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टूल इंजीनियरिंग क्या होती है टूल इंजीनियरिंग में करियर कैसे बनाएं

टूल इंजीनियरिंग क्या होती हैं. टूल इंजीनियरिंग में करियर कैसे बनाएं

इस आधुनिक समय में दिन प्रतिदिन नई नई मशीनें व नए नए उपकरण आ रहे हैं. जिनमें हमें लगातार नए नए अपडेट और एडवांस तकनीक देखने को मिलती हैं. लेकिन किसी भी मशीन या उपकरण को बनाना इतना आसान नहीं होता उसके पीछे कड़ी मेहनत लगती है.

किसी भी एक मशीन या उपकरण को बनाने के लिए कई अलग-अलग फील्ड के कर्मचारी एक साथ काम करते हैं. इसीलिए लगातार हर एक फील्ड के इंजीनियर की मांग बढ़ती जा रही हैं. यदि आप भी एक अच्छे इंजीनियर बनना चाहते हैं. तो इस ब्लॉग में हम आपको ऐसी ही इंजीनियरिंग फील्ड के बारे में बताने वाले हैं.

इस ब्लॉग में हम आपको टूल इंजीनियरिंग के बारे में बताएंगे टूल इंजीनियरिंग क्या होती हैं. टूल इंजीनियर कैसे बनते हैं. टूल इंजीनियर का काम क्या-क्या होता है.

टूल इंजीनियरिंग

टूल इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग की वह शाखा हैं. जिसमें छात्रों को टूल डिजाइनिंग व टूल विश्लेषण के बारे में सिखाया जाता हैं. टूल इंजीनियरिंग इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग फील्ड के अंतर्गत आता हैं. जिसमें ज्यादातर मैकेनिकल इंजीनियरिंग शाखा होती हैं.

टूल इंजीनियरिंग में छात्रों को कई अलग-अलग काम करने होते हैं. इस फील्ड समय बजट और प्रोडक्ट का उत्पादन करने वाली मशीनों और उपकरणों के बारे में विस्तार से सिखाया जाता हैं. इस फील्ड में छात्रों को मशीन अनुकूलन डिजाइन तैयार करने होते हैं. क्योंकि बहुत सारी मशीनें ऐसी होती हैं.

जिनके अंदर काफी अलग-अलग तरह के टूल लगे होते हैं. उन सभी को सूचीबद्ध तरीके से मशीन के अंदर फिट करने के लिए इनको पहले एक डिजाइन में तैयार करना होता हैं. और यह सभी काम टूल इंजीनियर ही करते हैं. इसीलिए आजकल इंडस्ट्रियल क्षेत्र में टूल इंजीनियर की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं. और ऐसा नहीं हैं.

कि टूल इंजीनियर सिर्फ मशीनों से संबंधित चीजों के ही डिजाइन तैयार करते हैं. बल्कि ऐसी बहुत सारी और चीजें भी हैं. जिनके डिजाइन टूल इंजीनियर द्वारा ही किए जाते हैं. यदि आप भी मशीनों आदि में दिलचस्पी रखते हैं. तो आप टूल इंजीनियर बन सकते हैं.

टूल इंजीनियर कैसे बने

इस फील्ड में जाने के लिए सबसे पहले आपको 12वीं क्लास से ही शुरुआत करनी पड़ती हैं. क्योंकि 12वीं क्लास में आपको कम से कम 50% अंक प्राप्त करने होते हैं. जिसके बाद में आप टूल इंजीनियरिंग फील्ड में जा सकते हैं. लेकिन टूल इंजीनियरिंग में दाखिला लेने से पहले आपको एंट्रेंस एग्जाम देना होता हैं.

अगर आप एंट्रेंस एग्जाम को पास कर लेते हैं. तो उसके बाद में आपको आसानी से टूल इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला मिल जाता हैं. जहां पर आपको कई अलग-अलग कोर्स के विकल्प मिलते हैं. लेकिन इस फील्ड में सबसे पहले आपको बैचलर की डिग्री हासिल करनी होती हैं.

इसके अलावा टूल इंजीनियरिंग में और भी बहुत सारे डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा और पोस्ट ग्रैजुएट जैसे कोर्स हैं. जिनमें डिग्री हासिल करने के बाद में आप इस फील्ड में स्पेशलिस्ट बन सकते हैं.

इन कोर्स में B.Tech Tool Engineering, Diploma in Machine Tools and Management Engineering, Diploma in Tool and Die Engineering, Diploma in Tool and Die Making Engineering, Diploma in Tool and Die under Mechanical Engineering,

PG in Tool Design Engineering, PG in Tool Engineering , Post Graduate Diploma in Tool and Die Engineering, Post Graduate Diploma in Tool Design Engineering जैसे कोर्स शामिल हैं.

लेकिन टूल इंजीनियर बनना इतना आसान नहीं होता टूल इंजिनियर्स बनने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ती हैं. और इस फील्ड में आपको बहुत सारे अलग-अलग विषयों के बारे में पढ़ना भी पड़ता है.

स्कील

किसी भी फील्ड में सफल होने के लिए आपके पास डिग्री ही काफी नहीं होती हैं. बल्कि उस फिर से संबंधित जरूरी स्किल का होना भी आवश्यक होता हैं. जो कि आपको अपनी फील्ड में बेहतर से बेहतर बनाती रहती हैं. और अपनी फील्ड में काम करते समय यह सभी चीजें आपको मदद करती हैं.

    • आपके अंदर धैर्य व सहनशीलता होना जरूरी है
    • आपको अपने काम में दिलचस्पी होनी चाहिए
    • आपको टीमवर्क करना आना चाहिए
    • आपके अंदर कन्वेंशनल स्किल का होना भी जरूरी है
    • आपको नए-नए डिजाइन तैयार करने आने चाहिए
    • आपके अंदर कम्युनिकेशन स्किल भी होनी चाहिए
    • आपको अपने आप के ऊपर भरोसा होना चाहिए
    • आपको किसी भी प्रॉब्लम को सॉल्व करना आना चाहिए
    • आपके अंदर क्रिएटिव माइंड होना भी जरूरी है
    • आपको अलग-अलग चीजों से संबंधित रिसर्च करनी आनी चाहिए
    • आपको अपनी फील्ड में काम आने वाले सभी औजारों और उपकरणों व मशीनों की जानकारी होनी चाहिए
    • आपको अपने फील्ड में साइंस, इंग्लिश, मैथ जैसे विषयों की जरूरत पड़ती हैं. इसलिए इन विषयों में पकड़ मजबूत होना भी जरूरी है
    • आपको कंप्यूटर का अच्छा ज्ञान होना चाहिए क्योंकि बहुत सारी चीजें ऐसी हैं. जो कि सॉफ्टवेयर के द्वारा डिजाइन की जाती है

टूल इंजीनियर के काम

जब आप अपनी फील्ड में सफल हो जाते हैं. तो उसके बाद में आपको कई अलग-अलग इंडस्ट्रीज के साथ जुड़कर काम करना पड़ता हैं. जहां पर आपको अपनी कंपनी की डिमांड के हिसाब से काम मिलता है.

  • आपको अपनी कंपनी में प्रोडक्ट उत्पादन के समय आने वाली अलग-अलग समस्याओं का निदान करना होता है
  • आपको धातु प्रेस गेज टूलिंग और मशीन आदि के अनुकूलन डिजाइन तैयार करने होते हैं
  • आपको अपनी कंपनी के लिए प्रोटोटाइप की खरीदारी डिजाइन और निर्माण का काम करना होता है
  • आपको अपनी टूलिंग प्रिंट और उनके डिजाइन तैयार करने के लिए अलग-अलग सीआईडी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना होता है

जॉब

इस फील्ड में डिग्री हासिल करने के बाद में आपको कुछ समय का एक्सपीरियंस लेना होता हैं. जिसके बाद आप अलग-अलग कंपनियां इंडस्ट्री के साथ जुड़कर टूल इंजीनियर के पद पर काम कर सकते हैं. क्योंकि हमारे देश में कई बड़ी-बड़ी कंपनियां अपनी गाड़ियां बनाती हैं.

जिनको हमेशा एक अच्छे टूल इंजीनियर की जरूरत रहती हैं. इन कंपनियों में Toyota , GE Healthcare ,Ace Designer , BMW , Tata Motors , Mahindra Limited , Bajaj Auto , Audi , Maruti Suzuki जैसी कंपनियां शामिल हैं.

सैलरी

अगर एक साधारण टूल इंजीनियर की सैलरी के बारे में बात की जाए तो कोई भी इंजीनियर इस फील्ड में डिग्री प्राप्त करने के बाद में किसी भी कंपनी के साथ जोड़कर आसानी से 25 से ₹40 हज़ार की मासिक सैलरी ले सकता हैं. यदि आपके पास कुछ समय का एक्सपीरियंस हैं.

आप अपनी कंपनी के लिए लगातार अच्छा काम कर रहे हैं. तो आपकी कंपनी आपकी सैलरी को लगातार बढ़ाती रहती हैं. एक्सपीरियंस से लैस टूल इंजीनियर को हर महीने 50 से ₹1 लाख सैलरी मिल जाती हैं. बाकी यह सैलरी आपके काम एक्सपीरियंस और आपकी कंपनी के ऊपर भी निर्भर करती है.

हम उम्मीद करते हैं. कि हमारे द्वारा बताई गई टूल इंजीनियरिंग के बारे में जानकारी आपको पसंद आई होगी तो यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हैं. और आप ऐसी ही और जानकारी आप आना चाहते हैं. तो आप हमारी वेबसाइट को जरूर विजिट करें

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