त्यौहार

वसंत पंचमी त्योहार कब कैसे और क्यों मनाया जाता है

वसंत पंचमी त्योहार कब कैसे और क्यों मनाया जाता है

भारत एक ऐसा देश है. जहां पर बहुत सारे अलग-अलग धर्मों के लोग एक साथ मिलकर रहते है. भारत में अलग-अलग रीति रिवाज और अलग-अलग पहनावे के लोग रहते हैं इतने अलग-अलग धर्मों के लोग एक साथ रहने पर भी भारत एक खुशहाल देश है. और इसीलिए दुनिया में भारत एक अलग पहचान बना चुका है. भारत में सबसे ज्यादा हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और क्रिश्चियन जैसे धर्म के लोग रहते हैं लेकिन भारत में ज्यादातर हिंदू धर्म के लोग ही रहते हैं उसके बाद में मुस्लिम और सिख धर्म के लोग आते हैं भारत में हर साल बहुत सारे अलग-अलग त्योहार वह अलग-अलग दिवस मनाए जाते है. इन सभी त्योहारों को सभी लोग मिलजुलकर खुशी से मनाते हैं.

किसी भी त्यौहार या उत्सव को दूसरे धर्म के लोग भी मिल जुलकर बड़े ही उल्लास के साथ मनाते हैं हालांकि भारत में ज्यादातर हिंदू होने पर ज्यादातर हिंदू धर्म के त्योहारों को ही मनाया जाता है. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. कि भारत में किसी दूसरे धर्म के त्योहार या किसी अवसर को मनाने की अनुमति नहीं है. यहां पर सभी लोग अपने अपने धर्मों व त्योहारों को खुलकर मना सकते हैं भारत एक ऐसा देश है. जहां पर 125 करोड़ से भी ज्यादा जनसंख्या है. इतने लोग होने के बावजूद भी भारत में किसी भी तरह की कोई लड़ाई झगड़ा व विरोध आदि नहीं होते हालांकि कुछ छोटी मोटी घटनाएं होना एक आम बात है.

भारत में सभी लोग आपस में दूसरे धर्मों के लोगों का आदर करते हैं उनके देवी देवताओं को भी इज्जत देते हैं भारत में हर साल अनेक अलग-अलग प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं उनमें से बसंत पंचमी भी एक ऐसा ही त्यौहार है. जो कि भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. हालांकि बहुत सारे लोग शायद बसंत पंचमी के बारे में इतना ज्यादा नहीं जानते होंगे तो इस ब्लॉग में हम आपको बसंत पंचमी के बारे में ही विस्तार से बताने वाले हैं इस ब्लॉग में हम आपको बसंत पंचमी कब कैसे और क्यों मनाई जाती है. इसके बारे में विस्तार से बताएंगे.

बसंत पंचमी

जैसा कि आप सभी जानते हैं भारत में अलग-अलग धर्मों के लोग रहते है. भारत में और इसीलिए भारत में अलग-अलग जगहों पर बहुत सारे मंदिर मस्जिद दरगाह या गुरुद्वारे भी हैं जिनमें लगभग सभी धर्मों के लोग आपस में मिलजुल कर पूजा अर्चना करते हैं सभी लोग एक दूसरे के धर्म व मंदिर मस्जिद और गुरुद्वारों आदि का आदर भी करते हैं भारत में अलग-अलग जयंती व अलग-अलग त्योहार आदि मनाए जाते हैं जिनको लगभग सभी धर्मों के लोग आपस में मिलजुल कर बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं लेकिन जिस तरह से भारत में अलग-अलग त्योहारों को मनाया जाता है. उसी तरह से भारत में कई अलग-अलग ऋतुएँ में भी आती है. क्योंकि भारत एक ऐसा देश है

जहां पर आपको कई अलग-अलग ऋतुएँ में मिलेगी भारत में आपको कई राज्य ऐसे मिलेंगे जहां पर बहुत ठंड होती है. तो कई राज्य ऐसे मिलेंगे जहां पर बहुत ज्यादा गर्मी होती है. और इसके अलावा कई राज्य ऐसे हैं जहां पर सदाबहार एक जैसा मौसम रहता है. यानी भारत एक बहुत ही खुशहाल देश है. तो इन सभी ऋतुएँ के बीच बसंत ऋतु भी आती है. और बसंत पंचमी नाम का एक त्यौहार आता है. जो कि भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. बसंत पंचमी के बारे में आप जानते होंगे

वैसे तो वसंत पंचमी एक हिंदू धर्म का त्योहार है. लेकिन भारत में लगभग सभी लोग बसंत पंचमी को मनाते हैं भारत के अलावा यह त्योहार पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश और दुबई जैसे देशों में मनाया जाता है. क्योंकि यहां पर भी भारत के बहुत ज्यादा नागरिक रहते है. बसंत पंचमी होली  से लगभग 40 दिन पहले आता है. और इस त्यौहार के बाद होली की तैयारियां भी शुरू कर दी जाती है

वसंत पंचमी त्यौहार कैसे मनाया जाता है

वसंत पंचमी त्योहार वसंत ऋतु के शुरुआत में आता है. वसंत पंचमी एक ऐसा त्यौहार है. जिस दिन सभी लोग अलग-अलग प्रकार से पूजा अर्चना करते हैं बसंत पंचमी त्योहार के दिन सबसे ज्यादा मां सरस्वती की पूजा की जाती है. जिसको विद्या देवी के नाम से भी जाना जाता है. बसंत पंचमी के त्यौहार के दिन सभी लोग बहुत ही धूमधाम से मां सरस्वती की पूजा आराधना करते हैं ताकि सभी लोग अपने अपने पढ़ाई के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ सके और अपनी शिक्षा में सफल हो सके.

मां सरस्वती की पूजा भारत के लगभग सभी राज्यों में की जाती है. लेकिन बसंत पंचमी के त्यौहार के दिन सबसे ज्यादा स्कूल व कॉलेज में ही मां सरस्वती की पूजा की जाती है  जिसको लोग अलग-अलग तरीके से मनाते है. बहुत सारे लोग गायत्री मंत्र का जाप करते हैं ताकि वे शिक्षा में सफल हो सके वसंत पंचमी को श्री पंचमी, सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है

लेकिन ज्यादातर लोग इस त्यौहार को वसंत पंचमी के नाम से ही जानते हैं भारत के अलावा यह त्यौहार नेपाल और भूटान जैसे देशों में भी बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. क्योंकि इन देशों में भी भारत के त्योहारों को मनाने वाले बहुत सारे लोग रहते हैं ऐसा माना जाता है. कि बसंत पंचमी के दिन भारत के कुछ राज्यों में पढ़ने वाली भयंकर ठंड कम होने लगती है. और मौसम बिल्कुल सुहाना होने लगता है. और बसंत पंचमी एक नई उमंग को लाने वाली ऋतु होती है. क्योंकि आप सभी को पता होगा कि भारत में छह अलग-अलग ऋतुएँ में होती है. लेकिन इसमें से वसंत ऋतु को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है. वसंत ऋतु के आते ही सभी पेड़ पौधे- पशु पक्षियों में नई उमंग भर जाती है. और वसंत ऋतु में ही पतझड़ के बाद पेड़ों पर नई पत्तियां आने लगती है

ऐसा माना जाता है. कि जब भी वसंत ऋतु की शुरुआत होती है. तब सभी पेड़ों के नए पत्ते तो आते ही हैं इसके साथ ही अगर आप छोटे नए पेड़ों को भी लगाते हैं तो वह सभी पेड़ बहुत ही जल्दी से बढ़ने लगते हैं क्योंकि यह रितु पेड़ों और पशु पक्षियों के लिए बहुत ही फायदेमंद माने जाते है. अगर आप दूसरे कलम वाले पेड़ पौधों के ऊपर कलम चढ़ाते हैं तब वह टहनियां बहुत ही जल्दी से फुटाव करती है. और इस ऋतु में मौसम बहुत सुहाना हो जाता है. और यह रितु बाकी सभी ऋतुओ से अलग ऋतु मानी जाती है. इस ऋतु के आगमन पर बहुत सारे लोग अलग-अलग प्रकार के खानपान का भी सेवन करते है. जब वसंत पंचमी त्योहार को मनाते हैं तब लोग आपस में मिठाइयां व दूसरी चीजें एक दूसरे को उपहार में देते हैं छोटे बच्चे नए नए कपड़े पहनते हैं वह बहुत सारी महिलाएं वसंत पंचमी के दिन व्रत भी रखती है

बसंत पंचमी के मौके पर स्कूल व कॉलेजों में अलग-अलग प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. और स्कूलों में मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है. वह मां सरस्वती के छोटे बच्चे अलग-अलग रूप अपनाकर अलग-अलग झांकियां भी निकालते हैं

वसंत पंचमी क्यों मनाते हैं

जिस तरह से भारत में दूसरे त्योहारों को मनाया जाता है. उसी तरह से वसंत पंचमी को भी मनाया जाता है. यह भी एक हिंदू धर्म का बहुत ही बड़ा त्योहार माना जाता है. लेकिन यह त्यौहार कलाकारों और शिष्यों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि इस दिन मां सरस्वती की पूजा करते हैं उनसे सभी लोग अरदास करते हैं कि उनको शिक्षा और कलाकारी के क्षेत्र में सफलता मिले ताकि वे अपनी जिंदगी में एक अच्छे इंसान बन सके इसके लिए मां सरस्वती की पूजा बहुत धूमधाम से की जाती है.

इस दिन मां सरस्वती के मंदिरों में भी अलग-अलग तरह के मेले लगते है. मंदिरों में बहुत भीड़ होती है. इसके साथ ही वसंत पंचमी का त्योहार किसानों व मजदूरों के लिए भी बहुत महत्व रखता है. क्योंकि इस दिन सभी किसान सरसों की फसल के लिए भगवान का शुक्रियादा करते हैं वह अलग-अलग प्रकार से पूजा-अर्चना भी करते हैं

भारत के लगभग सभी त्योहार भारतीय कैलेंडरो और भारतीय मास के अनुसार ही मनाए जाते हैं तो वसंत पंचमी भी भारतीय कैलेंडर के अनुसार ही मनाया जाता है. भारतीय कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है. इसीलिए अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार हर साल बसंत पंचमी का त्यौहार अलग-अलग तारीखों को आता है

वसंत पंचमी को बनाने का लक्ष्य

वैसे तो वसंत पंचमी त्योहार को मनाने का कोई लक्ष्य नहीं होता यह एक भारतीय त्योहार है. इस त्यौहार को भी होली दिवाली व रक्षाबंधन जैसे त्योहारों की तरह मनाया जाता है. इस त्यौहार से भी लोगो की अलग-अलग भावनाएं जुड़ी है. इसलिए इस त्यौहार को हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. लेकिन ज्यादातर सरकारी स्कूलों व कॉलेजों में यह त्यौहार इसलिए मनाया जाने लगा है. ताकि हमारी संस्कृति लंबे समय तक बनी रहे क्योंकि जिस भी धर्म में प्रचार नहीं होता वह चीज अक्सर कुछ दशकों के बाद समाप्त व लुप्त होने लगती है.

 

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