शनि ग्रह के बारे में रोचक जानकारी

शनि ग्रह के बारे में रोचक जानकारी

हमारे सौरमंडल से संबंधित पहले भी होती जानकारी आपको दी है. लेकिन आज फिर से हम आपको एक और ऐसी ही रोचक और महत्वपूर्ण जानकारी बताएंगे यह जानकारी आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगी

क्योंकि इस जानकारी से संबंधित कई बार प्रश्न आपके एग्जाम में आते हैं. जिनका जवाब आपके पास में होता है. तो यदि आप इस जानकारी को अच्छी तरह से और ध्यान पूर्वक पढ़ते हैं. तो आपके लिए बहुत फायदा होगा हम आपको आज पोस्ट के अंदर हमारे सौरमंडल के शनि ग्रह के बारे में कुछ जानकारी बताएंगे.

हमारे सौरमंडल के अंदर 8 ग्रह हैं. जिनको हम बृहस्पति शुक्र मंगल शनि पृथ्वी बुध सूरज और चांद के नाम से जानते हैं. लेकिन हमने आपको पहले पोस्टों के अंदर शनि से संबंधित ज्यादा कुछ बातें नहीं बताई है सौरमंडल के अंदर एक ऐसा ग्रह है जिसका नाम सूरज है सूरज बहुत ही भयानक आग का गोला है.

यह एक आग की तरह से ही बहुत गर्म ग्रह है. इसके अलावा एक ग्रह चंद्रमां है जिसके ऊपर पानी भी मौजूद है और यह ग्रह पृथ्वी से मिलता जुलता ग्रह सौरमंडल में पृथ्वी एक मात्र ऐसा सौरमंडल है जिसके ऊपर जीवन संभव है जब सभी ग्रहों की पहचान होती है.

क्योंकि हमारे ब्रह्मांड के अंदर बड़े और छोटे और बिल्कुल छोटे ग्रह हैं. हमारा ब्रह्मांड बिल्कुल शून्य जैसा हुआ करता था लेकिन जब यह गोल हुआ करता था. लेकिन एक बार इसके अंदर किसी तरह का विस्फोट हुआ जिसके कारण हमारा सौरमंडल का निर्माण हुआ.

शनि ग्रह के बारे में रोचक जानकारी

Interesting information about planet Saturn in Hindi . शनिवार शनि ग्रह का शनि हमारे सौरमंडल का छठा ग्रह है शनि ग्रह का डायमीटर 1 लाख 20 हज़ार 536 किलोमीटर है और यह करें हमारी पृथ्वी से लगभग 120 करोड़ किलोमीटर दूर है यह रात को चमकने वाला सबसे यह रात को सबसे ज्यादा चमकने वाले तारों में से बात ना करें

इसको बिना किस टेलिस्कोप के आप देख सकते हैं. आप इसको खाली आंखों से बिल्कुल आराम से देख सकते हैं. शनि ग्रह एक बहुत ही शानदार और विचित्र हमारे सोलर सिस्टम का काफी विचित्र ग्रह है यह हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है इसका डायमीटर हमारे पृथ्वी के डायरेक्टर से 9 गुना बड़ा है

और इसकी बोले हमारी अर्थ की धरती की वॉल्यूम से 95% ज्यादा है शनि ग्रह का नाम लेमन के गॉड ऑफ एग्रीकल्चर के नाम पर रखा गया था लेकिन शनि ग्रह हमारी पृथ्वी से कितना भी बड़ा क्यों ना हो लेकिन इसका घनत्व हमारी पृथ्वी से 8 गुना कम है यदि आप किसी तरह से शनि ग्रह को उठाकर के पानी में रख पाते हैं.

लेकिन आप ऐसा कर तो नहीं सकते क्योंकि यह इतना आसान नहीं है लेकिन अगर आप मान लो इसको उठा कर पानी हैं. शनि ग्रह का आंतरिक ढांचा संभावना के अनुसार लोहा निकल और चट्टानों के एक कोर से बना हुआ है जो की धातु हाइड्रोजन की एक मोटी परत से गिरा है और इसकी गैसीय परत मुख्य रुप से तरल हाइड्रोजन और तरल हीलियम की एक मध्यवर्ती परत है.

यह ग्रह अपने ऊपरी वायुमंडल के अमोनिया और क्रिस्टल के कारण एक हलका पीला रंग दर्शाता है माना जाता है कि धातु हाइड्रोजन परत की एक विद्युत धारा शनि ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र को एक बार देती है जो कि पृथ्वी की तुलना में कमजोर है और बृहस्पति ग्रह की 20 वी पावर के बराबर है.

लेकिन आप यदि ऐसा कर पाते हैं. तो यह ग्रह कभी पानी में डूबी का नहीं ऊपर ही तैरता रहेगा शनि ग्रह का की तुलना अगर हम हमारी धरती के साथ करें तो एक तो एक शनि ग्रह में 760 पृथ्वी समा जाएगी लेकिन अगर इसकी तुलना शुरू से करी जाए की जाए तो सूरज के अंदर 1600 शनि समा जाएंगे यह गैस से बना हुआ ग्रह हैं.

यदि आप इसके ऊपर खड़े हो तो आपको सपोर्ट करने के लिए ऐसी कोई जगह नहीं मिलेगी जैसे की आपको धरती के ऊपर मिल जाती है इस ग्रह का 96 प्रतिशत भाग हाइड्रोजन गैस है अब बात करते हैं. इस चाँद कि इस ग्रह के एक नहीं बल्कि बहुत सारे अलग-अलग है इसके 62 उपग्रह हैं.

और यह हमारे सौरमंडल का जीवन के बाद दूसरा सबसे ज्यादा चाँद वाला ग्रह हैं. जिनके अंदर कई तो बहुत से छोटे लेकिन कई बहुत से बहुत बड़े-बड़े चाँद मिल जायेगे.शनि ग्रह की आंतरिक बनावट बृहस्पति ग्रह के आंतरिक बनावट जैसी है शनि ग्रह का अति तप्त वित्त भाग है और में पारा 11700 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ जाता है

और यह ग्रह सूर्य से जितनी उर्जा प्राप्त करता है उस से 2.5 गुना अधिक अंतरिक्ष में छोड़ देता है शनि ग्रह के वायुमंडल के अंदर 96.3 %डिग्री प्रतिशत हाइड्रोजन है और 3.25% के लिए शामिल है सूर्य से निकलने वाले पराबैंगनी किरणें शनि ग्रह के ऊपरी वायुमंडल में मिथेन वियोजन का कारण बनती है.

और यह हमारे सौरमंडल का ज्यूपिटर के बाद दूसरा सबसे ज्यादा चांद वाला ग्रह है इसके अंदर कुछ तो बहुत छोटे चांद है और कुछ बहुत ही बड़े चांद है और इनके अंदर सबसे फेमस और सबसे बड़ा चांद टाइटन है टाइटन शनि ग्रह का सबसे बड़ा चांद और हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा चांद है.शनि ग्रह का सबसे चमकदार एनसेलेडस है

यह हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह और चांद के अंदर सबसे चमकदार चांद है क्योंकि यह ऊपर अपने ऊपर पड़ने वाली सो प्रतिशत रोशनी को वापस कर देता है इसका कारण यह है कि इसकी पूरी की पूरी सरफेस एकदम क्लीन बिल्कुल साफ बर्फ की बनी हुई है.

और इस का तापमान – 201 डिग्री के आसपास रहता है और इसका सबसे बड़ा चांद टाइटन भविष्य में इंसानों के रहने के लिए एक बहुत अच्छा विकल्प है संतरे रंग के इस चांद के अंदर हमारी धरती के अंदर बहुत सी चीजें आपस में मिलती जुलती है इसके अंदर पहाड़ भी है रेगिस्तान भी है नदियों की भी निशान है

इसके ऊपर आने वाले समय में जरुर इंसान रह पाएगा और इसी मिशन के लिए शनि ग्रह के उपर दो आर्टिफिशियल सैटेलाइट 20 सालों के अंदर भेजी जा चुकी है लेकिन यह देखने में बिल्कुल धरती कि जैसे लगता हो लेकिन इसके ऊपर मीथेन गैस का बहुत बड़ा भंडार है

और हम ऑक्सीजन के बिना जीवित नहीं रह सकते हैं. मिथुन और ऑक्सीजन एक साथ मिलकर बहुत बड़ी तबाही मचा सकती है अब सबसे पसंदीदा चीज की बात करते हैं.

शनि ग्रह की रिंग्स शनि ग्रह की हैरान कर देने वाली यह रिंग्स ज्यादातर बरफ के टुकड़ों और कुछ चट्टानों के टुकड़ों से बनी हुई है शनि ग्रह के छालों को 14 भागों में बांटा गया है इसके सभी कण अपने-अपने भाग वाले छल्लो के अंदर रहते हुए अपनी पूरी स्वतंत्रता के साथ शनि ग्रह का चक्कर लगाते रहते हैं.

शनि ग्रह की रिंग से 2 लाख 82 हज़ार किलोमीटर चौड़ी है लेकिन मोटी सिर्फ 320 फीट तक ही है. शनि ग्रह की फिल्मों को देखने के लिए कम से कम 15 मिमी व्यास की दूरबीन की जरूरत होती ही है

इसलिए यह 1610 में गैलीलियो द्वारा पहली बार देखने तक यह ज्ञात नहीं था उन्होंने शनि की तरफ के दो चंद्रमा जैसा समझा और उसके बाद जब ने क्रिश्चियन हुय्गेंस बड़ी दूरबीन के आवर्धन प्रयुक्त किया उससे यह धारणा खंडित हुई और क्रिश्चियन हुय्गेंस ने शनि ग्रह के चंद्रमा टाइटन की खोज की

अगर बात करें शनि ग्रह ऊपर हवा की तो शनि ग्रह के ऊपर हवा लगभग 1800 किलोप्रति घंटे की रफ्तार से चलती है लेकिन यह हवा बृहस्पति ग्रह से तेज है लेकिन इतनी भी तेज नहीं है जितनी की नेपच्यून ग्रह के ऊपर चलती है शनि ग्रह को गैस का दानव ग्रह इसलिए कहा जाता है क्योंकि उसका भाह्य बाग मुख्य रूप से गैस का बना हुआ है

लेकिन यह ग्रह चपटे आकार धारण करने के कारण इस के ध्रुवों पर चपटा और भूमध्य रेखा पर उभरा हुआ है इसकी भूमध्य और द्रवित त्रिज्या के बीच 10% का फर्क है और भारतीय संस्कृति के अंदर शनि ग्रह को देवता के रूप में माना जाता है क्योंकि शनि ग्रह के संबंध उनके अनेक भ्रांतियों है

इसलिए उन्हें मारक अशुभ और दुख आदि के अनेक रुप में माना गया है लेकिन शनि ग्रह मोक्ष देने वाला एक मात्र ग्रह हैं. शनि मे शनि ग्रह प्रकृति सनी प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने के लिए वह हर एक प्राणी के साथ न्याय करते हैं..

शनि ग्रह एक ऐसा ग्रह है जो कि हमारे पृथ्वी के जैसे दिखाई देता है और हमारी पृथ्वी से बहुत बड़ा भी है लेकिन यह सूर्य से बहुत छोटा भी है और हमारे वैज्ञानिकों के द्वारा बताया गया है कि अगर शनि ग्रह के ऊपर ऑक्सीजन संभव हो जाती है तो आने वाले समय के अंदर इंसान शनि ग्रह के ऊपर अपना जीवन संभव कर सकता है

क्योंकि उसके ऊपर सभी चीजें दिखाई देती है जैसी नदियों की निशानी मिलते हैं. वहां पर रेगिस्तान भी है पहाड़ भी है और इसके अलावा और भी बहुत सी चीजें वहां पर जीवित रहने के लिए हमें मिलती है इसलिए वैज्ञानिकों ने पिछले 20 सालों में 2 ऑफिशियल सैटेलाइट वहां पर भेज दिए हैं.

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1 thought on “शनि ग्रह के बारे में रोचक जानकारी”

  1. दिलीप

    पूरी पोस्ट में यह तो बताया ही नहीं की शनि को कैसे ,कब ,व् कोनसी दिशा में नंगी आँखों से देखा जा सकता है

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