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पेचिश रोग क्या है इसके कारण लक्षण व उपचार

पेचिश रोग क्या है इसके कारण लक्षण व उपचार

वैसे तो आज के समय में किसी भी इंसान को कोई भी बीमारी उत्पन्न हो सकती है लेकिन कई बार हमारे शरीर में बीमारियां हमारी व असावधानियां या गलतियों के कारण ही उत्पन्न होती है और आज के समय में साफ सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है क्योंकि बिना साफ-सफाई के भी बहुत सारी ऐसी बीमारियां हैं जो कि आसानी से फैल सकती है और यह आपको परेशानियां खड़ी कर सकती है

इसी तरह से बिना साफ-सफाई के कारण पेचिश रोग भी फैलता है जो कि एक खतरनाक बीमारी है इससे रोगी की मृत्यु भी हो सकती है इसलिए साफ सफाई रखना बहुत जरूरी होता है तो आज के इस ब्लॉग में हम पेचिश रोग के कारण लक्षण और इसके उपचार आदि के बारे में बात करेंगे.

पेचिश रोग क्या है

What is dysentery in Hindi – पेचिश रोग एक ऐसी बीमारी है जो कि गंदे वातावरण और बिना साफ-सफाई वाले क्षेत्र में ज्यादा फैलता है क्योंकि यह एक संक्रमण रोग है और जब किसी भी इंसान को यह रोग उत्पन्न होता है तब यह मनुष्य की आंतों को प्रभावित करता है

जो कि संक्रमण से एक दूसरे इंसान में भी फैल सकता है जब यह समस्या उत्पन्न होती है तब रोगी के बलगम में खून की बिल्कुल छोटे-छोटे कण देखने को मिलते हैं पेचिश रोग मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं बैक्टीरियल पेचिश रोग और अमीबी पेचिश रोग है यह दोनों ही रोग अलग-अलग प्रकार के होते हैं

क्योंकि बैक्टीरियल पेचिश- रोग में जब रोगी दूषित भोजन व पानी का सेवन करता है तब उसके पेट में बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं और उनसे रोगी की आंतों पर बुरा प्रभाव पड़ता है अमीबी पेचिश की बात की जाए तो यह रोग कोशिकीय पैराडाइस के कारण फैलता है और यह रोग रोगी की आंतों को पूरी तरह से प्रभावित करता है

और यह सिर्फ अकेले नहीं बल्कि अमीबा पैरासाइटिस एक समूह के रूप में रोगी की आंतों को संक्रमित करते हैं इसलिए रोगी को अपनी साफ-सफाई के साथ अपने आसपास की साफ-सफाई को भी ध्यान में रखना बहुत जरूरी होता है

पेचिश रोग के कारण

Cause to dysentery in Hindi – अगर पेचिश रोग के कारणों के बारे में बात की जाए तो इस समस्या के उत्पन्न होने के पीछे बहुत सारे कारण भी होते हैं जैसे इसका सबसे बड़ा और मुख्य कारण दूषित पानी व भोजन का सेवन करना,

इसके अलावा अपनी साफ सफाई का ध्यान न रखना, इसके अलावा दूषित पानी से स्नान करना, दूषित नदी या तालाब में स्नान करना, दूषित जगह पर काम करना, दूषित चीजों के आसपास रहना,

गंदे व मेले कपड़े पहनना, कई दिनों तक स्नान करना, अलग-अलग पानी का सेवन करना, पेचिश रोग से संक्रमित रोगी के संपर्क में आना, पेचिश रोग से संक्रमित व्यक्ति की चीजों का इस्तेमाल करना या उसके बर्तन में खाना पीना करना,

संक्रमित व्यक्ति के शौचालय को इस्तेमाल करना, बिना धोये फलों व सब्जियों का सेवन करना, दूषित बेमौसम व बासी भोजन का सेवन करना इसके अलावा इस समस्या के पीछे और भी बहुत सारे कारण होते हैं

पेचिश रोग के लक्षण

Symptoms of dysentery in Hindi – अगर पेचिश रोग के लक्षणों के बारे में बात की जाए तो इस रो के बहुत सारे लक्षण भी होते हैं जैसे पेट में ऐठन व हल्का दर्द होना, पेट में गुड गुड की आवाज आना, रोगी को दस्त लगना, रोगी को थकावट, कमजोरी व आलस होना, रोगी का किसी काम में मन न लगना,

रोगी को बार-बार पखाना जाना, रोगी के बलगम में खून के छोटे-छोटे कण दिखाई देना, रोगी का शरीर दुबला पतला हो जाना, रोगी का स्वभाव चिड़चिड़ा व गुस्सैल होना,

रोगी को उल्टी आना, व घुटन महसूस होना, इसके अलावा भी इसके और बहुत सारे लक्षण देखने को मिलते हैं लेकिन आमतौर पर इस समस्या के उत्पन्न होने के 1 से 3 दिन के बाद ही इस रोग के लक्षण देखने को मिलते हैं और इस समस्या से रोगी 1 सप्ताह में ठीक भी हो सकता है लेकिन कई बार यह रोग लंबे समय तक भी रह सकता है

क्या खाना चाहिए

  • रोगी को नर्म पदार्थ खिलाने चाहिए जैसे अकेला बिस्किट चावल इत्यादि
  • रोगी को ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाना चाहिए  नारियल का पानी, नींबू और फलों के रस आदि
  • रोगी को हमेशा हल्का व सुपाच्य भोजन का सेवन करना चाहिए
  • रोगी को दही दूध, लस्सी, छाछ को डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए
  • रोगी को हमेशा एक गिलास गर्म पानी का सेवन करना चाहिए

क्या नहीं खाना चाहिए

  • रोगी को ज्यादा मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा रोगी को ज्यादा रेशेदार पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा तले हुए भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा कठोर भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा मिठाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए

क्या करें

  • रोगी को सुबह उठकर एक गिलास गर्म पानी पीना चाहिए
  • रोगी को खाना खाने से पहले साफ-सुथरे हाथ धोने चाहिए
  • रोगी को शौच के बाद साबुन के साथ हाथ को ऊपर तक धोना चाहिए
  • रोगी को अपने आसपास की सफाई रखनी चाहिए
  • रोगी को साफ-सुथरे व स्वस्थ कपड़े पहनने चाहिए
  • लक्षण दिखाई देने पर तुरंत अपने टेस्ट करवाने चाहिए
  • रोगी को साफ व हवादार कमरे में रहना चाहिए
  • रोगी को बुखार में दर्द होने पर पेरासिटामोल का इस्तेमाल करना चाहिए
  • रोगी को पेचिश रोग के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए

क्या नहीं करना चाहिए

  • रोगी को बिना हाथ धोए हुए खाना नहीं खाना चाहिए
  • रोगी को दूषित पानी का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को पेचिश रोग होने पर दूसरों की चीजों को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
  • रोगी को गंदे कपड़े नहीं पहने चाहिए
  • रोगी को गंदी जगह पर जाने से बचना चाहिए
  • रोगी को बिना धोए हुई चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को गंदे पानी से स्नान नहीं करना चाहिए
  • रोगी को गंदी जगह पर काम नहीं करना चाहिए जैसे शिवर या गंदे तालाब आदि

अगर फिर भी किसी को पेचिश रोग हो जाता है तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और अपने टेस्ट आदि करवाने चाहिए क्योंकि पेचिश रोग एक खतरनाक रोग है इससे रोगी की मृत्यु भी हो सकती है

और इसके अलावा आप कुछ आयुर्वेदिक औषधियां व दवाइयां भी इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन इन सभी को आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इस्तेमाल करें

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