पॉलीमर इंजीनियरिंग क्या होती है पॉलीमर इंजीनियरिंग में करियर कैसे बनाएं

पॉलीमर इंजीनियरिंग क्या होती हैं. पॉलीमर इंजीनियरिंग में करियर कैसे बनाएं

जैसा कि हम सभी जानते हैं. इस तेजी से बदलते हुए समय में हम बहुत सारी ऐसी गलतियां कर रहे हैं. जिनसे हमारे पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा हैं. और इसी का दुष्प्रभाव हमें अपने ऊपर देखने को मिलता हैं. क्योंकि समय समय पर प्राकृतिक आपदाएं व दुर्घटनाएं होती रहती हैं.

जिसमें लाखों करोड़ों लोगों और जानवरों की जान जाती हैं. इसलिए सरकार हमारे पर्यावरण को बचाने के लिए लगातार अलग-अलग तरह के कदम उठा रही हैं. ताकि पर्यावरण को कम से कम हानि पहुंचे और पर्यावरण को सुरक्षित बनाए रखा जाए जिसके लिए सरकार अलग-अलग फील्ड के ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं.

जो कि पर्यावरण को बचाने में मदद करते हैं. इसलिए इस फील्ड में जॉब के अवसर लगातार बढ़ते जा रहे हैं. तो इस ब्लॉग में हम आपको ऐसी ही एक फील्ड के बारे में बताने वाले हैं.

इस ब्लॉग में हम आपको पॉलीमर इंजीनियरिंग के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं. पॉलीमर इंजीनियरिंग क्या होती हैं. पॉलीमर इंजीनियर कैसे बने और पॉलीमर इंजीनियर का काम क्या होता है.

पॉलीमर इंजीनियरिंग

इस तेजी से बढ़ती हुई दुनिया में लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हर रोज नई नई फैक्ट्री कंपनियां लगाई जा रही हैं. जिन से निकलने वाले दूषित पदार्थ हमारे पर्यावरण को काफी हानि पहुंचाते हैं. इसके अलावा भी हम बहुत सारी ऐसी चीज़ो का इस्तेमाल करते हैं.

जिनसे हमारे पर्यावरण को काफी हानि पहुंचती हैं. और पर्यावरण को हानि पहुंचाने में सबसे ज्यादा हाथ प्लास्टिक का होता हैं. क्योंकि प्लास्टिक ऐसा खतरनाक पदार्थ हैं. जो कि एक बार उपयोग करने के बाद कई सालों तक नष्ट नहीं होता और यह जिस भी जगह पर गिरता हैं.

उस जगह को दूषित कर देता हैं. पॉलीमर इंजीनियरिंग मैं इंजीनियर ऐसी ही प्लास्टिक को नष्ट करने इसको दोबारा से उपयोग में लाने और किसी ऐसे प्लास्टिक को तैयार करने का काम करते हैं. जो कि जल्दी से नष्ट हो और इससे प्राकृतिक को भी हानि ना पहुंचे.

यानी साधारण भाषा में कहा जाए तो पॉलीमर इंजीनियर प्लास्टिक के ऊपर ही काम करते हैं. ताकि प्लास्टिक के ऐसे रूप को बनाया जाए जो कि उपयोग करने में भी आसान हो और इस को नष्ट करना भी आसान हो इससे हमें भी फायदा होगा और हमारी प्रकृति को भी फायदा होगा पॉलीमर इंजीनियरिंग साइंस फील्ड के अंतर्गत आता हैं.

जिसका पूरा फोकस प्लास्टिक के ऊपर रहता हैं. क्योंकि प्लास्टिक से सिर्फ थैलियां ही नहीं बनती बल्कि प्लास्टिक से और भी बहुत सारे अलग-अलग सामान बनते हैं. वह सभी सामान भी प्लास्टिक की थैलियों की तरह ही हमारी प्रकृति के लिए काफी खतरनाक होते हैं.

पॉलीमर इंजीनियर कैसे बने

अगर आप पॉलीमर इंजीनियरिंग में कैरियर बनाना चाहते हैं. तो इसके लिए आपको कई अलग-अलग कोर्स करने होते हैं. जिन की शुरुआत आपको 12वीं क्लास से करनी पड़ती हैं. क्योंकि पॉलीमर इंजीनियरिंग एक अंडरग्रैजुएट कोर्स हैं. जिसको आप 12वीं क्लास के बाद कर सकते हैं.

लेकिन 12वीं क्लास में आपको साइंस विषय के साथ फिजिक्स केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स में कम से कम 50% अंक प्राप्त करने होते हैं. उसके बाद में आप पॉलीमर इंजीनियरिंग के कोर्स में दाखिला ले सकते हैं. लेकिन पॉलीमर इंजीनियरिंग में दाखिला लेने से पहले आपको एंट्रेंस एग्जाम देना होता हैं.

अगर आप एंट्रेंस एग्जाम को पास कर लेते हैं. तो उसी के आधार पर आपको कोर्स में दाखिला मिल जाता हैं. जिसके बाद में आप इस फील्ड से जुड़े हुए बीई (पॉलीमर साइंस), बीटेक (प्लास्टिक एंड पॉलीमर), बीटेक (प्लास्टिक एंड रबर) कोर्स कर सकते हैं.

इसके अलावा अगर आप किसी फील्ड में प्रोफेशनल कैरियर बनाना चाहते हैं. तो आप मास्टर की डिग्री भी कर सकते हैं. और उसके बाद में आपके सामने पीएचडी का भी ऑप्शन होता हैं.

लेकिन इस फील्ड में कैरियर बनाना इतना आसान नहीं होता इस फील्ड में आपको काफी मेहनत करनी पड़ती हैं. और बहुत सारे अलग-अलग विषयों में पढ़ना होता है.

स्किल

अगर आप इस फील्ड में कैरियर बनाना चाहते हैं. तो आपके पास डिग्री होना तो जरूरी होता ही हैं. इसके साथ-साथ आपके अंदर कुछ जरूरी स्किल भी होनी चाहिए जो कि आपको इस फील्ड में बेहतर बनाने में मदद करती है

  • आपके अंदर रिसर्च स्किल का होना जरूरी है
  • आपको टीमवर्क करना आना चाहिए
  • आपके अंदर कम्युनिकेशन स्किल का होना आवश्यक है
  • आपको अपने आप के ऊपर भरोसा होना चाहिए
  • आपको अलग-अलग लोगों के साथ मिलकर काम करना आना चाहिए
  • आपको इंग्लिश फिजिक्स केमेस्ट्री साइंस जैसे विषयों की अच्छी जानकारी होनी चाहिए
  • आपको कंप्यूटर का ज्ञान होना भी आवश्यक है
  • आपके अंदर कन्वेंशनल स्किल होनी चाहिए
  • आपको अलग-अलग परेशानियों को सॉल्व करना आना चाहिए
  • आपका दिमाग क्रिएटिव होना चाहिए जिससे आप नए-नए आइडियाज निकाल सकें

पॉलीमर इंजीनियर के काम

जब आप इस फील्ड में चले जाते हैं. तो उसके बाद में आपको कई अलग-अलग जगह पर काम करना होता है

  • आपको प्लास्टिक के ऊपर गहराई से रिसर्च करनी होती है
  • आपको कुछ ऐसे कार्यक्रमों का हिस्सा बनना पड़ता हैं. जो कि प्लास्टिक को नष्ट करने का काम करते हैं
  • आपको प्लास्टिक के ऊपर अलग-अलग रिसर्च करके नए प्लास्टिक को बनाना होता है
  • आपको प्लास्टिक के प्रदूषण से प्रकृति को बचाने के लिए अलग-अलग उपाय निकालने होते हैं
  • आपको प्लास्टिक को जल्दी से नष्ट करने के लिए भी काम करना होता है
  • आपको अलग-अलग प्लास्टिक बनाने की कोशिश करनी होती हैं. जो कि जल्दी नष्ट हो और इससे प्रदूषण भी कम हो
  • आपको प्लास्टिक के प्रभाव को कम करने की कोशिश करनी होती है

जॉब

पॉलीमर इंजीनियरिंग एक ऐसा फील्ड हैं. जिसमें आपके पास जॉब की अपार संभावनाएं होती हैं. क्योंकि इस फील्ड में एक अच्छे पॉलीमर इंजीनियर की खोज हमेशा रहती हैं. दुनिया में ऐसी बहुत सारी बड़ी-बड़ी कंपनियां हैं. जो कि प्लास्टिक बनाती हैं.

उनको अपनी कंपनी में एक ऐसे पॉलीमर इंजीनियर की जरूरत होती हैं. जो को जो कि अच्छी क्वालिटी का ऐसा प्लास्टिक तैयार करवा सके जिसका प्रभाव प्रकृति के ऊपर कम पड़े.

इसके अलावा पेट्रोलियम इंडस्ट्री, केमिकल इंडस्ट्री, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सेंट्रल ग्लास एंड सिरेमिक रिसर्च इंस्टीट्यूट, राउरकेला और सेंट्रल साल्ट एंड मरीन केमिकल्स रिसर्च इंस्टीट्यूट आदि में जॉब के विकल्प होते हैं.

सैलरी

सैलरी अगर एक अच्छे पॉलीमर इंजीनियर की सैलरी के बारे में बात की जाए तो इस फील्ड में ₹30000 से ₹100000 तक मासिक सैलरी होती हैं. इसके अलावा बहुत सारे ऐसे कार्यक्रम सरकार के द्वारा चलाए जाते हैं.

जिनमें आपको प्लास्टिक को नष्ट करने और प्रकृति को बचाने के काम करने होते हैं. जहां पर आपको अलग से अवार्ड व इनाम दिए जाते हैं. बाकी अगर आप इस फील्ड में कुछ समय का एक्सपीरियंस ले लेते हैं. तो यह सैलरी आपके काम आपके एक्सपीरियंस और आपकी कंपनी या आपकी फील्ड के ऊपर निर्भर करती है.

हम उम्मीद करते हैं. कि हमारे द्वारा बताई गई पॉलीमर इंजीनियरिंग के बारे में जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हैं. और आप ऐसी ही और जानकारियां पाना चाहते हैं. तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें.

 

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