यौन संचारित रोग के कारण लक्षण बचाव व उपचार
दुनिया भर में बहुत सारी अलग-अलग प्रकार की बीमारियां फैली हुई है कुछ बीमारियां संक्रमण की बीमारियां है और कुछ बीमारियां ऐसी है जो कि हमारे शरीर में अपने आप उत्पन्न होती हैं लेकिन इनके अलावा भी इंसानों में बहुत सारे ऐसे यौन रोग होते हैं जो कि हमारे यौन अंगों को ही संक्रमित करते हैं और यह रोग एक दूसरे इंसान में आसानी से फ़ैल सकते हैं और इन रोगो में सबसे बड़ा नाम एचआईवी एड्स का शामिल है लेकिन इसके अलावा भी कई और यौन रोग है जो कि एक दूसरे इंसान के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने से फैलते हैं यौन संचारित रोग भी एक ऐसा ही रोग है तो ब्लॉग में हम इस बीमारी के बारे में विस्तार से बातें करने वाले हैं इस ब्लॉग में हम आपको यौन संचारित रोग होने के कारण लक्षण बचाव व उपचार आदि के बारे में बताएंगे.
यौन संचारित
यौन संचारित रोग भी एड्स की तरह ही रोग होता है लेकिन यह एड्स से अलग होता है इस रोग को एसटीडी रोग के नाम से भी जाना जाता है यह रोग किसी संक्रमित महिला या पुरुष के साथ असुरक्षित संभोग करने से फैलता है क्योंकि संक्रमित व्यक्ति के शरीर में इस रोग के विषाणु फंगल व प्रोटोजोआ होते हैं जो कि असुरक्षित संबंध बनाने से दूसरे इंसान में चले जाते हैं फिर इसके कारण स्वस्थ इंसान के शरीर में इस बीमारी के कई अलग-अलग लक्षण दिखाई देने लगते हैं और धीरे-धीरे रोगी इस समस्या से परेशान हो जाता है यह बीमारी एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में इस बीमारी की चपेट में लगभग 20 करोड से भी ज्यादा लोग आ चुके है
यह बीमारी चार प्रकार की होती है जिसमें यौन संचारित रोग गोनोरिया, संचारित रोग एचवीपी, यौन संचारित रोग क्लैमिडिया और यौन संचारित रोग हर्पिस है यह सभी अलग-अलग जीवाणुओं फंगल व प्रोटोजोआ के नाम है लेकिन इनमें से सबसे ज्यादा खतरनाक गोनोरिया यौन संचारित रोग है क्योंकि यह जीवाणु महिलाओं और पुरुषों को बहुत तेजी से अपनी चपेट में लेता है और यह रोग आपस में मुख्य मिलाप करने से भी फैल सकता है इन सभी यौन संचारित रोगों में रोगी के अंदर अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं क्योंकि यह सभी यौन संचारित रोग रोगी को अलग-अलग प्रकार से संक्रमित करते हैं
कारण
अगर इन सभी यौन संचारित रोगों के कारणों के बारे में बात की जाए तो इन सभी रोगों के उत्पन्न होने के लगभग एक जैसे ही कारण होते हैं जैसे संक्रमित इंसान के साथ योनी सेक्स, गोदा सेक्स, करना, संक्रमित इंसान के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाना, संक्रमित महिला से मुख संभोग करना, संक्रमित पार्टनर के साथ लंबे समय तक रहना, संक्रमित पार्टनर के जननांग मुख आदि को स्पर्श करना, संक्रमित इंसान के योनांगो को छूना जैसे योनि और सतन आदि संक्रमित महिला के स्तनों को चूमना आदि समस्या के मुख्य कारण होते हैं इसके अलावा इन सभी समस्याओं का मुख्य कारण एक ही होता है जो कि संक्रमित इंसान के साथ असुरक्षित संबंध बनाना है
लक्षण
जैसा कि हमने आपको इस बीमारी के ऊपर चार अलग-अलग प्रकार बताए हैं उन सभी में इस समस्या के अलग-अलग लक्षण होते हैं लेकिन इस बीमारी के उत्पन्न होने पर महिलाओं में अलग और पुरुषों में अलग लक्षण दिखाई देते हैं जैसे
महिलाओं में लक्षण
अगर कोई महिला स्वस्थ है और वह अपनी संक्रमित पार्टनर के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाती है तब उसमें यह समस्या उत्पन्न हो जाती है जिससे उसके शरीर में इसके कई लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे पेशाब या संबंध बनाते समय तेज दर्द होना या पेशाब या सेक्स करते समय जलन होना, महिला के यौन अंगों जैसे योनि गुदा, सतन और मुख के आसपास दाद घाव छाले या चकत्ते बनना, महिलाओं की योनि से मासिक धर्म के अलावा भी असामान्य स्त्राव होते रहना, महिलाओं की योनि के अंदर, योनि के बाहर खुजली जलन व घाव होना आदि इस समस्या के मुख्य लक्षण होते हैं जो कि महिलाओं में दिखाई देते हैं
पुरुषों में लक्षण
अगर कोई इंसान बिल्कुल स्वस्थ है और वह अपनी संक्रमित महिला पार्टनर के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाता है या उसकी योंनांगो और मुख आदि को स्पर्श करता है तब उसमें यह समस्या उत्पन्न हो जाती है और इसके बाद पुरुष में कई अलग-अलग लक्षण दिखाई देने लगते हैं जैसे संक्रमित पुरुष के अंडकोष लिंग आदि के आसपास छाले व घाव बनना, संक्रमित इंसान के मुख और जांघों के आसपास घाव व छाले बनना, रोगी के लिंग और अंडकोष के आसपास तेज जलन व खुजली होना, रोगी के लिंग रक्त स्राव होना, संक्रमित पुरुष को सेक्स और पेशाब करते समय दर्द व जलन होना, रोगी के अंडकोष और लिंग में सूजन आना और तेज दर्द होना आदि इस समस्या के मुख्य लक्षण होते हैं जो कि पुरुषों में दिखाई देते हैं इसके अलावा रोगी में इस समस्या के लक्षण उसके ऊपर कौन से यौन संचारित बीमारी का प्रकोप है इसके ऊपर भी निर्भर करता है
बचाव
अगर किसी इंसान की शरीर में यह समस्या उत्पन्न हो जाती है या उसके पार्टनर में यह समस्या उत्पन्न हो जाती है तब आपको यौन संचारित रोगों से बचने के लिए कुछ ऐसी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है जो कि आपके लिए बहुत फायदेमंद होगी
- आपको जितना हो सके उतना संभोग करना कम कर देना चाहिए
- आप को संभोग करते समय कंडोम का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए
- आपको अपने पार्टनर के जौनांगो को हाथों से स्पर्श नहीं करना चाहिए
- अगर आपके पार्टनर के मुख योनि, लिंग सतन आदि के आसपास इस बीमारी से जुड़े हुए चकत्ते घाव या छाले बने हुए हैं तब आपको उसके संपर्क में आने से बचना चाहिए
- आपको अपने पार्टनर के साथ मुख संबंध बिल्कुल भी नहीं बनाने चाहिए
- आपको अपने पार्टनर के लिंग योनि बुद्धि आदि ने उंगली हाथ या अन्य अंग नहीं डालना चाहिए
- महिलाओं को अपनी योनि की साफ सफाई करनी चाहिए वह पुरुषों को अपने लिंग की साफ सफाई रखनी चाहिए जिससे आपके ऊपर संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है
- अगर आपके शरीर में इस बीमारी की कोई भी लक्षण दिखाई देती है तब आपको तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाना चाहिए
उपचार
अगर आपके पार्टनर और आप में इस प्रकार की कोई भी समस्या उत्पन्न हो जाती है तब आपको तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाकर अपना इलाज करवाना चाहिए अगर आपकी समस्या के शुरुआती दिनों में इसका इलाज शुरू करवाते हैं तब आप इससे कुछ समय में ही छुटकारा पा सकते हैं इसके लिए सबसे पहले डॉक्टर आप के ऊपर कौन से प्रकार की बीमारी का प्रकोप है इसके बारे में पता लगाते हैं फिर डॉक्टर आपके खून और पेशाब के सैंपल लेते हैं और फिर उनके रिजल्ट के आधार पर आप का इलाज किया जाता है इसके अलावा भी रोगी को कई प्रकार के टेस्ट करवाने पड़ते हैं
अगर आपके शरीर में इस प्रकार की समस्या के कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तब आप तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाएं आपको झाड़-फूंक आदि में विश्वास बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए
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