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दिल का दौरा पड़ने के कारण लक्षण बचाव व उपचार

दिल का दौरा पड़ने के कारण, लक्षण, बचाव व उपचार

इससे पिछले ब्लॉग के लिए आपको हृदय फेल होने के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में बताया था लेकिन इसी बीमारी से जुड़ी हुई एक और बीमारी है जिसका नाम हार्टअटैक है यह बीमारी भी एक बहुत ही खतरनाक और जानलेवा बीमारी है इस बीमारी से हर साल लाखों लोग अपनी जान गवा रहे हैं

और यह एक ऐसी बीमारी है जो कि किसी भी उम्र की महिला या पुरुष में उत्पन्न हो सकती है अगर इस बीमारी के ऊपर समय पर समय पर ध्यान दिया जाए तो यह बीमारी तुरंत रोगी की मौत का कारण भी बन सकती हैं

तो आज के इस ब्लॉग में हम दिल का दौरा पड़ने के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में बात करेंगे और इसके अलावा भी इस ब्लॉग में हम आपको दिल का दौरा पड़ने से संबंधित पूरी जानकारी देने वाले हैं

दिल का दौरा पड़ना

Heart attack in Hindi – दिल का दौरा पड़ना एक ऐसी बीमारी है जो कि पिछले कई सालों में बहुत तेजी से फैली है और इस बीमारी से हर साल सबसे ज्यादा लोग जान गवा देते हैं और यह बीमारी रोगी को किसी भी उम्र में हो सकती है

और एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ सालों में भारत में हुई कुल मौतों में लगभग 28% लोग ऐसे थे जिनकी मृत्यु का कारण दिल का दौरा बना जब किसी इंसान को दिल का दौरा पड़ता है

तब उस इंसान के हृदय में ऐसा तेज दर्द उत्पन्न होता है जो कि बाएं हाथ व पांव से शुरू होकर दिल तक पहुंच जाता है और इससे कई बार रोगी की तुरंत मौत भी हो जाती है जब किसी को दिल का दौरा पड़ता है तब उसके हृदय के रक्त संचरण में रक्त संचार में रुकावट आ जाती है

जिससे रोगी के हृदय में एक बहुत तेज दर्द उठता है लेकिन कई लोगों में यह सिर्फ एक दौरा ही होता है जो कि समय पर डॉक्टर के पास पहुंचने पर नियंत्रण में किया जा सकता है और इससे रोगी को बचाया भी जा सकता है लेकिन क्या आपने सोचा है कि हार्ट अटैक क्यों आता है और इसे कैसे बचा जा सकता है

दिल का दौरा पड़ने के कारण

Cause to heart attack in Hindi – अगर दिल का दौरा पड़ने के कारण के बारे में बात की जाए तो इस रोग में भी ज्यादातर उन्हीं कारणों को देखा गया है जो कि हार्ड फेल होने का कारण बनते हैं जब किसी रोगी के ह्रदय के रक्त संचार में रुकावट आ जाती है तब रोगी को एकदम से अचानक तेज दर्द उठता है

और यह रुकावट ज्यादा वसा और कोलेस्ट्रोल जैसे तत्वों के कारण आती है इससे रोगी के हृदय के रक्त संचार में एक ठोस पदार्थ बन जाता है और जब वह ठोस पदार्थ इतना ज्यादा कठोर हो जाता है जो कि रक्त संचार में बाधा डालता है तब रोगी को हृदय का दौरा पड़ता है

इसके अलावा भी हृदय का दौरा पड़ने के और बहुत सारे कारण होते हैं ज्यादा शराब तंबाकू बीड़ी सिगरेट जैसी नशीली चीजों का सेवन करना, कॉलेस्ट्राल बढ़ना, उच्च रक्तचाप होना, ज्यादा मानसिक तनाव रखना, ज्यादा कठोर परिश्रम करना, दिल पर गहरी चोट लगना, रोगी के शरीर में खून की कमी होना,

रोगी को हृदय संबंधित रोग होना, रोगी को ज्यादा एलोपैथिक दवाओं का सेवन करना, रोगी को मधुमेह होना, ज्यादा कठोर भोजन का सेवन करना, रोगी का ब्लड प्रेशर एकदम से कम होना, रोगी का ज्यादा ठंडे मौसम में रहना, रोगी को मानसिक आघात होना आदि कई कारण होते हैं

दिल का दौरा पड़ने के लक्षण

Symptoms of heart attack in Hindi – अगर दिल का दौरा पड़ने के लक्षणों के बारे में बात की जाए तो जब किसी रोगी को दिल का दौरा पड़ता है तब उसके कंधे हाथ या पाव में बहुत तेज दर्द होगा और वह दर्द धीरे-धीरे हृदय की तरफ बढ़ने लगता है कुछ लोगों के हृदय में ही अचानक तेज दर्द होता है

जो कि बिल्कुल असहनीय दर्द होता है, इसके अलावा रोगी की छाती में तेज दर्द होना, रोगी को उल्टी आना, रोगी को सांस लेने में तकलीफ होना, रोगी को भूख प्यास ना लगना,

रोग को बार-बार पसीना आना, रोगी को घबराहट व बेचैनी महसूस होना, रोगी की धड़कन बढ़ना, रोगी को सिर में दर्द होना, रोगी को चक्कर आना, रोगी के शरीर में कमजोरी, थकान रहना, रोगी को मृत्यु का भय होना, रोगी की आंखों में अंधेरा रहना, रोगी की छाती के बीच जलन होना, आदि बहुत सारे लक्षण दिल का दौरा पड़ने से पहले दिखाई देते है

क्या क्या नहीं करना चाहिए

  • रोगी को ज्यादा नशीली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए जैसे शराब, बीड़ी, सिगरेट, भांग, धतूरा आदि
  • रोगी को ज्यादा मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
  • रोगी को दूध व दूध से बने हुए पदार्थों को नहीं खाना चाहिए
  • रोगी को तली हुई चीज़ व मिठाइयां नहीं खानी चाहिए
  • अगर रोगी को पहले हार्टअटैक आ चुका है तब रोगी को ज्यादा कठोर कार्य नहीं करने चाहिए और वजन नहीं उठाना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा एलोपैथिक दवाओं व औषधियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
  • रोगी को ज्यादा हस्तमैथुन वह शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए

क्या करना चाहिए

  • रोगी को हल्का और सुपाच्य भोजन खाना चाहिए
  • रोगी को समय-समय पर अपने टेस्ट करवाते रहना चाहिए
  • रोगी को सुबह-सुबह खुली हवा में घूमना चाहिए
  • रोगी को हर रोज हल्के-फुल्के व्यायाम करते रहना चाहिए
  • रोगी को हमेशा हल्का भोजन करना चाहिए
  • रोगी को डॉक्टर द्वारा बताई गई चीजों का ध्यान जरूर रखना चाहिए
  • रोगी को डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए

उपचार

जब किसी इंसान के हृदय में दौरा पड़ता है तब इससे रोगी के हृदय की मांसपेशियों में वसा और कोलेस्ट्रॉल के तत्वों के कारण कठोर पदार्थ बन जाते हैं और यही पदार्थ रोगी के हृदय के रक्त संचरण में रुकावट पैदा करते हैं जिससे रोगी को दौरा पड़ता है लेकिन जब किसी को यह समस्या उत्पन्न होती है

तब डॉक्टर रोगी के हृदय की सर्जरी करते हैं जिनसे रोगी की रुकावट वाली जगह पर नष्ट या कमजोर हुई मांसपेशियों में सर्जरी के द्वारा छल्ले डाल दिए जाते हैं जिससे यह ठोस पदार्थ दोबारा मांसपेशियों में रुकावट पैदा नहीं करते और यह पदार्थ अपने आप टूटते रहते हैं लेकिन अगर रोगी डॉक्टर द्वारा बताई गई

सावधानियों के ऊपर ध्यान नहीं देता तब यह छल्ले कुछ ही सालों में खराब हो जाते हैं जिससे रोगी को दोबारा यह समस्या उत्पन्न हो सकती है

लेकिन फिर भी अगर किसी इंसान की हरदे से संबंधित कोई समस्या उत्पन्न हो जाती है तब उसको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए और अपने टेस्ट आदि करवा कर दवाइयां लेनी चाहिए क्योंकि मनुष्य का दिल सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है अगर इसमें कुछ भी दिक्कत आती है तब इससे रोगी की मौत हो सकती है इसलिए इसमें देरी करना जान से खेलने के बराबर है

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