Health

दस्त लगने के कारण लक्षण व उपचार

दस्त लगने के कारण लक्षण व उपचार

कई बार हमारे शरीर के संतुलन के बिगड़ जाने के कारण हमारे शरीर में कई प्रकार की अलग-अलग समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं जिनमें से दस्त लगना भी एक ऐसी समस्या है जो कि ज्यादा देखी जाती है इस समस्या में रोगी को बहुत सारी परेशानियां होती है और

समय पर इलाज न मिल पाने के कारण समस्या के कारण रोगी का शरीर बिल्कुल दुबला पतला व कमजोर हो जाता है और इससे रोगी के शरीर में और भी कई प्रकार की चीजों की कमी आने लगती है जिससे रोगी को कई रोग होने लगते है तो आज के इस ब्लॉग में हम दस्त लगने के कारण, लक्षण और उपचार आदि के बारे में बात करने जा रहे हैं.

दस्त लगना

वैसे तो इस रोग को अतिसार रोग का नाम दिया गया है लेकिन साधारण भाषा में इसको दस्त लगना या दर्द होना रोग के नाम से ही जाना जाता है जिसमें रोगी को बार-बार मल के लिए पाखाना जाना पड़ता है और बार-बार मल करना पड़ता है और जब रोगी बार-बार पाखाना जाता है तब उसका माल बिल्कुल पतला व जागदार आता है और यह रोग अचानक से उत्पन्न होकर 2 या 3 दिन तक रहता है जिसमें रोगी को 1 दिन में 3 से ज्यादा बार दस्त आते हैं और यह रोग बच्चों में ज्यादातर देखा जाता है जिन से बच्चों की मृत्यु भी हो जाती है क्योंकि यह रोग 5 वर्ष की आयु से कम उम्र के बच्चों में होने से उनके शरीर में पानी की कमी कर देता है

जिन से बच्चों की मृत्यु हो जाती है और यह रोग हमारे देश में और भी ज्यादा देखा जाता है क्योंकि हमारे देश में चिकित्सा सुविधा इतनी ज्यादा एडवांस नहीं है जब कोई इंसान भोजन करता है तब उसका आमाशय भोजन को पचा नहीं पाता और वह बिना पचे हुए ही सीधा दस्त के जरिए बाहर निकलने लगते हैं इससे रोगी के पेट में गुडगुड की आवाज महसूस होती है और हल्का दर्द भी होता है और जब रोगी मल करता है तब उसमें मल कम और पानी की मात्रा ज्यादा होती है कभी-कभी कभी-कभी रोगी का मल गाँठ के रूप में बाहर आता है जिससे रोगी के शरीर में बहुत परेशानियां होती है

दस्त लगने के कारण

अगर दस्त लगने के कारणों के बारे में बात की जाए तो इस समस्या के उत्पन्न होने के पीछे कई सारे कई कारण भी होते हैं जैसे दस्त से संक्रमित व्यक्ति का भोजन या पानी ग्रहण करना गंदे हाथ या मल के बाद बिना साफ किए हुए हाथों से दूसरी चीजों को छूना और अलग-अलग प्रकार के बैक्टीरिया जैसे वायरस परजीवी आंत्रशोथ दस्त के बाद उत्पन्न हो सकते हैं दस्त के ज़्यदातर मामले कुछ बैक्टीरिया, परजीवी या वायरस के कारण होते हैं

दस्त के लक्षण

अगर इस समस्या के लक्षणों के बारे में बात की जाए तो इस समस्या में कई लक्षण भी देखने को मिलते हैं जैसे पेट में दर्द होना, पेट में सूजन होना, हल्का बुखार होना, सिर दर्द रहना, पेट में जलन होना, पेट में ऐठन व हल्का दर्द महसूस होना,रोगी को उल्टी महसूस होना, रोगी के मल में जाग व खून आना, रोगी का मल बिल्कुल पतला व कभी-कभी गांठे आना, रोगी का मल बिल्कुल चिकना आना, बार-बार प्यास लगना,

इसके अलावा भी दस्त रोग में आपको बहुत सारे लक्षण देखने को मिलते हैं क्योंकि दस्त कई प्रकार के होते हैं जैसे कि तीव्र दस्त और दस्त पुरानी दस्त व लगातार दस्त अलग-अलग प्रकार के दस्त होते हैं और इनमें आपको अलग-अलग प्रकार के लक्षण भी देखने को मिलते हैं

क्या खाना चाहिए

अगर किसी इंसान को दस्त की समस्या हो जाती है तब उसको खाने पीने की चीजों के ऊपर ध्यान देना बहुत ही जरूरी है क्योंकि अगर व सही चीजों का सेवन करेगा तो वह दस्तों को रोक भी सकता है

  • रोगी को मेथी के बीज और जीरा को दही के साथ मिलाकर खाना चाहिए जिससे आपको दस्त में तुरंत राहत मिलेगी
  • रोगी को घुलनशील फाइबर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा से ज्यादा सोडियम सामग्री वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिनके अंदर पोटेशियम की मात्रा हो
  • रोगी को कड़क कॉफी का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को दूध दही पनीर घी और छाछ का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को हल्के व सुपाच्य भोजन का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को चोकर युक्त आटे की रोटी का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा से ज्यादा पानी वाले फल खाने चाहिए

क्या नहीं खाना चाहिए

  • रोगी को रेशे युक्त खाद्य उत्पाद व फलों व जूस फलों के सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को तली हुई चीजों से परहेज करना चाहिए
  • रोगी को कम से कम उत्तेजक पदार्थों का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को मिठाइयों व गुड़ से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए

क्या करना चाहिए

  • रोगी को मल जाने के बाद अच्छे से हाथ पांव धोने चाहिए व एक गिलास पानी पीना चाहिए
  • रोगी को हल्के-फुल्के व्यायाम व प्राणायाम आदि करने चाहिए
  • रोगी को ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए
  • रोगी को ठंडी तासीर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को एक गिलास ठंडे पानी के साथ इसबगोल का छिलका लेना चाहिए
  • रोगी को फल व सब्जियों को अच्छी तरह धोकर खाना चाहिए
  • रोगी को साफ-सुथरे व स्वस्थ भोजन का सेवन करना चाहिए

क्या नहीं करना चाहिए

  • रोगी को बिना हाथ धोए कुछ भी चीज खाने पीने नहीं चाहिए
  • रोगी को अपने शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए
  • रोगी को तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए
  • रोगी को अपने मल मूत्र के वर्गों को रोकना नहीं चाहिए
  • रोगी को अपनी सफाई व शौचालय की सफाई का ध्यान रखना चाहिए

लेकिन फिर भी अगर किसी को दस्त की समस्या उत्पन्न हो जाती है तब उसको तुरंत जल्दी से जल्दी डॉक्टर के पास जाना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए क्योंकि दर्द एक खतरनाक और घातक बीमारी है जो कि आपको और भी ज्यादा परेशानियां उत्पन्न कर सकती है और इससे रोगी की जान भी जा सकती है

दस्त लगने की दवा दस्त रोकने की आयुर्वेदिक दवा बार-बार दस्त लगने का क्या कारण है बच्चों के पतले दस्त की दवा बच्चों के दस्त रोकने की अंग्रेजी दवा दस्त की एलोपैथिक दवा दस्त का घरेलू इलाज दस्त की अंग्रेजी दवा Syrup

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button