त्यौहार

महात्मा गांधी का जीवन परिचय महात्मा गांधी जयंती कब कैसे और क्यों मनाई जाती है

महात्मा गांधी का जीवन परिचय महात्मा गांधी जयंती कब कैसे और क्यों मनाई जाती है

एक समय ऐसा था जब भारत एक खुशहाल देश हुआ करता था भारत पर किसी भी देश का शासन नहीं था और भारत में सभी लोग मिल जुल कर रहते थे हालांकि भारत इतना ज्यादा संसाधन नहीं थे और भारत में बहुत सारी चीजों की कमी हुई थी लेकिन इसी चीज का फायदा अंग्रेजों ने उठाया अंग्रेज सबसे पहले भारत में व्यापार करने आए थे और जब अंग्रेजो को लगा कि भारत के लोग इतने ज्यादा पढ़े लिखे व समझदार नहीं है तब उन लोगों ने भारत को अलग-अलग तरह के समान भेचे और फिर धीरे-धीरे भारत को गुलाम बना लिया और अंग्रेजों ने भारत को लगभग 200 से भी ज्यादा साल तक गुलाम रखा लेकिन जब भारत गुलाम था.

तब भारतीय लोगों को समझ में आ गया कि अगर अंग्रेजों से आजादी नहीं मिली तो शायद भारत का नाम भी मिट जाएगा इसलिए भारतीय लोगों ने अंग्रेजों से बहुत लड़ाइयां लड़ी और आखिरकार बाद 200 साल बाद आजाद हुआ लेकिन भारत की आजादी की लड़ाई में बहुत सारे सैनिकों व बहुत सारे महान आदमियों ने कुर्बानियां दी जिनमें से महात्मा गांधी भी ऐसी महान नायक थे जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने में बहुत मेहनत व बहुत प्रयास किए और उन्होंने कई आंदोलन भी की है इसीलिए भारत का एक-एक बच्चा महात्मा गांधी के बारे में जानता है महात्मा गांधी एक बहुत ही शांत स्वभाव के सच्चे इंसान माने जाते हैं.

वैसे तो महात्मा गांधी के बारे में लगभग सभी लोग जानते हैं लेकिन महात्मा गांधी जन्म से कैसे थे महात्मा गांधी का जन्म कहां हुआ था महात्मा गांधी जयंती कब मनाई जाती है और क्यों मनाई जाती है इसके बारे में बहुत लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है तो इस ब्लॉग में हम आपको महात्मा गांधी जयंती कब क्यों और कैसे मनाई जाती है इसके बारे में विस्तार से बताने वाले हैं.

महात्मा गांधी का जीवन परिचय

Biography of Mahatma Gandhi in Hindi – महात्मा गांधी एक सच्चे देशभक्त जिन्होंने भारत की आजादी में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया इसीलिए उनको राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी कहा जाता है महात्मा गांधी को सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि भारत के अलावा नेपाल पाकिस्तान बांग्लादेश जैसे देशों में भी एक आदर्श आदमी के रूप में देखा जाता है महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था.

महात्मा गांधी का पूरा नाम मनमोहन दास करमचंद गांधी है महात्मा गांधी के पिता जी का नाम करमचंद गांधी और उनकी माता का नाम पुतलीबाई था और महात्मा गांधी की माता ने उनका नाम मनमोहन दास रखा था इसीलिए बाद में उनका नाम मनमोहन दास करमचंद गांधी पड़ा उनकी माता एक बहुत ही साधारण महिला थी और उनके परिवार के ऊपर जैन धर्म का बहुत ज्यादा प्रभाव रहा है इसी के कारण महात्मा गांधी एक अहिंसा और आत्म शुद्धि से प्रभावित व्यक्ति रहे.

महात्मा गांधी की शुरुआती शिक्षा उनके पास के ही स्कूल में हुई थी और महात्मा गांधी पढ़ने में एक सामान्य विद्यार्थी के जैसे ही थे लेकिन महात्मा गांधी इंग्लिश के विषय में बहुत ज्यादा रुचि रखते थे इसीलिए वे इंग्लिश में दूसरे विद्यार्थियों से ज्यादा होनहार थे और महात्मा गांधी को कई प्रकार की अलग-अलग छात्रवृत्ति और पुरस्कार भी मिले हैं हालांकि महात्मा गांधी भूगोल जैसे दूसरे विषय में ज्यादा रुचि नहीं रखते थे और गणित विषय में भी ज्यादा होनहार नहीं थे लेकिन कुल मिलाकर भी एक अच्छे विद्यार्थी थे जोकि इंग्लिश के विषय में काफी ज्यादा रुचि रखते थे स्कूल के अलावा महात्मा गांधी अपने घर के कामों में माता-पिता का हाथ बटवाने में रुचि रखते थे महात्मा गांधी ने कभी अपने जीवन में धूम्रपान व मांस का सेवन नहीं किया.

महात्मा गांधी एक शाकाहारी परिवार से थे उनके परिवार ऊपर जैन धर्म का बहुत ज्यादा प्रभाव था इसलिए एक साधारण इंसान थे जब महात्मा गांधी की आयु 13 वर्ष हुई तब महात्मा गांधी की शादी कर दी गई उनकी शादी शहर के ही एक व्यापारी की बेटी कस्तूरबा से हुई और जब महात्मा गांधी 15 वर्ष की आयु की थी तब भी पहली बार 1 पुत्र के पिता भी बन गए हालांकि उनका पहला बेटा जीवित जिंदा नहीं रहा और उसकी मृत्यु हो गई उसके बाद में भी महात्मा गांधी के चार और पुत्र हुए जिनका नाम हरिलाल मनिलाल रामदास और देवदास था और स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद महात्मा गांधी मुंबई के एक कॉलेज में पढ़ने के लिए चले गए कुछ समय बाद वहीं से वह आगे की पढ़ाई के लिए लंदन चले गए.

लंदन से कब लौटे

when did you return from london in Hindi – लंदन के कॉलेज में पूरी पढ़ाई लिखाई करने के बाद 1914 में महात्मा गांधी भारत लौटे और जब भारत लौटे तब लोगों ने उनका जोरों शोरों से स्वागत किया इसके बाद में महात्मा गांधी ने लोगों में शांति अहिंसा और राजनीतिक बुराइयों को दूर करने के लिए सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की फिर 1919 में पहली बार महात्मा गांधी ने अंग्रेजो के खिलाफ भारत की आजादी की लड़ाई का बिगुल बजाया और इसके बाद में महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के कानूनों और उनकी नीतियों के खिलाफ कई बड़े-बड़े आंदोलन किए वह भारतीय लोगों को अंग्रेजों की इन गलत नीतियों के खिलाफ जागरूक किया ताकि आजादी की लड़ाई की आग पूरे भारत में फ़ैल सके.

फिर महात्मा गांधी ने अपने पहले आंदोलन सत्याग्रह की शुरुआत की और 1919 में इस आंदोलन की शुरुआत के बाद पूरे भारत में आजादी की आहट सुनाई देने लगी इस आंदोलन की सफलता के बाद महात्मा गांधी ने भारत की आजादी के लिए कई और बड़े बड़े आंदोलनों का भी सहारा लिया जिन्होंने भारत को आजादी के मुकाम तक पहुंचाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया था जिनमें असहयोग आंदोलन, दांडी यात्रा, भारत छोड़ो आंदोलन जैसे बड़े बड़े आंदोलन शामिल थे और सभी आंदोलनों की वजह से भारत के हर एक कोने में आजादी के लिए लड़ाई की आग फैलने लगी और इन सभी प्रयासों के कारण भारत को कुछ सालों बाद आजादी मिली है इसके अलावा भी महात्मा गांधी ने भारत को आजादी दिलाने के लिए और कई छोटे आंदोलन भी किए लेकिन महात्मा गांधी जो भी आंदोलन करते थे बिल्कुल शांति और अहिंसा के साथ करते थे उनका मकसद शांति और अहिंसा के रास्ते पर चलकर ही आजादी पाना था और इसी के कारण अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.

दक्षिणी अफ्रीका नस्लभेद आंदोलन

Southern african apartheid movement in Hindi – एक बार महात्मा गांधी को दक्षिण अफ्रीका जाने का मौका मिला और जब महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका गए तब उन्होंने अपने साथ नस्ल-भेदभाव का सामना करना पड़ा महात्मा गांधी को कई ऐसी कीजिए सहनी पड़ी जिस से दुखी होकर महात्मा गांधी ने वहां के लोगों के बारे में सोचा महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में रह रहे भारतीय लोगों के साथ हो रहे दूर व्यवहार और भेदभाव के बारे में जाना और फिर उन्होंने भारतीय लोगों के अधिकारों के लिए भारतीय कांग्रेस का गठन किया और महात्मा गांधी ने और शांति के रास्ते पर चलते हुए भारतीय मजदूरों श्रमिकों और किसानों खेतिहर मजदूरों अंग्रेजी शासन के खिलाफ खड़ा किया और उनके खिलाफ आवाज उठाई.

महात्मा गांधी की मृत्यु

death of mahatma gandhi in Hindi – महात्मा गांधी एक आदर्शवादी और अहिंसा के रास्ते पर चलने वाले इंसान थे जिन्होंने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया बहुत सारे लोग महात्मा गांधी का विरोध भी करते थे और इनमें से हिंदू महासभा का एक सदस्य नाथूराम गोडसे भी शामिल था जिन्होंने महात्मा गांधी की हत्या की क्योंकि नाथूराम गोडसे का मानना था कि महात्मा गांधी अहिंसा के सिद्धांतों पर चलते हैं और वे पाकिस्तान का पक्ष ले रहे हैं इसके अलावा भी उन्होंने महात्मा गांधी के ऊपर कई गलत आरोप लगाए और इसीलिए 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को गोली मार दी.

महात्मा गांधी जयंती कब और कैसे मनाई जाती है

When and how is Mahatma Gandhi Jayanti celebrated? in Hindi – महात्मा गांधी ने अपना पूरा जीवन भारत की आजादी और आजादी के लिए किए हुए आंदोलनों में लगा दिया और उन्हीं के इन्हीं प्रयासों के चलते भारत को आजादी मिली इसीलिए उनको लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी कहते हैं महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात में हुआ था और इसीलिए हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती मनाई जाती है महात्मा गांधी जयंती के मौके पर राज घाट के ऊपर महात्मा गांधी की प्रतिमा के ऊपर लोगों द्वारा फूल में मालाएं चढ़ाई जाती है

और वहां पर  अलग-अलग कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है इसके अलावा 2 अक्टूबर को भारत की सभी स्कूलों में छुट्टी रहती है और बहुत सारे स्कूल व कॉलेजों में महात्मा गांधी जयंती के मौके पर अलग-अलग कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है जिसमें छोटे छोटे बच्चे महात्मा गांधी का रूप धारण करके अलग-अलग झांकियां निकालते हैं इसके अलावा भारत के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति भी महात्मा गांधी की प्रतिमा के ऊपर फूल में मालाएं चढ़ाते हैं.

गांधी जयंती क्यों मनाई जाती है

Why is Gandhi Jayanti celebrated? in Hindi – महात्मा गांधी जयंती मनाने के पीछे महात्मा गांधी के भारत की आजादी में दिए हुए महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाता है भारत की आजादी के लिए किन-किन कठिनाइयों व किन-किन चीजों का सामना करना पड़ा इसके बारे में लोगों को जागरूक करना है वह लोगों के सामने महात्मा गांधी के अहिंसा रास्ते पर चलते हुए भारत को आजादी दिलाने और लोगों के सामने महात्मा गांधी के विचारों को रखना है

क्योंकि महात्मा गांधी कभी भी हिंसा व लड़ाई दोनों का साथ नहीं देते थे महात्मा गांधी ने हमेशा लोगों को अहिंसा और शांति के रास्ते पर चलने की अपील की. हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बताई गई है जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई और आप ऐसी ही और जानकारियां पाना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button