बवासीर की होम्योपैथिक दवा Bawasir ki homeopathic medicine
इस आधुनिक समय में तेजी से बदलते मौसम और खान-पान के कारण हमारे शरीर में कई ऐसी बीमारियां उत्पन्न होने लगी हैं. जो कि हमें काफी खतरनाक पीड़ा देती हैं. और इन बीमारियों में इतनी असहनीय पीड़ा होती हैं. कि रोगी एक बार तो सोचता हैं.
कि इससे अच्छा मर ही जाए इन बीमारियों का इलाज करना भी थोड़ा कठिन होता हैं. हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं. कि इन खतरनाक बीमारियों का इलाज नहीं हो सकता ऐसी ही एक खतरनाक बीमारी बाबासीर भी है.
जो कि आजकल के काफी सारे लोगों में देखने को मिलती हैं. इस बीमारी को काफी अलग-अलग नामों से जाना जाता हैं. और यह बहुत ही खतरनाक बीमारी होती हैं. जो कि दिन-प्रतिदिन असहनीय पीड़ा देती जाती हैं. तो आज इस ब्लॉग में हम आपको बवासीर क्या होती हैं. बवासीर के कारण, लक्षण व इसके होम्योपैथिक उपचार के बारे में बताने वाले हैं.
बवासीर क्या होती है
सबसे पहले आपके लिए यह जानना बहुत ही जरूरी हैं. कि आखिरकार बवासीर क्या होती हैं. क्योंकि बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं. जिनको इस बीमारी के बारे में इतनी ज्यादा जानकारी नहीं हैं. और इसी की वजह से वह इसका उपचार करवाने में काफी देर कर देते हैं. जिससे उनको बहुत सारी परेशानियां होती हैं.
बवासीर एक ऐसी खतरनाक बीमारी हैं. जो कि हमारे गुदा में उत्पन्न होती हैं. यह गुदा के बाहर और अंदर की तरफ उत्पन्न हो सकती हैं. जिसमें हमारे गुदा के आसपास की नसें सूजी हुई दिखाई देने लगती हैं.
इसकी वजह से रोगी को खड़ा होने, उठने बैठने, चलने फिरने यहां तक कि सीधा लेटने में भी परेशानी होने लगती हैं. और जब यह बीमारी अपने पीक पर चली जाती हैं. तो यह रोगी को असहनीय पीड़ा देती है.
जिससे रोगी मल बाहर नहीं निकाल पाता बवासीर मुख्य रूप से दो ही प्रकार की होती हैं. जिसको खूनी बवासीर और बादी बवासीर के नाम से जाना जाता हैं. जिस स्थिति में रोगी के गुदा से सूजी हुई नसों के आसपास के क्षेत्र में मल साथ खून बहने लगता हैं. उस स्थिति को खूनी बवासीर कहा जाता हैं.
जब रोगी को मल के साथ बाहर खून नहीं निकलता और रोगी को असहनीय पीड़ा होती हैं. उस स्थिति को बादी बवासीर कहा जाता हैं. अगर इस समस्या को हल्के में लिया जाए तो यह समस्या आपके लिए काफी खतरनाक हो सकती हैं. इसलिए इस समस्या के शुरुआती दिनों में ही इसका उपचार करवाना बहुत जरूरी है.
बवासीर होने के कारण
इस आधुनिक समय में बवासीर होने के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं. जिनके बारे में जानना आपके लिए बहुत जरूरी हैं. जैसे
- रोगी का ज्यादा मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन करना
- रोगी को लंबे समय तक कब्ज की समस्या रहना
- रोगी को मोटापे की समस्या उत्पन्न होना
- रोगी का लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे बैठे काम करना
- रोगी का ज्यादा तली भुनी हुई चीजों का सेवन करना
- रोगी का ज्यादा गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना
- रोगी का किसी भी प्रकार की गतिविधि में शामिल होना
- रोगी का बीड़ी शराब सिगरेट तंबाकू जैसी नशीली चीजों का सेवन करना
- रोगी का ज्यादा हस्तमैथुन करना
- रोगी का ज्यादा स्त्री संभोग में दिलचस्पी लेना
- रोगी को आँतो से संबंधित परेशानी होना
बवासीर के लक्षण
जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं. जिनको बवासीर के लक्षणों के बारे में जानकारी नहीं होते और वह इस समस्या को समझ नहीं पाते,
इसलिए वे इस समस्या का उपचार कराने में देरी कर देते हैं. जिसके कारण उनको काफी सारी कठिनाई भी होती हैं. क्योंकि यह एक ऐसी समस्या हैं. जिसमें आपको ऐसे अन्य पीड़ा लगातार मिलती है
- रोगी के गुदा के आसपास खुजली होना
- रोगी को शुरुआती समय में मल त्याग करते समय दर्द होना
- रोगी को अचानक से तीखा दर्द या चुभन महसूस होना
- रोगी को मल करते समय जलन महसूस होना
- रोगी को लंबे समय तक जलन रहना
- रोगी को मल त्याग करते समय खून दिखाई देना
- रोगी को उठने बैठने में परेशानी होना
- रोगी के मलद्वार के बाहर नशे सूजी हुई महसूस होना
- रोगी को उठने बैठने चलने फिरने और सोने में भी परेशानी होना
- अचानक इस समस्या में तेज जलन और दर्द लंबे समय तक रहना
- रोगी को कब्ज की समस्या उत्पन्न हो जाना
- रोगी को मुड़ने में परेशानी होना
इसके अलावा भी बवासीर समस्या के उत्पन्न होते समय काफी सारे और ऐसे खतरनाक लक्षण दिखाई देते हैं. जो कि जलन और दर्द के साथ उत्पन्न हो सकते हैं
बवासीर का होम्योपैथिक उपचार
जब भी आपको बवासीर की बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं. तब आपको तुरंत किसी अच्छे स्पेशलिस्ट डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि समय रहते इलाज करवाने पर यह बीमारी नियंत्रण में की जा सकती हैं. लेकिन ज्यादा समय निकलने पर यह बीमारी आपके लिए खतरनाक भी साबित हो सकती हैं.
इसलिए इस समस्या के शुरुआती समय में ही इसका उपचार जरूरी हैं. इसके अलावा अगर आप इस समस्या का होम्योपैथिक उपचार करवाना चाहते हैं. तो यह भी आपके लिए काफी अच्छा हो सकता हैं. जिसके लिए आपको अलग-अलग प्रकार की बवासीर से संबंधित होम्योपैथिक दवाई लेनी होती हैं. जो कि निम्नलिखित है
1. एलो सोकोट्रिना (Aloe Socotrina)
बहुत सारी रोगी ऐसे होते हैं. बहुत सारे रोगी ऐसे होते हैं. जिनकी उम्र 40 साल से ऊपर चली जाती हैं. उसके बाद में यह समस्या उत्पन्न होती हैं. ऐसे रोगियों को होम्योपैथिक एलो सोकोट्रिना (Aloe Socotrina) दवा का सेवन करना चाहिए.
यह दवा कमजोर मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करती हैं. और इसके साथ ही खूनी बवासीर, गुदा में अधिक भारीपन होना, गुदा में जलन होना और रात के समय खुजली व दर्द की समस्या को ठीक करने में मदद करती है.
2. हैमेमेलिस वर्जिनिका (Hamamelis virginica)
अगर किसी इंसान के शरीर में बवासीर के शुरुआती लक्षण दिखाई दे रही हैं. तो इस स्थिति में रोगी को होम्योपैथिक हैमेमेलिस वर्जिनिका (Hamamelis virginica) दवा का सेवन करना चाहिए.
यह दवा बवासीर के लक्षणों को बढ़ने से रोकने में मदद करती हैं. इसके साथ ही अगर रोगी को गहरा रक्त स्त्राव हो रहा हैं. गंभीर जलन व दर्द की समस्या हो रही हैं. तो उस स्थिति को भी ठीक करने में मदद करती है.
3. सल्फर (Sulphur)
अगर किसी इंसान के शरीर में बवासीर की समस्या उत्पन्न हो गई हैं. और रोगी को बाहरी व अंदरूनी दोनों तरह की समस्या हो रही हैं. तो ऐसी स्थिति में रोगी को सल्फर होम्योपैथिक दवा का सेवन करना चाहिए.
यह दवा काफी सारे बवासीर के लक्षणों को रोकने में मदद करती हैं. इसका नियमित रूप से सेवन करने पर यह इस समस्या को दूर कर देती है.
4. फॉस्फोरस (phosphorus)
आपने इस होम्योपैथिक दवा का उपयोग काफी सारी अलग-अलग बीमारियों में किए जाने के बारे में सुना हुआ क्योंकि यह एक ऐसी दवाई हैं. जो कि काफी सारी बीमारियों के लक्षणों को रोकने में मदद करती हैं. इसी तरह से अगर किसी इंसान के अंदर बवासीर की समस्या उत्पन्न हो गई हैं. रोगी को गुदा की नसों का फूलना, गुदा का ढीला होना, बवासीर के कारण गांठ बाहर निकलना, रोगी को तेज जलन व दर्द होना, रोगी को रक्तस्राव होना जैसी समस्या को रोकने में मदद करती है
5. नक्स वोमिका (Nux vomica)
यह दवाई भी एक ऐसी दवाई हैं. जो कि काफी सारी बीमारियों के ऊपर काम करती हैं. अगर किसी रोगी को लंबे समय से कब्ज की समस्या हो रही है, सामान्य या खूनी बवासीर के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, रोगी के मल के दौरान खून में जलन की समस्या हो रही हैं.
तो ऐसी स्थिति में रोगी को इस होम्योपैथिक दवा का सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता हैं. इसके अलावा भी काफी सारी और होम्योपैथिक दवाएं आती हैं. जोकि बवासीर के लक्षणों को रोकने में मदद करती है.
इनमें से किसी भी प्रकार की दवाई का सेवन करने से पहले आपको किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए क्योंकि बवासीर एक खतरनाक बीमारी हैं. और इस स्थिति में बिना किसी सलाह के दवाई लेना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
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