त्यौहार

दशहरा का निबंध दशहरा क्यों मनाया जाता है दशहरा का महत्व

दशहरा का निबंध दशहरा क्यों मनाया जाता है दशहरा का महत्व

वैसे तो भारत में हर साल बहुत सारे त्योहारों को मनाया जाता है जिसमें अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है और इन सभी त्योहारों के मौके पर अलग-अलग जगहों पर मेले में अलग-अलग प्रकार के जागरण और कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है लेकिन भारत में कुछ ऐसे त्योहारों को भी मनाया जाता है जो कि भारत जो कि लोगों को एक संदेश देते हैं और लोगों को सही राह पर चलने की ओर इशारा करते हैं भारत में बहुत सारे ऐसे बड़े बड़े त्यौहार है जो कि हर साल बड़ी धूमधाम से मनाया जाते हैं उनमें से होली, दिवाली, रक्षाबंधन और महाशिवरात्रि जैसे त्यौहार आते हैं लेकिन कुछ ऐसे त्यौहार भी है.

जो कि मनाए तो बहुत ही धूमधाम से जाते हैं लेकिन हम उनकी गहराइयों तक नहीं जाते और उनके त्योहारों के इतिहास के बारे में हमें इतना ज्यादा भी नहीं पता होता आप सभी ने दिवाली के बारे में बहुत बहुत बातें सुनी होगी और दिवाली के दिन हम बहुत ही धूमधाम से पूजा भी करते हैं लेकिन क्या आप दिवाली से 10 दिन पहले मनाए जाने वाले दशहरे के बारे में जानते हैं यह त्यौहार भी हिंदू धर्म में एक उतना ही महत्व रखता है जितना महाशिवरात्रि दिवाली और होली जैसे त्योहार रखते हैं क्योंकि दशहरे को एक बुराई पर अच्छाई का त्योहार माना जाता है.

जिन लोगों की आयु ज्यादा है वे लोग तो इस त्यौहार के बारे में बहुत अच्छे से जानते हैं लेकिन आजकल के युवा इस त्यौहार को के बारे में इतना ज्यादा नहीं जानते दशहरे से उनका मतलब सिर्फ रावण को जलाना ही होता है लेकिन इसके पीछे की कहानी शायद आप में से बहुत सारे लोगों को नहीं पता होगी तो इस ब्लॉग में हम आपको दशहरे के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से देने वाले हैं इस ब्लॉग में हम आपको दशहरा क्यों कब और कैसे मनाया जाता है इसके बारे में बताने वाले हैं.

दशहरा किसे कहते है ?

What is Dussehra called? in Hindi – दशहरा  भी भारत में होली दिवाली और महाशिवरात्रि की तरह ही धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार है यह त्योहार हमारे देश में आस्था का एक अलग ही महत्व रखता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि दशहरे का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है यह लोगों को यह संदेश देता है कि बुराई चाहे जितनी भी बड़ी हो लेकिन अच्छाई उस पर जीत प्राप्त कर ही लेती है दशहरा दिवाली से 10 दिन पहले आता है.

इसी दिन से पूरे देश में दीवाली की तैयारियां भी शुरू हो जाती है क्योंकि दिवाली से 10 दिन पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई करने लगते हैं वह अपने घर से कूड़ा करकट बाहर निकाल देते हैं और अच्छी अच्छी पेंटिंग व रंगोलियां आदि भी बनाते हैं दशहरे का त्यौहार 1 दिन का नहीं होता बल्कि यह त्यौहार 10 दिन तक चलने वाला त्यौहार है दशहरे के त्यौहार को विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है

क्योंकि जैसा कि हमने आपको बताया यह त्यौहार  बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है इसलिए इसको कहा जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था और यह त्योहार हमारे इतिहास में बहुत ही महत्व रखता है क्योंकि यह त्यौहार लोगों को एक संदेश देता है क्योंकि श्रीलंका के एक बहुत ही शक्तिशाली राक्षस रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा के बदले के लिए माता सीता का हरण कर लिया था.

इसी वजह से भगवान श्रीराम ने उसके गलत इरादों को देखते हुए उसकी लंका में ही जाकर उसका वध किया वह रावण एक बहुत ही शक्तिशाली राक्षस था उसके पास सोना की सोने की लंका थी और उसके पास बहुत सारे ऐसे और उसको बहुत सारे ऐसे वरदान प्राप्त है जिससे उसकी मृत्यु करना बहुत कठिन था और जिस दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था उस दिन दसवीं का दिन था इसलिए इस दिन को दशहरे के रूप में मनाया जाने लगा

दशहरा क्यों मनाया जाता है

Why is Dussehra celebrated in Hindi – किसी भी त्योहार या अवसर को मनाने के पीछे कोई ना कोई वजह जरुर होती है दशहरे को मनाने के पीछे भी ऐसी ही एक वजह है क्योंकि दशहरे के मौके पर भगवान श्री राम रावण का वध करते हैं और इसी लिए दशहरे का त्यौहार मनाया जाता है रावण श्रीलंका का एक बहुत ही शक्तिशाली 10 मुँह वाला राक्षस था वह सोने की लंका में रहता था उसके पास कई ऐसे वरदान से वरदान थे जिससे उसकी मृत्यु करना बहुत ही कठिन था और इसीलिए रावण ऐसे काम करता था जो कि उसको ठीक लगते थे चाहे वह दूसरों के लिए गलत साबित हो इसीलिए रावण के भाई को भी उसकी आदतें ठीक नहीं लगती थी और वह रावण से बिल्कुल अलग रहता था.

रावण की एक बहन की जिसका नाम शूर्पनखा था और वह राम भगवान श्री राम और लक्ष्मण से प्यार कर बैठती है और वह बार-बार भगवान श्री राम और लक्ष्मण को शादी करने के लिए कहती है वह कहती है कि उसको आप दोनों में से किसी एक से शादी करनी है लेकिन भगवान श्री राम के भाई लक्ष्मण उनसे शादी करने से मना कर देते हैं और ऐसा कहते हैं कि श्रीराम भी आपसे शादी नहीं करेंगे क्योंकि उनकी शादी हो चुकी है इसलिए शूर्पनखा माता सीता को मारने की धमकी देती है ताकि इस धमकी से डरकर भगवान श्री राम भैया लक्ष्मण उससे शादी कर ले.

लेकिन भगवान श्री राम और लक्ष्मण ऐसा कुछ भी नहीं करते और वह बार-बार भगवान श्री राम और लक्ष्मण को परेशान करती है और उनके काम में बाधा पहुंच आती है इसलिए लक्ष्मण ने शूर्पनखा के हाथ और नाक काट दिए और वह चिल्लाती हुई अपने भाई रावण के पास जाती है तभी रावण अपनी बहन की चोटों को देखकर बहुत क्रोधित होता है और इसलिए वह अपनी बहन का बदला लेने के लिए जंगल में माता सीता के पास जाता है.

उनका अपने चंगुल में फंसा कर उनका अपहरण कर लेता है और फिर जब भगवान श्री राम को माता सीता नहीं मिलती तब भगवान श्री राम बहुत दुखी होते हैं और फिर वह माता सीता को बताने के लिए हनुमान और बंदरों की सेना को लेकर रावण की नगरी लंका में पहुंच जाते हैं जहां पर रावण से माता सीता को छोड़ने की बाद कहते हैं लेकिन रावण एक बहुत ही शक्तिशाली और क्रोधित राक्षस था उसको अपने ऊपर बहुत ज्यादा घमंड था और वह उसको भगवान ब्रह्मा के द्वारा वरदान मिला हुआ था

उसको ऐसा लगता था कि उसके पास ब्रमा का वरदान है उसको कोई भी नहीं मार सकता फिर जब युद्ध होता है तब भगवान श्रीराम की बार-बार कोशिश करने पर भी रावण नहीं मरता फिर भगवान श्री राम को रावण का भाई उसके वरदान के बारे में बताता है उनको कहता है अगर आप रावण की नाभि में तीर मरने में सफल हो जाते हैं. तब इस का वध हो जाएगा और ऐसा ही भगवान श्रीराम करते हैं और रावण की मृत्यु हो जाती है फिर भगवान श्री राम माता सीता को लेकर लंका से वापस आ जाते हैं और वे कहते हैं बुराई चाहे जितनी बड़ी हो लेकिन अच्छाई हमेशा उसके ऊपर जीत प्राप्त करेगी.

दशहरा कब मनाया जाता है

When is Dussehra celebrated in Hindi – भारत के लगभग सभी त्योहार भारत के कैलेंडर के अनुसार मनाए जाते हैं इसी तरह से दशहरा भी भारतीय कैलेंडर के अनुसार ही मनाया जाता है दशहरा अश्विन माह के 10 दिन मनाया जाता है यह दीवार 10 दिन तक चलता है और फिर 9 दिन तक लगातार चलने के बाद दसवीं दिन इसका समापन हो जाता है इसके समापन के दिन रावण के पुतले को जलाया जाता है

दशहरा कैसे मनाया जाता है

How is Dussehra celebrated in Hindi – दशहरे का त्यौहार पूरे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है दशहरे के का त्यौहार 10 दिन तक चलता है इसके पहले दिन से ही भारत के लगभग सभी शहरों में रामलीला शुरू हो जाती है और यह रामलीला एक काल्पनिक रामलीला होती है जिसमें अलग-अलग लोग भगवान श्री राम, माता सीता व लक्ष्मण और रावण आदि का रूप बनकर वैसा ही युद्ध करते हैं जैसा भगवान श्री राम रावण को मारने के लिए करते हैं.

फिर इस रामलीला का अंत रावण की मृत्यु के साथ ही हो जाता है जो कि दसवें दिन में होता है और दसवें दिन जब इस रामलीला का समापन होता है तब सभी जगह पर रावण के पुतले को बना कर जलाया जाता है और बहुत सारी जगह पर लोग अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रमों का भी आयोजन करते हैं जिसमें गाना बजाना नाचना आदि होता है और छोटे बच्चे नए कपड़े पहनते हैं वह पटाखे आदि जलाते हैं और इस त्यौहार के 10 दिन बाद ही दिवाली का त्यौहार भी आ जाता है

संदेश

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया यह त्यौहार हमें एक ऐसा संदेश देता है जो कि हमें जीवन में आगे बढ़ने में बहुत मदद करता है क्यों क्योंकि इस त्यौहार का संदेश बुराई पर अच्छाई का जीत है यह त्यौहार हमें यह दर्शाता है कि बुराई चाहे जितनी भी बड़ी हो जितने भी दिन चले लेकिन आखिरकार अच्छाई जीत की होगी और सदा अच्छाई ऊपर रहती है इसलिए हमें अपने जीवन में कभी भी किसी भी झूठ या गलत बात का सहारा नहीं लेना चाहिए .

हमें हमेशा सत्य बोलना चाहिए और हमें अपने जीवन में किसी भी बाधा से घबराना नहीं चाहिए हमें हमेशा डटकर उस चीज का सामना करना चाहिए.म उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बताए गए यह जाना जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई और आप ऐसी ही दूसरी जानकारियां पाना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें.

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