रेबीज रोग के कारण लक्षण बचाव व उपचार
रेबीज रोग के कारण लक्षण बचाव व उपचार
वैसे तो दुनिया भर में बहुत सारी अलग-अलग खतरनाक बीमारियां और ये सभी बीमारियां अलग-अलग कारणों की वजह से होती है जिन का इलाज भी संभव होता है और कुछ बीमारियां लाइलाज भी होती है लेकिन कई बार हमें जानवरों के काटने से बीमारियां हो जाती है
जो की बहुत ही खतरनाक बीमारियां होती है इनका समय पर इलाज करवाना बहुत जरूरी है इसी तरह से रेबीज रोग भी ऐसी बीमारी है जिससे रोगी की जान भी जा सकती है और यह हमें जानवरों के काटने से होती है तो आज इस ब्लॉग में हम इसी खतरनाक बीमारी के बारे में बात करेंगे इस ब्लॉग में हम आपको इस बीमारी के कारण लक्षण बचाव के तरीकों के बारे में बताएं.
रेबीज रोग क्या है
रेबीज रोग पशुओं व जानवरों के काटने से होता है क्योंकि यह बीमारी रेबीज नामक विषाणु से फैलती है और यह विषाणु पशुओं और जानवरों की लार में होता है जब कोई भी पशु किसी इंसान को काटता है तब यह विषाणु पशुओं की लार से निकल कर रोगी के काटे गए अंग से शरीर में प्रवेश कर जाता है और इस बीमारी की सबसे खराब बात यह होती है कि इस बीमारी के कई महीनों या कई सालों तक कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते और बाद में अचानक से बीमारी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं
जिससे रोगी को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और इससे रोगी की मौत भी हो सकती है और रेबीज का विषाणु लार के द्वारा हमारे शरीर के किसी दूसरे हिस्से की चोट के घाव, आँख, मुहँ व नाक आदि से भी शरीर में प्रवेश कर सकता है इसलिए अगर आपके आसपास कोई भी रेबीज से संक्रमित पशु या जानवर रहता है तब आपको उस से बच कर रहना चाहिए और अपने पालतू कुत्तों और पशु को भी उससे दूर रखना चाहिए और अगर एक बार कोई इंसान इस बीमारी की चपेट में आ जाता है तब उसका बचना ना के बराबर होता है
रेबीज रोग के कारण
अगर रेबीज रोग के कारणों के बारे में बात की जाए को जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि इस बीमारी का सबसे बड़ा और मुख्य कारण रेबीज रोग से संक्रमित पशुओं का किसी इंसान को काट लेना होता है अगर कोई भी पशु रेबीज से संक्रमित दिखाई देता है तब आपको उससे दूर रहना चाहिए और उसके मुंह से निकली हुई लार से दूर रहना चाहिए आपके
इसके अलावा आपको अपने कुत्ते आदि को आदि के मुंह में हाथ नहीं डालना चाहिए आपको अपने कुत्ते को हाथ पांव में चोट आदि के घाव को चटाना नहीं चाहिए आपको ज्यादा कुत्ते वाले एरिया में जाते समय वह चोट आदि के घाव को ढक कर जाना चाहिए
रेबीज रोग के लक्षण
अगर रेबीज रोग के लक्षणों के बारे में बात की जाए तो वैसे तो इस बीमारी के लंबे समय तक कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते लेकिन जब इस बीमारी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं तब आप इसको आसानी से पहचान सकते हैं इसके कई मुख्य लक्षण होते हैं जैसे रोगी का स्वभाव चिड़चिड़ा होना, रोगी की हरकतें अजीबो गरीब होना, रोगी के शरीर में लगवा लगना, रोगी की मांसपेशियों में जकड़न होना, रोगी को तेज सिर दर्द रहना, रोगी को बार बार बुखार आना, रोगी के शरीर में थकावट कमजोरी व आलस्य होना, रोगी को बार बार मुंह से लार आना,
वह आंसू निकलना रोगी को तेज आवाज, तेज रोशनी व किसी विशेष आवाज से चिड़न होना,रोगी को बोलने में तकलीफ होना, रोगी का अचानक किसी पर हाथ उठाना या उसको मुंह से काटना, रोगी को देखने में परेशानी होना, रोगी के मुंह की मांसपेशियां बिल्कुल खिंचना, रोगी के मुंह में झाग आना आदि बहुत सारे लक्षण होते है इसके अलावा भीआपको कई और लक्षण देखने को मिल सकते है.
क्या करें
- रोगी को ज्यादा कुत्ते वाले एरिया में जाने से पहले अपनी चोट के घाव आदि को ढकना चाहिए
- रोगी को किसी भी जानवर के काटने की तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और टीका लगवाना चाहिए
- आपको अपने पालतू जानवरों को बाहर के जानवरों से अलग रखना चाहिए
- आपको किसी भी जानवर के पास जाने से पहले हाथ पैर ढकने चाहिए
- आपको अपने पालतू जानवरों का समय समय पर टीकाकरण करवाते रहना चाहिए
- आपको किसी बाहर के कुत्ते व दूसरे पशुओं को अपने घर में लाने से पहले उसकी जांच करवानी चाहिए
क्या न करेंगे
- अगर कोई भी पशु या कुत्ता आपको काट लेता है तब आपको इसको हल्के में नहीं लेना चाहिए
- आपको किसी भी पशुओं के मुंह में हाथ नहीं डालना चाहिए
- आपको अपने कुत्ते को मुंह हाथ पैर में चोट आदि के घाव नहीं चटाने चाहिए
- आपको अपने आपको अपने पालतू पशुओं के आसपास किसी बाहर के पशु को नहीं आने देना चाहिए
- आपको अपने घर के आसपास के सभी कुत्तों का टीकाकरण करवाना चाहिए
- आपको किसी कुत्ते या किसी जानवर द्वारा खाई गई वस्तु को हाथ नहीं लगाना चाहिए
- आपको किसी भी जानवर के झूठे भोजन या पानी को हाथ नहीं लगाना चाहिए
- आपको किसी जानवर की लार आदि को हाथ लगाने से बचना चाहिए
उपचार
कई लोगों का यह सवाल होता है कि क्या रेबीज रोग का उपचार संभव है लेकिन हम आपको बता देते हैं कि इस रोग का उपचार संभव है लेकिन इसके लिए रोगी में रेबीज रोग के लक्षण दिखाई देते ही तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए इस समस्या के शुरुआती लक्षणों के ऊपर नियंत्रण भी पाया जा सकता है और इसके साथ ही अगर आपको कोई भी कुत्ता या संक्रमित पशु काट लेता है तब आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाकर रेबीज का टीका लगवाना चाहिए
इससे आप बच सकते हैं लेकिन अगर यह समस्या अपना भयानक रूप ले लेती है तब आपको इससे बचना बहुत मुश्किल हो जाता है इसलिए आपको किसी भी पशु या कुत्ते के काटते ही तुरंत टीका लगवाना बहुत जरूरी है
लेकिन फिर भी अगर किसी इंसान को यह समस्या हो जाती है तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए और उसके टेस्ट आदि करवा कर दवाइयां देनी चाहिए और रोगी को आग पानी बिजली व ऊंचाई और गहराई आदि से दूर रखना चाहिए क्योंकि इससे रोगी की मानसिक स्थिति के ऊपर भी प्रभाव पड़ सकता है
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