पेट दर्द क्या है इसके कारण लक्षण व उपचार
वैसे तो दुनिया भर में बहुत बड़ी बड़ी और खतरनाक बीमारियां फैली हुई है जिनसे लोगों की तुरंत मृत्यु हो सकती है लेकिन कुछ ऐसी आम बीमारियां भी है जो कि हमें बहुत परेशानी देती है और इनके ऊपर हम इतना ज्यादा ध्यान भी नहीं देते लेकिन अगर यह बीमारियां लंबे समय तक रह जाए तो खतरनाक साबित हो सकती है इसी तरह से पेट में दर्द होना भी एक आम बीमारी है लेकिन अगर इसका समय पर इलाज न करवाया जाए तो बाद में इससे बड़ी समस्या भी उत्पन्न हो सकती है तो आज इस ब्लॉग में हम पेट के दर्द के बारे में ही बात करने वाले हैं इस ब्लॉग में हम आपको पेट दर्द होने के कारण, इसके लक्षण और उपचार आदि के बारे में बताएंगे
वैसे तो पेट में दर्द होना एक आम समस्या होती है जो कि कुछ समय के पश्चात अपने आप ही ठीक हो जाती है लेकिन कई बार पेट का दर्द लंबे समय तक रहता है और यह समस्या बार-बार उत्पन्न होती है जब ऐसा होता है तब आपको इलाज करवाने की जरूरत होती है और पेट का दर्द एक ऐसी समस्या है जो कि किसी भी बच्चे,बूढ़े, जवान और महिला या पुरुष को हो सकता है और आज के समय में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं होगा जिसको पेट दर्द की समस्या ना हुई हो हमारे जीवन में कभी ना कभी हमें पेट के दर्द पेट के दर्द से सामना करना पड़ता है और कई बार पेट का दर्द हमारी कई छोटी-छोटी गलतियों की वजह से भी उत्पन्न होता है.
पेट के दर्द के कारण
पेट किसी भी बच्चे बूढ़े जवान या औरत को पेट दर्द होना कोई आम बात नहीं होती हम इस समस्या को एक साधारण समस्या समझ लेते हैं लेकिन इसके पीछे कई कारणों का हाथ होता है जैसे कब्ज की समस्या उत्पन्न होना, तेजाब बनना, गैस बनना , पेट में कृमि रोग होना, आंतों में विकृतियां आना, गुर्दे में पथरी होना, दस्त की समस्या होना, ज्यादा मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन करना, ज्यादा मिठाई खाना, ज्यादा समय तक भूखे रहना, कठोर परिश्रम करना, एक बार में ज्यादा मात्रा में खाना खाना, ज्यादा कठोर व तली हुई चीजों का सेवन करना, अल्सर की शिकायत रहना, मानसिक तनाव होना, गंदा व दूषित पानी पीना, बासी भोजन का सेवन करना, पित्ताशय में गड़बड़ी होना, सर्दी लगना, खाली पेट परिश्रम करना, अनियमित मासिक धर्म, मासिक धर्म से जुड़ी हुई परेशानियां, ज्यादा एलोपैथिक दवाओं का सेवन करना, ज्यादा हस्तमैथुन करना, कच्ची सब्जियों का सेवन करना, या बे मौसमी भोजन खाना, यह ऐसे बहुत सारे कारण होते हैं जिनसे आपको पेट में दर्द हो सकता है
पेट के दर्द के लक्षण
वैसे तो पेट दर्द के लक्षणों के बारे में आपको बताने की इतनी ज्यादा जरूरत नहीं है क्योंकि आप सभी को पता होगा कि जब भी किसी को पेट में दर्द होता है तो सबसे पहले पेट में नाभि के पास अचानक दर्द होता है लेकिन इसके अलावा भी इसके कई लक्षण होते हैं जैसे कई बार रुक रुक के हल्का दर्द होना, कई बार अचानक तेजी से दर्द होना, दर्द के साथ पेट में मरोड़ा उठना, पेट फूलना, पेट में भारीपन महसूस होना, दस्त की स्थिति उत्पन्न होना, भूख लगना,खट्टी डकार आना, छाती में जलन होना, मुंह में खट्टा पानी आना, उल्टी आना, बार बार मल मुत्तर होना या मल मूत्र में रुकावट आना ,बेचैनी होना यह कुछ ऐसे लक्षण है जो कि पेट दर्द के समय दिखाई देते हैं
क्या खाना चाहिए
जब किसी को पेट दर्द की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तब उसको खाने पीने की चीजों के ऊपर ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि कई बार पेट दर्द की समस्या हमारे गलत चीजों के सेवन के कारण भी उत्पन्न होने लगती है
- खाली पेट दर्द होने पर आपको लस्सी का सेवन करना चाहिए
- आपको ज्यादा से ज्यादा मूंग की दाल का पानी, नींबू का रस गर्म पानी में मिलाकर पीना चाहिए
- आपको सेंधा नमक, अजवाइन और हींग को मिलाकर पानी के साथ लेना चाहिए
- ज्यादा प्यास लगने पर आपको बर्फ का टुकड़ा चूसना चाहिए
- पेट दर्द रहने पर आपको खिचड़ी, दलिया जैसे सुपाच्य भोजन का सेवन करना चाहिए
क्या नहीं खाना चाहिए
- अगर आपको पेट दर्द की समस्या लंबे समय तक बनी हुई है तब आपको कठोर भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
- आपको बेसन की चीजें, मिठाई, दाल, चावल बैंगन और आलू का सेवन नहीं करना चाहिए
- आपको ज्यादा खटाई युक्त व चटपटे भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
- आपको ज्यादा मिर्च मसालेदार वे तले हुए भोजन से परहेज करना चाहिए
- पेट दर्द की समस्या होने पर आपको दूध का सेवन नहीं करना चाहिए
क्या करना चाहिए
- आपको पेट दर्द होने पर गुनगुने पानी का एनिमा लेना चाहिए
- आपको अपने दोनों पैरों को गर्म रखना चाहिए
- आपको अपने पेडू पर गिल्ली मिट्टी कीगरम की हुई पट्टी लगानी चाहिए
- आपको अपने पेट को गर्म पानी की थैली या बोतल के साथ बार-बार सेंकना चाहिए
- आपको सुबह-सुबह हल्के-फुल्के व्यायाम करने चाहिए
- आपको खुली हवा में घूमना चाहिए वह लंबी सांसे लेनी चाहिए
क्या नहीं करना चाहिए
- आपको ज्यादा कठोर कार्य नहीं करने चाहिए
- आपको अपने शरीर में कब्ज की समस्या उत्पन्न नहीं होने देनी चाहिए
- आपको ज्यादा लंबे समय तक खाली पेट नहीं रहना चाहिए
- आपको ज्यादा गर्म चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए
- आपको ज्यादा लंबे समय तक जागते नहीं रहना चाहिए
- अपने दिमाग में मानसिक तनाव पैदा ना होने दें
- आपको ज्यादा भार नहीं उठाना चाहिए
पेट दर्द का आयुर्वेदिक उपचार
अगर फिर भी आपको लंबे समय तक पेट के दर्द की समस्या बनी हुई है तब आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए वह अपने टेस्ट आदि करवाने चाहिए या आप कुछ आयुर्वेदिक औषधियों व दवाइयों का भी इस्तेमाल करके इस समस्या से पीछा छुड़वा सकते हैं जिनके बारे में हमने आपको नीचे बताया है इन सभी को अब डॉक्टर की सलाह के अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं.
- झण्डू इन्फीड्राप्स नन्हें शिशुओं को 5-10 बूंद दिन में 3 बार पिलायें। यह नन्हें शिशुओं के लिए अतिउत्तम औषधि है।
- हिमालय ड्रग्स बोनीसान लिक्विड 12 वर्ष आयु बच्चों को 2 छोटे (चाय वाले) चम्मच भर दिन में 3-4 बार दें।
- गर्ग गैसनोल पेय 2-2 चम्मच दिन में 2 बार भोजनोपरान्त दें। दर्द और अफारा की दशा में 2-2 चम्मच प्रत्येक घंटे पर रोगी को सेवन करायें। यह औषधि वायु (गैस) से उत्पन्न उदरशूल की अत्यन्त हितकर औषधि है।
- ट्रियो बेबीसान सीरप नन्हें पैदा हुए शिशुओं को 3-10 बूंद दिन में 3 बार । कुछ बड़े शिशुओं को 1-2 चम्मच दिन में 3 बार बच्चों को 2-3 चम्मच दिन में 2 बार तथा बड़ों (वयस्कों) को अवस्थानुसार सेवन करायें।
पेट दर्द का घरेलू उपचार
- अजवायन का चूर्ण खाकर ऊपर से गर्म पानी पीने से उदरशल में लाभ होता है।
- आँवले के चूर्ण में शहद मिलाकर चाटने से पित्तशूल नष्ट हो जाता है।
- हरड़ का पिसा/छना चूर्ण 3 माशा में गुड़ और घी मिलाकर चाटने से पित्तशूल शान्त हो जाता है।
- त्रिफला के चूर्ण में समान भाग मिश्री (चूर्ण) मिलाकर सेवन करने से समस्त प्रकार के शूलों में आराम हो जाता है।
- अजवाइन पाउडर (चर्ण) 1 भाग, सोंठ पाउडर/ भाग और कालानमक/ भाग लेकर सरक्षित रख लें। इसको 2-3 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ दिन में वार अथवा (आवश्यकतानुसार) सेवन करना अत्यन्त लाभकारी है।
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