने पर उसका सेवन कर सकें

क्या नहीं करना चाहिए

  • रोगी को ज्यादा मानसिक तनाव उत्पन्न होने वाले विचार मन में नहीं रखने चाहिए
  • रोगी को अपने शरीर का वजन वह चर्बी नहीं बढ़ने देनी चाहिए
  • रोगी को ज्यादा समय तक खाली पेट नहीं रहना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा तेजी से भागना व दौड़ना नहीं चाहिए
  • रोगी को ज्यादा कठोर व्यायाम व कठोर कार्य आदि नहीं करनी चाहिए

लेकिन फिर भी अगर किसी को मधुमेह की समस्या हो जाती है तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए या आप कुछ आयुर्वेदिक औषधियों व दवाइयों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.मधुमेह से बचाव के उपाय पूर्व मधुमेह के लक्षण डायबिटीज क्या है इन हिंदी बच्चों में शुगर के लक्षण महिलाओं में शुगर के लक्षण यूरिन में शुगर के लक्षण मधुमेह टाइप 2 के लक्षण मधुमेह के कारण

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button