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मलेरिया रोग के कारण लक्षण व उपचार

मलेरिया रोग के कारण लक्षण व उपचार

बारिश के दिनों में बहुत ज्यादा तेज बारिश होने से निचले इलाकों में पानी भर जाने से दूषित पानी में कई ऐसे विषाणु जीवाणु पैदा हो जाते हैं जो कि अनेक अलग-अलग बीमारियों का कारण बनते हैं इसी के कारण मलेरिया डेंगू टाइफाइड जैसी बीमारियां बहुत तेजी से फैलती है क्योंकि इन सभी बीमारियों को उत्पन्न करने वाले जीवाणु वर्षा के दूषित पानी में ही पनपते हैं

इससे पिछले ब्लॉग में हमने आपको टाइफाइड के बारे में बताया था जो कि एक खतरनाक बुखार है लेकिन आज किस ब्लॉक में हम बात करेंगे मलेरिया के बारे में क्योंकि बुखार कई प्रकार की होती है और इसके अलग-अलग कारण व लक्षण होते हैं और बुखार एक ऐसी बीमारी है जो कि अपने साथ कई छोटी-छोटी बीमारियां लेकर आती है.

मलेरिया (सर्दी बुखार)

यह बुखार मादा एनाफिलीज नामक मच्छर के काटने से होता है क्योंकि जब यह मच्छर हमारे शरीर को काटता है तब इसके मादा हमारे खून में पहुंच जाते हैं जिससे धीरे-धीरे इनकी मात्रा बढ़ जाती है और फिर इससे रोगी को तेज बुखार आने लगता है इस बुखार के होने पर रोगी को कुछ समय बाद एकदम से ठंड लगने लगती है या कुछ समय बाद एकदम से पसीना आने लगता है और यह बुखार रोगी को नियमित अंतराल पर उतरती और चढ़ती रहती है इसके साथ ही हमारे शरीर में कई छोटी-छोटी और बीमारियां उत्पन्न होती है जैसे गले में खराश, हल्की बुखार,

सिर दर्द, खांसी आदि और जब किसी रोगी को बुखार हो जाता है तब उसका इम्यून सिस्टम बिल्कुल कमजोर हो जाता है और धीरे-धीरे वह बिल्कुल कमजोर हो जाता है इसलिए बारिश या ठंड के मौसम में हमें बुखार से बचने के लिए उचित सावधानियां बरतनी चाहिए इसके साथ ही बारिश के पानी की साफ सफाई करना और अपने आसपास की साफ सफाई करना बहुत जरूरी है क्योंकि बारिश के पानी में टाइफाइड डेंगू मलेरिया जैसी खतरनाक बुखार के जीवाणु पनपते हैं और फिर यही जीवाणु हमारे बुखार का कारण बनते हैं

मलेरिया के कारण

अगर इस बार के कारणों के बारे में बात की जाए जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया इस बुखार का कारण मादा एनाफिलीज नामक मच्छर होता है जो कि बारिश के दिनों में बारिश के गंदे में पानी में उत्पन्न होता है और इस मच्छर के रोगी को काटने पर उसके द्वारा छोड़े गए मादा हमारे खून में मिल जाते हैं और इससे यह बुखार होने लगता है लेकिन इसके अलावा भी यह मच्छर नाली पुराने, टायर, कूलर गंदे तालाब, पुराने जोहड़ आदि में उत्पन्न हो सकता है अगर किसी इंसान का इम्यून सिस्टम कमजोर है तो यह बुखार उस इंसान को और भी तेजी से होता है

मलेरिया के लक्षण

अगर मलेरिया बुखार के लक्षणों के बारे में बात की जाए तो इस समस्या के उत्पन्न होने पर रोगी में कई लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे रोगी के सर में दर्द होना, रोगी को 7 से 10 दिन के बीच बार-बार बुखार चढ़ना उतरना,रोगी का शरीर बिल्कुल कमजोर होना, रोगी को बेचैनी घुटन, थकान, आलस, महसूस होना, रोगी को भूख कम प्यास लगना, रोगी को खांसी जुकाम बुखार, गले में खराश आदि समस्या उत्पन्न होना रोगी को बार बार चक्कर आना,

रोगी के शरीर में पानी की कमी होना ,रोगी को एकदम से तेज पसीना आना, रोगी को बुखार चढ़ते समय ठंड लगना, रोगी के शरीर का तापमान बढ़ना, रोगी को जलन होना,रोगी को घबराहट होना, आदि मलेरिया रोग के लक्षण होते हैं इसके अलावा भी रोगी में और सारे लक्षण दिखाई दे सकते हैं

क्या करें

  • रोगी को तुरंत डॉक्टर से टेस्ट करवाने चाहिए वह दवाइयां लेनी चाहिए
  • रोगी को ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को नींबू वह खट्टी चीजों का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को बारिश के दिनों में सोते समय मच्छरदानी आदि का उपयोग करना चाहिए
  • रोगी को गले में खराश होने पर एक गिलास हल्के गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करने चाहिए
  • रोगी को ठंड लगने पर गर्म कपड़े पहनने चाहिए
  • रोगी को इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों को खाना चाहिए
  • रोगी को बारिश के मौसम में अपने आसपास की साफ सफाई रखनी चाहिए
  • रोगी को बारिश के समय में कूलर पुराने टायर और नाली आदि को साफ करना चाहिए और उसमें एक ढक्कन मिट्टी का तेल डाल दें
  • रोगी को अपने भोजन में पानी को ढक कर रखना चाहिए

क्या न करें

  • रोगी को दूषित पानी में भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को अपने घर के आसपास पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा कठोर कार्य नहीं करनी चाहिए
  • रोगी को 1 हफ्ते से ज्यादा बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए है
  • रोगी को शराब बीड़ी सिगरेट तंबाकू आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा कठोर भोजन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को तले हुए वह ज्यादा उत्तेजक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए

उपचार

  • रोगी को अदरक लॉन्ग इलायची आदि को डालकर कड़क चाय बना कर पीना चाहिए और फिर चाय पीने के बाद ढक कर सोना चाहिए
  • रोगी को सर्दी जुखाम की समस्या होने पर लोंग, इलाइची आदि के बीजों को कपड़े में बांधकर सूंघना लेना चाहिए जिससे आपकी बंद नाक को राहत मिलती है
  • अगर आपको बुखार के साथ सर्दी जुकाम भी है तब आपको अजवाइन का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए इसके लिए आपको आधा चम्मच अजवाइन और गुड़ डालकर धीमी आंच में उबालना चाहिए
  • रोगी को लॉन्ग और तुलसी का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए
  • रोगी को तुलसी के पत्तों का सेवन करना चाहिए इससे आपकी सर्दी जुकाम व खांसी में तुरंत राहत मिलती है और यह आपके शरीर से बैक्टीरिया को कम करने में मदद करता है
  • रोगी को अश्वगंधा टेबलेट या कैप्सूल का उपयोग करना चाहिए यह एक बहुत फायदेमंद जड़ी बूटी होती है

लेकिन फिर भी अगर किसी इंसान को मलेरिया रोग की समस्या उत्पन्न हो जाती है तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और अपने टेस्ट आदि करवा कर दवाइयां लेनी चाहिए क्योंकि यह एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है इससे आपकी जान भी जा सकती है इसलिए इस समस्या में आपको देरी नहीं करना चाहिए

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