सामान्य ज्ञान

गुरु नानक देव जयंती कब कैसे और क्यों मनाई जाती है

गुरु नानक देव जयंती कब कैसे और क्यों मनाई जाती है

हमारे देश में अनेक धर्मों के लोग रहते हैं और सभी धर्म के लोग मिलजुलकर रहते हैं सभी लोग एक दूसरे धर्म के त्योहारों व खुशी के अवसरों का भी आदर करते हैं और एक दूसरे की खुशियों में शामिल होते हैं लेकिन हमारे देश में ज्यादा हिंदू धर्म के त्योहार मनाए जाते हैं क्योंकि हमारे देश में सबसे ज्यादा हिंदू धर्म के लोग रहते हैं इसीलिए हमारे देश में हर साल होली, दिवाली, रक्षाबंधन बड़े-बड़े त्योहारों को खुशी के साथ मनाया जाता है.

इसके अलावा जब भी किसी दूसरे धर्म के त्योहार व खुशी के अवसर आते है तब हिंदू धर्म के लोग भी उसके साथ शामिल होते हैं उनके त्योहारों को खुशियों के साथ मिलकर मनाते हैं इसलिए भारत एक बहुत ही सुंदर और खुशहाल देश है और भारत की यही खुशहाली और सुंदरता विदेशों में भी प्रचलित है लेकिन जिस तरह से हम हिंदू धर्म में अपने बड़े-बड़े त्योहारों को मनाते हैं तो उसी तरह से दूसरे धर्मों में भी कई ऐसे खुशी के अवसर व बड़े त्यौहार मनाया जाते हैं.

जो कि उनके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं तो इसी तरह से सिख धर्म में भी एक ऐसा ही दिन आता है जिसको गुरु नानक देव जयंती के नाम से जाना जाता है गुरु नानक देव जयंती का दिन सिख धर्म के लोगों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण और सबसे बड़ा दिन माना जाता है और यह दिन सिर्फ सिख धर्म के लोग ही नहीं बनाते बल्कि इस दिन को पूरे भारत में खुशी और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.

शायद आप में से बहुत सारे लोग गुरु नानक देव जी के बारे में जानते भी होंगे लेकिन जो लोग गुरु नानक देव जी के बारे में नहीं जानते उनके लिए इस ब्लॉग में हम आपको गुरु नानक देव के पूरे जीवन परिचय और उनकी जयंती कब कैसे और क्यों मनाई जाती है इसके बारे में बताने वाले हैं.

गुरु नानक देव

दुनिया में जितने भी धर्म है उन धर्मों का एक संस्थापक जरूर होता है जो कि अपने धर्म की स्थापना करता है और उस धर्म को दुनिया में फैलाता है वह उस धर्म की सभी अच्छे स्वरूपों के बारे में दुनिया को बताता है और उसी धर्म के लोग उस संस्थापक को एक भगवान का दर्जा भी देते हैं क्योंकि वह धर्म संस्थापक किसी भगवान से कम नहीं होता इसी तरह से गुरु नानक देव जी भी एक ऐसे ही इंसान माने जाते हैं.

गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की स्थापना की थी सिख धर्म के लोगों के लिए एक बहुत बड़े देव या भगवान माने जाते हैं गुरु नानक देव जी हमेशा सच्चाई और अच्छाई के रास्ते पर चलने के लिए बताते थे और ऐसा ही सिख धर्म को देखने पर महसूस भी होता है सिख धर्म में आपको किसी भी प्रकार का कोई अत्याचार, दुष्प्रभाव, दुष्प्रचार व भेद-भाव दिखाई नहीं देगा अगर आप किसी भी सिख धर्म की इंसान के साथ मिलते हैं.

तब वह इंसान आपको हमेशा अच्छी बातें ही बताएगा और वह आपको हमेशा सच्चाई और अच्छाई के रास्ते पर चलने के बारे में बताता है नानक देव जी ने सिख धर्म के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया वे हर पल हमेशा आंखें बंद करके ध्यान में लगे रहते थे

गुरु नानक देव का जन्म

ऐसा माना जाता है कि गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को हुआ था और उनका धर्म एक खास दिन हुआ था क्योंकि कुछ विद्वानों की माने तो उनका जन्म कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन हुआ था गुरु नानक देव जी एक बहुत ही शांत स्वभाव के इंसान थे और वे हर समय ध्यान में लगे रहते थे नानक देव जी बचपन से ही बुद्धिमान बालक थे और उनके एक बहुत बड़े इंसान बनने की लक्षण बचपन में ही दिखाई देते थे.

गुरु नानक देव जी के माता पिता हमेशा इस चिंता में रहते थे कि वे आगे चलकर हमसे अलग ना हो जाए इसीलिए गुरु नानक देव जी के माता पिता ने उनको बचपन में ही गुरुकुल भेज दिया था नानक देव जी बचपन से एक बहुत ही बुद्धिमान बच्चे थे इसलिए वे अपने अध्यापकों से कुछ ऐसे प्रश्नों को पूछते थे.जिनका उत्तर उनके अध्यापक के पास भी नहीं होता था इसी बात से परेशान होकर उनके अध्यापकों ने उनको घर वापस भेज दिया ऐसा अनुमान लगाया जाता है.

कि गुरु नानक देव जी ने धरती पर जन्म एक भगवान के रूप में लिया था लेकिन इसी बात को देखते हुए उनके माता-पिता ने मात्र16 साल की उम्र में ही उनका विवाह भी कर दिया था लेकिन गुरु नानक देव जी का विवाह में कोई भी मन नहीं था इसीलिए उन्होंने अपना सब कुछ त्याग दिया और वे एक यात्रा पर निकल पड़े और इसी यात्रा में उनको बहुत सारी चीजों का भी ज्ञान प्राप्त हुआ और एक जाने-माने धर्म के संस्थापक बने

गुरु नानक देव कब और कैसे मनाई जाती है

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया गुरु नानक देव जी ने धरती पर जन्म एक भगवान के रूप में ही लिया था और उन्होंने आगे चलकर सिख धर्म की स्थापना भी की और गुरु नानक देव जी सिख धर्म के प्रथम यानी पहले गुरु माने जाते हैं और इसीलिए सिख धर्म के लोग अपने पहले गुरु को भगवान के रूप में पूजते हैं हर साल सिख धर्म के लोग गुरु नानक देव जयंती को बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं.

दिवाली से 15 दिन पहले कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन को नानक देव जयंती को मनाया जाता है.लेकिन इस जयंती को मनाने से कुछ दिन पहले ही सभी लोग गुरुद्वारे में जाकर तैयारियां शुरू कर देते हैं और इस पर्व के मौके पर सभी लोग गुरुद्वारे जाकर माथा टेकते हैं वह अपने गुरु के मंत्र का जाप करते हैं इसके अलावा सभी गुरुद्वारों में भजन-कीर्तन व सत्संग होते हैं और सभी गुरुद्वारों में लंगर का आयोजन किया जाता है.

जिसमें प्रसाद के रूप में सभी भक्तों को खाना खिलाया जाता है गुरु नानक देव एक बहुत ही जाने-माने धार्मिक इंसान थे उन्होंने समाज की बुराइयों व कूटनीतियों का खात्मा करने के लिए धरती पर जन्म लिया था और इसके साथ ही ऐसा माना जाता है कि गुरु नानक देव जी ने लोगों के जीवन में प्रकाश भरने के लिए धरती पर जन्म लिया और लोगों को सभी बुराइयों से दूर रहने के बारे में बताया इसीलिए गुरु नानक देव जी की जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में भी जाना जाता है.

गुरु नानक देव जी की जयंती के मौके पर सभी गुरुद्वारों में गुरबाणी का पाठ किया जाता है क्योंकि गुरु नानक देव एक समन्यवादी संत थे और उन्होंने अपने जीवन में बहुत सारे अच्छे कार्य किए और वे अपने जीवन में सभी दुखियों की सेवा करते थे गुरु नानक देव जी का पर्व सिर्फ सिख धर्म में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है भारत के अलावा इस पर्व को पाकिस्तान में भी मनाया जाता है.

क्योंकि गुरु नानक देव जी का जन्म राइ भोय की तलवंडी (ननकाना साहिब) में हुआ था जो कि आज के समय में पाकिस्तान में है और इसीलिए हर साल भारत के बहुत सारे सिख समुदाय के लोग अपनी श्रद्धा के साथ पाकिस्तान के ननकाना साहब में मौजूद उनके जन्म स्थल के ऊपर जाते हैं और वहां पर उनका बहुत ही जोर शोर से स्वागत भी किया जाता है.

इसके अलावा पाकिस्तान में भी बहुत सारी जगह पर है सिख समुदाय के लोग रहते हैं और वहां पर अलग-अलग जगहों पर गुरुद्वारे हैं जहां पर हर दिन सिख समुदाय के लोग भजन कीर्तन गुरबाणी का पाठ करते हैं और गुरुद्वारे में मत्था टेकते हैं और पाकिस्तान में करतारपुर साहिब नामक एक जगह है वहां पर भी भारत के बहुत सारे सिख धर्म के लोग हर रोज जाते हैं वहां पर भी एक बहुत बड़ा गुरुद्वारा है .

जोकि सिख समुदाय के लोगों के लिए एक आस्था मानी जाती है ऐसा माना जाता है कि करतारपुर साहिब में गुरु नानक देव ने अपने जीवन का बहुत सारा समय बिताया था और वे वहां पर खेती करते थे उनके द्वारा खेती में इस्तेमाल होने वाली बहुत सारी चीजें व सामान आज भी मौजूद है गुरु नानक देव जी का देहांत भी करतारपुर साहिब में ही हुआ था उनका देहांत 22 सितंबर 1539 में हुआ था

F&Q

Q. गुरु नानक जयंती क्यों मनाई जाती है?
Ans.सिख धर्म गुरु गुरुनानक के जन्म दिवस की ख़ुशी में गुरु नानक जयंती मनाई जाती है।

Q. गुरु नानक देव की जयंती कब मनाई जाती है?
Ans. गुरु नानक देव की जयंती कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है।

Q. गुरु नानक की मृत्यु कहां हुई थी
Ans. गुरु नानक की मृत्यु 22 सितंबर 1539 करतारपुर में हुई थी

Q. गुरु नानक देव जयंती को दूसरे किस नाम से जाना जाता है
Ans. गुरु पर्व या प्रकाश पर्व

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बताइ गई गुरु नानक देव जी के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है और आप ऐसी ही और जानकारियां पाना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें.

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