शीशे का आविष्कार किसने किया

शीशे का आविष्कार किसने किया – Who invented Mirror in hindi

आज के समय में जब हम कहीं पर जाने के लिए तैयार होते हैं हम सुबह उठते ही जब अपना काम करने के लिए या स्कूल जाने के लिए या ऑफिस जाने के लिए नहा कर तैयार होते हैं तो उस समय हमें शीशे की जरूरत होती है जब हम तैयार होते हैं तो सिर्फ शीशे के सामने ही खड़े होकर होते हैं लेकिन आज के समय में तो शीशा है लेकिन शीशा सिर्फ हमारे तैयार होने के लिए ही काम नहीं आता है बल्कि यह सबसे ज्यादा इस्तेमाल गाड़ियों  के उपर ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है जिससे की एक वाहन चलाने वाले ड्राइवर को पीछे देखने की जरूरत नहीं पड़ती है जब गाड़ी के ऊपर शीशा होता है तो ड्राइवर उसको सही दिशा में करके और पीछे से आने वाले वाहन बहुत ही आसानी से  को देख सकता है और इससे वह अपनी सुरक्षा के साथ है ड्राइविंग कर सकता है यह शीशे का बहुत बड़ा फायदा है.  

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शीशे का आविष्कार किसने किया

Who invented Mirror in hindi – वैसे तो हम सभी जानते हैं कि हमारे बहुत से आविष्कार ऐसे होते हैं जिनके अविष्कार को करने में हम प्रकृति का साथ मिलता है हमें वहां से कुछ ऐसे निशान देती है जिससे कि हम बहुत बड़ी चीज का आविष्कार करते हैं ऐसे ही कुछ चीजों में से एक आईने का भी आविष्कार माना जाता है आईने के आविष्कार से पहले लोग सिर्फ अपनी तस्वीर देखने के लिए दिन में पानी के पानी के पास खड़े होकर अपनी तस्वीर देखते थे उसके अलावा ऐसा कोई भी और जरिया नहीं था. जिसके साथ कोई भी इंसान अपनी तस्वीर को देख सके जब शीशे का आविष्कार हुआ उसके बाद इंसान को अपनी तस्वीर देखने में आसानी हुई लेकिन सीधा शीशे का आविष्कार नहीं हुआ था उस से पहले और भी ऐसी चीजों का अविष्कार हुआ था जिससे कि इंसान अपनी तस्वीर देखता था.  लेकिन उन चीजों से इंसान अपनी तस्वीर सही से नहीं देख पाता था इसलिए वहां से बस सिर्फ शीशे का अंदाजा ही हुआ था और बाद में कुछ उन चीजों में बदलाव करते-करते शीशे का आविष्कार हुआ था.

जैसा कि मैंने आपको ऊपर बताया सबसे पहले लोग अपनी खुद की तस्वीर को देखने के लिए सिर्फ पानी के पास ही खड़े होते थे लेकिन उसके बाद आज से 8000 साल पहले ओब्सीडियन (ज्वालामुखी कांच) नाम के एक पत्थर के ऊपर पॉलिश करके अपनी तस्वीर देखने के लिए शीशे बनाया  उस पत्थर को लगभग 6000 BC के आसपास एनाटोलिया में लोग इस्तेमाल करते थे जिसे आज के समय में तुर्की के नाम से जाना जाता है. पॉलिश कूपर शीशे 4000 ईसा पूर्व से बाबुलियों द्वारा तैयार किए गए थे, और लगभग 3000 ईसा पूर्व से प्राचीन मिस्रियों ने पॉलिश तांबे के अपने शीशे विकसित किए थे। लगभग 2000 ईसा पूर्व से चीन और भारत में कॉपर, कांस्य और वसूली मिश्र धातु शीशे का उत्पादन किया गया है। धातु या किसी कीमती धातु के शीशे का निर्माण करना आसान नहीं था. इसलिए वे शीशे बहुत ज्यादा महंगे होते थे और उन शीशे को ज्यादा बड़े आकार का भी नहीं बनाया जा सकता था. पत्थर और धातु को पॉलिश करके शीशा बनाना बहुत मुश्किल होता था इसलिए ग्लास से शीशे बनाना शुरू किया गया.

रोमन लेखक प्लिनी द एल्डर ने अपने विश्वकोश प्राकृतिक इतिहास के मुताबिक पहली शताब्दी में धातु लेपित शीशे को बनाना सीदोन (आधुनिक लेबनान) में शुरू किया गया था  ग्रीको-रोमन पुरातन काल में और यूरोपीय मध्य युग में, दर्पण धातु, कांस्य, टिन या चांदी के बस थोड़ा उत्तल डिस्क्स थे, जो उनकी अत्यधिक पॉलिश सतहों से प्रकाश को दर्शाते थे।

चीन में, लोगों ने चांदी-पारा अमलगम के साथ-साथ 500 ईस्वी  में धातु के आवरण कोटिंग करके दर्पण बनाना शुरू किया। इसे मिलाप के साथ शीशे कोटिंग करके पूरा किया गया, और फिर जब तक पारा दूर उबला नहीं गया तब तक इसे गर्म कर दिया गया, केवल पीछे की चांदी छोड़ दी

16 वीं सदी में, वेनिस में इस नई विधि का उपयोग करके शीशा उत्पादन का एक केंद्र बन गया। ये दर्पण बहुत महंगा थे। अन्य महत्वपूर्ण  शीशे बनानेवाला  फ्रांस में शाही पहल द्वारा स्थापित सेंट-गोबेन कारखाना था

पहले आधुनिक शीशे  का आविष्कार जर्मन रसायनज्ञ जस्टिस वॉन लिबिग को श्रेय दिया जाता है।1835 में जर्मन रसायनज्ञ जस्टस वॉन लिबिग को चांदी के गिलास दर्पण का आविष्कार माना जाता है उनकी प्रक्रिया में चांदी की नाइट्रेट की रासायनिक कमी के माध्यम से कांच पर धातु की चांदी की एक पतली परत सिद्ध किया था। यह चांदी के कामकाज को बड़े पैमाने पर निर्माण के लिए अनुकूलित किया गया था और सस्ती दर्पण की अधिक से अधिक उपलब्धता के कारण हुआ। तब तक, दर्पण एक लक्जरी आइटम थे,  जो के अमीर लोग ही खरीद सकते थे.

तो आज हमने आपको उस पोस्ट में शीशे के आविष्कार के बारे में बताया शीशे का आविष्कार किसने और कब किया था और इसके साथ ही शीशे के इतिहास के बारे में कुछ और महत्वपूर्ण जानकारी दी आपको यह जानकर भी बहुत पसंद आएगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आए तो शेयर करना ना भूलें और यदि आपको इसके बारे में कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं.

13 Comments
  1. Satish says
  2. Satish says

    उतंम

  3. Satish says

    उतंम

  4. Satish says

    उतंम

  5. Satish says

    उतंम……

  6. Satish says

    उतंम……

  7. Satish says

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  8. Kalyan Singh says

    Very nice

  9. Kalyan Singh says

    Very nice

  10. Kalyan Singh says

    Very nice

  11. divya gupta says

    sabse pahle avishkar kisne kiya

  12. divya gupta says

    sabse pahle avishkar kisne kiya

  13. divya gupta says

    sabse pahle avishkar kisne kiya

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