बाल दिवस कब कैसे और क्यों मनाया जाता है
आप सभी के घर में कोई ना कोई छोटा बच्चा जरूर होगा जिसको आप बहुत ज्यादा प्यार करते हैं क्योंकि छोटे बच्चे होते हैं इतने मासूम और प्यारे होते हैं और उनकी हंसी और उन के बोलने का तरीका हमें बहुत ज्यादा पसंद आता है और कई लोग ऐसे होते हैं जो कि छोटे बच्चों के साथ दिनभर खेलते रहते हैं और वह छोटे बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं आप में से भी बहुत सारे ऐसे लोग होगे जो कि छोटे बच्चों के साथ खेलना पसंद करते हैं और ऐसा माना जाता है कि छोटे बच्चे भगवान का रूप होते हैं और छोटे बच्चे अपने माता-पिता व परिवार के दूसरे लोगों के साथ इतने घुलमिल जाते हैं.
कि छोटा बच्चा हमसे 1 मिनट भी दूर नहीं होता दूर होते ही वह बहुत जोर जोर से रोने और चिल्लाने लगता है हम छोटे बच्चों का जन्मदिन बड़े धूमधाम और बड़े चाव से सेलिब्रेट करते हैं इसके अलावा स्कूल में भी छोटे बच्चों को एक दिन समर्पित किया जाता है जिसको बाल दिवस के नाम से जाना जाता है इस दिन छोटे बच्चों अलग-अलग प्रकार के गिफ्ट टोफिया आदि दी जाती है और उनको अलग-अलग प्रकार की बातें बताई जाती है आपको बाल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है इसके बारे में विस्तार से बताने वाले है.
बाल दिवस
हमारे देश में छोटे बच्चों की शिक्षा और उनके पालन पोषण के ऊपर बहुत ज्यादा जोर दिया गया है इसीलिए भारत सरकार कई अलग-अलग प्रकार के अभियान भी चलाती है ताकि ताकि छोटे बच्चों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो सके क्योंकि आप सभी को पता होगा कि किसी भी देश की ताकत उस देश की युवा व उसके छोटे बच्चे होते हैं और वही लोग अपने देश को आगे की तरफ तेजी से लेकर जाते हैं अगर किसी देश के बच्चों में किसी भी प्रकार की बीमारियां कुपोषण की समस्या हो जाती है तो वह देश बिल्कुल कमजोर पड़ जाता है इसलिए किसी भी देश के युवाओं को बच्चों का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है और इसी तरह से हमारे घर में एक छोटे बच्चे का होना भी बहुत जरूरी है अगर हमारे घर में कोई छोटा बच्चा नहीं है
तब हम ऐसे ही चुपचाप घूमते रहते हैं और जब हमारे घर में कोई छोटा बच्चा पैदा होता है तब हम पूरा दिन उसके साथ हंसकर खेलकर बोल कर बिता देते हैं और कई बार हमारा बच्चा हमसे कुछ समय के लिए दूर हो जाता है तब हम चिड़चिडे हो जाते हैं और ऐसा ही बच्चे के साथ भी होता है अगर हम अपने छोटे बच्चे को किसी दूसरे इंसान को सौंप देते हैं वह बच्चा बिल्कुल चिड़चिड़ा हो जाता है और बच्चे को बुखार व दूसरी बीमारी भी हो जाती है क्योंकि बच्चे बहुत ही नाजुक होते हैं उनके साथ खेलना हंसना बोलना बहुत जरूरी है
पंडित जवाहरलाल नेहरु जी का भी मानना था पंडित जवाहरलाल नेहरू कहते थे कि किसी भी देश के लिए उसके छोटे बच्चों का खुशमिजाज और स्वस्थ रहना बहुत जरूरी होते हैं और छोटे बच्चों का पालन पोषण बहुत ध्यान से किया जाना चाहिए पंडित जवाहरलाल नेहरू छोटे बच्चों से बहुत प्यार करते थे
बाल दिवस कब मनाया जाता है
भारत के सभी राज्यों में अलग-अलग तरीके से बाल दिवस को मनाया जाता है लेकिन ज्यादातर भारत के सभी राज्यों में स्कूलों में ही बाल दिवस मनाया जाता है क्योंकि बाल दिवस के अवसर पर उनकी शिक्षा और उन के पालन पोषण के ऊपर सबसे ज्यादा जोर दिया जाता है ताकि हमारे देश के छोटे शारीरिक और मानसिक रूप से बिल्कुल स्वस्थ हो भारत में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है क्योंकि 14 नवंबर 1889 को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ था और पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बहुत प्यार करते थे
उनका माना उनका मानना था कि बच्चे कोमल और नाजुक होते हैं उनका सही तरीके से पालन पोषण करना और उनको सही शिक्षा देना बहुत जरूरी होता है किसी भी देश की शक्ति उसके छोटे बच्चे होते हैं और पंडित जवाहरलाल नेहरू छोटे बच्चों को बहुत ही प्यार से पढ़ाते थे और उनको अलग-अलग बातें बताते थे और उनको खाने के लिए कुछ ना कुछ चीजें देते रहते थे और छोटे बच्चे भी पंडित जवाहरलाल नेहरू से बहुत प्यार करते थे और इसीलिए छोटे बच्चे उनको चाचा नेहरू कहकर पुकारते थे
इसीलिए पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम चाचा नेहरू भी पढ़ा पंडित जवाहरलाल नेहरु एक बहुत ही शांत व खुशमिजाज इंसान थे उनका बच्चों से बहुत ज्यादा लगाव था और इसीलिए उनकी जयंती के मौके पर हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है इस दिन छोटे बच्चे अपने-अपने स्कूलों में नई नई ड्रेस पहन कर जाते हैं और अध्यापकों को टोपिया व अन्य खिलौने आदि गिफ्ट देते हैं
सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1925 में 20 नवंबर को बाल दिवस मनाने की घोषणा की गई और कुछ सालों तक सभी देश अब 20 नवंबर को ही बाल दिवस मनाते थे लेकिन धीरे-धीरे कुछ देशों ने बाल दिवस मनाने की तारीख में बदलाव कर दिया और भारत में भी आजादी से पहले बाल दिवस 20 नवंबर को ही मनाया जाता था और आजादी के बाद भारत में पहली बार बाल दिवस को 20 नवंबर को ही मनाया गया लेकिन जब 1964 में पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु हो गई तब भारत सरकार ने बाल दिवस को पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के मौके पर मनाने का फैसला लिया क्योंकि पंडित जवाहरलाल नेहरू का बच्चो के प्रति बहुत लगाव रखते थे और उनके इसी लगाव को देखते हुए हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाने की घोषणा की गई और तब से लगातार हर साल 14 नवंबर को ही बाल दिवस मनाया जा रहा है
बाल दिवस कैसे मनाया जाता है
भारत के अलग-अलग राज्यों में बाल दिवस को अलग-अलग रूप से मनाया जाता है हालांकि भारत के सभी राज्यों के स्कूलों में लगभग एक जैसे ही बाल दिवस मनाते हैं इस दिन सभी बच्चे अपने नए नए कपड़े पहनकर स्कूल जाते हैं और अध्यापक उन बच्चों को अलग-अलग कविताएं व कहानियां सुनाते हैं और उन छोटे बच्चों के खिलौने व पेन आदि गिफ्ट करते हैं छोटे बच्चों को अलग-अलग प्रकार खेल भी खिलाए जाते हैं इसके साथ ही छोटे बच्चों को सही राह और उनकी जीवन में काम आने वाली बातों के बारे में बताया जाता है ताकि आगे चलकर बच्चे शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर ना हो इसके साथ ही उनको नेहरु जी का बच्चों के प्रति लगाव के बारे में बताया जाता है इसके साथ ही कई स्कूलों में अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है जहां पर छोटे-छोटे बच्चे भाग लेते हैं
बाल दिवस मनाने का लक्ष्य
किसी भी दिवस को मनाने के पीछे कोई ना कोई वजह जरूर होती है और ऐसा ही बाल दिवस के साथ भी है क्योंकि जब पंडित जवाहरलाल नेहरू पहली बार प्रधानमंत्री बने तब उनका मुख्य लक्ष्य बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता देना था पंडित जवाहरलाल नेहरु चाहते थे कि भारत का एक-एक बच्चा शिक्षित हो और ताकि आगे चलकर भारत को विकसित होने में ज्यादा परेशानी न आए इसलिए पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों की शिक्षा के ऊपर बहुत ज्यादा जोर देते थे और इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद कई ऐसे कदम भी उठाए जो कि बच्चों को शिक्षा की ओर अग्रसर करने में फायदेमंद साबित हुए और इसके साथ ही पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रगति, कल्याण, विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक संस्थान, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, आयुर्वेदिक विज्ञान संस्थान जैसे दूसरे मुद्दों के ऊपर भी बहुत ज्यादा जोर देते थे और पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए बहुत ज्यादा जोर दिया
इसके लिए उन्होंने कई कार्यक्रम चलाए जिनसे बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सके और बच्चों को दूध सहित कई ऐसी खाद्य वस्तुओं में उपलब्ध करवाई जो कि एक छोटे बच्चे को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी होती है इसके साथ ही उन्होंने कई कार्य किए जो कि भारत को तेजी से आगे बढ़ने में मदद करते हैं जब 1964 में पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु हुई तब पंडित जवाहरलाल नेहरु की जन्म तिथि को बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया क्योंकि पंडित जवाहरलाल नेहरू का बच्चों के साथ एक प्रेम और प्यार का अलग लगाव था
और आजादी के बाद भारत में बाल दिवस एक अलग रूप से मनाया जाने लगा भारत में हर साल बाल दिवस के मौके पर सभी स्कूलों में बहुत ही बढ़िया और अच्छे-अच्छे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाने लगा जिससे भारत के बच्चों को तेजी से शिक्षा की ओर आकर्षित किया जा सके और इसके साथ ही बच्चों को कई ऐसे मुफ्त साधन उपलब्ध कराए गए जो कि गरीब बच्चों को आगे लाने में फायदेमंद साबित हुए भारत के सरकारी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराई गई और इसके साथ ही स्कूलों में मुफ्त खाना और आंगनवाड़ी केंद्र आदि खोले गए और इसी का नतीजा आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी विकास की मंजिल की ओर दौड़ रहा है
हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा बताई गई बाल दिवस के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई और आप ऐसी ही और जानकारी आप आना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें
बहुत बहुत आभारी हु आपका की आपने अच्छे पोस्ट लिखे है | मैं आपको बहुत फॉलो करता हु | कृपया इस पर भी पोस्ट लिखे की YouTube से पैसे कैसे कमाए | धनियावद