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पेट के कीड़े उत्पन्न होने के कारण, लक्षण व आयुर्वेदिक उपचार

पेट के कीड़े उत्पन्न होने के कारण लक्षण व आयुर्वेदिक उपचार

हमारे बच्चो में कुछ ऐसी बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं जो कि बड़े होने के बाद भी बार-बार परेशान करती है और यह बीमारियां बच्चों का पीछा भी नहीं छोड़ती ऐसी ही एक बीमारी का नाम पेट के कीड़े भी है

जिससे बहुत सारे बच्चे परेशान रहते हैं और जब यह बीमारी किसी एक बच्चे में बार-बार उस पर होती है तब वह बच्चा मानसिक और शारीरिक रूप से बिल्कुल कमजोर हो जाता है तो आज के इस ब्लॉक में हम इसी समस्या के बारे में विस्तार से जानेंगे इस ब्लॉग में हम बताएंगे कि पेट में कीड़े कैसे उत्पन्न होते हैं इसके क्या क्या कारण होते हैं और इसके उपचार आदि के बारे में

पेट के कीड़े  Stomach bug

वैसे तो पेट के कीड़े एक ऐसी समस्या है जो कि ज्यादातर कम उम्र के बच्चों में ही देखने को मिलती है लेकिन कई बार यह बीमारी बड़े लोगों में भी उत्पन्न हो जाती है क्योंकि हमारे शरीर में भी छोटे-छोटे नर और मादा रहते हैं जो कि अपने जीवन चक्र को चलाते रहते हैं यह कीड़े एक प्रकार के परजीवी होते हैं जो कि हमारे शरीर में रहकर ही जिंदा रहते हैं और यह हमारे शरीर में आंत से खून को चूसते रहते हैं और

यह परजीवी हमारे शरीर में जिंदा तो रह सकते हैं लेकिन प्रजनन नहीं कर सकते और जब हमारे शरीर में इन परजीवीओ की मात्रा बढ़ने लगती है या कोई और अन्य परजीवी शरीर में उत्पन्न होने लगते हैं तब यह हमारे शरीर से रक्त को तेजी से सोचते हैं जिन से हमारे शरीर में कमजोरी व कई प्रकार की ओर समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं और फिर रोगी मानसिक और शारीरिक रूप से बिल्कुल कमजोर हो जाता है

पेट के कीड़ों के कारण

Cause to stomach worms in Hindi – जब किसी इंसान की शरीर में कीड़े उत्पन्न होने लगते हैं तब इस समस्या के पीछे कई प्रकार के कारण होते हैं जैसे दूषित भोजन या दूषित पानी का सेवन करना, साफ-सफाई न रखना, गंदे इलाके में काम करना, ज्यादा गंद वाली जगह पर रहना, अधपके मांस का सेवन करना, दूषित वायु, पानी या मिट्टी आदि के संपर्क में आना,

गंदी जगह या मल वाली जगह बार-बार जाना, कई दिनों तक स्नान न करना या गंदे कपड़े पहनना, बेमौसम व बासी भोजन का सेवन करना, गली सड़ी सब्जियों का सेवन करना, खराब हुई मिठाई व फल आदि का सेवन करना इसके अलावा भी रोगी के पेट में कीड़े उत्पन्न होने के पीछे बहुत सारे कारण हो सकते हैं

पेट के कीड़ों के लक्षण

symptoms of stomach worms in Hindi – अगर किसी इंसान के शरीर में पेट के कीड़े बार-बार उत्पन्न हो रहे हैं तब इस समस्या के पीछे कई प्रकार के लक्षण देखने को मिल सकते हैं जैसे बार बार पेट में दर्द, शरीर में कमजोरी, शरीर में खून की कमी, बलगम में खून आना, लगातार खांसी आना, गले में खराश घरघराहट रहना,

हल्का बुखार रहना, त्वचा पर लाल धब्बे पड़ना,पोषक तत्वों के अवशोषण में कमी,बार-बार सांस लेने में दिक्कत आना, मल में कीड़े निकलना, उल्टी या बलगम में कीड़े निकलना, एनीमिया, डायरिया, खासी व ज्वर जैसे रोग उत्पन्न होना इस प्रकार के बहुत सारे लक्षण इस समस्या में देखने को मिलते हैं

पेट के कीड़ों का इलाज

Treatment of stomach worms in Hindi – अगर किसी इंसान के शरीर में पेट के कीड़े उत्पन्न हो जाते हैं तब आप इस समस्या को अपनी कुछ घरेलू चीजों से भी ठीक कर सकते हैं जैसे

  • रोगी को हर रोज सुबह सुबह खाली पेट दो से तीन लहसुन की कलियों का सेवन करना चाहिए इससे आपके शरीर को कीड़ों से लड़ने की शक्ति मिलती है
  • रोगी को हर रोज एक कप पानी में 2 से 3 लौंग उबालकर ठंडा होने पर शहद मिलाकर पीना चाहिए ऐसा 1 सप्ताह में तीन से चार बार करने पर आराम मिलता है
  • रोगी को एक गिलास गर्म नारियल के दूध में एक चम्मच एक चम्मच हल्दी पाउडर डालकर चार-पांच दिन लगातार दिन में दो से तीन बार पीना चाहिए
  • रोगी को पपीते का सेवन करना चाहिए जिससे आपके शरीर में कीड़ों से लड़ने की शक्ति प्रधान होती है
  • रोगी को हर रोज 8 से 10 नीम के पत्तों को बारीक पीसकर आधा चम्मच पेस्ट बनाकर एक गिलास पानी और शहद के साथ लेना चाहिए इससे आपके पेट के कीड़े मर जाएंगे
  • रोगी को एक चम्मच बारीक कटी हुई अदरक के पेस्ट को एक कप पानी में डालकर 5 मिनट तक उबाल कर हर रोज 3 से 4 बार पानी पीना चाहिए
  • रोगी को एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच दालचीनी का पाउडर डालकर पीना चाहिए ऐसा करने पर रोगी को पेट के कीड़ों से तुरंत राहत मिलती है
  • रोगी को एक कप एलोवेरा का जूस दिन में दो से तीन बार पीना चाहिए
  • रोगी को एक कप गुनगुने पानी में अरंडी का तेल मिलाकर पीना चाहिए ऐसा करने से आपके शरीर से मल के द्वारा पेट के कीड़े बाहर निकल जाते हैं
  • रोगी को एक गिलास पानी में अंगूर के बीज के अर्क की कुछ बूंदें डालकर हर रोज दिन में दो से तीन बार पीनी चाहिए
  • रोगी को जैतून के पत्तों के अर्क को तीन हिस्सों में बांट कर पानी में भिगोकर दिन में तीन बार सेवन करना चाहिए

किन-किन चीजों से परहेज करना चाहिए

  • रोगी को ज्यादा तले भुने हुए भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा मीट मांस और अंडे आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा मसालेदार वह तीखे भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को पत्ता गोभी गाजर टमाटर शिमला मिर्च केला और आम आदि का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को फल व सब्जियां अच्छी तरह धोकर सेवन करना चाहिए
  • रोगी को बे मोसमी वह बासी भोजन के सेवन से बचना चाहिए
  • रोगी को दूषित जगह पर जाने से बचना चाहिए वह अपनी साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए

क्या करना चाहिए

  • रोगी को हर रोज सुबह सुबह हल्के व्यायाम व प्राणायाम आदि करने चाहिए
  • रोगी को हर रोज खुली हवा में घूमना चाहिए व लंबी सांसे लेने चाहिए
  • रोगी को हर रोज सुबह-सुबह मल को त्याग देना चाहिए वह अपने शरीर में कब्ज की समस्या उत्पन्न नहीं होने देनी चाहिए
  • रोगी को भूख से कम भोजन का ही सेवन करना चाहिए व ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए
  • रोगी को भोजन करके तुरंत सोना नहीं चाहिए वह सोने से 2 घंटे पहले भोजन का सेवन करना चाहिए

अगर फिर भी किसी इंसान के शरीर में बार बार पेट के कीड़े उत्पन्न हो रहे हैं तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए वह डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए या कुछ आप आयुर्वेदिक औषधियां व दवाइयों का भी इस्तेमाल करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं जिनके बारे में हमने आपको नीचे बताया है इन सभी को आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इस्तेमाल करें

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