मकर सक्रांति क्या है यह कैसे मनाई जाती है मकर संक्रांति का महत्व
भारत एक ऐसा देश है.जहां पर अनेक प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं और भारत में हर साल कई ऐसे खुशी के अवसर आते हैं जो कि त्योहारों की तरह ही धूमधाम से मनाये जाते हैं क्योंकि भारत में सभी धर्म के लोग रहते हैं लेकिन ज्यादातर हिंदू धर्म के लोग ही रहते हैं इसलिए हर साल हिंदू धर्म के त्योहारों को ज्यादा मनाया जाता है.हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है.कि दूसरे धर्म के लोगों के त्योहारों को मनाने में कोई रोक है.सभी धर्म के लोग अपने अपने त्योहारों को खुशी से मनाते हैं .
हिंदू धर्म में ज्यादा त्यौहार आते हैं क्योंकि हिंदू धर्म लोगों की आस्था देवी देवताओं के साथ ज्यादा जुड़ी हुई होती है.भारत में हर साल अलग-अलग प्रकार से कई चीजों की पूजा की जाती है.कई जगह पर पत्थरों की पूजा होती है.तो कहीं जगह पर पेड़ों की पूजा होती है.इसके अलावा कई जगह नदियों व तालाबों की पूजा होती है.क्योंकि हमारे देश में हर साल की पूजा होती है.
नदियों की पूजा पूजा पूजा पूजा देवी देवताओं की पूजा होती है.क्योंकि हमारे देश के लोगों का मानना है.कि हम किसी भी भगवान की पूजा करते हैं तो भगवान हमें कभी निराश नहीं करते इसी तरह से हमारे देश में सभी प्रकृति के अंगों को देवो स्थान दिया गया है.इसीलिए हमारे देश में सूर्य देवता शनि देवता जल देवता अग्नि देवता जैसे देवों की भी पूजा की जाती है.तो इस ब्लॉग में हम आपको सूर्यदेव से जुड़े हुए एक ऐसे ही पर्व के बारे में बताने वाले हैं इस ब्लॉग में आपको मकर संक्रांति के त्योहार के बारे में बताएंगे यह त्योहार भारत में मनाए जाने वाला एक बहुत ही प्रसिद्ध त्योहार है.इस ब्लॉग में हम आपको मकर सक्रांति कब कैसे और क्यों मनाई जाती है.इसके बारे में विस्तार से बताने वाले है.

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मकर सक्रांति
हमारे देश के लोगों का मन इतना साफ होता है.कि भी किसी भी चीज को भगवान के रूप में देखने लगते हैं अपने कई जगह पर आपने देखा होगा कि बहुत सारे लोग पेड़ नदी तालाब कुएं व इसके अलावा और भी कई ऐसी चीजों की पूजा करने लगते हैं जिनके ऊपर विश्वास करना थोड़ा कठिन होता है.और हमारे देश के लोग दूसरे धर्म की भी सभी देवी देवताओं का आदर सत्कार करते हैं इसीलिए हमारे देश में प्रकृति के भी लगभग सभी अंगों को देवों के रूप में देखा जाता है.
इसी तरह से हमारे देश में सूर्य देव की भी पूजा की जाती है.इसके अलावा मकर सक्रांति एक ऐसा त्यौहार भी आता है.जिस की मौके पर सूर्य देव की पूजा की जाती है.यह त्यौहार पूरी तरह से सूर्य देव को समर्पित किया जाता है.यह त्योहार भारत में मनाए जाने वाला एक बहुत ही प्रसिद्ध त्योहार है.इस त्यौहार को सभी लोग बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं वैसे तो हमारे देश के सभी राज्यों में मनाया जाता है
लेकिन गुजरात राज्य में इस त्यौहार को और भी ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है.और यह त्यौहार गुजरात में एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है.इस त्यौहार के मौके पर सभी लोग अपने घर की साफ सफाई करते हैं और अपने घर का पुराना सामान बेचकर नया सामान भी खरीदते हैं और इस त्योहार के मौके पर सभी छोटे-बड़े एक दूसरे को बधाइयां देते हैं वह बच्चे रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं यह त्योहार एक बहुत ही खुशी का त्यौहार होता है.
इस त्यौहार को सभी लोग एक दूसरे के साथ मिलकर मनाते हैं जब भी यह त्यौहार आता है.तब इस त्यौहार से कुछ समय पहले ही सभी लोग अपने घर में इस त्यौहार को मनाने के लिए तैयारियां शुरू कर देते हैं और इस त्यौहार के लिए अलग-अलग प्रकार की चीजें अपने घर में लेकर आते हैं अपने टूटे-फूटे हुए पुराने सामान को बाहर निकाल देते हैं
मकर सक्रांति कैसे मनाई जाती है
वैसे मकर सक्रांति के त्यौहार को बच्चों और युवाओं का हे त्योहार माना जाता है.क्योंकि इस त्यौहार के मौके पर सभी छोटे बच्चे रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं एक दूसरे के साथ मस्ती करते हैं इसके अलावा सभी छोटे बड़े बच्चे इस दिन पतंगबाजी करते हैं और अपने घरों की छतों पर जाकर पतंग उड़ाते हैं गांव में यह त्यौहार एक दूसरे के साथ मिलकर मनाया जाता है.और सभी लोग इस त्योहार के मौके पर अपनी -अपनी लंबी लंबी रंग बिरंगी पतंग उड़ाते हैं शहरों में
इस त्यौहार का जोर ज्यादा देखने को मिलता है.क्योंकि शहरों में इतने ज्यादा रंग बिरंगी पतंग हो जाते हैं कि एक दूसरे को अपनी पतंग भी संभाल पाना मुश्किल हो जाता है.इसके अलावा इस त्योहार के मौके पर सभी लोग गुड और तिल के लड्डू का सेवन भी करते हैं एक दूसरे को आपस में मिठाई वगैरह बाटी जाती है.और इस दिन सभी लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं
वह अपने घर में तुलसी का पौधा लगाया जाता है.और सभी लोग तुलसी के पौधे की पूजा करते हैं कई लोग झील नदी में स्नान करने के लिए जाते हैं और सभी लोग अपने घरों में सजावट करते हैं मकर सक्रांति के मौके पर हर 12 साल के बाद महाकुंभ मेले का आयोजन होता है.क्योंकि आप सभी को पता है.कि महाकुंभ मेला 12 साल में एक बार आता है.और जिस जगह पर महाकुंभ का मेला होता है.उस जगह पर मकर सक्रांति के मौके पर बहुत ज्यादा भीड़ जमा हो जाती है.
इस मौके पर सभी लोग गंगा यमुना नदियों के ऊपर जाकर स्नान भी करते हैं महाकुंभ का मेला पूरी दुनिया में मनाए जाने वाला सबसे बड़ा मेला माना जाता है.यह मेला एक भारतीय संस्कृति से जुड़ा हुआ ऐसा मेला है.जिसको करोड़ों लोग दूर दूर से देखने आते हैं इसके अलावा महाकुंभ मेले में हजारों साधु संत फकीर व हजारों तपस्वी आते हैं इसके अलावा इस मेले में आपको लगभग सभी चीजें देखने को मिल जाएगी क्योंकि यह बहुत विशाल मेला होता है.जो कि लंबे समय तक चलता है
इसके अलावा भारत के अलग-अलग राज्यों में इस त्यौहार को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है.हरियाणा पंजाब जैसे राज्य में इस त्यौहार को लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है.जिस के मौके पर सभी लोग मूंगफली भुने हुए मक्के और गुड तिल आदि को अग्नि में डालकर आहुति दी जाती है.और सभी लोग आपस में गुड व तिल के लड्डू खाते हैं और आपस में मूंगफली को बांटा जाता है.इसके अलावा उत्तर प्रदेश में इस त्यौहार को दान के रूप में देखा जाता है.इस दिन सभी लोग ज्यादा से ज्यादा पैसे या खाने पीने की चीजों का दान करते हैं राजस्थान, पश्चिमी बंगाल, तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी इस त्यौहार को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.और इन सभी राज्यों में भी इस त्यौहार को अलग-अलग मान्यताओं व अलग अलग संस्कृति के साथ मनाया जाता है.लेकिन इस त्यौहार का सबसे ज्यादा जोश गुजरात राज्य में देखा जाता है.
मकर सक्रांति क्यों मनाई जाती है
जिस भी त्यौहार को मनाया जाता है.उसके पीछे कोई ना कोई वजह जरुर होती है.इसी तरह से मकर सक्रांति के त्यौहार को मनाने के पीछे भी कई वजहें हैं मकर सक्रांति के त्यौहार पर भगवान सूर्य देव की पूजा की जाती है.ऐसा माना जाता है.कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव उत्तरायण आना शुरू कर देते हैं सूर्य देव अपने नकारात्मक छोड़कर शुभ मुहूर्त में आता जिसको उत्तरायण कहा जाता है.इस त्यौहार को लेकर सभी लोग बहुत ही उत्साहित होते हैं बच्चों के लिए यह त्यौहार और भी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है.
इस मौके पर सभी बच्चे रंग बिरंगे कपड़े पहनते हैं तिल के लड्डू खाते हैं इसके अलावा छोटे बड़े बच्चे पतंगबाजी करते हैं और अपनी रंग बिरंगी आसमान में उड़ाते हैं मकर सक्रांति के दिन के बाद सर्दियों का समापन शुरू हो जाता है.इस दिन से गर्मियों की शुरुआत होने लगती है.और धीरे-धीरे कुछ समय बाद गर्मियां आ जाती है.और यहीं से रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं इसके अलावा इस त्यौहार को कई अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग मान्यताओं के साथ भी मनाया जाता है. गुजरात राज्य में इस त्यौहार को उत्तरायण नाम से जाना जाता है.इसके अलावा राजस्थान बिहार झारखंड जैसे राज्यों में इस त्यौहार को सकरात कहा जाता है.लेकिन असल में इस त्यौहार का शुद्ध हिंदी नाम मकर सक्रांति ही होता है
मकर सक्रांति कब मनाई जाती है
जैसा कि आप सभी जानते हैं जितने भी भारतीय त्योहार में खुशी के अवसर होते हैं वे सभी भारतीय कैलेंडर के अनुसार मनाए जाते हैं लेकिन मकर सक्रांति का त्यौहार एक ऐसा त्योहार है.जो कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है.हालांकि यह एक बहुत ही प्रसिद्ध हिंदू त्योहार है.लेकिन इस त्यौहार को अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जनवरी माह की 14 तारीख को मनाया जाता है.हालांकि कई बार इस त्यौहार को 15 या 13 जनवरी को मनाया जाता है.लेकिन भारतीय कैलेंडर के अनुसार इस त्यौहार की तारीख आगे आगे पीछे होती रहती है.