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मेटालर्जिकल इंजीनियरिंग क्या होती है मेटालर्जिकल इंजीनियर कैसे बनाएं

मेटालर्जिकल इंजीनियरिंग क्या होती है मेटालर्जिकल इंजीनियर कैसे बनाएं

हम हमारे जीवन में धरती से प्राप्त होने वाले बहुत सारे खनिज पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं और धरती में सबसे ज्यादा धातुएं पाई जाती है जिनको अलग अलग तरीके से धरती से बाहर निकाला जाता है और फिर इन सभी धातुओं को हमारे जीवन में काम आने वाले अलग-अलग औजारों, मशीनों और दूसरी चीजों में बदला जाता है.

धरती से हमें कई प्रकार की अलग-अलग तरह की धातुएं प्राप्त होती है जिनमें सोना चांदी लोहा सिल्वर जैसी चीजें शामिल है इन सभी चीजों को धरती से बाहर निकालने का काम बहुत कठिन होता है और जब यह धरती से बाहर निकल जाती है.

तब उन सभी को अलग-अलग चीजों का आकार देने का काम भी बहुत ही कठिन होता है इन सभी धातुओं को अलग-अलग चीजों में बदलने का काम मेटालर्जिकल इंजीनियर करते हैं तो इस ब्लॉग में हम आपको मेटालर्जिकल इंजीनियरिंग के बारे में बताने वाले है.

मेटालर्जिकल इंजीनियर

What is metallurgical engineering – आज के समय में हमारे जीवन में इस्तेमाल की जाने वाली लगभग सभी चीजों में किसी न किसी प्रकार की धातु का इस्तेमाल जरूर होता है लेकिन इस धरती के ऊपर सबसे ज्यादा लोहे की बनी हुई चीजों का ही इस्तेमाल होता है क्योंकि धरती के नीचे लोहा काफी मात्रा में पाया जाता है. इसके साथ ही धरती के नीचे सिल्वर सोना चांदी जैसे धातुएँ में भी मिलती है.

लेकिन लोहा व इस्पात मजबूत धातु होती है और इनसे बनाए जाने वाली सभी चीजें लंबे समय तक चलती है लेकिन किसी भी धातु को जमीन से बाहर निकलते ही सीधा उसका इस्तेमाल नहीं किया जाता बल्कि उसके अंदर कई अलग-अलग चीजों का मिश्रण करके उसको अलग-अलग उपकरणों मशीनों और दूसरे इस्तेमाल में लिए जाने वाली जरूरी चीजें बनाई जाती है.

जिसके लिए बहुत बड़ा प्रोसेस होता है और इस पूरे प्रोसेस को मेटालर्जिस्ट इंजीनियर ही करते हैं मेटालर्जिस्ट इंजीनियर अलग-अलग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके इन धातुओं को इस्तेमाल में लेने योग्य बनाते हैं.

यह सभी चीजें अलग-अलग क्वालिटी के हिसाब से तैयार की जाती है और इन सभी चीजों को बनाने के लिए इंजीनियर अलग-अलग लैब रिसर्च करते हैं और उसी के बाद ही किस धातु से किस उपकरण या किस चीज को बनाया जाएगा यह निर्णय लिया जाता है यानी आसान भाषा में कहा जाए तो किसी उपकरण को बनाने का काम मेट्रोलॉजिकल इंजीनियर के द्वारा ही किया जाता है यह सभी इंजीनियर धातुओं के साइंटिस्ट होते हैं

मेटालर्जिकल इंजीनियर कैसे बने

How to become a metallurgical engineer – यदि आप अलग-अलग धातुओं में दिलचस्पी रखते हैं तो आप इस फील्ड में अपना कैरियर भी बना सकते हैं अगर आप मेटालर्जिकल इंजीनियर बनाना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत आपको 12वीं क्लास से करनी पड़ती है 12वीं क्लास में आपको कम से कम 50% अंक प्राप्त करने होते हैं इसके बाद में आपको अलग-अलग यूनिवर्सिटीज में दाखिला लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम देने होते हैं.

अगर आपको इन एंट्रेंस एग्जाम को पास कर लेते हैं तो उसके बाद में आपको मेटेरियल इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला मिल जाता है सबसे पहले आपको इस फील्ड में बैचलर की डिग्री प्राप्त करनी होती है क्योंकि 4 साल का एक लंबा कोर्स होता है इस डिग्री को पूरा करने के बाद में आप मेटालर्जिकल इंजीनियर कोर्स के ऊपर फोकस करते हैं.

अगर आप इसी फील्ड में आगे जाना चाहते हैं तो आप एमएससी और पीएचडी कोर्स भी कर सकते हैं और इन सभी डिग्री को प्राप्त करने के बाद में आपको कुछ समय का अभ्यास भी करना होता है फिर आप एक अच्छे मेटेरियल इंजीनियर बन जाते हैं हालांकि मेटेरियल इंजीनियर बनना इतना आसान नहीं होता है इस फील्ड में आपको काफी मेहनत करनी पड़ती है और बहुत सारे अलग-अलग विषयों के बारे में पढ़ना पड़ता है.

जरूरी स्किल

किसी भी फील्ड में सक्सेसफुल इंजीनियर बनने के लिए आपके अंदर कुछ जरूरी स्किल भी होना जरूरी होता है इसी तरह से मेटेरियल इंजीनियर बनने के लिए भी आपके अंदर कुछ जरूरी स्किल होनी चाहिए ताकि आप इस फील्ड में अच्छे इंजीनियर बन सके और यह सभी स्किल आपको अलग-अलग पदों पर काम करते समय भी मदद करती है

  • आपको धातुओं से संबंधित चीजों में दिलचस्पी होनी चाहिए
  • आपको टीमवर्क करना आना चाहिए
  • आपको अपनी फील्ड से संबंधित सभी रिसर्च की अच्छी जानकारी होनी चाहिए
  • आपका दिमाग क्रिएटिव होना बहुत जरूरी है
  • आपको अलग-अलग धातुओं की अच्छी जानकारी होनी चाहिए जो कि आपको मेटेरियल इंजीनियरिंग में पढ़ाया जाता है
  • आपको खुद के ऊपर भरोसा होना चाहिए
  • आपको किसी भी परेशानी से बाहर निकलना आना चाहिए
  • आपके अंदर कन्वेंशनल स्कील का होना जरूरी है
  • आपको आपके अंदर धैर्य व सहनशीलता होनी चाहिए
  • आपके बात करने व काम करने का ढंग साधारण होना चाहिए
  • आपको आपके अंदर कम्युनिकेशन स्किल का भी होना जरूरी है

मेटालर्जिकल इंजीनियर का काम

जब आप मेटेरियल इंजीनियर बन जाते हैं तो उसके बाद आपको कुछ समय का अभ्यास करना होता है फिर आप अलग-अलग जगह पर जॉब कर सकते हैं जहां पर आपको अपने फील्ड में कई अलग-अलग काम करने पड़ते हैं जैसे

  • आपको धातुओं से बनने वाले पार्ट्स के डिजाइन तैयार करने होते हैं
  • आपको धातुओं की प्रोसेसिंग करनी होती है
  • आपको केमिकल का इस्तेमाल करके अलग-अलग धातुओं से दूसरी धातुओं को बाहर निकालने का काम करना होता है
  • आपको धातुओं से संबंधित सभी चीजों की निगरानी करनी होती है
  • आपको धातुओं से संबंधित अलग-अलग प्रकार की रिसर्च भी करनी होती है
  • आपको अच्छी क्वालिटी के धातुओं उपकरण तैयार करने के लिए अलग अलग रणनीति बनानी होती है
  • आपको धातुओं से जुड़ी हुई अलग-अलग जांच भी करनी होती है

जॉब

यदि आप एक अच्छे मेटेरियल इंजीनियर बन जाते हैं तो उसके बाद में आपके सामने जॉब के बहुत सारे विकल्प खुल जाते हैं क्योंकि यह एक ऐसी फिल्ड है जहां पर मेटेरियल इंजीनियर की बहुत मांग होती है इस फील्ड में जाने के बाद आप मेटालर्जिकल इंजीनियर ,केमिकल मेटालर्जिस्ट फिजिकल मेटालर्जिस्ट जैसे पदों पर काम कर सकते हैं हमारे देश में बहुत सारी ऐसी बड़ी-बड़ी कंपनियां हैं.

जो कि अलग-अलग प्रकार की धातुओं की चीजें बनाती है इन सभी कंपनियों में आपको आसानी से जॉब मिल जाती है हमारे देश में मुख्य रूप से जैसी बीएचईएल, इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन, भाभा अटॉमिक रिसर्च सेंटर, एनटीपीसी, हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड, जिंदल स्टील, केबल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, फिनोलेक्स केबल्स लिमिटेड कंपनियां है जहां पर आप एक अच्छे मेटेरियल के पद पर काम कर सकते हैं.

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बताइए गई मेटालर्जिकल इंजीनियरिंग के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है और आप ऐसे ही और जानकारी आप आना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें.

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