मानसिक तनाव इसके लक्षण कारण व उपचार
मानसिक तनाव इसके लक्षण कारण व उपचार
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और मशीनी युग के कारण हमारे जीवन में कुछ ऐसी समस्याएं खड़ी हो जाती है जिनका बाद में इलाज कराना बहुत मुश्किल होता है और यह समस्याएं आगे चलकर हमारे लिए जानलेवा भी साबित हो जाती है क्योंकि हम इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं जिनसे हमें ऐसी जानलेवा बीमारियों का सामना करना पड़ता है और इसी तरह से मानसिक तनाव भी एक ऐसी बीमारी या समस्या है जो कि आजकल के लगभग हर दूसरे इंसान में उत्पन्न हो रही है.
यह एक खतरनाक बीमारी है अगर इस बीमारी का समय पर इलाज करवाया जाए तो यह आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकती हैं तो आज के इस ब्लॉग में हम मानसिक तनाव के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि मानसिक तनाव क्यों उत्पन्न होता है इसको कैसे कम किया जा सकता है और इसके बचने के तरीके आदि के बारे में.
मानसिक तनाव क्या है
मानसिक तनाव के बारे में बात की जाए तो यह एक ऐसी समस्या है जो कि इंसान अपनी भूख और प्यास की तरह ही महसूस कर सकता है और जब किसी को यह समस्या उत्पन्न होती है तब उस इंसान की तन और मन दोनों के ऊपर बुरा असर पड़ता है और इस समस्या से उस इंसान में कई और भी बीमारियां उत्पन्न होने लगती है जैसे हृदय रोग, डायबिटीज, उचित रक्तचाप, सिर दर्द, माइग्रेन, डिप्रेशन, हिस्टीरिया,पेप्टिक अल्सर और मस्तिष्क रक्तस्राव आदि और जब किसी इंसान का मन दो अलग-अलग इच्छाओं में शामिल होता है ऐसा मानसिक तनाव के ही कारण होता है क्योंकि जब किसी इंसान के मस्तिष्क पर ज्यादा दबाव पड़ता है तब वह इस समस्या के कारण यह निर्णय नहीं ले पाता कि कौन सी चीज गलत है और कौन सी सही है और उसका मन दो अलग-अलग आवेश या प्रवृतियां परस्पर विरोधी दिशा में खिंच जाती है
मानसिक तनाव का कारण
अगर मानसिक तनाव के कारणों के बारे में बात की जाए तो इस समस्या के उत्पन्न होने के पीछे बहुत कारण होते हैं लेकिन आजकल के दौर में इस समस्या के मुख्य रूप से दो ही कारण होते हैं पहला भाग दौड़ भरी जिंदगी और मशीनी युग और दूसरा इंटरनेट, लेकिन इसके अलावा कुछ आम कारण भी होते हैं जैसे भय, चिंता, क्रोध, व्यापार में हानि, आर्थिक समस्या, गरीबी, लड़ाई झगड़ा, ग्रह कलेश, हीन भावना, ऑफिस में काम का बोझ, घर में पारिवारिक समस्याएं, पति पत्नी में अन-बन, सिर पर चोट लगना, कुपोषण, मस्तिष्क बीमारी से ग्रस्त होना ऐसे कई कारण होते हैं जिनसे यह समस्या आसानी से उत्पन्न हो सकती है
मानसिक तनाव के लक्षण
अगर मानसिक तनाव के लक्षणों के बारे में बात की जाए तो जब यह समस्या किसी को उत्पन्न हो जाती है उस इंसान में इसके कई लक्षण भी देखने को मिलते हैं जैसे दिल का दौरा, मानसिक थकान, किसी काम में मन न लगना, एकाग्रता भंग होना, उत्साह में कमी होना, ज्यादा नींद आना या बिल्कुल नींद न आना, मस्तिष्क रक्तस्राव होना, सिर दर्द रहना, पेट की समस्या होना, बाल सफेद होना, कैंसर होना, हिस्टीरिया, डिप्रेशन, उदासीनता रहना, जवानी में ही चेहरे पर झुर्रियां पड़ना, मानसिक रूप से ठीक न होना ,बहकी बहकी बातें करना, मोटापा आना, मानसिक खिंचाव के वक्त डिस्केफान हार्मोन का स्राव बढ़ने से चेहरे की त्वचा में संकुचन होता है, जिसके परिणामस्वरूप झुर्रियां बन जाती हैं ऐसे बहुत सारे लक्षण दिखाई देते हैं
क्या खाना चाहिए
- रोगी को हमेशा हल्का और सुपाच्य भोजन कराना चाहिए
- रोगी को संतुलित भोजन करना चाहिए वह भोजन को आराम से चबा चबाकर खाना चाहिए
- रोगी को हरी सब्जियां और सलाद नियमित रूप से खानी चाहिए
- रोगी को मानसिक व शारीरिक तनाव से छुटकारा दिलाने के लिए जूस पिलाने चाहिए
- रोगी को हर रोज ज्यादा से ज्यादा मीठे फलों का सेवन करना चाहिए
- रोगी को दूध, दही, लस्सी, गन्ने,अंगूर, संतरे के जूस को पिलाना चाहिए
क्या नहीं खाना चाहिए
- रोगी को ज्यादा मिर्च मसालेदार व् चटपटे भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को ज्यादा भारी व तली भूनी हुई चीजों से परहेज करना चाहिए
- रोगी को ज्यादा उत्तेजक पदार्थ जैसे शराब, कॉफी, चाय आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट, गुटका आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
- रोगी को ज्यादा खटाई युक्त भोज्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए जैसे अचार, अमचूर
- रोगी को मांस मछली और अंडा का सेवन नहीं करना चाहिए
क्या करना चाहिए
- रोगी को हमेशा हंसी मजाक करते रहना चाहिए वह सब से बातें करनी चाहिए
- रोगी को मधुर गीत सुनने चाहिए वह बुक आदि पढ़नी चाहिए
- रोगी को अपने आप को कमजोर नहीं समझना चाहिए वह खुद पर विश्वास रखना चाहिए
- रोगी को हमेशा नियमित रूप से व्यायाम करने चाहिए
- रोगी को सुबह सुबह पैदल खुली हवा में घूमने जाना चाहिए
- रोगी को दिन भर मनोरंजन व हंसी मजाक वाली मूवी आदि देखनी चाहिए
- रोगी को अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए
- रोगी को लड़ाई झगड़े में नहीं पड़ना चाहिए
उपचार
- रोगी को अपने कार्य को किसी और से कराने की आदत नहीं चाहिए
- रोगी को अपने भविष्य की चिंता में नहीं डूबना चाहिए
- रोगी को ज्यादा कठोर व भारी काम नहीं करना चाहिए
- रोगी को घर में लड़ाई झगड़े नहीं करने चाहिए
- रोगी को अपने मल मूत्र के वेगो को नहीं रोकना चाहिए
- रोगी को अपनी कब्ज को दूर रखना चाहिए
- रोगी को एक बार में ज्यादा कठोर कार्य नहीं करना चाहिए
फिर भी अगर आपको मानसिक तनाव से जुड़ी समस्याएं हैं तब आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए व डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए क्योंकि यह एक खतरनाक बीमारी है अगर आप इस बीमारी का समय पर इलाज नहीं करवाते तो यह आपके लिए आगे जाकर दूसरी कई बीमारियों का भी कारण बन सकती है.
मानसिक तनाव से होने वाले रोग मानसिक तनाव कैसे दूर करें मानसिक तनाव के कारण मानसिक तनाव के लक्षण मानसिक तनाव से कैसे बचें मानसिक तनाव के घरेलू उपाय मानसिक तनाव से मुक्ति के उपाय