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आंख में वर्ण या घाव उत्पन्न होने के कारण लक्षण बचाव व उपचार

आंख में वर्ण या घाव उत्पन्न होने के कारण लक्षण बचाव व उपचार

आँख हमारे शरीर का एक अभिन्न अंग होता है जिसकी देखभाल करना हमारे लिए बहुत जरूरी होता है अगर हमारी आंख में जरा सी भी दिक्कत आती है तब हमारी आंख में दर्द होने के साथ-साथ हमें दिखाई देना भी बंद हो जाता है कई बार हमारी आंखों में बीमारियां व संक्रमण भी उत्पन्न हो जाती है.

इसलिए हमारी आंखों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है लेकिन कई बार हमारी किसी गलती या चोट लगने के कारण हमारी आंख में वर्ण उत्पन्न हो जाता है जिससे कुछ समय बाद रोगी को दिखाई देना बंद हो जाता है तो इस ब्लॉग में हम इसी समस्या के बारे में विस्तार से बातें करने वाले हैं इस ब्लॉग में हम आंख में वर्ण उत्पन्न होने के कारण लक्षण बचाव व इसके उपचार आदि के बारे में जानेंगे.

आंख का वर्ण Eye color

किसी भी इंसान या जीव-जंतु के लिए आंखें होना बहुत जरूरी है अगर हमारी आंखों में किसी वजह से कोई दिक्कत आती है तब हमें सबसे पहले दिखाई देना बंद हो जाता है इसलिए हमें अपनी आंखों के ऊपर ध्यान देना बहुत जरूरी है लेकिन कई बार किसी गलती के चलते या किसी वजह से चोट आदि के कारण हमारी आंखें स्वस्थ पटल पर घाव उत्पन्न हो जाता है.

जिससे कुछ समय बाद रोगी की आंखों से दिखाई देना बंद हो जाता है लंबे समय से लाइलाज रहने पर इस समस्या से रोगी की आंख बिल्कुल नष्ट हो जाती है पिछले कुछ समय से ब्लैक फंगस, वाइट फंगस और लो फंगस जैसी बीमारियां चली हुई है

जो कि हमारी आंखों के ऊपर भी प्रभाव डालती है तो इसी तरह से आंख का वर्ण भी एक ऐसी ही बीमारी होती है जिससे रोगी की दृष्टि चली जाती है इसलिए इस समस्या को हल्के में बिल्कुल भी नहीं लेना चाहिए

कारण

जैसा कि हमने आपको बताया आँख का वर्ण या घाव किसी वजह से चोट लगने या किसी संक्रमण आदि के कारण उत्पन्न होता है लेकिन इसके अलावा भी इस समस्या के कई और कारण हो सकते हैं जैसे रोगी को आंख में संक्रमण होना, रोगी की आंख में किसी वस्तु के चले जाने से घाव होना, रोगी की आंख में बाहरी पलक के बाल के कारण घाव उत्पन्न होना,

रोगी की आंख में कॉर्निया से संबंधित बीमारी होना, रोगी को काला मोतिया व सफेद मोतिया जैसी बीमारी होना, रोगी का धूल मिट्टी अंधेरे वह पत्थर की चट्टानों आदि में काम करना, रोगी की आंख में शोथ होना, रोगी की आंखों में किसी दवाई केमिकल व किसी जहरीली वस्तु का चले जाना,

रोगी को खसरा व चेचक आदि खतरनाक बीमारियां होना, रोगी की आंखों में किसी गलत दवाई आदि का डाल लेना इस समस्या के मुख्य कारण होते हैं इसके अलावा भी इसकी और बहुत सारे कारण हो सकते हैं

लक्षण

अगर इस समस्या के लक्षणों के बारे में बात की जाए तो इस समस्या के उत्पन्न होने पर रोगी को कई शुरुआती लक्षण भी दिखाई देते हैं जिनको पहचान कर रोगी इस समस्या को नियंत्रण भी नियंत्रित भी कर सकता है जैसे रोगी की आंखों में खुजली आना, रोगी की आंखों से पानी बहना, रोगी की आंखें लाल हो जाना, रोगी की आंखों में दर्द होना,

रोगी की आंखों के साथ-साथ सिर व नाक आदि में दर्द होना, रोगी को धुंधला दिखाई देना, रोगी को रात के समय दिखाई नहीं देना, रोगी को दूर की चीजें दिखाई ना देना, रोगी का ज्यादा तेज रोशनी सहन न कर पाना, रोगी को हलके अंधेरे में दिखाई देना बंद हो जाना, रोगी से धूप व हवा सहन न होना, रोगी की पलकें बंद रहना,

रोगी की रक्त वाहिनी आंखों कॉर्निया के आसपास आ जाना, रोगी की आंख की पुतली छोटी व कमजोर होना, रोगी की आंखों का रंग सफेद व पीला हो जाना, रोगी की आंखों में घाव साफ दिखाई देना, रोगी की आंखों से गंदे पदार्थ निकलना, रोगी को धीरे धीरे बिल्कुल भी दिखाई देना बंद हो जाना, रोगी की आंख पर सफेद व काला मोतिया हो जाना इसके अलावा इस समस्या के और बहुत सारे लक्षण होते हैं

बचाव

अगर किसी इंसान की आंखों में ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तब रोगी इस समस्या के शुरुआती लक्षणों को पहचान कर इसका बचाव भी कर सकता है इसके लिए आपको कुछ ऐसी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है जो कि इस समस्या से आपको बचाने में मदद करती है जैसे

  • रोगी की आंखों में खुजली व  पानी आने की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए
  • रोगी को तेज धूप व तेज रोशनी में नंगी आंखों से बाहर नहीं जाना चाहिए
  • रोगी को कम लाइट में नहीं पड़ना चाहिए
  • रोगी को अंधेरे वाले रूम में मोबाइल में लैपटॉप आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
  • रोगी को अपनी आंखों के ऊपर ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहिए
  • रोगी को धूल मिट्टी  वाले क्षेत्र में जाने से पहले अपनी आंखों के ऊपर चश्मा लगाना चाहिए
  • रोगी को बाइक चलाते समय हेलमेट व चश्मा जरूर पहनना चाहिए
  • रोगी को अपनी पलकों के बाल को अंदर जाने से बचाना चाहिए
  • आपको अपनी आंखों को ठंडे पानी से धोना चाहिए
  • आपको अपनी आंखों को छूने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से साबुन से धोना चाहिए
  • आपको किसी गंदे कपड़े को अपनी आंख में नहीं डालना चाहिए
  • आपकी आंख में किसी वस्तु के गिर जाने पर आपको तेजी से रगड़ना नहीं चाहिए
  • रोगी को चोट लगने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए
  • अगर आपकी आंख में घाव हो जाता है तो आपको डॉक्टर से टेस्ट करवा कर दवाइयां लेनी चाहिए

उपचार

अगर किसी इंसान की आंखों में घाव व संक्रमण की समस्या उत्पन्न हो जाती है तब रोगी को समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए इसका तुरंत इलाज करवाना चाहिए इसके लिए आपको सबसे पहले डॉक्टर के पास जाना चाहिए और अपनी आंखों के सभी तरह के टेस्ट करवाने चाहिए

जिसके बाद डॉक्टर आपको इस घाव व संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए दवाइयां आदि देते हैं जिनके इस्तेमाल से आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं लेकिन अगर आपकी आंखों में संक्रमण या घाव ज्यादा बढ़ जाता है तो कई बार आपकी आंखों का ऑपरेशन भी किया जा सकता है

लेकिन फिर भी अगर किसी इंसान की आंखों से संबंधित कोई भी समस्या उत्पन्न हो जाती है तब रोगी को तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि कई बार आपकी आंखों में लंबे समय तक घाव रहने से आपकी आंख का कॉर्निया बिल्कुल फट जाता है जिससे रोगी की पूरी आंख खत्म हो जाती है इसलिए इस समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए

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