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पुराने जुकाम के कारण लक्षण बचाव व उपचार

पुराने जुकाम के कारण लक्षण बचाव व उपचार

वैसे तो दुनिया भर में अनेक खतरनाक बीमारियां है लेकिन कुछ ऐसी बीमारियां होती है जो कि हमें जीवन में कभी न कभी जरूर रूबरू होना पड़ता है.क्योंकि यह साधारण और आम बीमारियां होती हैं लेकिन इन बीमारियों को हल्के में लेना कई महंगा पड जाता है क्योंकि ये बीमारियां लंबे समय तक रहने पर बड़ी बीमारियां उत्पन्न करने लगती है

इसी तरह से जुखाम भी एक साधारण बीमारी है लेकिन अगर किसी रोगी को लंबे समय तक जुखाम रह जाता है तब इससे रोगी को बहुत परेशानियां होती है यह अपने साथ कई और बीमारियों को भी उत्पन्न करता है तो आज के इस ब्लॉग में हम पुराने जुकाम के लक्षण कारण बचाव व इसके उपचार के बारे में जानेंगे.

पुराना जुकाम

जुखाम के बारे में तो आप सभी को पता ही होगा कि जब किसी इंसान को जुखाम की समस्या उत्पन्न होती है तब उसके नाक से पानी बहने लगता है और उसको सांस लेने में कठिनाइयां आने लगती है लेकिन अगर किसी को जुखाम होता है तब लगभग 1 सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन अगर किसी इंसान को लंबे समय तक जुखाम रहता है तब यह इतनी आसानी से ठीक नहीं होता और ठंड वह बरसात आदि के मौसम में यह रोगी को और भी ज्यादा परेशानियां देने लगता है जिसमें रोगी को ठंडा या गर्म खाते ही या बारिश या हल्की ठंड के मौसम में ही रोगी की नाक बंद हो जाती है या रोगी की नाक से पानी बहने लगता है और इसके साथ-साथ रोगी को खांसी व छींक आना जैसी समस्याएं उत्पन्न होना आम बात है जुखाम रोग रोगी के स्वसन तंत्र में संक्रमण होने के कारण उत्पन्न होता है जुखाम रोग राइनोवायरस नामक जीवाणु के कारण फैलता है

पुराने जुकाम के कारण

बहुत सारे लोगों का यह मानना है कि जुखाम रोग अपने आप उत्पन्न होता है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है जुखाम रोग के पैदा होने के पीछे बहुत सारे कारण जैसे ठंडी या गर्म चीजों का सेवन करना, रोगी का किसी जुखाम वाले रोगी की छींक या खांसी के संपर्क में आना, बार बार सर्दी लगना, थायराइड की कमी होना, शरीर में कुपोषण व विटामिंस की कमी होना, ज्यादा धूल मिट्टी वाले क्षेत्र में काम करना,

ज्यादा धुएं व आंधी आदि के संपर्क में आना, पत्थर की चट्टानों व पत्थर की कटाई वाले स्थान पर रहना, लगातार लंबे समय तक तंबाकू बीड़ी सिगरेट आदि का सेवन करना, ज्यादा औषधियों का नाक में डालना, नाक के ऊपर गहरी चोट लगना, नाक के अंदर किसी चीज का डालना, नाक झिल्ली में सूजन आना आदि समस्या के कारण होते हैं लेकिन इसके अलावा भी समस्या के बहुत सारे और कारण हो सकते हैं

पुराने जुकाम के लक्षण

जुखाम रोग उत्पन्न पर रोगी में बहुत सारे लक्षण भी दिखाई देते हैं जैसे रोगी का सिर भारी रहना, रोगी के सिर में हल्का दर्द रहना, रोगी के शरीर में जकड़न रहना, रोगी की नाक बंद होना या रोगी की नाक से पानी बहना, रोगी को सूंघने की शक्ति कम होना, नाक से दुर्गंध आना, रोगी के गले में खराश रहना, रोगी को बार बार छींक व खांसी आना,रोगी की छाती में बलगम होना, रोगी की मांसपेशियां कमजोर होना,

रोगी को हल्की बुखार व बेचैनी रहना, रोगी की नाक लाल होना, रोगी के सिर में जकड़न होना, रोगी की नाक व आंखों में दर्द होना रोगी को आलस थकान व घबराहट होना, रोगी की नाक में पपड़ी जमना, रोगी को खांसी के साथ बलगम आना, रोगी का धूल मिट्टी के संपर्क में आते ही जोर से छींके आना आदि इस समस्या के लक्षण हैं इसके अलावा भी इस समस्या में आपको कई और लक्षण दिखाई दे सकते है

क्या करें

  • जुखाम होने पर रोगी को ठंडा गरम खाने से बचना चाहिए
  • रोगी को बाहर जाते समय अपने मुंह व नाक आदि को ढकना चाहिए
  • रोगी को ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए
  • रोगी को धूल मिट्टी व पत्थर की कटाई वाले स्थान पर जाते समय मुंह व नाक आदि को ढकना चाहिए
  • रोगी को जुखाम होने पर तले भुने हुए भोजन का सेवन करने से परहेज करना चाहिए
  • रोगी को दूध व् दूध से बने पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए
  • आपको किसी जुखाम वाले व्यक्ति की खांसी व छींको के संपर्क में आने से बचना चाहिए
  • आपको हल्का और सुपाच्य भोजन करना चाहिए
  • आपको समय-समय पर अपनी नाक को साफ करते रहना चाहिए
  • आप को दूषित पानी में दूषित भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए
  • आपको फल व सब्जियां धोकर खाने चाहिए

उपचार

  • आपको हर रोज मेथी और अलसी के दानों को एक गिलास पानी में उबालकर इसकी 2-3 बूंदें नाक में डालने चाहिए
  • रोगी को एक चम्मच हल्दी और एक चम्मच अजवायन को एक कप पानी में डालकर उबालने चाहिए और अच्छी तरह उबलने पर गुड़ डालकर पीना चाहिए यह आपकी नाक से बहते हुए पानी को नियंत्रण में करता है
  • रोगी को काली मिर्च के चूर्ण को चाटना चाहिए जिससे आपकी नाक के पानी और आपकी नाक के दर्द में राहत मिलती है
  • रोगी को हर रोज काली मिर्च के चूर्ण को मिश्री के साथ दूध में मिलाकर पीना चाहिए
  • रोगी को हर रोज अपनी नाक में 2-3 बूंदे सरसों या बादाम के तेल को डालना चाहिए
  • रोगी को हर रोज दूध या चाय में अदरक को डालकर पीना चाहिए
  • रोगी को हर रोज लोंग इलाइची तुलसी व अदरक की चाय बनाकर पीनी चाहिए
  • रोगी को अदरक के छोटे टुकड़ों को घी में भूनकर दिन में तीन चार बार खाना चाहिए
  • रोगी को लहसुन की कलियों को घी में भूनकर खाना चाहिए यह आपकी यह आपकी सर्दी जुकाम को दूर करने में मदद करता है
  • रोगी को एक गिलास गर्म दूध में दो चम्मच हल्दी पाउडर डालकर पीना चाहिए
  • रोगी को तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए
  • रोगी को तुलसी व अदरक के रस को शहद में मिलाकर चाटना चाहिए

लेकिन फिर भी अगर किसी इंसान का जुखाम ठीक नहीं हो रहा है तो उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और चेकअप करवाने चाहिए क्योंकि क्योंकि जुखाम एक ऐसी समस्या है जो कि अपने साथ कई बीमारियां पैदा कर सकता है इसलिए जो काम को लंबे समय तक शरीर में पनाह नहीं देनी चाहिए

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